मौसी की प्यासी चूत की चुदाई

गतांग से आगे … घर के बाकी लोगों के नाश्ते के लिए भी मेरा दूध दूह ले|” मैंने दोनों तीन सौ मिलीलीटर के कटोरे उठाकर मौसी के एक-एक स्तन के नीचे रख दिया| उसके बाद मैंने मौसी की दांयी चूची को अपने बांये हाथ से पकड़ा और मौसी की बांयी चूची को दांये हाथ की उँगलियों से पकड़ा और जहाँ पे चूचियां स्तन के गोले से सटती हैं वहां दोनों चूचियों को दबाने लग गया| दूध की तेज़ धारें निकल कर कटोरों को भरने लग गयीं| मौसी तेज़ सिसकियाँ भरने लग गयीं| इन दो कटोरों को भरने के बाद अब पांच सौ मिलीलीटर के पांच कटोरों की बारी आई| मैंने एक कटोरा उठाया और मौसी के दोनों स्तनों के बीच में रखा| उसके बाद मैंने मौसी की दांयी चूची को अपने बांये हाथ से पकड़ा और मौसी की बांयी चूची को दांये हाथ की उँगलियों से पकड़ा और जहाँ पे चूचियां स्तन के गोले से सटती हैं वहां दोनों चूचियों को दबाने तो लग गया, साथ-ही-साथ चूचियों को हल्का-हल्का खींचने- लगभग दो सेन्टीमीटर तक – भी लग गया| चूचियों से दूध के गिरने की धार तेज़ हो रही थी और साथ ही साथ मौसी की सिसकियाँ भी तेज़ हो रही थी| दो मिनट में एक कटोरा भरने के बाद मैंने दूसरा कटोरा उठा लिया| इसमें भी मैं पहले कटोरे की तरह ही दूध दूहने लगा पर इस बार चूचियों को थोडा ज्यादा खींचने लगा – लगभग चार सेन्टीमीटर तक| इस बार दो मिनट के अन्दर ही कटोरा दूध से भर गया| फिर मैंने तीसरा कटोरा भी स्तनों के बीच में रखा और इस बार चूचियों को छह सेन्टीमीटर तक खींचकर दूध दूहने लगा जिससे कि डेढ़ मिनट में ही कटोरा भर गया| मैं: “मौसी…मैं जितना आपकी चूचियों को खींच रहा हूँ, उनसे उतनी ही तेज़ी से दूध निकल रहा है|” मौसी: “तो और खींच अपनी गाय के थनों को…और तेज़ी से अपनी गाय का दूध दुहो..|” बाद के दोनों कटोरों को भरने के लिए मैंने मौसी की चूचियों को आठ सेन्टीमीटर और दस सेन्टीमीटर तक खींचा था जिससे कि पांचवा कटोरे तो बस एक मिनट में ही भर गया| मौसी: “दूधवाले..दिन-ब-दिन तेरी दूध दूहने की गति बढती जा रही है…..मेरे स्तन तेरी उँगलियों के गुलाम हैं…..चल अब बोतल में दूध दूह दे|” मैंने बोतल मौसी की चूचियों के बीच में रखी पर बोतल की गर्दन पतली होने के कारण मैं दोनों चूचियों से दूध दूहकर बोतल में नहीं घुसा सकता था| पर मैं तो मौसी के दोनों स्तनों को साथ में दूहना चाहता था| तो मैंने मौसी की दांयी चूची बोतल के अन्दर घुसा दी और बांये हाथ से दांये स्तन को गोले पे दबाने लग गया| साथ ही साथ मौसी के बांये स्तन की चूची को अपने खुले मुंह के आगे रखा और बांये स्तन को गोले पे दांये हाथ से दबाकर दूध की धारों को अपने मुंह के अन्दर लेने लग गया| दो मिनट के अन्दर बोतल भी भर गयी| मौसी: “क्यों रे दूधवाले….