और जब राकेश ने अंदर देखा तो उसके पैर के नीचे से ज़मीन ही निकल गयी अंदर का नज़ारा बहुत गरम था अंदर महेश का लॉडा कांची अपने मूह मे ले चुकी थी और महेश बेड क नीचे खड़ा उसके बाल पकड़े बहुत प्यार से अपने लंड को आगे पीछे कर रहा था
करिश्मा: क्या हुआ…?
राकेश: क्कूक कुछ नही मम्मी अंदर ऐसा सीसी…कुछ भी नही है
राकेश घबडाते हुए बोला जिसे करिश्मा समझ रही थी पर फिर ज़ोर देकर बोली क्या कुछ दिख नही रहा…?
राकेश: न नही मम्मी चलिए अंदर ऐसा कुछ भी नही है तब ही अंदर से कांची की मादक सिसकारी की आवाज़ सुनाई दी जिसे राकेश और करिश्मा दोनो ने सुना
करिश्मा: ये आवाज़ कैसी है तू बता क्यों नही रहा अंदर क्या हो रहा है क्या कांची को कोई मार रहा है चल हट मुझे देखने दे और राकेश को पीछे हटा कर खुद खिड़के से आँखे लगा कर देखने लगी
करिश्मा की हालत तो पहले से ही खराब थी पर इस वक़्त अंदर का नज़ारा बहुत ही गरम था अंदर कांची अपने मूह को जल्दी …2 आगे…पीछे कर रही थी और महेश का बदन अकड़ रहा था ऐसा लग रहा था वो झड़ने ही वाला है और देखते ही देखते 1 मादक सिसकारी के साथ महेश ने अपने लंड का रस कांची के मूह मे बरसाना सुरू कर दिया जिसको कांची अपने मूह को हटाने की कोसिस करते हुए अपने मूह मे जाने से रोकना चाहती थी पर महेश क मज़बूत हाथों ने उसके चेहरे को जकड़ा हुआ था और अपना रस उसके मूह मे आख़िर उडेल ही डाला
करिश्मा: हाई राआअम राकेश अंदर तो अनर्थ हो रहा है ययए कमीना लड़का मेरी सहेली की नाज़ुक बच्ची के साथ अफ हे भगवान अब क्या होगा…?
और खिड़की से हट कर अपना सर पकड़ कर 1 तरफ बैठ गयी जैसे उससे बहुत दुख हुआ हो और राकेश जिसे अपनी मम्मी की वजा से बहुत गुस्सा आ रहा था कि बहन की लॉडी ना खुद देख रही है और ना ही मुझे देखने दे रही है इतनी सेक्सी चुदाई सीन क्रियेट होने जा रहा है अभी और ये मेरी मा अपनी मा चुदा रही है बहन की लॉडी यक़ीनन यही जज़्बात रहे होंगे राकेश के है ना…?
और राकेश ही क्या कोई भी जवान लड़का वहाँ होता तो यही सोचता और इस चीज़ का पता करिश्मा को बहुत अच्छी तराह था वो यहाँ तक तो कामयाब हो गयी थी पर अब वो ऐसा जाहिर भी नही होने देना चाहती थी कि उसने जानबूझ कर राकेश को अंदर भेजा है तब ही उसने 1 और हल सोचा | आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
करिश्मा: : बेटा आओ देखते है ये जो अंदर हो रहा है उसमे कौन गुनाहगार है क्या पता वो लड़की ही ऐसी हो जो मेरे बेटे को फुसला कर अंदर अपने रूम मे ले गयी हो और…. महेश और कांची को अंदर उस हालत मे देखने के बाद मम्मी ने राकेश से कहा कि हम लोग कुछ देर यही खड़े होकर अंदर का जाएजा लेते है और किसीकि ग़लती है ये देखते है और फिर दोनो लोग अंदर देखने लगे जहाँ कांची की चूत को महेश मज़े से चटखारे ले कर चूम चाट रहा था कांची को इस गाल मे देख कर राकेश को अपनी मा के लिए यही ख्याल आ रहा था कि काश ये यहाँ अपनी मा ना चुदा रही होती तो अभी अंदर जा कर मज़े लेता पर अब यहाँ लॉडा पकड़ कर खड़ा होना पड़ेगा मज़बूरी है और करिश्मा भी उसके दिल का हाल समझ रही थी तब वो बोली
करिश्मा: बेटा राकेश मैं तो सोने जा रही हूँ तू अंदर जाकर इन लोगों को समझा दे रात बहुत हो गयी है अब चुप चाप सो जाए ओके
राकेश: जी मोम ठीक है पर करिश्मा जानती थी कि राकेश और महेश ही क्या कोई भी मर्द इस तराह किसी लड़की को इस हाल मे बिना चोदे नही छोड़ेगा और उसके दोनो बेटे मिल कर उसकी सौतन की बेटी को चोदे तो उसकी चूत की मुराद पूरी हो जाती यही सोच कर उसने ये चाल चली थी जब राकेश ने दरवाज़ा खटकताया तो अंदर दोनो लोग संभाल गये और महेश बोला कौन….?
