मकान मालिक की बीवी की मालिश

प्रेषक: दिवाकर

मेरा नाम  दिवाकर तरोड़ा है। आज आप सभी के सामने कैसे अपनी मकान मालिक की बीवी को चोदा वो बताने जा रहा हूँ।तो दोस्तो मेरे बारे में एक बार फिर से दोहराता हूँ। में मेरे मकान मालिक की बीवी को आंटी बुलाता था और वो बहुत ही सेक्सी औरत थी। फिर उसकी बेटी बरखा के घर से चले जाने के बाद में फिर से आंटी के नाम से मूठ मरता रहा।फिर मुझे एक डेड़ महीने तक किसी को चोदने का मौका नहीं मिला लेकिन उसके बाद भगवान ने मेरी तरफ़ नज़र डाली। फिर एक दिन अंकल किसी काम से शहर के बाहर चले गये। फिर उस दिन दोपहर को आंटी ने मुझे बुलाया और हाथ में तेल की बोतल देकर उनकी पीठ पर मालिश करने को कहा और फिर वो बेड पर उल्टा लेट गई। तभी मुझे अब बहुत अच्छा लगा क्योंकि बहुत दिनों से में इसी दिन का इंतजार कर रहा था। फिर मैंने आंटी के ब्लाउज के हुक खोल दिये और फिर बड़े आराम से धीरे धीरे मसाज करने लग गया। तभी थोड़ी देर बाद मैंने आंटी से बोला कि अगर आप ब्रा खोल देती तो बहुत अच्छा होता। तभी उन्होंने कहा कि खोल लो ना तुम्हे मना किसने किया है।तभी मैंने फटाफट बिना देर लगाए हुए उनका पूरा का पूरा ब्लाउज खोल दिया और फिर अपना काम करने लगा। फिर तब तक मेरा लंड पूरा तन कर खड़ा हो चुका था। फिर उसके बड़े बड़े बूब्स साईड से दिख रहे थे और फिर में भी उनके बूब्स को थोड़ा थोड़ा टच करने लगा। तभी उसकी साँस और तेज होने लगी थी और मुहं से सेक्सी सेक्सी आवाज़ निकल रही थी। तभी में समझ गया कि अब मेरा काम हो गया।
तभी आंटी कहने लगी कि बेटा तुम यह क्या कर रहे हो? थोड़ी अच्छी तरह से करो ना मुझे मज़ा नहीं आ रहा है। तभी मैंने कहा कि आंटी कर रहा हूँ ना और कैसे करूं? फिर आंटी बोली कि थोड़ा ज़ोर से दबाओ ना उंह अह्ह्ह। तभी मैंने कहा कि ठीक है आंटी में अब पूरे जोर से दबाता हूँ। फिर में पूरे दिल से अपने काम पर ध्यान देने लगा और अब सिर्फ़ उसके बूब्स को बारी बारी से पूरे जोर से दबाने लगा।तभी कुछ देर बाद मैंने आंटी से बोला कि अब आंटी थोड़ा घूम जाओ आपको और ज़्यादा मज़ा आएगा। फिर वो थोड़ी सी हंसी और फिर घूम गई लेकिन जैसे ही वो घूमी तो अरे बाप रे इतने बड़े बूब्स देखकर मुझे तो चक्कर आ गये थे। फिर में अपने दोनों हाथ से एक बूब्स को भी ठीक तरह से पकड़ नहीं पाया था। तभी में धीरे धीरे दबाने लगा और तभी में आंटी से पूछनेलगा कि आंटी आपके बूब्स इतने बड़े कैसे हुए? तभी आंटी कहने लगी कि तेरे अंकल की दिन रात का फल है। उन्होंने मसल मसल कर बड़ा बना दिया है। फिर में बोला कि क्या अंकल भी आपको मसाज कर देते है? तभी आंटी बोली कि हाँ वो तो हर रोज करते है। फिर में बोला कि तो क्या अब नहीं करते है? तभी आंटी कहने लगी कि वो करते तो क्या में तुम्हे बुलाती? फिर मैंने कहा कि आपका क्या मतलब? फिर आंटी बोली कि मतलब नहीं समझा क्या? बुद्धू साला अपना काम कर ना। फिर में कहने लगा कि ठीक है आंटी और फिर में अपना काम करने लगा। तभी आंटी उम्मह आआहह ऊओह कहने लगी कि थोड़ा जोर से दबा बेटा। फिर में बोला कि आंटी खाली ऊपर ही करना है या नीचे भी? तभी आंटी बोली कि पूरे बदन की करनी है लेकिन पहले ऊपर का तो कर। फिर में ठीक है आंटी। तभी आंटी बोली कि अच्छा तुम पहले बताओ कि तुमने कभी किसी को मसाज किया क्या? फिर मैंने कहा कि नहीं आंटी। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
आंटी : तुम्हे कोई तकलीफ़ तो नहीं हो रही है ना?
में : नहीं आंटी मुझे तो बहुत अच्छा लग रहा है लेकिन शायद आपको दर्द हो रहा है।
आंटी : तुम्हे ऐसा क्यों लगता है?
में : नहीं आप थोड़ी थोड़ी चीख रही थी इसलिए।
आंटी : अरे बुद्धू वो तो मुझे मज़ा आ रहा है इसलिए मुहं से आवाज़ निकल रही है। अच्छा ये बताओ तुम्हे अच्छा क्यों लग रहा है?