दूध दूहते-दूहते तू तो अपनी गाय का दूध पीने भी लग गया..|” मैंने फिर मौसी के दोनों स्तनों को सटा दिया और बांये हाथ को दांये स्तन के किनारे और दांये हाथ को बांये स्तनों के किनारे रख कर मौसी की चूचियों के आगे अपना मुंह रखा| मौसी: “अरे दूधवाले..तुझे अभी एक बर्तन में दूध भरना बाकी है..|” मैं: “भर दूंगा मेरी मौसी, पर पहले ज़रा दो मिनट आपके स्तनों का दूध पी तो लूं|” मैं मौसी के दोनों स्तनों को नीचे की तरफ पूरा खींचता हूँ और फिर ऊपर ले जाकर वापस खींचते रहता हूँ| दो मिनट तक ऐसा करने के कारण मेरे खुले मुंह में मौसी की चूचियों से निकलती दो दूध की मोटी धारें लगातार गिरती रहीं| मौसी: “चल दूधवाले….अब तू ज़ल्दी से एक लीटर वाली फ्लास्क में भी दूध दूह दे|” मुझे मौसी की चूचियां चूसने का मन करने लगा पर उसके पहले मुझे एक लीटर दूध दूहना था| मैं जल्दी से जल्दी दूध दूहकर मौसी की चूचियां चूसना चाहता था| मैंने एक लीटर के फ्लास्क को नज़दीक लाने के बजाये मौसी के स्तनों को पकड़ कर एक फुट से भी ज्यादा खींच दिया और दोनों चूचियां फ्लास्क की गर्दन के अन्दर घुसा दी| मौसी: “आह…शैतान दूधवाले…आह…तूने तो मेरे थनों को बहुत ज्यादा खींच दिया…आह…आह…|” मौसी के स्तनों के इतना खींचे होने के कारण ही चूचियों से दूध फ्लास्क में गिरने लग गया पर मैंने फिर भी स्तनों को गोलों के पास दबाना शुरू किया ताकि दूध और भी तेज़ी से गिरने लगे| जल्द ही फ्लास्क दूध से पूरी तरह भर गया| मौसी: “आह..प्रेम…अब तो सारे नाश्ते के बर्तन मेरे दूध से भर गए..अब इतना मत खींच अपनी मौसी के स्तन…|” मैं: “नाश्ते के बर्तन तो आपके दूध से भर गए पर मेरा मन नहीं भरा है अभी|” कहकर मैं ममी की पहले से ही खींचे स्तनों को और खींच दिया और मौसी की दोनों चूचियां अपने होठों के बीच रखकर दूध चूसने लग गया| मेरी मौसी का ससुर अस्पताल में भरती था| ससुर की बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी तो नहीं थी मुझे, बस इतना पता था कि मौसी के ससुर का शरीर कोई भी खाना पचा नहीं पा रहा था और इस कारण उसका शरीर बहुत कमज़ोर हो गया था| डॉक्टर मौसी और मौसी की सास से बात कर रही थी| डॉक्टर: “देखिये, हम मरीज़ को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं..पर मरीज़ को कुछ बी खिलाने या पिलाने की कोशिश नाकामयाब हो गयी है|” सास: “तो क्या मेरे पति को बचाने का कोई रास्ता नहीं?” डॉक्टर: “एक तरीका है पर मुझे शक है कि वो तरीका आपको मंज़ूर होगा या नहीं| आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |” सास: “आप बस सिर्फ बताइए डॉक्टर…अपने पति को बचाने के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ|” डॉक्टर: “इस में मुझे आप की नहीं…आप की बहु की मदद की ज़रुरत होगी|” मौसी: “ऐसा क्या है जो