दोस्तों आज ये कहानी जो आप पढने जा रहे है ये दो बहनों की सामूहिक चुदाई की कहानी है आशा है की आप लोग जरुर पसंद करेगे .. बबिता और सुनिधि दोनों बहने थी. बबिता की उम्र १८ साल और सुनिधि १९ साल की थी. दोनों दिखने में बहुत सुन्दर थी. वो अपने माँ कमला और बापू बेचू जो एक किसान था इस गाँव में सालो से रहते है. उनका नाचिकेत सिंह से अच्छी बनती थी जो अपनी माँ और बेटा नंदन के साथ उनके पड़ोस में ही रहता था. नाचिकेत एक छोटा व्यापारी था इसलिए उससे ज्यादातर घर से दूर रहना पड़ता था और उसकी माँ की भी काफी उम्र हो चुकी थी. जब नंदन १० साल का था नाचिकेत सिंह की पत्नी का देहांत हो गया. तब से बेचू के परिवार वाले नंदन का बहुत ख्याल रखते थे. इसलिए बबिता, सुनिधि और नंदन बचपन से एक दुसरे को जानते है. अब नंदन १९ साल का चूका है और काफी बड़ा हो गया है. गाँव काफी पिछड़ा हुआ था इसलिए वहां बिजली तो थी ही नहीं और पानी के लिए एक कुवा था जिसमे में से गाँव के सरे लोग पानी भरते थे. घरो में टोइलेट और बाथरूम नहीं होता था. लोग खेतो में या पहाड़ी के पीछे जाकर अपने आपको हल्का करते. नहाने के लिए वो घास फूस का छोटा सा बाथरूम होता था. अब बबिता, सुनिधि और नंदन जवानी की देहलीज़ पर कदम रख रहे थे. लेकिन उनकी दोस्ती में अभी भी कोई बदलाव नहीं था. बबिता जो बड़ी थी वो थोड़ी होशियार थी. अब वो धीरे धीरे सेक्स, औरत और मर्दों के बीच के सम्बन्ध उनके सेक्स अंगो के बारे में जानने लगी थी. उसकी कुछ सहेलियां जो उससे उम्र में बड़ी थी और जिनकी शादी हो चुकी थी वो बबिता को चूत , लंड , सम्भोग और बच्चे पैदा करना इस सबके बारे में जानकारी दिया करती थी. बबिता ये सब बातें सुनिधि को बता देती थी. बबिता ने देखा उसके बूब्स भी बड़े हो रहे थे और उसकी चूत पर भी बाल उगे हुए थे. एक दिन उसने सुनिधि को कहा?सुनिधि तुम अपनी फ्रोक्क उतारो?. सुनिधि ने पूछा ?क्यों दीदी?. बबिता ने कहा?मुझे तेरे बूब्स और चूत देखनी है. मेरे बूब्स बड़े हो रहे है और चूत पर बाल भी है, क्या तेरी चूत पर बाल है.? सुनिधि ने अपनी फ्रोक्क उतार दी. गाँव की औरते और लडकियां पंटी नहीं पहनती, कभी एक अंगिया पहन लेते है अन्दर. सुनिधि ने तो वो भी नहीं पहना था. बबिता उसकी नजदीक आ गयी और उसके छोटे छोटे बूब्स को अपने हाथो में ले लिया और हलके से दबाने लगी. सुनिधि बोली?दीदी गुदगुदी हो रही है?. बबिता ने कहा?तेरे बूब्स तो मेरे बूब्स से थोड़े छोटे है?. फिर बबिता ने देखा सुनिधि की चूत पर हलके और कोमल बाल उगे हुए थे. वो उस पर हाथ फेरकर बोली?