दोस्तों मैं अपनी मौसी के घर में रहता हूँ | और कहानी लिखने से पहले बता दू की मै मस्तराम डॉट नेट का बहुत बड़ा पाठक हु बिना मस्तराम डॉट नेट पढ़े और पढ़ के चूत ना मिले तो मुठ जरुर मरता हु … तो दोस्तों मै अपनी मौसी के बारे में बता रहा था .. मौसी बहुत ही मोटी औरत हैं और मौसी के स्तन बहुत ही बड़े हैं| मौसी के स्तनों का व्यास बीस सेंटीमीटर है और जब स्तनों को सीधा कर दिया जाए तो उनकी लम्बाई अड़तालीस सेंटीमीटर होती है| मौसी बहुत ही गोरी हैं और इस कारण मौसी के स्तनों की त्वचा भी बहुत गोरी है और स्तनों के अन्दर की नीली नसें साफ़-साफ़ दिखती हैं| मौसी के स्तनों के गोले गहरे भूरे रंग के हैं और उनका व्यास आठ सेन्टीमीटर है| मौसी की गहरी भूरी चूचियां सामान्य तौर पर तीन सेंटीमीटर लम्बी और चार सेंटीमीटर चौड़ी रहती हैं| मेरी मौसी की सबसे ख़ास बात है कि उनके स्तनों में दूध का उत्पादन बहुत तेज़ी से होता है| मौसी के स्तन दिन भर दूध से भरे रहते हैं और मौसी अपने स्तनों के दूध के साथ बहुत ही उदार हैं| घर का सबसे छोटा सदस्य होने के कारण मौसी सबसे लम्बे समय तक मुझे स्तनपान कराती हैं| मेरे बाद फिर मौसी की ननद बहुत स्तनपान करती हैं| फिर मौसी की बेटी, उनका बेटा, उनकी भांजी और उनका भतीजा भी मन भर स्तनपान करते हैं| और मौसी फिर अपने पति और अपनी सास को भी अपना दूध पिला कर स्वस्थ रखती हैं| और सिर्फ इतना ही नहीं, घर में अगर खाने में दूध का उपयोग होता हो तो वो दूध भी मौसी के स्तनों को दुह कर निकला जाता है| मैं और मौसी बिस्तर पर सो रहे थे| मौसी रात में सोने समय साड़ी उतर देती हैं और इसी कारण मौसी हरी ब्लाउज और हरे पेटीकोट में थी| ब्लाउज के नीचे के तीन हुक खुले थे जिससे मौसी की उजली ब्रा प्रदर्शित हो रही थी और मौसी ने ब्रा की हुक ब्लाउज के अन्दर खोल रखी थी जिससे कि उनके स्तनों पर दबाव न पड़े| तभी मौसी अचानक से ही उठ जाती हैं और उंघते हुए दीवार-घड़ी पर समय देखती है| मौसी: “ अभी तो बस चार तीस ही हो रहे हैं….और मेरे स्तन दर्द करने लग गए (मौसी अपनी हथेलियाँ अपने ब्लाउज के ऊपर रखती हैं) अभी रात को चार घंटे पहले ही तो मैंने प्रेम को सारा दूध पिलाकर अपने स्तन पूरे खाली किये थे…मेरे स्तन तो दिन-ब-दिन और तेज़ी से दूध पैदा करते जा रहे हैं (मौसी अब अपनी हथेलियों को हल्का-हल्का स्तनों के ऊपर घुमाने भी लगी)…और मेरे स्तन दूध से लबालब भर गए हैं…वो भी इतना कि अत्यधिक दूध के दबाव से मेरे स्तनों में दर्द होने लग गया….प्रेम, बेटा, (मैं मौसी की आवाज़ सुनकर ऊँघने लगता हूँ…मौसी फिर मेरे सर पे हाथ रखती हैं)…प्रेम, मौसी को तेरी मदद की ज़रुरत है..|” मैं: “क्या हुआ मौसी?” मौसी: “बेटा, तेरी मौसी के स्तन समय दूध से पूरी तरह भर गए हैं…और मैं अपने स्तनों के दर्द से परेशान हो रही हूँ” मैं: “ओह मौसी, तो आप परेशान क्यों हो रही हैं….अपनी ब्लाउज में से अपने स्तन बाहर निकालिए और मुझे अपनी चूचियां चूसने दीजिये|” मौसी: “(हँसते हुए) क्यों रे, रोज़ तू छह घंटे अपनी मौसी की चूचियां चूस कर दूध पीता है, तू बोर नहीं हुआ क्या अभी तक?” मैं: “आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | आपके स्तनों से भी कोई बोर हो सकता है, मौसी| अगर मेरे पेट में इतनी जगह होती तो मैं तो दिन भर आपकी चूचियां चूसते रहता….