गतांग से आगे ….
नम्रता भाभी ने श्रुति से मज़ाक किया, पहले तो बहुत चिल्ला रही थी अब क्या हुआ. वो बोली, पहले मुझे मालूम नहीं था की इसमें इतना मज़ा आता है. थोड़ी ही देर में मेरा लंड खड़ा हो गया. मैने श्रुति की चुदाई शुरू कर दी. उसने पूरी मस्ती के साथ चुदवाया. मैने भी उसे पूरे जोश के साथ लगभग 45 मिनिट तक चोदा. वो इस बार की चुदाई के दौरान 4 बार झड़ चुकी थी. उसके बाद नम्रता भाभी और श्रुति खाना बनाने चले गये. मैं टीवी देखने लगा. लगभग 1-2 घंटे गुजर गये तो श्रुति किचन से बाहर आई. उसने मुझसे कुछ कहे बिना ही मेरा लंड मुहँ में ले लिया और चूसने लगी.
मैने पूछा, अब क्या हुआ. वो बोली, चुदवाना है. मैने कहा, पहले मुझे खाना खा कर थोड़ा आराम कर लेने दो. बहुत थक गया हूँ. वो बोली, बाद में खा लेना, पहले तुम मुझे एक बार और चोद दो. मुझसे सहन नहीं हो रहा है. तभी नम्रता भाभी आ गयी. उन्होने श्रुति से कहा, सुबह से ही ये हम दोनो को कई बार चोद चुका है. इसे खाना खा कर थोड़ा आराम कर लेने दे, फिर सारी रात खूब जम कर चुदवाना. वो बोली,लेकिन, मुझसे रहा नहीं जा रहा है. मेरा मन अज़ीब सा हो रहा है. नम्रता भाभी ने मज़ाक करते हुये कहा, अगर तू इतना ही तड़प रही है तो चल मेरे साथ किचन में. मैं तेरी चूत में बेलन घुसेड देती हूँ. वो बोली, फिर घुसेड दो ना. मैं आप को कुछ भी नहीं कहूँगी. शादी के पहले मैं अच्छी भली थी. शादी के बाद इन्होने मेरी चुदाई करके मेरी चूत और गांड में आग सी भर दी है. अब आप ही बताओ की मैं क्या करूँ. नम्रता भाभी ने कहा, तोड़ा सब्र करना सीख. आख़िर ये भी तो आदमी है. थक गया है बेचारा. वो बोली, एक बार ये मुझे और चोद दे. फिर मैं कभी भी इनसे चुदवाने की ज़िद नहीं करूँगी. जब भी मुझे जोश आयेगा मैं इनका लंड मुहँ में लेकर चूसुगी. उसके बाद ये मुझे चोदना चाहेंगे तो चोदेगे. मैने कहा, ठीक है. आ जाओ मेरे पास. मैं सोफे पर बैठा था.
श्रुति के चूसने से मेरा लंड खड़ा हो ही चुका था. मैने उससे कहा, अब तुम खड़ी ही मेरे लंड को अपनी चूत में घुसेड लो और धक्के लगाओ. वो तुरंत ही मेरी जांघों पर बैठ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर घुसेड लिया. उसके बाद उसने धक्के लगाने शुरू कर दिये. 5 मिनिट में ही वो हाफने लगी और बोली, मुझे इस तरह मज़ा नहीं आ रहा है. जब तुम खूब ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुये मुझे चोदते हो तब ही मुझे मज़ा आता है. चोद दो ना मुझे. मैने कहा, अच्छा बाबा, अब तुम मेरे सामने घोड़ी बन जाओ. वो तुरंत ही मेरे सामने घोड़ी बन गयी. उसकी चूत मेरी तरफ थी. मैं थोड़ा गुस्से में था. मैने अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया और उसकी कमर को ज़ोर से पकड़ लिया. उसके बाद मैने बड़ी बेरहमी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी. नम्रता भाभी कभी मुझे और कभी श्रुति को देख रही थी. आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था की मैं श्रुति को इतनी बुरी तरह से भी चोद सकता हूँ. श्रुति भी बहुत सेक्सी निकली. मैं उसे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था लेकिन उसे तो इस चुदाई में और ज़्यादा मज़ा आ रहा था. वो अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुये पूरी मस्ती के साथ चुदवा रही थी. मैने उसे लगभग 55 मिनिट तक खूब जम कर चोदा. इस बार की चुदाई के दौरान श्रुति 5 बार झड़ गयी थी. नम्रता भाभी और मैं उसे देख कर दंग रह गये. श्रुति ने मेरे लंड को चाट कर साफ किया और फिर बाथरूम चली गयी. नम्रता भाभी ने मुझसे कहा, तुमने उसे इतनी बुरी तरह से चोदा फिर भी उसे मज़ा आ रहा था. वो तो मुझसे भी ज़्यादा सेक्सी है.