मेरी सास नहीं कर सकती है पर मैं कर सकती हूँ?” डॉक्टर: “मुझे झिझक हो रही है…देखिये मैं जानती हूँ कि ये सुनकर आपको बहुत ही अजीब लगेगा पर आपको ये समझना होगा कि अब हमारे पास कोई और रास्ता नहीं है|” मौसी: “बेझिझक कहिये, डॉक्टर| जो हमसे बन पड़ेगा वो हम करेंगे|” डॉक्टर: “आपको अपने ससुर को अपने स्तनों का दूध पिलाना होगा|” सास: “क्या..?” मौसी: “ये आप क्या कह रही हैं, डॉक्टर?” डॉक्टर: “मुझे पता था कि आप लोगों को ये तरीका पसंद नहीं आएगा|” सास: “पसंद कहाँ से आएगा…आप ये कह रही हैं कि मेरे पति को मेरी बहु का स्तन चूस कर दूध पीना होगा|” डॉक्टर: “मुझे पता है..मुझे पता है..पर कोई और तरीका सूझ नहीं रहा है..आप ने देखा ही है कि हमने आपके पता को सब कुछ खिलाने-पिलाने की कोशिश कर दी पर कोई असर नहीं हुआ|” सास: “ये नहीं हो सकता है….मैं अपनी बहु को ये करने के लिए नहीं कह सकती हूँ|” मौसी: “डॉक्टर, पर मेरे स्तनों में दूध तो है ही नहीं…मैं तो चाहकर भी किसी को स्तनपान नहीं करा सकती हूँ|” डॉक्टर: “हमारे पास ऐसी दवाएं हैं जो किसी भी मोटी औरत के स्तनों में झट से ढेर सारा दूध पैदा कर सकती हैं|” सास: “तो मुझे वो दवाएं दे दीजिये….मैं दूध पैदा करके अपने पति को पिलाऊंगी|” डॉक्टर: “आप खुद काफी कमज़ोर औरत हैं….वो दवा आपको और कमज़ोर कर देगी| ये दवाएं सिर्फ स्वस्थ और मोटी औरतों को ही दी जा सकती हैं|” मौसी: “मैं तैयार हूँ…अपने परिवार के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ|” सास: “ओह्ह बहु….मैं तुम्हारा शुक्रिया अदा कैसे करूंगी?” मौसी: “डॉक्टर, चलिए मुझे वो दवाएं दीजिये|” डॉक्टर: “आप मेरे साथ दूसरे केबिन में आइये|” दूसरे केबिन में मौसी जाती हैं| वहां डॉक्टर नर्स को बुलाती है| डॉक्टर: “नर्स, ज़रा मैडम को मिल्क-ऐड लिक्विड के इंजेक्शन दे देना|(मौसी से) नर्स आपको सब कुछ समझा देगी|” नर्स एक कम उम्र की लड़की थी| नर्स: “(धीरे से) फिर कोई मोटी औरत आ गयी दुधारू गाय बनने| मैडम, बिस्तर पर लेट जाइये…मैं अभी दवा लेकर आती हूँ|” मौसी बिस्तर पर लेट जाती हैं| मौसी की साड़ी के अन्दर से ही मौसी के विशालकाय स्तनों का आकार साफ़ पता चलते रहता है| नर्स ने जैसे ही मौसी को लेटे देखा और मौसी के विशालकाय स्तनों को देखा वो चौंक गयी| नर्स: (मन ही मन) इस औरत के स्तन तो बहुत ही बड़े हैं…आज तक मैंने इतने विशालकाय वक्षों वाली औरत नहीं देखी| इसके स्तनों के तो मैं बहुत मज़े लूंगी|” नर्स हाथ में एक डब्बा लिए मौसी के बिस्तर के पास आती हैं| नर्स: “मैडम, आपको आपके स्तन उघाड़ने होंगे| ये इंजेक्शन आपके स्तनों में लगेंगे|” मौसी ने अपनी हरी साड़ी का पल्लू अपने हरे ब्लाउज के ऊपर से हटाया| नर्स: “ओह्ह मैडम, इतने बड़े स्तन|” मौसी झेंप गयीं और मौसी ने अपने हांथों से अपने ब्लाउज को ढंकने की नाकाम कोशिश की| नर्स: “मैडम, क्यों शर्मा रही हैं..