दोस्तों आज एक मासूम सी लंड का पानी चूत की गर्मी शांत करने वाली कहानी पेश कर रहा हु आशा करता हु आप लोगो को जरुर पसंद आएगी .. रोहन उठो लेट हो जाओगे,मेरे कानो मे ये आवाज़ पड़ी तो मैने बुझे हुए मन से बिस्तर छोड़ा और सीधा बाथरूम मे घुस गया आधे घंटे बाद मे बाथरूम से निकला तो निशा ने कहा “रोहन,भैया मैने आपका नाश्ता लगा दिया है जल्दी से कर लो ,नोयडा के लिए निकलना भी है “मैने हां मे सर हिलाया और तैयार होने लगा मैं रोहन ,प्रॉपर नोयडा से था, लेकिन इंजिनियरिंग करने के बाद मेरा प्लेसमेंट नागपुर की वासवा कंपनी मे हो गया था, मेरी बहुत अच्छे पोस्ट पे जॉब लगी थी सब कुछ अच्च्छा चल रहा था आज मुझे नोयडा अपने पापा के पास जाना था,मैने अपनी कार मे जाने का फ़ैसला किया निशा, मेरी बहन ने मेरा खाना कार मे रख दिया मैने अपनी कार स्टार्ट की और निकल पड़ा नागपुर टू नोयडा बाइ रोड .आज तक मेरी ज़िंदगी मे ऐसा कोई सफ़र नही था जो यादगार हो या जो थोड़ा सा भी इंट्रेस्टिंग हो मैं अपने इस नागपुर तो नोयडा की यात्रा को यादगार बनाना चाहता था लेकिन मुझे ये नही पता था कि ये सफ़र इतना यादगार बन जाएगा कि ये सफ़र मेरे जेहन से कभी उतर ही नही पाएगा नागपुर से नोयडा बाइ रोड तकरीबन 1150 कि.मी. है ,यदि मै अपनी स्पीड से कार को चलाऊ तो मुझे नोयडा पहुचने मे अधिक से अधिक 18 या 19 घंटे लगते लेकिन मुझे लोंग ड्राइव पसंद थी,ये बात और है कि कभी की नही मैं अशोका रेस्टोरेंट जो कि रवींद्रनाथ टागॉर मार्ग पे पड़ता है वहाँ अपनी कार खड़ी की और रेस्टोरेंट के अंदर गया,मैं घर से ब्रेकफास्ट करके निकला था लेकिन मुझे बाहर खाना और फिर अपनी तबीयत खराब करना पसंद है इसलिए मैने वहाँ से कुछ खाने का समान पॅक करवा लिया और वापस अपनी कार स्टार्ट करके रोड पे दौड़ा दी मैं उस रोड मे आने जाने वालो से ही रास्ता पुछ के बढ़ रहा था और मेरे सबसे अच्छे मददगार साबित हो रहे थे रोड के किनारे लगे हुए. बोर्ड .मैं अभी अपनी कार ड्राइव ही कर रहा था कि मेरी कार धक्के खाती हुई अचानक रुक गयी मैं उतना परेशान नही हुआ क्यूकी मेरी ब्रांच मेकॅनिकल थी और मैं थोड़ा बहुत तो जानता ही था ,कार के बारे मे ,मैं कार से उतरा लेकिन मेरीइंजीनियरिंग. की डिग्री उस वक़्त जवाब दे गयी जब मैने देखा कि कार के दो टाइयर पंक्चर है अब क्या करू मैने सोचा काफ़ी देर से कोई वहाँ से गुजरा भी नही था तभी एक कार आती हुई दिखाई दी मैने हाथ देके रोका उसमे एक लड़की जो कि तकरीबन 25 साल की होगी ,वो कार से बाहर आई “हेलो,क्या हुआ .”उसने मुझसे पुछा,फहीर उसने अपनी नज़र मेरी कार की तरफ घुमाई तो वो समझ गयी “कहाँ जाना है आपको ,”उसने मुझसे पुछा “नोयडा .”