दोस्तों मै राहुल आज एक काल्पनिक कहानी लिख रहा रहूँ इसमें कोई सच्चाई नही है बस मजे के लिए लिख रहा हूँ आशा करता हूँ मेरी सभी कहानियो की तरह ए कहानी को भी पसंद करेगे | ये कहानी है एक १९ वर्षीय लड़के की जिसने अपने घर में अपनी ही माँ की चूत की चुदाई कर डाली।
पंद्रह साल का गुड्डू अपने माँ-बाप और दो छोटे भाइयों के साथ बम्बई के झोपड़पट्टी में रहता था। उसका बाप दिन भर कचरा चुनता था और सारी कमाई दारू पर उड़ा देता था। उसकी माँ भी दिन भर दुसरे के घरों में बर्तन सफाई का काम करती थी और वो भी रात में दारु पी कर सो जाती थी। किसी तरह से घर चल रहा था। गुड्डू भी कचरा चुन कर कुछ कमा लेता था। वो भी अपने माँ बाप की तरह अय्याश निकल गया था। जो कमाता था उसका वो सिगरेट और गुटका का सेवन करता था। वो अक्सर अपने दोस्त के घर पर ब्लू फिल्मे भी देखने लगा था। घर पर तो कोई रोकने-टोकने वाला था नहीं। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | एक रात जब वो अपने दोस्तों के घर से ब्लू फिल्म देख कर अपने झोपडी में लौटा तो उसका ध्यान फिल्म के चुदाई वाले सीन पर ही था। वो अपने दोस्त के साथ उसके घर पर ही खाना खा कर आया था। घर पर पहुँचने पर उसने देखा कि बापू का कोई अता – पता नहीं है। उसकी माँ ने सिर्फ लो कट की ब्लाउज और पेटीकोट पहन रखी थी और वो दारू पी रही थी। उसकी ब्लाउज सामने से लगभग खुली हुई थी सिर्फ एक बटन के सहारे किसी तरह उसके स्तन को छिपाने का काम कर रहे थे. और उसकी पेटीकोट उसके जाँघों के काफी ऊपर तक चढ़े हुए थे. उसकी माँ का ये रूप गुड्डू ने कोई पहली बार नहीं देखा था. कई बार तो उसने अपनी माँ को शराब के नशे में धुत हो कर अपने सभी वस्त्र खोलते हुए पूरी नंगी होते हुए देखा था. गुड्डू के लिए अपनी माँ के खुले स्तन और चूत देखना कोई आश्चर्य की बात नहीं रह गयी थी. आज उसका फिर से अपनी माँ को नंगा देखने का मन करने लगा.
उसने अपनी माँ से पूछा – बापू कहाँ है?
उसकी माँ ने नशे में कहा – साला गया है अपने यारों के साथ मस्ती करने। कल आएगा।
गुड्डू ने अपने सरे वस्त्र खोल दिए और सिर्फ अंडरवियर पहन कर अपनी माँ के पास लेट गया.
गुड्डू की माँ ने गुड्डू से पूछा – तू कहाँ गया था?
गुड्डू – फिल्म देखने।
उसकी माँ ने नशे में कहा – कौन सी फिल्म देखने चला गया था? मुझे भी कहता मैं भी जाती तेरे साथ।
गुड्डू – वो फिल्म तेरे देखने के लायक नहीं है.
उसकी माँ – क्यों? जब तू देख सकता है तो मैं क्यों नहीं?
गुड्डू ने बेझिझक कहा – अब तुझे कैसे समझाऊं? उसमे नंगी औरतें और नंगे मर्द रहते हैं। औरतों के देखने लायक नहीं है। गंदे सीन होते हैं.
उसकी माँ – गंदे गंदे सीन का क्या मतलब?
गुड्डू – मतलब नंगे लड़के और नंगी लड़की उसमे वही काम करते हैं जो तू और बापू रात में करते हैं।
उसकी माँ – ओ तो तू चोदा – चोदी वाली फिल्म देख कर आ रहा है..?
गुड्डू – हाँ, चुदाई वाली फिल्म।
गुड्डू जानता था कि उसकी माँ को ये बात पता है कि उसके आसपास के सभी बच्चे ब्लू फिल्म (चुदाई वाली फिल्म) देखते हैं। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
माँ – अच्छा एक बात बता..क्या उसमे मर्द किसी औरत को चोदते हुए दिखता है क्या?
