हाए पापा और चाटो ना

मैं अपने मामा के घर गयी हुई थी. मेरे मामा की लड़की नीता की शादी होने वाली थी. मैं नीता दीदी के साथ ही लगी रहती थी. दीदी 20 साल की थी. मामा की सिर्फ़ एक यही लड़की थी. मामी अभी करीब ४१ साल की और मामा ४४ के थे. मैं और दीदी नीचे बैठे थे कि तभी मामा बाहर से आए और ऊपर अपने रूम मैं चले गये. उनके आते ही दीदी भी ऊपर चली गयी. दोपहर का समय था मैने सोचा कि मामा को खाना खिलाने गयी होगी. मैं वही सोफे पर बैठी न्यूज़  पेपर देखती रही और दीदी की वापसी का वेट करने लगी. 15 मिनिट हो गये पर नीता दीदी वापस नही आई. मैं अकेले बोर हो गयी तो दीदी को बुलाने के लिए ऊपर गयी. मामा के कमरे से कुच्छ अजीब तरह की आहट आई मुझे लगा दीदी ऊपर के कमरे मैं है. मैं उस रूम के पास गयी तो कमरे के दरवाज़े और विंडो बंद थी. मेरे मॅन मैं शंका हुई. अंदर कमरे मैं मामा दीदी के साथ थे. उनकी दबी दबी आवाज़ कान मैं पड़ी. मंन ने कहा दीदी और मामा कमरे मैं दरवाज़े बंद करके क्या कर रहे हैं. मैं विंडो मैं अंदर देखने के लिए दरार तलाश करने लगी. दरार मिली तो अंदर देखा तू साँप सूंघ गया. मैं सन्न रह गयी . अनोखा सीन था. पहले तो यकीन नही हुवा पर सच तो सामने था. मामा और दीदी जो कर रहे थे उससे गुदगुदी होने लगी. मैं भी बड़ी हो गयी थी. दीदी और मामा की इस हरकत का असर तन और मन पर पड़ा. पहले खराब लगा पर फिर देखने मैं मज़ा आया. नीता दीदी मामा के सामने नंगी खड़ी थी और मामा उनकी एक चूची को हाथ से दबाते हुवे दूसरी चूची के निपल को मुँह से चूस रहे थे. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | नीता दीदी प्यार से आँख बंद किए अपनी बड़ी बड़ी चूचियों हाथ मैं पकड़ बड़ा बढ़ा कर चुस्वा रही थी. हमको हर साँस के साथ मज़ा आने लगा और मैं चुपचाप दोनो की हरकत देखने लगी. कभी सोचा भी नही था कि सगा बाप अपनी सग़ी बेटी के साथ ऐसा कर सकता है पर जो सच था उससे मेरी गदराई चूत और चूचियों मैं खुमारी भरने लगी थी. तभी नीता दीदी ने कहा, “हाए पापा अब चाटो.” तब मामा ने चूचियों से मुँह अलग किया तो दीदी चेर पर बैठी और गोरी गोरी टाँगो को चेर के हॅंडल पर रख फैलाया और अपनी जवान चूत को उंगली से खोल दिया. मैं नीता दीदी की चूत और चूचियों को देखकर मस्त थी. उनकी चूत तो मामी के साइज़ की एकदम किसी औरत की सी थी. चूचियाँ भी बड़ी थी. मुझे समझते देर नही लगी कि वह अपने बाप से बहुत मज़ा ले चुकी है. मामा आगे बैठे और जीभ को दीदी के फैलाए गये दरार मैं चलाते हुए मस्ती के साथ चाटने लगे और नीता दीदी सिसकारी लेती चूतड़ उठा उठाकर अपने बाप को चूत चटाने लगी. नीता दीदी की इस कामलीला को देखने मैं काफ़ी मज़ा आ रहा था. मैं भी अपनी सयानी चूत को चटवाकर मज़ा लेने के लिए बहकने लगी. अब वहाँ से हटने का