मैने जवाब दिया “यहाँ थोड़ी दूर मे एक बस स्टॅंड है ,जहाँ से हर दिन सुबह 8 बजे एक बस नोयडा के लिए निकलती है “इतना कहकर वो वापस अपनी कार मे बैठ गयी “अजीब लड़की है “मैने खुद से कहा,वो कार स्टार्ट करके जाने लगी लेकिन कुछ दूरी जाकर रुक गयी फिर मेरे तरफ कार को रर्वर्स मे लाते हुए ,उसने मुझसे कहा “यदि आपको ऐतराज ना हो तो ,आप मेरे साथ चल सकते है ,मैं भी नोयडा ही जा रही हूँ “मेरी ख़ुसी का ठिकाना ना रहा ,एक खूबसूरत लड़की के साथ लोंग ड्राइव मैं बहुत थर्कि किसम का इंसान हूँ ,मेरी नज़र सीधे उसके बूब्स पे टिकी लेकिन वो नही समझ पाई मैने उसे थॅंक्स कहा और उसके कार मे बैठ गया कुछ दूर चलने के बाद मैने उससे पुछा ,”आप पहले भी बाइ रोड जा चुकी है नोयडा हां,लेकिन क्यू फिर तो आपको ये जगह भी मालूम होगी ,कि कोन सी जगह है ये इस प्लेस का तो नही मालूम ,लेकिन अभी कुछ देर पहले पुराना हनुमान मंदिर गुजरा है लेकिन आप क्यू पूछ रहे है कही आपको ये तो नही लग रहा कि मैं आपको भटका दूँगी, “मैं उसकी बात पे हंस पड़ा ,वो भी मुश्कुरा दी उसकी स्माइल सीधे मेरे दिल पे लगी ना जाने उसके प्रति मुझे एक अजीब सी फीलिंग हो रही थी ऐसा आज तक नही हुआ था और मुझे ये भी नही पता था कि ये लड़की इस कदर मेरे दिल मे उतर जाएगी की इसे दिल से निकालना नामुमकिन हो जाएगा | यह कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | कार फुल स्पीड के साथ सड़क पे दौड़ रही थी मैं कभी कार की खिड़की से बाहर देखता तो कभी उस लड़की तरफ की तरफ,उसके चेहरे पे अजीब सी ख़ुसी झलक रही थी जैसे उसने कुछ पा लिया हो मैं थोड़े आटिट्यूड किस्म का था.मैने सोचा आगे से वो ही बात करे मैं क्यू बात करू, वो शायद मेरे दिमाग़ को पढ़ रही थी मैं जैसे ही उसके बारे मे सोचता उसके होंठो पे स्माइल आ जाती मैं समझ नही पा रहा था ,इसी तरह चुप चाप वो कार ड्राइविंग करती रही और मैं पहले की तरह ही कार की खिड़की से बाहर देखता रहा आख़िर उसने हार मान ली,और मेरे तरफ देखकर बोली “व्हाट ईज़ युवर नेम “मैने सुना नही उसने क्या बोला शायद मैने ये उम्मीद छोड़ दी थी कि अब हुमारे बीच बात भी होगी मैने कहा “,क्या अपने कुछ कहा तुम्हारा नेम क्या है रोहन ,”मैने उसकी तरफ देखते हुए कहा और मेरी नज़र एक बार फिर उसके चेहरे से होती हुए,उसके नीचे अटक गयी मैने मन मे कहा “क्या माल है “उसने जैसे मेरी बात सुन ली हो,उसने होंठो पे एक बार फिर मुश्कान आ गयी .”क्या करते हो “उसने दोबारा से बातचीत शुरू की.”इंजिनियर हू, वासवा कंपनी मे काम करता हू नागपुर मे रहते हो जी हां पहले इस रोड से कभी नोयडा गये हो नही लेकिन आप ये क्यू पूछ रही है “मैने उससे पुछा”मैं तुम्हे मार के खा जाउन्गि मैं एक प्रेत हू “इतना कहकर वो हस्ने लगी “आप हँसती है तो खूबसूरत दिखती है “मैने अपना काम करना चालू कर दिया था “क्या वैसे खूबसूरत नही दिखती मैं “उसने मेरी तरफ देखते हुए कहा “नही ऐसी बात नही है “उसकी आँखे अजीब थी उसकी झील से आँखो मे मेरा डूब जाने का मन कर रहा था लेकिन मुझे उस समय ये नही मालूम था |
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