गुड्डू – हाँ।
माँ- और क्या दिखाता है?
गुड्डू का लंड खडा हो रहा था. उसने अपने अंडरवियर के ऊपर से ही आने लंड को दबाते हुए कहा – उसमे मर्द औरत की चूची को खूब चूसता है. लड़की की सिसकारी निकल जाती है.
माँ – हिरोइन की चूची भी देखते होगे।
गुड्डू – हाँ, हिरोइन पूरी तरह से बिना कपडे के रहती है. सब कुछ दिखता है।
माँ- बड़े बेशर्म लोग होते हैं ना सिनेमा वाली लड़की-लड़का.
गुड्डू – अरे नहीं माँ. इसमें बेशर्मी कैसी? यही तो मजा है. वैसे एक बात पूंछू तेरे से?
माँ – हाँ पूछ ना.
गुड्डू – लड़की की चूची चूसते समय लड़की और लड़का सिसकारी क्यों भरती है?
माँ – लड़का लड़की के चूची के निपल को जब चूसता है तो लड़की की काफी मजा आता है इसलिए वो मजे से सिसकारी भरने लगती है इसलिए लड़का भी सिसकारी भरने लगता है.
गुड्डू – लेकिन जब बच्चा अपनी माँ का दूध पीता है तो उस समय वो माँ सिसकारी क्यों नहीं भरती?
माँ – अरे बच्चे के द्वारा निपल चुसना और बड़े के द्वारा निपल चूसने में काफी फर्क है.
गुड्डू – फर्क कैसा?
माँ – देख जब तू बच्चा था और जब मेरा दूध पीता था तो मुझे कुछ नहीं होता था लेकिन अब तू मेरी निपल चुसेगा तो तो मेरे अन्दर से भी सिसकारी निकलने लगेगी. और तू भी सिसकारी भरने लगेगा.
गुड्डू – मुझे यकीन नहीं होता.
गुड्डू की माँ ने एक झटके में अपना ब्लाउज खोल दिया। अन्दर ब्रा पहनी नहीं थी इसीलिए एक झटके में उसकी दोनों चूचियां गुड्डू के सामने आ गयी। गुड्डू ने इस से पहले भी कई बार नशे में धुत माँ के चूची और चूत को देख चूका था। बल्कि कई बार तो नशे में धुत उसके माँ – बाप रात में चुदाई करते थे तो गुड्डू की आँख खुल जाती थी और वो अपने सामने ही माँ की चुदाई देखता था। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
माँ – आ चूस मेरी निपल, देख तुझे सिसकारी होती है कि नहीं ?
गुड्डू अपनी माँ की चूची पकड़ के दबाने लगा। उसकी माँ को काफी मज़ा आ रहा था।
माँ – आ चूस मेरी निपल, देख तुझे सिसकारी होती है कि नहीं ?
गुड्डू अपनी माँ की चूची पकड़ के दबाने लगा। उसकी माँ को काफी मज़ा आ रहा था।
गुड्डू – तेरी चूची भी बड़ी है। तेरी चूची भी हिरोइन की चूची की तरह एकदम कड़क है.
माँ – अब चूस ना .
गुड्डू अपनी माँ की चूची को अपने मुंह में दबाया और मजे ले ले चूसने लगा. उसकी माँ तो मस्ती में पागल हुयी जा रही थी. उसकी चूत भी गीली होने लगी. उधर गुड्डू को भी काफी मजे आ रहे थे. उसने अपनी माँ की दोनों चूची को चूस चूस कर पूरी तरह गीला कर दिया. वो अपनी माँ की चूची का निपल को अपनी जीभ से इस तरह चाट रहा था मानो आइसक्रीम हो. वो अपनी माँ के गले से ले कर दोनों चूची के हर कोने कोने को चूसने में लीन हो गया. और सिसकारी भी भरने लगा.
माँ – चुदाई वाली फिल्म देखता है तो तेरा मिजाज़ तो गर्म हो जाता होगा रे। तू फिर क्या करता है? कहीं रंडी के पास तो नहीं चले जाता है तू?
गुड्डू – नहीं माँ, गर्म होता हूँ तो अपने लंड का पानी निकाल देता हूँ।
माँ – कैसे ?
