करिश्मा– बताओ इसको क्या खते है..?
कांची: चूत कहते हैं इसे
करिश्मा : मेरी जान चूत तो तुम जैसी कुँवारियों के पास होती है अब तो ये भोसड़ी बन चुकी है तू अपनी पॅंटी उतार कर दिखा कैसी है तेरी चूत
कांची: नही आंटी मुझे शरम आ रही है
करिश्मा ने उसकी पॅंटी खींच कर निकाल दी तो कांची ने अपने हाथ से अपनी नन्ही सी गुलाबी चूत को छिपा लिया पर करिश्मा जानती थी कि क्या करना है उसने उसकी चूची को अपने मूह मे भर लिया और चूसना सुरू कर दिया
कांची: हाए आंटी आप ये क्या कर रही प्लज़्ज़्ज़ छोड़िए मुझे कुछ हो रहा है आआहह ऊओफफफ्फ़
पर करिश्मा तो चाहती ही यही थी और जब बहुत देर तक वो कांची की चूचियाँ चूस्ति रही तो धीरे धीरे कांची ने अपने हाथ चूत से हटा लिए और करिश्मा ने अपना हाथ उसकी चूत पर लगाते हुए उसकी फांकों को कुरेदना सुरू कर दिया
कांची: आहह ऊओपपसस आंटी प्लज़्ज़्ज़्ज़ ऐसे मत करो आहह मुझे लग रहा है पेसाब निकल जाएगा आअहह और करिश्मा ने अपनी उंगली को मूह मे डाल कर गीला किया और फिर उसकी चूत मे धीरे धीरे डाल दिया इससे पहले कांची ने सिर्फ़ अपनी चूत को सहलाया ही था कभी उसकी चूत मे कुछ गया नही था पर आज उसको बहुत मज़ा मिल रहा था और अब वो भी मस्ता गयी थी और अपने हाथ से करिश्मा की चूचियाँ दबाने लगी थी और उसने मूह मे भी भर ली उसकी चूचियाँ इससे पहले करिश्मा ने भी कभी लेज़्बीयन सेक्स नही किया था पर आज वो जी खोल कर इस लड़की के साथ सेक्स करना चाहती थी क्योंकि ये उसकी सौत की लड़की थी और फिर उसके नाज़ुक बदन के साथ खेलते हुए करिश्मा को भी मज़ा आने लगा था उसने अपनी 3 उंगलियाँ उसकी चूत मे घुसेड दी थी और तेज़ी के साथ अंदर..बाहर करने लगी
कांची: आहह आंटी प्लज़्ज़्ज़्ज़ ऐसे ही कीजिए आह मुझे लगता है अंदर से पेसाब निकलने वाला है आहह आहह और फिर कुछ ही देर मे उसकी चूत से सफेद…सफेद गाढ़ा सा झरना निकलने लगा जिसे वो बहुत गौर से देख रही थी करिश्मा की उंगलियाँ उसमे पूरी तराह से सन गयी थी करिश्मा ने अपनी उंगलिया उसकी नाक के पास ले जा कर कहा लो इसे सूंघ कर देखो कैसी बढ़िया खुसबू आती है इसमे से और जब कांची सूंघ रही थी तो उसने अपनी उंगली उसके होठ पर रख दी तब झटके से कांची ने अपना मूह हटा लिया और बोली आंटी आप ये क्या कर रही है इस गंदी चीज़ को मेरे मुँह से काहे लगा रही है
करिश्मा: नही बेटी इसका टेस्ट बहुत टेस्टी होता है तू चाट कर तो देख और ये कह कर उसने कांची की चूत से झारा हुआ रस अपनी उंगली मे और लापेसा और उसके मूह मे डाल दी उंगली जिसे वो चाटने लगी कुछ देर बाद ही कांची लेट गयी और करिश्मा भी वहीं लेट गयी | आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
करिश्मा: बेटी मज़ा आया..?
कांची : हां आंटी मज़ा तो बहुत आया क्या इसी को चुदाई कहते है.?
करिश्मा: नही रे मेरी बन्नो चुदाई तो मर्द करता है औरत की उसमे तो और भी मज़ा आता है तू करवाएगी चुदाई..?