मेरे पास इन चीज़ों के लिए समय नहीं है? चलिए जल्दी से अपने स्तन उघाड़ दीजिये…नहीं तो मैं अगली औरत को बुला दूँगी|” मौसी ने अपने ब्लाउज के अन्दर अपनी उंगलियाँ डाली और अपने ब्लाउज को अपनी उजली ब्रा समेत अपने स्तनों के ऊपर खींच दिया| नर्स: “ओह्ह मैडम…आपके स्तन ना सिर्फ बड़े हैं बल्कि काफी खूबसूरत भी हैं| ओह्ह..आप फिर शर्माने लग गयीं….|” मौसी: “मेरे स्तन एक अनजानी औरत के सामने नंगे हैं तो मुझे शर्म आएगी ही| अब तुम जल्दी से मेरे स्तनों में इंजेक्शन लगाओ…तुम्हारे लिए दूसरी औरतें इंतज़ार कर रही होंगी|” नर्स मौसी के ऐसे व्यवहार से गुस्से में आ गयी| उसने झट से ही दो बड़े इंजेक्शन निकाले और उन दोनों में बीस-बीस मिलीलीटर मिल्क-ऐड भर दिया| नर्स: “(मन ही मन) बहुत तेज़ बन रही है| इसे चार गुना डोज़ दे देती हूँ…डेरी गाय बन जायेगी ये|” कह कर नर्स ने दोनों इंजेक्शन मौसी के एक-एक स्तनों की नीली नस में दे दिए| मौसी उठ कर अपने स्तनों को अपनी ब्लाउज से ढंकती है और साड़ी का पल्लू कंधे पर रख देती हैं| मौसी को कमरे से बाहर जाते देख नर्स के चेहरे पर कुटिल मुस्कान थी| नर्स: “इसने मुझे इसके स्तनों के मज़े नहीं लेने दिए….मैंने इसे इतना डोज़ दे दिया है कि ये नकचढ़ी औरत गायों की तरह दूध पैदा करने लगेगी और धीरे-धीरे इसके स्तनों का आकार भी हल्का-हल्का बढ़ने लगेगा|” मौसी अपने ससुर के कमरे में आई| कमरे के अन्दर मरीज़ के साथ मौसी की सास और डॉक्टर थे| सास: “बहु, दवा का कुछ असर हुआ है क्या?” मौसी: “ओह्ह…मेरे स्तन दूध से पूरी तरह भर गए हैं|” सास: “बहुत अच्छे, बहु| अब तू जल्दी से अपने ससुर को दूध पिला| चलिए डॉक्टर|” सास और डॉक्टर कमरे से उठकर चले गए और मौसी ने कमरे की कुण्डी लगा दी| डॉक्टर: “(बाहर जाते-जाते मन-ही-मन) अगर पांच मिलीलीटर का डोज़ लिया होता इसने तो जितना इसके स्तनों का साइज़ है, इसे चार घंटे लगते दूध से भरने में…पर इसके स्तन तो एक घंटे में ही भर गए…लगता है नर्स ने गुस्से में आकर इसे ओवरडोज़ दे दिया|” कमरे के अन्दर मौसी अपने ससुर के बिस्तर पर बैठ जाती हैं| मौसी अपने कमज़ोर ससुर के सर को उठाकर अपनी गोद में रख देती हैं| मौसी: “मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन मेरा ससुर मेरे दूध से भरे स्तनों को चूस रहा होगा|” मौसी ने सोचा था कि मौसी उस कमरे में अकेली थी मगर मैं उस कमरे के अटैच्ड बाथरूम में नहा रहा था| मौसी ने जैसे ही अपनी हरी साड़ी का पल्लू अपने कंधे से हटाकर बिस्तर पर गिराया, वैसे ही मैं बाथरूम से बाहर निकला| मौसी के हरे ब्लाउज में मौसी के तने हुए भारी स्तनों को देखकर मैं हतप्रभ रह गया| मेरी आवाज़ जैसे मेरे गले में अटक गयी हो| मौसी: “ये दवा कितना तेज़ असर की है….