गुड्डू – हाथ से मुठ मार कर।
माँ – तू कब से मुठ मारने लगा है?
गुड्डू – लगभग 2 साल से मुठ मार रहा हूँ.
माँ- खोल के दिखा तो अपना लंड. ज़रा मैं देखूं कि कितना बड़ा है?
गुड्डू ने एक झटके में अपना अंडरवियर खोल दिया और माँ के सामने नंगा हो कर अपने हाथ में अपना 9 इंच का लंड पकड़ कर दिखाने लगा और बोला – देख, है कि नहीं बड़ा. आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
माँ – हाँ रे, तेरा लंड तो सच में बड़ा हो गया है और उस पर बाल भी मस्त हैं.
गुड्डू – तेरी चूत पर भी तो बड़े बड़े बाल हैं.
माँ- हाय राम, तूने मेरी चूत कब देख ली रे?
गुड्डू – जब तू दारु पी के बिना कपड़ों के सो जाती है तो मैंने तो कई बार तेरी चूत देखी है। यही नहीं जब बापू तेरी चुदाई करता है तो मैंने भी कई बार देख लिया है।
माँ – हाय राम, तू तो बड़ा हरामी हो गया है रे। जब तू मेरी चुदाई देखता है तो तू क्या करता है रे?
गुड्डू – मेरा लंड भी खड़ा हो जाता है और मैं भी उसी समय अपना लंड का मुठ मार कर माल निकाल लेता हूँ।
माँ – आज तो तूने फिर से चुदाई वाली फिल्म देखा है और मेरी चूची भी देख लिया है तो तेरा मिजाज़ तो और भी गर्म हो गया होगा? तो क्या अब मुठ मारेगा?
गुड्डू – हाँ, मारना तो पड़ेगा ही. नहीं तो लंड फट जायेगा. जब तू गरम होती है तो तू भी तो यही करती होगी ना?
माँ – हाँ.
गुड्डू – माँ, फिल्म में तो लड़का अपने मुंह से लड़की की चूत भी चूसता है और उसके चूत का माल भी पी लेता है.
माँ- हाय , तब तो लड़की को कैसा लगता होगा रे?
गुड्डू – बापू जबतेरी चूत चाटता है तो तुझे कैसा लगता है?
माँ – हाय, उसने तो कभी मेरी चूत चुसी ही नहीं, हमेशा मुझसे ही अपना लंड चुसवाता है.
गुड्डू – तब तू अपने चूत के माल का क्या करती है?
माँ – क्या करुँगी? पोंछ देती हूँ. या बह जाने देती हूँ.
गुड्डू – क्या आज तक बापू ने कभी भी तेरी चूत का रस नहीं पिया है?
माँ – नहीं रे. मेरा ये सपना सपना ही रह गया कि कभी तेरा बापू मेरी भी चूत चुसे.
गुड्डू – माँ , आज मैं तेरा ये सपना पूरा करूँगा. तब तुझे अहसास होगा कि जब एक मर्द एक औरत का चूत चूसता है तो औरत को कितना मजा आता है. आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
माँ – तू मेरी चूत का रस पिएगा?
गुड्डू – हाँ माँ,
गुड्डू की माँ ने एक झटके में अपना पेटीकोट खोल कर बिलकुल नंगी हो गयी।
गुड्डू ने अपनी माँ की चूत को अपने मुंह में भर लिया और जीभ को अन्दर डाल दिया. उसकी माँ की तो साँसे फूलने लगी. इतना मजा तो उसे आज तक कभी नहीं आया था. पांच मिनट तक गुड्डू ने अपनी माँ की चूत चुसी. उसके बाद उसकी माँ का बदन अकड़ने लगा और उसके चूत ने रस छोड़ने का सिग्नल दे दिया. उसकी माँ की आँखें कास के बंद हो गयी और दबी दभी आवाज में बोली – गुड्डू बेटा , मेरा चूत का रस निकलने वाला है.
गुड्डू ने कहा – निकलने दे माँ , आज मैं तेरे रस को पिऊंगा.
तभी उसकी माँ के चूत से सफ़ेद सफ़ेद माल निकलने लगा . गुड्डू ने बड़े ही प्रेम से उस रस को अपने मुंह में ले लिया. वो अपनी माँ की चूत को अच्छी तरह से चाट चाट के साफ़ कर दिया.