राकेश: भाई जी मैं हूँ प्ल्स दरवाज़ा खोलो मम्मी और मैने तुम दोनो को देख लिया है अब तो कांची और महेश की गांड ही फट गयी महेश ने अपना निक्कर चढ़ाते हुए दरवाज़ा खोला और अंदर कांची चादर लपेटे सहमी सी पड़ी थी
राकेश: वाआआः भाई इतनी मक्खन ऐसी लड़की से अकेले….अकेले मज़ा ले रहे थे ?
महेश: यार यहाँ गांड फटी जा रही है और तुझे मज़ाक़ सूझ रहा है बता मा ने क्या देखा और क्या कह रही थी…?
राकेश: वो तो बोली है कि इन दोनो को समझा दो रात बहुत हो गयी है अब सो जाए पर मुझे लगता है कि वो नाराज़ तो नही ही थी वरना उनका गुस्सा तो तू जानता ही है और अब तो वो सोने भी चली गयी है पर मुझे अब तुम दोनो को समझाना तो पड़ेगा ही और ये कह कर उसने कांची की चादर खीच ली और अंदर से कांची फिर से पहले वाली हालत यानी की पूरी तराह से नंगी हो गयी और राकेश चढ़ पड़ा उसकी चूचियों पर लगा दबाने ज़ोर…ज़ोर से और उसके होठ अपने होठों मे भर कर चूसने लगा महेश वहीं जॉइंट टाय्लेट मे जाकर मूतने लगा और दरवाज़ा भी बंद नही किया था उसको मूत ता हुआ देख कर राकेश बोला साले डोर तो बंद कर लेता हरामी महेश- -: आब्बी साले अब जब हम लोग पहले साथ…साथ चुदाई कर भी चुके है तो भला तुज़से क्या शरमाना और रही कांची की बात तो ये तो अभी इसको अपनी चूत मे लेने ही वाली है और उन लोगों को ये नही पता था कि उनकी मा बाहर खिड़की से सिर्फ़ देख ही नही रही बल्कि उनकी बाते भी सुन रही थी और आज करिश्मा को अपने बेटों की हक़ीकत पता चली कि ये लोग रणडिबाज़ी भी करते है तो एक बारगी तो उसका दिल डर गया कि बाहर चूत चोदने के चक्कर मे कहीं मदर्चोद एड्स ना करवा ले फिर उनकी जवानी का ख्याल आया इस एज मे भला रंडी नही चोदेन्गे तो क्या करेंगे पर अब उसने ठान लिया था कि कैसे भी हो इनको घर मे ही चूत के मज़े दिल्वाउन्गि अगर आज इन लोगों ने कांची को चोद लिया तो कहीं और मूह भी नही मारेंगे और अंदर का नज़ारा देख कर करिश्मा भी मस्त होती जा रही थी क्योंकि अब महेश मूत कर वापस आया और अपना लॉडा आते ही उसने कांची के मूह मे डाल दिया जिसे वो लोल्यपोप की तराह चूस रही थी और राकेश उसकी नाज़ुक सी चूत को फैला कर अपना मूह घुसाए उसकी चूत के अंदर जीभ डाले पड़ा था कुछ देर ऐसा ही चलता रहा तब महेश बोला यार अब मेरा लॉडा तैयार हो गया है अब इससे चोदा जाए | आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
राकेश: हां तो बहन के लॉड चोद ना मना किसने किया है
महेश: ओयएए मदर्चोद मैं सोच रहा हूँ कौन से स्टाइल से चोदु इसको…?
कांची: याआआआआर तुम लोग गालियाँ क्यों दे रहे हो 1 दूसरे को..?
महेश: ओयएए चूत्मरानि तुझे क्या पता गालिया दे कर और गंदी बाते करते हुए सेक्स करने मे कितना मज़ा आता है गंदी…गंदी बाते करते हुए अगर किसी बूढ़ी पर भी चढ़ाई की जाए तो उसको भी अपनी जवानी याद आ जाती है क्यों मैं सही कह रहा हूँ ना राकेश…?
