मेरे प्यारे पाठको इंसान के हर काम मे पहली बार एक झिझक होती है. जब एक बार काम कर लिया तो सब परदे उठ जाते हैं. ऐसी ही कहानी दो सहेलिओं और उनके भाइयों की है जिसको मे पेश कर रही हूँ. उम्मीद है आपको पसंद आएगी. “साली, श्रुति, तेरे भैया कहाँ हैं आज? नितीश भैया से बात कर के बहुत मज़ा आता है. कितने अच्छे हैं नितीश भैया! कितना बालिश्ट जिस्म है उनका?” अलका ने अपनी प्यारी सहेली से कहा. वो अभी अभी कल एक फिल्म देखने का प्रोग्राम बना कर हटी थी. नीलम थियेटर मे एक सेक्सी इंग्लीश फिल्म लगी थी जिसकी 2 टिकेट्स अलका ले कर आई थी. श्रुति जो कि 18 साल की सेक्सी लड़की थी सब समझती थी. अलका उसके भैया से इश्क करती थी और नितीश भैया भी अलका को गौर से घूरते रहते थे.
अलका थी ही इतनी खूबसूरत. उसकी उमर 22 साल की थी जब कि श्रुति की उमर 17 साल की थी. अलका का भाई कल्पेश 16 साल का था जब कि नितीश, 24 साल का था. अलका मांसल जिस्म की मलिका, गोरा रंग, भरा हुआ जिस्म, मोटे गोल नितंब जो उसकी जींस फाड़ कर बाहर आने को मचलते और उसके चुचियाँ उसकी ब्रा भी ढक नहीं पाती थी. अलका की खूबसूरती देख कर तो श्रुति का मन भी खराब हो जाता, हालाँकि वो कोई लेस्बियन नहीं थी. श्रुति ने अपनी सहेली के चूतड़ पर ज़ोरदार थप्पड़ मारते हुए कहा,” क्या बात है बहुत याद आ रही है नितीश भैया की? कहीं नितीश भैया को अपना सजना बनाने का इरादा तो नहीं है? ऐसा है तो अभी से तुझे भाभी कहना शुरू कर देती हूँ. वैसे भैया भी बहुत इंटेरेस्ट लेते हैं तुझ मे. तेरी चुचि पर नज़र रहती है उनकी. मुझे तो लगता है कि उनकी पैंट मे कुछ उठ जाता है तुझे देख कर. मेरी बन्नो, क्या बात है?”
अलका शरम से लाल हो गयी. उसका दिल ज़ोर से धड़कने लगा. उसकी चूत फड़ फडा उठी अपपनी सहेली के बात सुन कर.” चल चुप कर. जो मन मे आता है बक देती है. वो जैसे तेरे भैया हैं, वैसे ही मेरे भैया हैं. तेरा तो दिमाग़ उल्टा ही चलता है” अलका ने नाटक करते हुए कहा. अलका ने नज़र छुपा कर नितीश की टेबल पर अपना लव लेटर किताब के नीचे रख दिया. लेकिन श्रुति शीशे मे से सब देख रही थी. उसने नाटक करते हुए कुछ नहीं कहा लेकिन आज उसने अपने भाई और सहेली के इश्क के राज़ का पर्दाफाश करने की ठान ली. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | अलका असल मे नितीश से इश्क करती थी लेकिन श्रुति से नहीं कह सकती थी. मन ही मन वो नितीश को कई बारी नंगा कर चुकी थी और जानती थी कि नितीश भी उसको इश्क करता है. कई बारी नितीश मज़ाक मज़ाक मे अलका की गांद पर हाथ फेर चुका था जिस से अलका के दिल मैं हलचल मच जाती थी.” काश नितीश मुझे बाहों मे भर कर भींच ले और मेरी चूत मे अपना लंड पेल दे!!!” अलका यही सोच रही थी. श्रुति वैसे जानती थी कि दोनो मे कुछ चल रहा है लेकिन आज अपनी सहेली का लेटर पढ़ कर सब पता चल जाएगा.