कांची: नही बस इतना मज़ा ही काफ़ी है आज के लिए
पर करिश्मा को भला चैन कहाँ वो तो आज की रात काय्दे से उसकी गत बनाने वाली थी उसने कांची की चूत का रस तो उसे चखा ही दिया था अब वो अपनी चूत का रस उसको चखाने की सोच रही थी हालाकी वो कभी भी इतनी गंदी नही थी इतने साल मे आज तक कभी भी अनिल ने उसकी चूत नही चॅटी थी या अपना लंड उसको नही चटवाया था पर आज करिश्मा अपनी सौत की बेटी के साथ बुरे से बुरा काम करने की सोच रही थी कुछ देर लेटा रहने के बाद वो बोली बेटी तुम मेरी भोसड़ी चूमो तो तुमको और मज़ा आएगा
कांची: छी आंटी भला ये भी कोई मूह लगाने की चीज़ है
करिश्मा: हां मेरी जान
कांची: पर ये सब तो फॉरेन मे होता है भला यहाँ इंडिया मे इतना गंदा सेक्स कहाँ होता है ?
करिश्मा: अभी तुमको मैं इंडियन बी/फ दिखाती हूँ तब पता चलेगा यहाँ क्या..क्या होता है
करिश्मा ने अपनी सौतन की 18 साल की नाज़ुक सी बेटी को अपनी चूत चाटने को बोला तो वो झिझक रही थी पर जब करिश्मा ने कांची की पॅंटी उतार कर खुद उसकी गुलाबी चूत चॅटी तो कांची को बहुत मज़ा आया और उसके बाद उसने भी करिश्मा की पुरानी पड़ चुकी बुर को खूब मज़े से चॅटा और चूमा भी पर करिश्मा का इरादा उसको अपना मूत पिलाने का था क्योंकि वो तो बदले की आग मे जल रही थी सो जब कांची का पूरा ध्यान उसकी बुर चाटने पर था तब 1 झटके के साथ करिश्मा ने अपनी चूत से पेसाब की धार मार दी जो सीधे नीचे लेटी कांची के मूह मे गिरी कांची ने अपना मूह हटाने की बहुत कोसिस की पर करिश्मा की ताक़त के आगे भला उस नन्ही सी बच्ची का क्या ज़ोर चल पाता फिर भी वो अपने मूह को इधर…उधर घुमा कर पेसाब को मूह मे जाने से रोक रही थी मगर ना चाहने क बावजूद भी अच्छा ख़ासा पेसाब उसके मूह मे चला गया पेसाब करने के बाद जब करिश्मा उसपर से हटी तो कांची बोली कांची: ऊओह आंटी छी आप कितनी गंदी है अब मैं आपसे कभी बात नही करूँगी आपने मेरे मूह मे पेसाब कर दिया मैं कितना हटा रही थी आपको पर आप तो जानवर हो गयी थी छी…छी पूरा बदन गंदा हो गया मेरा और बदबू भी आ रही है करिश्मा ने जब कांची का मूड कराब होते देखा तो फिर से चाल चली करिश्मा: प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ बेटी मुझे माफ़ कर दो मैं ऐसा नही करना चाहती थी पर तुम इतने मज़े से बुर चट रही थी कि पता नही कब पेसाब निकल गया मुझे पता ही नही चला प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मेरी रानी बेटी प्लज़्ज़्ज़्ज़ मुझे माफ़ कर दो
कांची: अच्छा अच्छा ठीक है पर अब मुझे नहाना है
करिश्मा: चलो वॉशरूम मे नहला देती हूँ अपनी बेटी को
उसके बाद दोनो नंगी ही वॉशरूम मे चली गयी उसके बाद करिश्मा उसके बदन पर साबुन मल कर नहलाने लगी तब कांची को और मज़ा आने लगा करिश्मा ने अपनी उंगली उसकी चूत मे डाल दी तब तो कांची कराहने लगी और बोली
कांची: आहह आंटी बहुत मज़ा आ रहा है प्लज़्ज़्ज़ और अंदर डालिए ना उंगली
करिश्मा: बेटी इसमे तो जब लंड जाता है तब और मज़ा आता है पर तुम कहती हो तुम्हारा कोई बॉय/फ्रेंड भी नही है
कांची: हां मेरा बॉय/फ्रेंड नही है पर आंटी मैं लंड का मज़ा ज़रूर लेना चाहूँगी और अब तो इसके अंदर खुजली ज़ोर से होने लगी है
करिश्मा: बेटी तेरे लिए लंड का इंतज़ाम तो घर मे है पर वो तुझे खुद ही करना पड़ेगा
कांची: वो कैसे…?