राकेश: हां भदवे याद है तुझे वो काम वाली बाई याद हैजिसे हम लोग बूढ़ी समझ कर घास नही डालते थे और जब किसी रंडी का इंतज़ाम नही हो पाया तो घर आकर जब उसको चारा डाला तो साली ने जोश मे आकर अच्छी…अच्छी रंडियों की मा….बहन चोद मंजू थी हम दोनो को 1 साथ ऐसे संभाला था जैसे वो 42 साल की घरेलू औरत ना होकर कोई पेसेवर रंडी हो जब ये बात बाहर खड़ी करिश्मा ने सुनी तो उसके तो उसको उनकी बातों मे मज़ा तो आ ही रहा था पर जब बेटों का करेक्टर पता चला तो वो बहुत नार्वेस हो गयी पर फिर सारी बाते भुला कर अपनी चूत पर साड़ी के उपर से ही हाथ ले जाकर सहलाने लगी और अंदर का नज़ारा लेने लगी जहाँ आज उसकी दिली मुराद पूरी होने जा रही थी यानी कि उसकी सौतन की लड़की की पहली चुदाई होने जा रही थी और वो भी 2जवान कड़ियल लंड के साथ जिसे वो लाइव देखने वाली थी
उस दिन जब करिश्मा ने ठान ही लिया कि राकेश को भी अंदर भेज कर इस कुतिया की भोसड़ी फेड्वा ही देनी है और अब तक अंदर का नज़ारा देख कर राकेश भी गरमा गया था
मोम: राकेश अंदर जा कर अपने हरामी भाई को समझा वरना वो इस बेचारी मासूम सी लड़की को आज चोद कर ही छोड़ेगा और हां अंदर जा कर तू भी सुरू ना हो जाना
पर अंदर जाते ही राकेश ने अपने रंग दिखाने सुरू कर दिए उसको देख कर महेश की गांड ही फट गयी
महेश: अर्रे तू अभी तक जाग रहा है | आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
(दोनो भाई बहुत बड़े हरामी थे कलाज मे साथ…साथ हरामी पना करते थे और लड़की को भी कई बार साथ साथ ही चोद चुके थे पर मा को ये सब नही पता था साले बहुत चोदु थे दोनो भाई )
राकेश: वाह हरामी इतना बढ़िया माल और अकेले ही हाथ सॉफ करने मे लगा था भाई को भूल ही गया तुम दोनो का हरामीपना मोम ने देखा है और अब वो अपने रूम मे सोने गयी है मुझे बोला है कि अपने चोदु भाई को समझा की इस लड़की की चूत ना मारे पर मोम को क्या पता कि हम कितने बड़े वाले कमीने है चल कांची अब तू मुझसे सर्माना बंद कर और खुल कर 2 लंड्का मज़ा ले मोम तो अपने कमरे मे गयी अब डरने की कोई बात नही है
महेश: यार ये बात ग़लत है तेरी पहले मैं मारूँगा इसकी तू बाद मे मारना
राकेश– अर्रे भाई ये पहले और बाद का चक्कर छोड़ साथ साथ ही करते है ना और राकेश ने अपनी लिंगी और कच्ची भी उतार मंजू और नंगा हो गया उसका लंड भी 8″ का था पर अभी तना नही था वो अपने लॉड को हाथ से सहलाते हुए बेड पर चढ़ आया और उधर बाहर करिश्मा फिर से खिड़की पर आ गयी थी क्योंकि उसको अपनी सौत की बेटी की चूत मे दो लंड घुसने का मौका फिर नही मिलने वाला था और आज वो अपने लड़कों की हक़ीकत भी जान गयी थी कि कितने चोदु है उसके बेटे जिनको वो बहुत ही सीधा समझती थी
कांची: महेश अब प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मैं बहुत चुदासी हो चुकी हूँ तुम्हारा लंड भी चूस लिया और अपनी चूत भी तुमको चटवा चुकी हूँ अब रहा नही जा रहा अब बस डाल दो अपना लॉडा मेरी कुँवारी चूत मे फाड़ डालो मेरी चूत को आज कुछ भी हो जाए
राकेश: अर्रे ऐसे कैसे काम चलेगा अभी पहले मेरा तो लो मूह मे सरमाओ मत हम लोग तुमको आज पूरा मज़ा देंगे
कांची ने राकेश का लंड पकड़ कर मूह मे डाल लिया और चूसने लगी और पीछे से महेश उसकी चुतड़ों को चट रहा था उधर बाहर करिश्मा की हालत खराब हो रही थी वो अपनी चूचियाँ ब्लाउस के उपर से ही मसले जा रही थी और फिर महेश ने अपने हाथ से कांची की गांड की दरार फैला कर अपनी जीभ उसके अंदर डाल दी और उधर कांची राकेश का लॉडा मूह मे डाले चूसे जा रही थी और महेश उसकी गांड मे अपनी जीभ डाल कर उसकी गांड चुसाई का मज़ा ले रहा था आख़िर राकेश का लंड खड़ा हो ही गया और अब वो कांची के बाल पकड़ कर अपना लंड उसके मूह मे अंदर तक घुसेड रहा था