तेरे चूत पर भी बाल है. मतलब अब तुम भी औरत बन रही हो?. फिर दोनों हसने लगे. अब नंदन को भी इन सब बातो में दिलचस्पी होने लगी थी. उसको कुछ ऐसे दोस्त मिल गए थे जो उससे सेक्स के बारे में बताते थे. वो सब शहर जाकर आते और ब्लू फिल्म देखने के बाद सब किस्सा नंदन को बताते थे. नंदन को उन्होंने एक किताब भी दिया था जिसमे नंगी लडकियों और औरतो के फोटो होता था. ये सब देखखर नंदन गरमा जाता. उसके दोस्तों ने उसे मुठ मारना भी बताया. बबिता ने १०थ स्टड. पास किया और फिर उसने पढाई छोड़ दी. सुनिधि १०थ फ़ैल हो गयी थी इसलिय उसने भी पढाई छोड़ दी. नंदन भी १०थ की पढ़ाई कर रहा था. नंदन का मन पढाई में कम और सेक्स की बातो में ज्यादा लगा रहता था. अब वो फोटो के बजाये हकीकत में किसी लड़की या औरत तो नंगा देखने चाहता था. वो हमेशा इस्सी फिराक में रहता की कब उसको ऐसा मौका मिले. एक दिन वो बबिता और सुनिधि से मिलने आया. नंदन ने बबिता को आवाज़ लगाईं . इतने में सुनिधि ने जवाब दिया?में नहा रही हु. माँ और बाबूजी दुसरे गाँव में कुछ काम से गए है और दीदी अपनी किसी सहेली के घर गयी है?. नंदन को लगा यही मौका है सुनिधि के नंगे बदन को देखने का और वो जहा सुनिधि नहा रही थी वही एक पेड़ के पीछे छुप गया. घास फूस का बना हुआ बाथरूम था इसलिए यहाँ वहां से खुला हुआ था. नंदन एक खुली जगह से ताकने लगा. उसने देखा सुनिधि के बदन पर एक भी कपडे नहीं था . उसके बूब्स छोटे और गोल थे. उसका पेट एकदम समतल था और निचे उसकी चूत पर हलके, हलके बाल उगे थे. उसकी गांड भी छोटी और गोल थी.. सुनिधि अपने हाथो से अपनी चूत साफ़ कर रही थी. बिच में वो अपने निप्प्लेस को भी मसल कर साफ कर रही थी. ये सब देखकर नंदन का लंड उसके पजामे के अन्दर खड़ा हो गया और लंड के आगे से थोडा पानी निकला जिससे उसका पाजामा गीला हो गया. वो वही खड़े खड़े मुठ मारने लगा. बहुत देर के बाद उसका लंड शांत हुआ. सुनिधि नहा कर बाहर निकली. नंदन पेड़ के पीछे से बाहर आया. इस वक़्त सुनिधि ने घाघरा और चोली पहना था. नंदन उसके पास आ गया. सुनिधि ने पूछा?क्या हुआ नंदन?. नंदन ने कहा?ऐसी ही तुम दोनों से मिलने आया था?. सुनिधि ने कहा?अच्छा किया. में भी अकेली थी?. नंदन ने कहा?चलो कुछ खेलते है?. सुनिधि ने कहा?क्या खेले?. नंदन ने कहा?अन्दर कमरे में चलो. में तुम्हे आज एक नया खेल सिखाता हु?. सुनिधि ने कहा?ठीक है?. दोनों अन्दर चले गए और नंदन ने दरवाज़ा बंद कर दिया. नंदन ने कहा? मैन कुछ करतब दिखाउंगा | आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | तुम्हे वैसे ही करना होगा. अगर तुमने वैसे ही किया तो तुम जीत गयी. फिर तुम जो बोलोगी वो मैं करूँगा?. सुनिधि ने कहा?क्या करना होगा मुझे?. नंदन ने कहा?पहले में जो करता हु वो देखो फिर वैसे ही करो?. नंदन हाथ पैर हिलाकर कुछ करतब दिखाता . सुनिधि वैसी ही करती थी. फिर नंदन सर नीचे और पेर ऊपर करके दिवार के सहारे खड़ा हो गया. काफी देर तक वैसी ही खड़ा रहा. नंदन ने सुनिधि से कहा?