मंन नही था. अपने आप दीदी को मामा से चुदवाइ मज़ा लेते देखने को मन बेकरार हो गया. बात समझ मैं आ गयी थी की मामा ने ही चोद चोद्कर नीता दीदी को 18 साल मैं ही लौंडिया से औरत बना दिया है. चोदने से दीदी की चूत और चूचियाँ मामी के साइज़ की हो गयी हैं. हमे देखने मैं ही बड़ा मज़ा आ रहा था. मेरी गदराई चूची और चूत दोनो एक साथ दीदी की तरह शादी से पहले मर्द से मज़ा लेने के लिए खुजलाने लगी. मैं चूत को रानो मैं दबा देखने लगी. तभी दीदी ने सिसकारी ले कहा, “हाए हाइपापा मेरी शादी रोक दीजिए. मैं आपको छोड़कर नही जाउन्गि. हमको ऐसा मज़ा नही मिलेगा वाहा पर.” इसपर मामा ने दीदी की चूत चाटना बंदकर मस्ती के साथ खड़े होकर अपनी लूँगी को खोला तो मैं मामा के लंबे मोटे और फूले सूपदे वाले लंड को देखकर गदगद हो गयी. मामा का किसी डंकी की तरह था. मामा खड़े खड़े चेयर पर पैर फैलाकर बैठी दीदी के कंधे पर हाथ रखकर प्यार से बोले, “अरे बेटी फ़ौरन बुला लूँगा. शादी के बाद तू जी भरकर हमसे चुदवाना. अभी तो बच्चा ना हो इसलिए पानी अंदर नही गिराते. जब पानी गिरता है तभी असली मज़ा आता है. अब पानी चूत मैं ही निकाला करेंगे.” “नही पापा हम नही जाएँगे.” “घबराओ नही दूसरे दिन ही बुलवा लूँगा. मुझे भी तुम्हारे बिना चैन नही आएगा. आकर बताना उसका किस साइज़ का है. चूतड़ उठाओ.” दीदी ने प्यार से चूतड़ उठाया तो मामा अपने मोटे लंड के सुपाडे को नीता दीदी की चूत के फाँक पर रगड़ने लगे. मैं अपनी चूत को शलवार के ऊपर से दबाती मज़े से भर मामा को मस्ती से खड़े खड़े दीदी की चूत मैं डालते देखने लगी. फिर मोटे लंड को दीदी की चूत मैं सक्क सक्क आते जाते देख मैं खुद को भूलने लगी. अब मामा प्यार से अपनी बेटी को चोद रहे थे | आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | और दीदी चुदवाते हुवे सिसकारी ले रही थी. ऊन्दोनो ने 10 मिनिट तक चुदाई की फिर दोनो झाड़ गये तो कपड़े पहनते हुवे मामा ने कहा, “नीता बेटी?” “हां पापा.” “सावित्री भी पूरी जवान हो गयी है.” “हां पापा सोलह साल की है.” “खूब गदराई है. हमे लगता है किसी से फँसी है.” “नही पापा. उसके पापा उसे मज़ा नही देते होंगे.” दीदी अपने पेटिकोट को बाँधती बोली. अपने बारे मैं मामा के मुँह से इस तरह की बाते सुनकर मुझे बुरा ना लगकर बड़ा अच्छा लगा. तभी मामा ने कहा, “तुम घबराना नही बेटी. शादी के बाद भी तुमको अपने पास रखूँगा.” “जी पापा मैं आपसे ही चुदवाउन्गि.” “वैसे नीता माल तो सावित्री का भी कोरा लगता है.” “हां पापा अभी किसी से करवाया नही है.” “सावित्री को थोड़ा इधर उधर करो. घर का माल है अगर मज़ा पा गयी तो आसानी से चखाएगी.” “ठीक है पापा.” “बेटी चूत दर्द तो नही कर रही है?” “नही पापा. आज तो बहुत मज़ा आया मेरा तीन बार निकला. पापा रात को