पर आप तो डेरी की गायों से भी ज्यादा दूध पैदा करती हैं…मैं सारा दूध नहीं पी पाता हूँ..| (मैं अपने हाथ जोर से मौसी के स्तनों पे रखता हूँ) अब मौसी, जल्दी से अपने स्तन उघाड़िये ” मौसी: “ (मेरे स्तनों को छूने से मौसी के स्तनों में दर्द होता है) ओह प्रेम, मत छू मेरे स्तनों को अभी….इन्हें हल्का सा भी छूएगा तो मेरी चूचियों से दूध निकल जायेगा..(मौसी अपनी उँगलियाँ अपनी ब्रा के अन्दर घुसती हैं)….मुझे अपने स्तन निकाल लेने दे…(मौसी ब्लाउज समेत अपनी ब्रा को अपने स्तनों के ऊपर खिसकाकर अपने दोनों स्तन पूरी तरह उघाड़ देती हैं|” मैं: “ओह मौसी, आपके स्तन कितने सुन्दर हैं?” मौसी: “(मैं फिर से मौसी के स्तनों को छूने वाला था पर मौसी ने मेरे हाथों को रोक दिया) प्रेम, मत छू मेरे स्तनों को इस तरह…मेरी चूचियों से दूध निकल कर बेकार हो जायेगा…(मौसी अपने दोनों स्तनों को अपने हाथों में उठाकर सटा देती हैं…मैं मौसी के करवट सोया रहता हूँ) प्रेम, और नज़दीक आ अपनी मौसी के और अपना मुंह खोल….(मैं मौसी के नज़दीक जाता हूँ जहाँ मेरे होठ मौसी की चूचियों से सट जाते हैं| मैं अपने होठ जैसे ही खोलता हूँ…मौसी झट से अपनी दोनों चूचियां मेरे मुंह में डाल देती हैं…मैं अपने होठों से जैसे ही चूचियों को हल्का सा दबाता हूँ, दूध बहना शुरू हो जाता है)…ओह प्रेम, तेरे होठों ने जैसे ही मेरी चूचियां छुई, मेरे स्तनों से दूध निकलना शुरू हो गया….(फिर मौसी अपने हाथों से मेरी हथेलियाँ उठाकर अपने स्तनों पर रख देती हैं) तू खेलना चाहता था न अपनी मौसी के स्तनों से..ले अब जितनी मर्ज़ी इन्हें सहला और दबा……(फिर मौसी अपने दोनों हाथों से मेरे सर और पीठ को सहारा देती हैं)…प्रेम, अब तू तब तक अपनी मौसी की चूचियां चूसते रहना जब तक कि मैं खुद अपने स्तन तेरे मुंह से खींच ना लूं…(अब मेरे मौसी के स्तन चूसने के तीन चरण शुरू होते हैं – धीमा चरण – मौसी की दोनों चूचियों को मैं अपने होठों से हल्का-सा दबा रहा था + मौसी के दोनों स्तनों को गोले के पास हल्का-हल्का हाथों से दबा रहा था + अपना सर आगे-पीछे हल्का-हल्का हिला रहा था ताकि मौसी की चूचियां मेरे होठों से दबी होने के कारण हलक-हलकी खिंच रही थी) ओह प्रेम, ये जिस तरीके से तू स्तनपान करता है – एक साथ मेरी चूचियां चूसता है और खींचता है और साथ-ही-साथ मेरे स्तनों को दबाते भी रहता है – ये न सिर्फ मेरी चूचियों से दूध की बहाव तेज़ करता है बल्कि मुझे बहुत आनंद भी देता है…..मेरी चूचियां चूसते रहो प्रेम…अपनी मौसी के स्तनों का दूध पीते रहो बेटा…(दस मिनट तक धीमे चरण में मैं मौसी की चूचियां चूसते रहा)…..प्रेम, अब मौसी के स्तनों का दर्द ख़त्म हो गया है …..अब तू और तेज़ी से स्तनपान कर सकता है….मेरी चूचियां और जोर से चूस सकता है….( सामान्य चरण – मौसी की दोनों चूचियों को मैं अपने होठों से मद्धम दबा रहा था + मौसी के दोनों स्तनों को गोले के पास हाथों से मद्धम दबा रहा था + अपना सर आगे-पीछे हिला रहा था ताकि मौसी की चूचियां मेरे होठों से दबी होने के कारण मद्धम खिंच रही थी) ओह प्रेम….चूचियों से दूध का बहाव और तेज़ हो गया है….आह…मेरा बेटा…..तूने तो चूचियां चूस-चूस कर अपनी मौसी को उत्तेजित कर दिया….और cचूस अपनी मौसी की चूचियां…और खींच अपनी मौसी की चूचियां…और दबा अपनी मौसी के स्तन..पीते रहो मेरा दूध, मेरे बेटे….आह…..
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