अब तुम इस तरह कड़ी हो जाओ?. सुनिधि ने कहा?में ये नहीं कर पाउंगी ?. नंदन ने कहा?इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. मैन तुम्हरी मदद करूँगा.? और नंदन की बात सुनकर वो सर नीचे करके पेर ऊपर उठाने लगी तभी नंदन ने उसकी दोनों टांग पकड़कर ऊपर कर लिया. ऐसे करने में सुनिधि का घाघरा नीचे की और उसके मुह पर गिरा और सुनिधि का मुह ढक गया. नंदन को सुनिधि की जांघे और चूत दिखाई दे गए . सुनिधि चिल्ला रही थी और कहा? मुझे कुछ दिख नहीं रहा है. में गिर जाउंगी . नंदन मुझे सीधा कर दो?. नंदन सुनिधि के दोनों पेर पकड़कर खड़ा था. नंदन ने कहा? कुछ नहीं होगा? और उसके पेरो को दिवार के सहारे खड़ा किया. नंदन ने कहा?तुम हिलना मत और अपना हाथ उसके कोरी जांघो पर फेरने लगा. फिर उसने उसकी टाँगे थोड़ी फैला दी और अपनी एक ऊँगली उसकी चूत के छेद में डाल दी. अचानक सुनिधि की टाँगे दिवार से थोड़ी दूर हो गयी और एक तरफ वो कमर के बल गिर पड़ी. सुनिधि रोने लगी. नंदन ने उसे उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया. नंदन ने पूछा ?तुम्हे कही चोट तो नहीं लगी?. सुनिधि ने कहा?नहीं. पर कमर में थोडा दर्द हो रहा है?. नंदन ने पूछा ?तुमने अपने टाँगे क्यों दिवार से हटाई?. सुनिधि ने कहा?वो तुमने मेरी चूत में ऊँगली डाली और मुझे गुदगुदी हो रही थी?. नंदन ने कहा?टीक है. में तुम्हारी कमर पर तेल से मालिश कर देता हु?आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | नंदन तेल लेकर आया और उसने सुनिधि के घाघरे को ऊपर किया. फिर वो उसकी कमर में तेल की मालिश करने लगा. धीरे धीरे वो उसकी गांड और जांघो का भी मालिश कर रहा था. नंदन ने उसकी चूत में फिर से ऊँगली डाली और हिलाने लगा. उसकी चूत पर भी तेल लगाया. सुनिधि अब हस रही थी और कहने लगी?नंदन मुझे वहां गुदगुदी होती है?. नंदन ने पूछा ?तुम्हे ये अच्छा लगता है?. सुनिधि ने कहा?हा बड़ा मज़ा आ रहा है?. नंदन ने कहा?तुम बस ऐसी ही लेटी रहो?. नंदन ने उसकी चूत के बालो पर हाथ फेरा और उसकी जांघो को चाटने और चूमने लगा. उसकी चूत के छेद को फैलाकर उसमे जीब डालकर घुमाने लगा. सुनिधि मस्त हुए जा रही थी. वो कहने लगी?नंदन बहुत मज़ा आ रहा है? और आहे भर रही थी. नंदन ने पीछे से उसके चोली का हूक खोल दिया और चोली को अलग कर दिया. सुनिधि अब ऊपर से नंगी हो गयी और उसके गोल बूब्स नंदन के सामने थे. नंदन दोनों हाथो से उसके दोनों बूब्स को दबाने लगा. और बीच में निप्प्लेस तो उंगलियों के बीच में रखकर मसलता था. सुनिधि नंदन के बालो में हाथ फेर रही थी और उसके मुह को अपने बूब्स पर दबा रही थी.
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