करिश्मा: अर्रे मेरे 2 जवान लड़के किस लिए है
कांची: तो क्या मैं उनसे चुदवाउ…?
करिश्मा: हां तो खराबी क्या है..?
कांची: पर कैसे…? करिश्मा : देख इस वक़्त छोटा राकेश तो सो रहा होगा पर जहाँ तक मेरा अंदाज़ा है महेश अभी जाग रहा होगा और टी.वी पर कोई गंदी मूवी देख रहा होगा बस तू उसको पटा ले किसी तराह
कांची: पर कैसे…? आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
करिश्मा: अर्रे मेरी जान इतनी प्यारी कमसिन चूत लिए है और मर्दों को रेझाने की कला पूछ रही है बस तू ऐसे ही उसके रूम मे चली जा फिर देख कैसे भूखे शेर की तराह टूट पड़ेगा तुझ पर मुझे लगता है आज तक उसने भी किसी चूत वाली को रियल मे नही देखा है टी.वी की बात अलग है
कांची: पर आंटी मुझे शरम आ रही है भला ऐसे कैसे मैं नंगी उसके रूम मे चली जाउ
करिश्मा: अच्छा तू अपने बेड पर जा कर लेट जा मैं भेज देती हूँ उसको रूम मे ओके इसके बाद करिश्मा महेश की तरफ गयी तो वो वाक़ई मे 1 बी/एफ की सी.डी लगा कर देख रहा था और पूरी तराह से नंगा था करिश्मा ने झाँक कर देखा तो पहले टी.वी की स्क्रीन और उसके बाद अपने लड़के का लंड देख कर उसकी चूत भी कपकपा गयी उसने अंदर जाना ठीक नही समझा और वहीं खड़े होकर अंदर का नज़ारा लेने लगी महेश अपने हाथ को तेज़ी से लंड पर घुमा रहा था और लंड पकड़…2 कर आगे पीछे कर रहा था पर लंड था कि झड़ने का नाम ही नही ले रहा था उधर रूम मे कांची की हालत खराब होती जा रही थी वो अपनी चूत क अंदर 2 उंगलियाँ डाल कर अंदर बाहर कर रही थी तो दोस्तो उधर कांची इधर मम्मी जी और टी.वी के सामने उनका लड़का महेश सब अपने काम मे खुद ही लगे थे सबको ही चूत और लंड की प्यास थी इस सिचुयेशन पर 1 जोक सुनाता हूँ आप सबको बताईएगा कैसा लगा सरदार अपने लड़के को मूठ मारते देख कर गुस्सा होकर बोला
सांता साले हरामी ये क्या कर रहा है तू…? एक सरदार ने अपने बेटे को मूठ मारते देखा तो चिल्लाया आबे सांता सेयेल ये क्या कर रार रहा है
सांता: सांता अपना काम खुद करता है अपनी खुशी के लिए किसी की मा नही चोद्ता है खैर जस्ब महेश सॅड्का मार कर ठंडा पड़ गया और सी.डी ऑफ करके अपने लिंग को सही करके लेटा तो मम्मी जी जो कि उसका लंड देख कर उसको अपनी चूत मे डलवाने की सोच रही थी उनका ध्यान हटा और वो धीरे से दरवाजा खटख्टा कर अंदर आई तब तक महेश संभाल चुका था
महेश: अर्रे मम्मी आप इस वक़्त…?
करिश्मा: हाँ बेटा बात असल मे ये है कि वो जो कांची है बहुत डरपोक किस्म की बच्ची है मैं इतने देर से उसको सुलाने की कोसिस कर रही हूँ पर उसे बहुत डर लग रहा है वो कहती है कि आप मेरे पास सो जाओ पर तू जानता है मुझे अपने रूम मे ही नींद आती है और अब रात के 2 बज रहे है मुझे बहुत ज़ोर की नींद आ रही है तो बेटा क्या तू कांची के रूम मे सो जाएगा…?
महेश: हां मा आख़िर वो आपकी सहेली की बेटी है उसका ख्याल रखना फ़र्ज़ है मेरा
जब करिश्मा महेश को कांची के रूम मे जाने के लिए बोली तो महेश खुशी से मान गया वो तो चाहता ही था पर मोम की वजा से कुछ बोल नही पा रहा था और उधर कांची की चूत मे जवानी की आग करिश्मा ने पहले ही भड़का दी थी वो चादर डाल कर पूरी तराह से नंगी बैठी थी बेड पर और अपनी चूत को रगड़ रही थी कि तभी रूम मे महेश ने इंट्रेन्स किया
महेश: मोम कह रही थी कि तुम्हे डर लग रहा है इतनी बड़ी होकर डरती हो…?
