गतांग से आगे … उसने भी ये देख लिया और वो डर गयी| यह कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मैंने उसे समझाया की पहली बार में ऐसा होता हें, डरो मत कुछ नहीं होगा|
फिर मैंने उसकी चुत से हलके से लंड बाहर निकाला और फिरसे धीरे धीरे अन्दर डालने लगा और फिर हलके हलके से अन्दर बाहर करने लग गया, फिर थोड़ी देर में उसको भी मज़ा आने लगा, और वो भी मेरा साथ देने लग गयी | मै फिर जोर जोर से धक्के मारने लग गया और वो भी मुझे पीछे से अपने पेरो से धक्के दे रही थी|
मै सोचने लग गया कि ये तो अभी कुवारी थी, फिर इसे दर्द नहीं हो रहा क्या ?
मैंने उससे पूछ ही लिया | यह कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | सारा – दर्द से बड़ी प्यास हें | पहले मेरी प्यास बुझ जाये फिर मै दर्द के बारे मै सोचूंगी |
फिर इसी तरह मै उसको करीब ३० मिनट तक चोदता रहा और फिर एक साथ हम दोनों झड गए और उसको दिए हुए वचन को भी मैंने निभाया , मैंने उसे अपना पानी पिलाया |उसकी आँखो मे एक अजीब शांति मुझे दिखी जैसे वो मेरे लिए कितने सालो से तड़प रही हो और आज उसे वो सब कुछ मिल गया हो मैं वही सो गया कितनी देर सोया मालूम नही लेकिन जब मेरी नींद खुली तो मैने देखा सारा कार चला रही थी, मैने उससे पुछा “कार कैसे ठीक हुई वो मैं रात मे दोबारा उस मेकॅनिक के घर गयी थी,उसी ने कार ठीक की “ना जाने क्यू मैने उसकी बात पे यकीन कर लिया मैने ये भी नही सोचा कि वो औरत अब दुबारा दरवाजा नही खोलेगी,.और रात मे सारा उतनी दूर अकेली नही जा सकती थी लेकिन उस समय मेरे दिमाग़ मे सिर्फ़ और सिर्फ़ सारा का भूत सवार था “हम कहाँ हैं अभी “मैने उसकी तरफ देखा “अभी -अभी खुर्जा जेवर डिस्ट्राइसिट रोड को क्रॉस किया है अभी हम दीन दयाल उपाध्याय रोड पे है अब नोयडा कुछ देर मे पहुँच जाएँगे ‘”अरे वाह,तुम कार को उड़ा के लाई हो क्या इतनी जल्दी नोयडा पहुँचा दिया “कुछ देर बाद नोयडा सिटी स्टार्ट ही चुकी थी .उसने एक कॉलोनी के सामने कार रोक दी “कार ,क्यू रोक दी ये है एवरग्रीन कॉलोनी मैं यही रहती हू सेक्टर . 5 ,फ्लॅट नंबर. 2 पे सारा मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ हां बोलो तुम्हारी शादी हो गयी हैं क्या. नही ,लेकिन तुम क्यू पुच्छ रहे हो “देखो सारा ,मैं नही जानता तुम क्या सोचोगी लेकिन मैं मैं तुम्हे अपने ज़िंदगी का हमसफर बनाना चाहता हूँ,तुमसे शादी करना चाहता हू कल रात जो हुआ,वो महज एक इत्तेफ़ाक नही हो सकता “शादी,ऐसे ही नही हो जाती मिस्टर. रोहन उसके लिए तुम्हे मेरे मोम और डॅड से बात करनी होगी तुम तैयार हो पहले तुम मेरे मोम डॅड से मिल लो फिर चलो अभी मिल लेता हूँ अरे अभी रात है,कल सुबह आना ठीक रहेगा “मैं कार से उतर गया वो वही पे कार मे बैठी मुझे देखती रही जब तक मैं वहाँ से चला नही गया मैं बहुत खुश था घर पे पहुँचा डेडी ने बहुत सारे सवाल किए कि तेरी कार कहाँ है,या तेरा मोबाइल क्यू स्विच ऑफ था इतनी देर कहाँ हुई लेकिन मैने डॅड को कुछ नही बताया और ख़ुसी -ख़ुसी अपने रूम पे गया और कल का इंतेजर करने लगा लेकिन वो कल कभी मेरी ज़िंदगी मे नही आया जिसका मैं इंतेज़ार कर रहा था मैं सुबह उठा और तैयार होकर सारा के बताए अड्रेस पे गया लेकिन उसके घर पे ताला लगा हुआ था ,कही गये होंगे मैने ये सोचकर बाहर इंतेज़ार करने लगा दो घंटे बाद भी जब कोई नही आया तो मैने बगल वाले घर का दरवाजा खटखटाया एक आदमी ने गेट खोला ,”क्या काम है,”उसने रौबदार आवाज़ मे खाहा “जी, मुझे सारा के डॅड से मिलना है “उसके आँखो मे उत्सुकता जाग गयी “लेकिन वो तो यहा नही रहते अब,दो साल पहले ही यहाँ से चले गये क्या “मैं बुरी तरह चौंक गया “हां,उनकी बेटी सारा का आक्सिडेंट हुआ था जिसकी वजह से वो अब इस दुनिया मे नही है व्हाट,”मैने ये शब्द इतनी ज़ोर से कहा कि पूरी बिल्डिंग ही गूँज गयी “हां बेटा ,सारा का आक्सिडेंट हुआ था ,नागपुर टू नोयडा रोड पे समाप्त दोस्तो आपको ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राहुल सिंह