फिर?” “हां हां क्यों नही बेटी. रात मैं तुम्हारी चूत मैं ही पानी डालेंगे पर सुहागरात मैं उससे भी खूब चुदवाना.” “ठीक है पापा.” फिर वी दोनो बाहर आने लगे तो मैं भागकर बाथरूम मैं घुस गयी. मामा हमको भी चोदना चाहते हैं, यह जानकार मैं बेचैन हो गयी. ममेरी बहन को अपने बाप से ही जवानी का मज़ा लेते देखकर मैं एकदम से जवान हो गयी. मैं पेशाब किया तो लगा कि पेशाब के साथ कुच्छ निकल रहा है. मैं सोलह की हो चुकी थी. दीदी की चूत पर बाल थे पर मेरी अभी रोयेदार थी और चूचियाँ भी दीदी की हाफ थी. मूत कर चड्डी चड़ाया तो लगा निपल तन गये हैं. अपने बारे मैं हुई दोनो की बाते रस घोल रही थी. दीदी चुदने के बाद सोने चली गयी थी. सच है जहाँ चाह वाहा राह. दो बजे थे. मैं आँख बंद किए दोनो की चुदाई को याद करती सोच रही थी कि वी रात को फिर मज़ा लेंगे. मामा का केला याद आ रहा था. मैं अपनी चूत सहला रही थी पर बेचैनी बढ़ गयी तो करीब 1 घंटे बाद उठी और अपना सबकुच्छ मामा पर लुटाने को तैय्यार हो गयी. फिर बाथरूम मैं जाकर पेशाब किया और वापस आ दीदी को सोता देख कुच्छ सोचा. मंन ने रोका पर जवानी की गर्मी ने बेबस कर ही दिया. मैने सोचा कि मामा तो कमसिन चूत के शौकीन है. जब अपनी लड़की को चोद्कर बेटीचोड़ बन सकते है तो मुझे क्यों नही चोदेन्गे. पता नही दीदी कब मुझे फँसाए, एक महीना है खुद मामा से काम बना लो. यह सोच चिकना बदन सनसनने लगा. चूत ने कव्वे(क्लिट) बाहर निकाल दिया. मैं प्लान बना ऊपर गयी. मामा लूँगी बनियान मैं थे. मस्तराम डॉट नेट पर पढ़े रोज नयी नयी चुदाई की कहानियाँ | नानवेज चुटकुले | भुतही कहानियाँ जिस चेर पर दीदी को चोदा था वह एक ओर पड़ा था. मामा दूसरी तरफ करवट लिए थे. मैं मामा के पास गयी और पेट को दबा दर्द का बहाना करती उनको जाल मैं लेना था. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | यह एक स्टोरी मैं देखा था जिस्मै एक 20 साल की जवान लड़की पेट दर्द के बहाने अपने भाई से मज़ा लेती थी. मुझे ज़राभि शरम नही थी. मुझे भी दीदी की तरह शादी से पहले मज़ा लेना था. मैं बहाना करती कराहती हुई बेड पर ज़ोर से बैठ हाए हाए करने लगी तो मामा जल्दी से उठ मुझे देख परेशान हो गये. मैं जानती थी कि ऐसा मस्त माल पास देख मामा मौके का फयडा उठाएँगे. “हाए मामा पेट दर्द और बेड पर चित लेती तो दोनो चूचियाँ शमीज़ मैं खिल उठी. दोनो के निपल खड़े थे. मामा मेरी ओर झुक बोले, “दर्द है डॉक्टर बुलाएँ?” मामा का हाथ मेरे चिकने पेट पर था तो मैं उनका हाथ अपनी जाँघ की ओर करती बोली, “ओह मामा दर्द.” “तेज़ दर्द है?” मामा मेरी चूचियों को घूरते हुवे बोले. वो लाल हो गये और मैं मस्त हो टांगे मोड़ दोनो चूतड़ दिखाती बोली, “हाए मम्मी.

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