एक घंटे के अन्दर ही मेरे दोनों स्तन दूध से लबालब भर गए हैं| [मैं: “ मौसी के स्तनों में दूध…पर मौसी ने तो काफी पहले अपने दोनों बच्चों को दूध पिलाना बंद कर दिया था| और ये कौन सी दवा की बात कर रही हैं?] अब मुझे ज़ल्दी से दूध पिलाना होगा नहीं तो अत्यधिक दूध के दबाव से मेरे स्तन दर्द करने लगेंगे| डॉक्टर ने कहा था कि ससुर को बचाने का बस एक ही रास्ता है कि उसे स्तनों का दूध पिलाया जाए| [मैं: “तो इसका मतलब कि मौसी दूध पैदा कर रही हैं] चलो अब ज़रा अपने स्तन को उघाडा जाए|” मौसी ने अपने ब्लाउज के अन्दर अपनी उँगलियाँ डाली और ब्रा समेत अपने स्तनों के ऊपर खींचने की कोशिश की पर ब्लाउज अटक गयी| मौसी: “ये क्या हुआ..अभी तो घंटा भर पहले ब्लाउज ढीली हो रही थी पर अब टाइट हो रही है| (मौसी ने फिर अपनी हरी ब्लाउज के हुक नीचे से खोलने शुरू किये…तीन हुक खोलने के बाद मौसी ने अपनी ब्लाउज के पल्लों को अपने स्तनों के ऊपर खींच दिया) मेरी चोली के अन्दर भी मेरे स्तन पहले से ज्यादा भरे हुए लग रहे हैं|” [मैं: “ओह्ह क्या भारी ब्रा है मौसी की!”] मौसी ने फिर अपने हाथ से अपने ससुर का मुंह खोला और फिर अपने दांये हाथ को अपनी ब्रा के बांये फ्लैप के अन्दर घुसाकर बांया स्तन बाहर निकाल दिया| ब्रा के दबाव से छूटते ही मौसी का बांया स्तन तेज़ी से झूलने लग गया| [मैं: “मौसी का स्तन तो ब्रा के अन्दर जितना बड़ा दिखता है, खुले में तो वो उससे भी बड़ा है|”] मौसी ने अपने नंगे बांये स्तन को बांये हाथ में पकड़ा और अपने ससुर के खुले मुंह में घुसा दिया| ससुर ने अपना मुंह बंद किया पर बहुत धीरे-धीरे दूध चूस रहा था| मौसी: “मेरे ससुर कितने कमज़ोर हो गए हैं कि दूध भी ढंग से नहीं चूसा जा रहा है इनसे| मैं ही अपने स्तन को हल्का-हल्का दबा कर दूध का बहाव तेज़ करती हूँ|” मौसी धीरे-धीरे अपने बांये स्तन को गोले के पास अपने बांये हाथ की उँगलियों से दबाने लग गयी और अपने दांये स्तन को ब्रा के ऊपर से | मेरी धड़कन बहुत ही तेज़ हो गयी थी| मैं बहुत ही धीमे क़दमों से मौसी की तरफ बढ़ने लगा और मुझसे बिस्तर के पास शेल्फ के ऊपर रखी गिलास छिटककर ज़मीन पर गिर गयी और गिरने की आवाज़ के कारण मौसी की नज़र मेरी तरफ आ गयी| मौसी: “प्रेम….तू इस कमरे में कैसे आया?” मैं: “(डरते-डरते)..मौसी, मैं नहा रहा था|” मौसी: “शैतान बच्चे…तू कितने देर से मेरी जासूसी कर रहा है? तुझे सजा मिलेगी इस शैतानी की…..अपनी मौसी के नंगे शरीर के मज़े ले रहा है तू|” मैं: “मौसी, मुझे माफ़ कर दीजिये| मौसी, मेरा इरादा कभी ऐसा नहीं था|” मौसी: “झूठे…अभी तेरी माँ से तेरी शिकायत करती हूँ…|” मैं: “(मेरा चेहरा डर और शर्म के मारे लाल हो गया था) मौसी, प्लीज…मैं जान-बूझ कर ये सब नहीं कर रहा था|” मौसी: “(मन ही मन) {मेरा बांया स्तन तो मेरा ससुर चूस रहा है पर दांये स्तन में तो दूध की मात्रा बढती ही जा रही….