उसकी माँ को काफी मजा आया. इसके बाद गुड्डू अपने माँ के नंगे बदन पर पूरी तरह चढ़ गया और अपना मुंह अपनी माँ के होठो पर लगाया और और अपना लंड माँ के चूत पर घस रहा था.
गुड्डू – माँ , अब तू मेरा लंड पकड़ कर देख ना मस्त है कि नहीं?
माँ ने उसके लंड को पकड़ कर दबाने लगी और कही – हाँ रे, तेरा लंड तो एकदम कड़क जवान हो गया है.
उसके बाद गुड्डू ने अपनी माँ की चूत को फिर से सहलाया और उसके चूत के छेद में ऊँगली डाल कर पूछा – माँ , इसी छेद में बापू तुझे चोदता है?
माँ – हाँ रे, इसी छेद में लंड डाला जाता है.
गुड्डू – आज मैं तेरी छेद में लंड डालूं?
माँ – नहीं रे, पागल हो गया है क्या? माँ को चोदेगा?
गुड्डू ने अपनी माँ की चूत में ऊँगली अन्दर बाहर करते हुए कहा – माँ, जब इतना हो ही गया है है तो थोडा और सही.
माँ – नहीं रे, अपनी माँ को चोदना अच्छी बात नहीं.
लेकिन गुड्डू अब मानने वाला नहीं था. उसने अपने लंड को अपनी माँ के चूत में कस कर सटाते हुए कहा – जब तेरे बुर में मैंने अपना जीभ घुसा ही दिया है तो लंड में क्या रखा है? आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
माँ ने कहा – तेरे बापू क्या कहेंगे?
गुड्डू – अच्छा ठीक है…ज्यादा नहीं घुसाऊंगा. बस लंड की टोपी को अन्दर जाने दे.
माँ- ओह ,अब तू इतनी जिद कर रहा है तो ठीक है..थोडा ही अन्दर घुसाना ….पूरा लंड अन्दर मत घुसाना.
गुड्डू ने बिना एक पल की देर किये अपनी माँ के टांगों को फैला दिया। और अपनी माँ की चूत के मुंह पर अपना लंड को रखा और हल्का सा दवाब डाला. गुड्डू को बड़ा ही मज़ा आया. आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
माँ- हाँ अब देख, इस से ज्यादा अन्दर मत घुसाना.
माँ- हाँ अब देख, इस से ज्यादा अन्दर मत घुसाना.
लेकिन गुड्डू का पौरुषत्व जाग गया था. और उसकी माँ की चूत काफी चिकनी हो चुकी थी. उसने हल्का सा दम लगा कर अपना लंड को पूरी तरह अपनी माँ के चूत के अन्दर डाल दिया और उसे पेलने लगा। उसकी माँ की हालत खराब हो गयी। उसका सारा नशा गायब हो गया। अब उसे अहसास हो रहा था कि उसका खुद का बेटा उसे चोद रहा है। हालांकि जब तक वो समझती और प्रतिरोध करती तब तक काफी देर हो चुकी थी। उसका बेटा उसके चूत में धक्के मार रहा था। थोड़ी देर शर्माने के बाद उसकी माँ की भी झिझक खतम हो गयी। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | उसने सोचा – अब जब लंड डाल ही दिया है तो जम के चुदाई का मज़ा ले लेना चाहिए। अब वो भी अपने बेटे का साथ दे रही थी। थोड़ी ही देर में गुड्डू ने अपनी ही माँ के चूत में माल उगल दिया। उसकी माँ भी दोबारा झड चुकी थी। वो भी काफी आनंदित थी. काफी दिनों के बाद उसने काफी मन से अपनी चुदाई करवाई थी.
अब वो नहीं चाहती थी कि इस काण्ड पर उसका बेटा शर्मिंदा होए, इसलिए उसके बाद भी उसकी माँ ने गुड्डू के साथ 3 बार सेक्स किया ताकि गुड्डू को लगे कि इस में माँ की भी मर्जी थी। उस रात के बाद गुड्डू जब भी ब्लू फिल्म देख कर आता अपनी माँ को जरुर चोदता था। दोस्तों अपनी प्रतिक्रिया आप मुझे कमेंट में लिख कर दे सकते है |