कांची: नही असल मे मैं डर नही रही थी बात कुछ और है | आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
कांची को इस रूप मे देख कर महेश ताड़ गया था कि बंदी चुदासी है वो बेड पर बैठ गया और बोला
महेश: डरो मत मैं आ गया हूँ बताओ क्या बात है
कांची ने अपने जिस्म पर पड़ी चादर हटा दी और नीचे ब्लू कलर की डिज़ाइनर ब्रा और पॅंटी मे उसका कोमल सा नाज़ुक बदन चमक रहा था जिसको महेश 1टक देखता ही रह गया और उधर करिश्मा भी अपनी सौतन की बेटी की पहली चुदाई का नज़ारा देखना चाह रही थी इसलिए उसने कांची के रूम की खिड़की पहले से ही खोल दी थी जिसका करिश्मा को पता नही था और वो खिड़की के पास आ कर खड़ी हो गयी महेश ने कांची के खूबसूरत जवान बदन को निहारा उसके बाद उसको लीप किस किया और अपने हाथ उसकी पीठ पर मसल्ने लगा महेश निक्कर मे था और उसका बदन उपर से नंगा ही था कांची की छोटी…2 चूचियाँ उसके सीने से रगड़ खा रही थी जिससे महेश के जिस्म मे भी गर्माहट आने लगी उसने पीछे से ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को उतार कर 1 तरफ फेक दिया करिश्मा बड़े मज़े से अपने लड़के को ये सब करते देख रही थी वो चाह रही थी बस जितनी जल्दी हो सके वो इस रांड़ को पटक कर अपना लंड इसकी चूत मे घुसा दे वो कई बार अपने दोनो लड़को को रूम मे मूठ मारते देख चुकी थी पर कभी उसने खुल कर अपने बेटों का लंड नही देखा था और जब कभी भी बेटों के रूम से आवाज़ आती थी तो करिश्मा 1 नज़र देख कर इग्नोर कर जाती थी क्यों कि थी तो वो आख़िर एक मा और चाहे कैसी भी सही पर 1 मा अपने बेटों को नंगा नही देखना चाहती पर आज कांची यानी की अपनी सौतन की बेटी की चूत की बर्बादी देखने के लिए वो ये करने को भी तैयार थी यानी कि अपने लड़के का लंड भी देखना उसको गवारा था थोड़ी देर उसकी नरम मुलायम चूंचियों को दबाने के बाद महेश ने अपना हाथ कांची की पॅंटी के उपर रखा तो कांची के मूह से बहुत ही मादक सिसकारी निकल पड़ी
कांची: ईइससस्स आहह महेश बहुत गुदगुदी हो रही है प्ल्ज़ आहह ऐसे ही सहलाते रहो और उसके हाथ पर अपना हाथ रख कर अपनी चूत रगड़वाने लगी उधर करिश्मा ये सब देख कर अपने होश खो रही थी वो अपनी चूत को हाथ से साड़ी के उपर से ही रगड़ रही थी और अपने होटो को काट रही थी अचानक ही महेश ने पॅंटी मे हाथ डाल दिया कांची: आअहह महेश प्ल्स.कुछ करूऊ बहुत गुदगुदी हो रही है
महेश बेड से उतर कर खड़ा हो गया उसका निक्कर लंड की जगाह से तंबू की तराह तना हुआ था हां तो दोस्तों यहाँ पर आप सबको 1 जोक और सुनाता हूँ कहानी को बीच मे रोक कर
1 आदमी ने होटेल मे चुदाई के लिए ऐसी रंडी माँगी जिसे एड्स हो जब उससे पूछा गया कि ऐसा क्यों तो…….
उसने कहा: लड़की को चोदुन्गा तो मुझे एड्स होगा मुझसे मेरी बीवी को बीवी से मेरे भाई को भाई से भाभी को भाभी से पापा को और पापा से मोम को और मोम से मेरे उस पड़ोसी को होगा तब साले को पता चलेगा मेरी मा चोदने का अंज़ाम हा तो दोस्तों महेश बेड से उतरने के बाद कांची को अपनी निक्कर मे खड़ा लंड दिखाता बोला जान अब तुम अपने मतलब की चीज़ निकालो लो इस निक्कर से मेरा लॉडा बाहर निकालो कांची अपने हाथ बढ़ा कर निक्कर की जीप खोलने लगी और अपना हाथ जैसे ही अंदर घुसाया डर कर बाहर निकाल लिया
महेश: क्या हुआ..?