मैने कहा, अभी वो नई है इसलिये और उसे ज़्यादा जोश आ रहा है. अभी तो उसने ज़्यादा बार चुदवाया ही कहा है. केवल कुछ दिन आप मुझसे मत चुदवाओं. मुझे केवल श्रुति की चुदाई करने दो. मैं उसे इतनी ज़्यादा बार और इतनी बुरी तरह से चोदूँगा की उसकी चूत और गांड की आग ठंडी हो जायेगी. वो मुझसे रो रो कर कहेगी की मुझे अब मत चोदो. नम्रता भाभी ने कहा, ठीक है. तभी श्रुति बाथरूम से वापस आ गयी और बोली, देवर नम्रता भाभी क्या बातें कर रहे हो. नम्रता भाभी ने श्रुति से कहा,मैं इसको समझा रही थी की ये कुछ दिनो तक मेरी चुदाई ना केरे. केवल खूब जम कर तुम्हारी चुदाई ही करे. श्रुति बोली, आप ने तो मेरे मुहँ की बात छीन ली. मैं भी यही चाहती थी.
नम्रता भाभी ने कहा, मैं समझ सकती हूँ क्योंकी अभी तुम नई नई हो और तुम्हारे अंदर जोश का ज्वालामुखी फूट रहा है. ये तुम्हारी चूत की ज्वालामुखी को अपने लंड के पानी से बुझा देगा उसके बाद मैं भी चुदवाना शुरू कर दूँगी. श्रुति बोली, दीदी, तुम एकदम ठीक कह रही हो. अगले 4 दिनो तक नम्रता भाभी तड़पति रही. उनका चेहरा एकदम उदास हो गया था. मैं केवल श्रुति की ही चुदाई करता रहा. श्रुति को चुदवाने में ही ज़्यादा मज़ा आता था. मैने श्रुति की खूब जम कर चुदाई की. उसने भी पूरी मस्ती के साथ मेरा साथ दिया और खूब जम कर चुदवाया. मैने इन 4 दिनो में उसे लगभग 20 बार बहुत ही बुरी तरह से चोदा था. उसकी चूत का मुहँ एकदम चौड़ा हो चुका था. अब उसका जोश कुछ ठण्डा पड चुका था. अब तो वो कभी कभी चुदवाने से इनकार भी करने लगी थी. श्रुति की विदाई भी होने वाली थी. उसे 1 महीने के लिए मायके जाना था. 5 दिन गुजर जाने के बाद वो मायके चली गयी. मायके जाते वक़्त वो मुझसे लिपट कर बहुत रोई. मैने पूछा, क्या हुआ. उसने कहा, 1 महीने तक मैं बिना चुदवाये कैसे रहूंगी. मैने कहा, तुम्हें इतना सब्र तो करना ही पड़ेगा. सभी औरतों को शादी के बाद मायके तो जाना ही पड़ता है. वो मायके चली गयी.
उसके जाने के बाद नम्रता भाभी मुझसे लिपट गयी और फूट फूट कर रोने लगी. मैने पूछा, क्या हुआ तो वो बोली, तुम्हारे भैया के स्वर्गवास हो जाने के बाद मेरा जोश एकदम ठण्डा हो गया था. मैं तुम्हारे साथ अकेली ही रहने लगी थी लेकिन मैने कभी भी तुम्हें बुरी नज़र से नहीं देखा. मैं आराम से रहने लगी थी. तुम्हारा लंड देखने के बाद मुझे जोश आ गया और मैने तुमसे चुदवा लिया. श्रुति को गांड मरवाते हुये देख कर मैने तुमसे गांड भी मरवा ली. उसमें भी मुझे बहुत मज़ा आया. तुमने मेरी चुदाई करके और मेरी गांड मार कर मेरे सारे बदन में आग लगा दी है. 5 दिनो से तुमने मुझे चोदा नहीं और ना ही मेरी गांड मारी. मैने ये 5 दिन कैसे गुजारे हैं मैं ही जानती हूँ. श्रुति तो अब 1 महीने के लिये मायके चली गयी है. अब तुम मेरी चूत और गांड की आग को पूरी तरह से बुझा दो. मैने कहा, नम्रता भाभी, मैने तो इनकार नहीं किया है. वो बोली, तुमने ऑफीस से शादी के लिये 7 दिनो की छुट्टी ली थी. तुम 7 दिनो की छुट्टी और ले लो. फिर मुझे 7 दिनो तक खूब जम कर चोदो.
मुझे उसी तरह से चोदना जैसे की उस दिन तुमने गुस्से में श्रुति को चोदा था. मैने कहा, तुम जैसा कहोगी मैं तुम्हें वैसे ही चोदूँगा. मैं तुम्हें पूरी तरह से संतुष्ट कर दूँगा. नम्रता भाभी ने सारे कपड़े उतार दिये और एक दम नंगी हो गयी. उन्होने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया. 2 मिनिट में ही मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैने ठीक उसी तरह से नम्रता भाभी को चोदना शुरू किया जैसे मैने श्रुति को गुस्से में चोदा था. उस तरह की चुदाई से नम्रता भाभी एकदम मस्त हो गयी. 7 दिनो तक मैं ऑफीस नहीं गया. मैने इन 7 दिनो में सारा दिन और सारी रात नम्रता भाभी की खूब जम कर चुदाई की. उसके बाद श्रुति के आने तक मैने उन्हें खूब चोदा. नम्रता भाभी की चूत की आग भी कुछ हद तक बुझ चुकी थी. श्रुति के वापस आ जाने के बाद मैं उन दोनो की चुदाई करने लगा. अब वो दोनो ही मुझसे चुदवा कर पूरी तरह से खुश हैं और मैं भी. तो दोस्तों आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी मुझे जरुर बतायें।