राकेश: आआअहह कांची और तेज़ झड़ने ही वाला हूँ आआआहह आआआआहह और झरझारा कर कांची के मूह मे ढेर सारा रस उडेल दिया उसने कांची ने अपना मूह हटाने की कोसिस भी की थी पर राकेश हरामी ने उसके बॉल पकड़ कर जड़ तक अंदर गुस्सा दिया था और 1 1 बूँद जब तक उसके रस की निकल नही गयी तब तक उसके होठ अपने लंड पर दबाए रहा आख़िर झड़ने के बाद राकेश बेड पर लूड़क गया और महेश ने कांची को पकड़ लिया और बाहर मोम अपने बेटों की करतूत देख रही थी और अंदर ही अंदर खुश भी हो रही थी कि आज उसकी सौत की बेटी की खैर नही महेश बेड से उतर कर नीचे खड़ा हो गया और उसका लॉडा भी पूरे 9″ का डंडे की तराह खड़ा था अपने बेटे का तना हुआ लॉडा देख कर करिश्मा भी सिहर गयी थी कि इतना बड़ा तो इसके बाप का भी नही था अनिल का लॉडा 7″ का ही था पर करिश्मा सोच रही थी कि ये किस आसन से चोदेगा कांची को…..महेश ने कांची को बेड पे खड़ा किया और उसकी चूत से अपने तने हुए लॉड का सेंटर मिला कर उसकी चूत पर रगड़ने लगा तो पीछे से राकेश बोला महेश क्या तू इसको खड़े होकर अपने लंड पर बैठा कर झूला आसन से चोदेगा…?
महेश— हां यार इस तराह बहुत मज़ा आता है लड़कियों को और राकेश को आँख मार दी
(क्योंकि किसी भी कुँवारी लड़की के लिए सबसे दर्दनाक यही आसन होता है इस आसान को बड़ी बड़ी चुड़दकड़ औरतें नही झेल पाती है) और करिश्मा ने जब महेश को इस आसान की तैयारी करते देखा तो वो भी मन ही मन अपने बेटे को दुआएँ देने लगी वो तो यही चाहती ही थी कि जितनी ज़्यादा से ज़्यादा तकलीफ़ मिले कांची को उसको उतनी ही खुशी होगी महेश ने अपने लंड को कांची की चूत के मुहाने से लगा कर बेड से उठा लिया उसको और 1 झटके के साथ उसका लंड कांची की चूत मे हल्की सी जगाह बना पाया पर कांची के मूह से निकलने वाली चीख इतनी तेज़ थी कि महेश और राकेश दोनो की गांड फट गयी राकेश बेड से उठा कर तुरंत उसके मूह पर हाथ रख कर बोला बहन की लॉडी मरवाएगी क्या अभी मोम आ जाएँगी तेरी चीख सुनकर और हम दोनो की वाट लगा देंगी | आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
कांची: : प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे नीचे उतारो बहुत दुख रहा है प्लज़्ज़्ज़्ज़ आआआअहह मर जाउन्गि मैं प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़
महेश ने अपने लंड को थोड़ा और अंदर करा और बेड की तरफ घूम गया उसका इसारा राकेश समझ गया और बेड पर लेट कर कांची की चूत को चूमने लगा जिससे कि उसकी चूत थोड़ी गीली हो जाए और महेश अपना काम आसानी से कर सके आख़िर दोनो ही उस्ताद थे और बाहर खड़ी करिश्मा अपनी साँसे और अपने हाथ चूत पर रख कर अंदर का नज़ारा देख रही थी
कांची: आआहह प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भगवान के लिए छोड़ दो बहुत दर्द हो रहा है उउउफफफफफ्फ़ माआआ आआआअहह महेश अपना लंड और अंदर करता जा रहा था और कांची की कराहते और बढ़ती जा रही थी उसकी आँख से आँसू बह रहे थे पर महेश पे कोई फ़र्क नही पड़ रहा था और पहले तो करिश्मा को भी बहुत मज़ा आ रहा था कि उसकी सौत की बेटी की चूत फाडी जा रही पर जब उसने देखा कि कांची की हालत खराब होती जा रही है और महेश रुकने का नाम नही ले रहा तो वो भी घबदाने लगी कि अब क्या करे कहीं कुछ गड़बड़ ना हो जाए और इधर कांची की हालत खराब होती जा रही थी वो पूरी तराह से सिसकियाँ ले कर रोने लगी थी प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे छोड़ दो आआआहह माआआ बहुत दर्द हो रहा है अब और अंदर ना डाआलो प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ आआआआआहह मर गयीईई ऊऊऊपप्प्प्प्प्प्सससस आआआयययययीीई और महेश अपने लंड को 1 झटके के साथ पूरा का पूरा अंदर डालने मे कामयाब हो ही गया और 1 जोरदार चीख के साथ ही कांची बेहोश हो गयी पर महेश को कोई फ़र्क नही पड़ा
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