” ठीक है, मेरी अलका रानी, अगर नहीं बताना तो मत बता. अगर मुझे अपने आप पता चला कि तू मेरे भैया से इश्क फरमा रही है तो समझ ले कि मैं तुझे नंगा कर के तेरे जिस्म के हर अंग को वैसे ही चुमूंगी जैसे मेरे भैया चूमते होंगे” श्रुति हंस कर बोली और उसने साथ अलका को आलिंगन मे ले कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर किस करना शुरू कर दिया. अलका अचंभित रह गयी अपनी सहेली की इस हरकत से. श्रुति की 36 डी ब्रा मे क़ैद चुचि अपनी सहेली की चुचि से टकराने लगी और उसके हाथ अलका की पीठ और चुतडो पर रेंगने लगे. अलका का मुँह हैरानी से खुल गया और श्रुति ने अपनी ज़ुबान उसके अंदर घुसेड दी. अलका ना चाहते हुए भी श्रुति की ज़ुबान को चूसने लगी. दोनो सहेलियाँ एक लेज़्बीयन कामुक चुंबन मे क़ैद हो गयी. अलका के हाथ खुद ब खुद श्रुति की चुचि पर चले गये और वो उनको प्यार से दबाने लगी. श्रुति की चुचि कड़ी हो चुकी थी और दोनो सहेलियाँ कामुकता मे डूब कर एक दूसरी को किस कर रही थी. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | चुंबन चलता रहा और दोनो एक दूसरे के जिस्म को सहलाती रही. दोनो की चूत रस से भीग गयी और दोनो को एक नयी किस्म की उत्तेजना होने लगी. श्रुति ने एक हाथ अलका की जांघों मे घुसा दिया और उसकी मस्त चूत को दबाने लगी. चुंबन ख़तम होते ही अलका बोली,” साली, नितीश भैया का नाम ले कर तू खुद मुझे उत्तेजित कर रही है मेरी श्रुति. क्या बात है एक तरफ तेरा भाई मुझे पटाने की कोशिश करता है दूसरी तरफ तू? मैं किधर जाऊ? तुम दोनो भाई बहन के चक्कर मे मैं कहीं रगड़ी ना जाऊ! भाई तो लंड खड़ा कर के बैठा है तो बहन मुझे अपनी लेज़्बीयन बना देने पर तुली हुई है. लगता है मेरी खैर नहीं”
लेकिन सच ये था कि अलका बहुत गर्म चुकी थी और उसकी चूत रस टपका रही थी. वो गौर से अपनी सहेली श्रुति को देख रही थी जिसके स्तन ऊपर नीचे हो रहे थे और साँस तेज़ी से चल रही थी. ” मैने तो सोचा तेरे साथ ही ब्लू फिल्म चला लूँ, मेरी बन्नो. कोई बात नहीं कुछ ही दिनो मे नितीश भैया मेरे लिए कंप्यूटर ले कर आने वाले हैं. दोनो बैठ कर राज शर्मा स्टॉरीज डॉट कॉम देखेंगे और नई नई सेक्सी कहानियाँ पढ़ेंगे, ठीक है?” अलका ने अपनी सखी को फिर याद करवाया,” लेकिन कल 2 बजे तैयार रहना राज शर्मा स्टॉरीज पढ़ने के लिए” श्रुति अपनी सखी को बाहर तक छोड़ कर वापिस आई तो उसका सीना धक धक कर रहा था. वो सीधा नितीश भैया की किताबों के पास गयी और अलका का छुपाया हुआ लेटर निकालने लगी. काँपते हाथों से उसने लेटर खोला,” मेरे प्यारे नितीश भैया! ये क्या आप मुझ से और मैं आप से प्यार करती हूँ लेकिन ये भैया क्यो?
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