कांची: अंदर तो तूफान मचा हुआ है
महेश: हन तो बटन खोल कर पूरी तराह से बाहर निकाल कर दीदार करो ना जान
कांची: मुझे शरम आ रही है प्ल्स अपने आप ही उतार दो ना
महेश: नही ये तो तुमको खुद ही निकालना पड़ेगा बाहर
करिश्मा जो इतने देर से बाहर से सब देख रही थी उसको अपने बेटे के मूह से लंड का नाम सुनकर बहुत अज़ीब सा लगा था वो यहाँ से हटना चाह रही थी पर कांची की चूत का हस्र भी देखना चाहती थी और अब वो भी पूरी तराह से गरम हो चुकी थी उसने अपना हाथ अपने पेटिकोट के अंदर ले जा कर अपनी चूत को सहलाना सुरू कर दिया था और उधर कांची ने भी महेश का निक्कर उतार डाला था उसका लॉडा बाहर निकल कर किसी साप की तराह फुफ्कार मार रहा था उसका लॉडा करीब 8″ लंबा था और 2 से २.5″ मोटा था करिश्मा ने पहली बार महेश का लॉडा देखा था जिस पर झाँते थी शायद अभी तक उसने कभी बाल नही बनाए थे | आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
कांची: महेश ये तो पूरी तराह तैयार है
महेश: अभी कहाँ तैयार है जान अभी तो इसको तुम्हे तैयार करना है इसको सहला कर इसको चूस कर
कांची: क्या कहा…? चूस्कर…?
महेश : हां मेरी रानी इसको चूस्कर ही तो तैयार किया जाता है
कांची: प्ल्स मुझे घिंन आती है मैं इसको मूह मे नही लूँगी
महेश: – अर्रे तुम पहले इसे सहलाओ तो
कांची उसके लंड को सहलाने लगी उधर करिश्मा अपनी चूत को अपने हाथ से कुरेद रही थी तभी उसके दिमाग़ मे 1 और कमीनेपन का ख्याल आया उसने सोचा क्यों ना इस छिनाल को पहली बार ही 2 लॉडो से 1 साथ चुदवा डाला जाए साली पनाह माँग जाएगी जब 2 लंड 1 साथ इसकी नाज़ुक सी चूत मे जाएँगे पर उसके लिए अपने बेटे राकेश को कैसे तैयार करूँ वो बेचारा तो सो रहा होगा और मैं भला उससे कैसे कहूँ कि तेरा भाई बगल के रूम मे मज़े मार रहा है तू भी ऐसा कर बहुत सोचने के बाद आख़िर करिश्मा को 1 राह नज़र आ ही गयी वो राकेश के रूम मे गयी अंदर राकेश नंगे बदन सिर्फ़ लूँगी पहने बेड पर सो रहा था हवा की वजा से या जवानी की प्यास की वजा से वो अपनी लूँगी हटाए हुए था और अंडरवेर के उपर से अपने लंड पर हाथ रख कर बेसूध पड़ा सो रहा था उसको इस हालत मे मोम ने पहले कभी नही देखा था और इस वक़्त तो वो वैसे ही 2 जवान लोगों को चुदाई की तैयारी करता देख कर गरम हो रही थी पर 1 मा होने क नाते अपने जज़्बात पर काबू रखते हुए उसने पहले राकेश को आवाज़ दी 2…3 आवाज़ मे जब वो नही उठा तो करिश्मा ने उसको हिला कर जगाया वो हड़बड़ा कर उठ गया और सामने मोम को देख कर फिर अपनी हालत को देख कर सकपका गया
राकेश: क्या हुआ मम्मी इतनी रात को आप यहाँ सब ठीक तो है…?
करिश्मा: बेटा कांची के रूम से कुछ आवाज़ आ रही है ख़तर…पाटर की पता नही कौन है कहीं कोई चोर तो नही मैने सोचा तुझे साथ ले लूँ फिर देखूं कौन है…?
दोनो कांची के रूम की तरफ गये राकेश आवाज़ देने ही जा रहा था कि मोम ने टोका
करिश्मा: अर्रे पागल ऐसे चीखेगा तो कोई भी भाग जाएगा
राकेश: तब…?
करिश्मा: इधर आ इधर 1 खिड़की है उसमे से देख
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