प्रेम से ही चुसवाती हूँ अपने स्तन}| चल मान ली तेरी बात कि तू जान-बूझ कर अपनी मौसी के नंगे स्तनों को नहीं देख रहा था| पर तुझे ऐसे नहीं छोडूंगी मैं…तुझे मेरी दो शर्तें माननी होंगी|” मैं: “थैंक्स मौसी, मैं आपकी हर शर्त मानने को तैयार हूँ|” मौसी: “ठीक है..पहली शर्त ये कि किसी को ये पता नहीं चलना चाहिए कि मैं तेरे नाना को अपने स्तनों का दूध पिला रही हूँ| समझा…ये बात तू किसी को भी नहीं बताएगा..|” मैं: “ओके मौसी…मैं किसी से भी नहीं बोलूँगा|” मौसी: “और मेरी दूसरी शर्त है…|” तभी मौसी के ससुर के मुंह में से मौसी की चूची निकल जाती है| मेरी नज़र फिर से मौसी के नंगे स्तन पर चली जाती है| और इस बार नज़दीक होने के कारण मौसी का स्तन मुझे साफ़-साफ़ दिख रहा था| मैंने नज़र हटाई पर फिर मेरी नज़र वापस से मौसी के स्तन पर चली गयी| मौसी के विशालकाय स्तन की स्किन बहुत ही सफ़ेद और चिकनी थी और स्तन के आगे बड़ा सा गोला और मोटी सूजी हुई गहरी भूरी चूची जिसके छेद पर दूध की एक बूँद बन रही थी| मौसी ने झट से अपने बांये स्तन को अपने बांये हाथ में पकड़कर अपने ससुर के खुले मुंह में डाल देती हैं| मैं उत्सुकतावश अब नजरें गड़ा कर मौसी के बांये स्तन को देख रहा था| ससुर धीरे-धीरे दूध चूसने लगता है और मौसी अपना बांया स्तन धीरे-धीरे दबाने लगी| मैं: “ओह्ह मौसी, आपके स्तन..|” मौसी: “शैतान बच्चे..तू फिर से मेरे नंगे स्तन को देखने लग गया|” मैं: “मौसी, मैं क्या करूँ…आपके स्तन इतने बड़े हैं और इतने सुन्दर हैं…मैं अपनी नजरें हटाता हूँ पर फिर भी मेरी नज़रें वापस आपके स्तन पर चली जाती हैं|” और कहकर मैं अपना सर झुका लेता हूँ| मौसी: “ओह्ह, मेरा बच्चा…तू आकर अपनी मौसी के पास बैठ| (मौसी बिस्तर पर हाथ से इशारा करती है) आ बैठ यहाँ|” मैं: “नहीं मौसी, मैं आपके पास बैठूंगा तो फिर खुद को आपके स्तन को देखने से नहीं रोक पाऊँगा..और आपको बुरा लगेगा|” मौसी: “नहीं बुरा लगेगा…चल आ बैठ मेरे पास|  आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | (जब मैं अभी भी मौसी के पास नहीं बैठा तो मौसी ने अपने दांये हाथ की उँगलियाँ अपनी ब्रा के दांये फ्लैप में घुसा दी) ले प्रेम..तेरी मौसी..अपना दूसरा स्तन भी चोली से बाहर निकल रही है…(मेरी नज़र ऊपर गयी तो मैंने देखा कि मौसी अपनी ब्रा का दांया फ्लैप भी अपने दांये स्तन के ऊपर खिसका रही थी) अब तो आजा बेटा मेरे पास|” मैं झिझकते-झिझकते मौसी के पास जा कर बैठ गया और नज़रें गड़ा कर मौसी के दोनों नंगे स्तनों को देखने लगा| मौसी: “प्रेम…मौसी ने तुझे अपने नंगे स्तन दिखाए न..अब तुम्हें मेरी मदद करनी होगी|” मैं: “बोलिए मौसी…अगर मेरे बस में हुआ तो मैं ज़रूर करूंगा|” मौसी: “तेरे ही बस में है, प्रेम| मेरे दोनों स्तन दूध से पूरी तरह भरे हुए हैं…तेरे नाना को तो मैं एक स्तन का दूध पिला रही हूँ पर ये जितने समय में मेरे स्तनों से थोडा-सा दूध पियेंगे उतने समय में तो मेरे स्तनों में उससे ज्यादा दूध पैदा हो जायेगा| तू समझ रहा है न प्रेम|” मैं: “पर मौसी…आपके स्तनों में दूध कैसे पैदा होने लगा?” मौसी: “तेरे नाना को बचाने के लिए मैंने अपने स्तनों में दो इंजेक्शन लगवाएं हैं जिससे मेरे स्तनों ने दूध पैदा करना शुरू कर दिया| पर मेरे स्तनों में इतनी तेज़ी से दूध पैदा होगा..ये तो मैंने सोचा भी नहीं था| और कुछ देर में मेरे स्तन अत्यधिक दूध होने के कारण दर्द करने लगेंगे| और मुझे इस दर्द से बस तू ही बचा सकता है|” मैं: “ओह्ह मेरी मौसी|” मौसी: “ (अपने दांये हाथ में अपने दांये स्तन को पकड़ चूची को मेरे होठों के सामने लाते हुए)…हाँ प्रेम…अपनी मौसी के स्तनों का दूध पीना होगा तुम्हे…ये ले प्रेम…अपनी मौसी की चूची को अपने होठों के बीच में रख के चूस| (मैंने मौसी के दांये स्तन को अपने दोनों हाथों में पकड़ा और मौसी की दांयी चूची को अपने होठों के बीच लेकर हल्का-हल्का दबाने लगा….चूची से दूध तुरंत ही निकलने लगा) मेरा बच्चा..प्रेम…मेरा दूध चूसो|(मैं दो मिनट तक मौसी की दांयी चूची को होठों से धीरे-धीरे चूसकर दूध पीता रहा और फिर मैंने चूची छोड़ दी) क्यों रे प्रेम, कैसा है तेरी मौसी के दूध का स्वाद?” मैं: “बहुत ही मीठा दूध है, मौसी|” मौसी: “अगर इतना मीठा है मौसी का दूध, तो और दूध पी न|” मैं फिर से मौसी की दांयी चूची को अपने होठों के बीच में लेकर धीरे-धीरे दबाने लगा| दो-दो मिनट के अंतराल पे मैंने मौसी की चूची मुंह से निकाली और फिर से चूची को होठों के बीच लेकर धीरे-धीरे चूसने लगा| दस मिनट तक इसी तरह मैं दूध चूसता रहा| उसके बाद मौसी के ससुर ने मौसी की बांयी चूची चूसनी बंद कर दी| मौसी: “लगता है मेरे ससुर का पेट भर गया| दूध पीकर ये तो सो गए| चल प्रेम अब तू भी चूची छोड़ दे..मुझे बिस्तर से उठने दे|” पर मैंने मौसी की चूची चूसनी बंद नहीं की| मौसी के दो-तीन बार कहने पर भी मैंने मौसी की चूची चूसनी बंद नहीं की| मौसी: “ओह्ह..मेरा बेटा..मैं तुझे अपना दूध पीने से रोक थोड़े ही रही हूँ| मैं तो बस इतना ही कह रही हूँ कि इस बिस्तर से उतर कर हम दोनों नीचे चटाई पर सो जाते हैं| फिर तू जितनी देर चाहे मेरा दूध पीते रहना|” मौसी की बात सुनकर मैंने मौसी की दांयी चूची छोड़ दी| मौसी बिस्तर से उठी तो मौसी के दोनों स्तन झूलने लग गए| मौसी नीचे चटाई पर लेट जाती है और अपनी साड़ी से अपनी बांयी चूची को पोछने लगती है| मैं भी मौसी के शरीर से चिपक कर लेट जाता हूँ| मौसी: “ले प्रेम…अब तू अपनी मौसी की बांयी चूची से भी दूध चूस|” मैं घर में अकेले था और दोपहर के तीन बज रहे थे| मौसी सुबह सात बजे ही घर से निकल गयीं थी और अभी तक नहीं लौटी थीं| मैं: “मौसी के बिना घर में मन नहीं लगता है…मौसी रहती हैं तो हर कुछ देर पर मौसी के स्तनों का दूध चूसने लगो|” तभी दरवाज़े की घंटी बजती है| मैं: “मौसी तो ऐसे घंटी नहीं बजाती हैं…देखूं ज़रा कौन आया है?” दरवाज़ा खोला तो देखा कि मौसी का देवर परेशान खड़ा था| मैं: “अरे मौसा..कैसे हैं आप? परेशान लग रहे हैं|” देवर: “हाँ प्रेम, बहुत परेशान हूँ यार|” मैं: “क्या हुआ, मौसा?” देवर: “प्रेम, तुझे तो पता है कि मेरी दुकान पर सारे लोग सिर्फ बिस्कुट खाने आते हैं|” मैं: “हाँ, मौसा| मौसी को भी आपके बिस्कुट बहुत पसंद हैं|” देवर: “पर प्रेम, ये बिस्कुट सिर्फ दूध के साथ ही अच्छे लगते हैं|” मैं: “हाँ तो…अच्छा अब समझ में आया…आज दूध वालों की हड़ताल है और इसीलिए आपके दूकान में दूध नहीं आया होगा|” देवर: “हाँ प्रेम…अगर दूध रहेगा नहीं तो फिर बिस्कुट भी नहीं बिकेंगे| इसीलिए मैं दोपहर को दुकान बंद करने के बाद से हर जगह दूध ढूंढ रहा हूँ|” मैं: “कहीं मिला आपको दूध|” देवर: “नहीं प्रेम…कहीं भी दूध नहीं है…एक कैन दूध की ही ज़रुरत है मुझे..वो भी नहीं मिला|” तभी दरवाज़े पे घंटी बजती है| मैं: “मौसी आ गयीं|” दरवाज़ा खोलते ही मौसी को देखते मुझे पता चल गया कि मौसी बहुत परेशानी में हैं| मौसी झट से अपने कमरे की तरफ जाने लगी| मौसी: “प्रेम..तू झट से मेरे कमरे में आजा दरवाज़ा बंद करके|” मैं: “मौसी,आपके देवर आये हुए हैं|” मौसी: “अरे, आज भूले-भटके यहाँ कैसे आ गए तुम?” देवर: “कुछ नहीं भाभी..दूध ढूंढ रहा था कहीं मिला ही नहीं…हड़ताल के कारण…अब ऐसा लग रहा है कि आज दुकान में कोई बिक्री नहीं होगी| पूरी तरह थक गया हूँ…सोचा ज़रा दो-ढाई घंटे सो लूं|” मौसी: “अच्छा एक बात बताओ…कितने दूध की ज़रुरत है तुमको? हो सकता है मैं इंतज़ाम करवा दूं|” देवर: “ (एकदम से खुश होकर) क्या आप वाकई में मेरी मदद कर सकती हैं, भाभी?” मौसी: “कर तो सकती हूँ..पर मुझे क्या मिलेगा?” देवर: “(कुछ देर सोचने के बाद) आज मेरा जितना भी मुनाफा होगा..उसके आधे पैसों का मैं आपको बिस्कुट भेज दूंगा…प्लीज भाभी..मेरी मदद कीजिये|” मौसी: “और कितना दूध चाहिए तुझे?” देवर ने खाली कैन उठाकर दिखाया| देवर: “भाभी..ये बीस लीटर का कैन है..इतने दूध में मैं आराम से चार सौ प्लेट बिस्कुट बेच सकता हूँ|” मौसी: “तो मुझे लगभग दो हज़ार के बिस्कुट लाकर देगा तू..बुरा ऑफर नहीं है| चल तू बगल वाले कमरे में जाकर सो जा..मैं और प्रेम तेरे लिए दूध का इंतज़ाम करते हैं|

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