में : नहीं मतलब आपके नर्म बदन को छूकर अच्छा लग रहा है।
आंटी : ओह, तो तुम्हे मुझे छूकर अच्छा लगता है फिर क्या तुम्हे मेरा बदन भी पसंद है?
में : हाँ आंटी,फिर इतने में आंटी की चूत ने पानी छोड़ दिया और में फिर भी दबाता ही रहा। फिर में करीब आधा घंटा दबाता ही रहा। अब मुझसे और देर सहा नहीं जा रहा था और फिर मैंने थोड़ी हिम्मतकरके आंटी से पूछा।
में : आंटी मुझे और सहा नहीं जाता आप बुरा मत मानिए अब में आपको चोदना चाहता हूँ?
आंटी : तुम्हे देर करने को किसने कहा है?
में : क्या मतलब?
आंटी : अरे बुद्धू कुछ समझता नहीं क्या?
तभी मुझे तो बहुत खुशी हुई और फिर मैंने आंटी को अपनी बाँहों मे ले लिया और उसे चूमनेलगा।
में : थेंक्स आंटी, अपने मुझे इस काबिल समझा और मेरा बहुत दिनों से आपको चोदने का मन था।
आंटी : तू तो बहुत कमीना निकला। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
फिर में उसके होंठो को चूमने लगा और तभी उसने मेरी पेंट की जिप खोलकर मेरा लंड बाहर निकाला और बोला कि वाह बहुत अच्छा लंड है तुम्हारा, चलो देखते है कि कितनी पावर है इसमें। तभी उसने लंड को एक बार में पूरा मुहं में भर लिया और जोर जोर से उसे चूसने लगी। फिर में अपने दोनों हाथो से उसके बूब्स को पूरे जोश के साथ दबाने लगा। तभी कुछ देर बाद मुझे लगा कि में झड़ने वाला हूँ, तो मैंने जल्दी से अपने दोनों हाथ उसके सर पर रख दिये और बालों को जोर से पकड़ कर आगे पीछे करने लगा। फिर करीब 10 या 15 मिनट के बाद में उसके मुहं में ही जोरदार धक्को के साथ झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य उसके मुहं में ही छोड़ दिया। तभी उसके बाद वो बेड पर लेट गई और फिर में अपना मुहं उसकी चूत के पास ले गया और अपनी जीभ पूरी चूत पर घुमाने लगा और जीभ आगे पीछे करके उसकी चूत चाटने लगा। तभी उसको बहुत मजा आने लगा और मुझे भी.. क्या करंट था यारो उसकी चूत में और फिर में पागल कुत्ते की तरह उसकी करंट वाली चूत को चाटने लगा।
आंटी बोली : आह्ह बेटा अब मुझसे भी सहा नहीं जाता.. जल्दी चोद डाल मुझे।
फिर में अपना लंड उसकी चूत के दरवाजे पर लाया और एक ज़ोर का धक्का लगाया और फिर पूरा का पूरा लंड एक बार में ही चूत की गहराइयों में ना जाने कहाँ खो गया। तभी वो चीख उठी शायद वो बहुत दिनों के बाद लंड ले रही थी इसलिए उसको थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था। तभी आंटी बोली कि ओह्ह बेटा थोड़ा धीरे धीरे कर.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है। तभी में स्पीड अपनी स्पीड और बड़ाता गया। तभी थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा।
में : आंटी आप मेरे बारे में कब से सोचने लगी थी? आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
आंटी : आज से ही, वो थोड़ी देर पहले मैंने एक पुरानी ब्लू फिल्म सीडी देखकर सोचा कि में तुझसे ही चुदवा लूँ और वैसे भी बहुत दिनों से मुझे किसी ने चोदा नहीं है।
में : क्यों अंकल तुम्हे कभी चोदते नहीं क्या?
आंटी : नहीं वो थोड़ा कमजोर पड़ गए है लेकिन तुम्हे कैसा लगा? मुझे रोज चोदेगा ना?
में : बहुत अच्छा आंटी.. बरखा से भी ज़्यादा। यह बन्दा आपके लिए हर वक्त तैयार है।
आंटी: क्या? तुम बरखा को भी चोद चुके हो? इतने कमीने हो तुम?
में : क्या आंटी आप भी ना.. आप चुदवा सकती हो वो नहीं चुदवा सकती क्या?
आंटी : ठीक है बाबा अब तू अच्छी तरह से मन लगाकर चोद और सिर्फ चुदाई पर ध्यान दे।
तभी में अपनी स्पीड और बड़ाकर जोर जोर से उसकी कमर को अपने दोनों हाथो से पकड़कर धक्को पे धक्के देने लगा। फिर आंटी आह्ह बेटा और ज़ोर ज़ोर से चोदो मुझे.. पूरी जड़ तक जाने दो आह कितने दिन बाद स्वर्ग महसूस कर रही हूँ.. आहह ओममह माँ मरी आह्ह में और जोरसे।
में : आई लव यू आंटी आई लव तू वेरी मच।
आंटी : आई लव यू टू बेटा.. ओह्ह माई गोड आज दिल बहुत खुश हो गया.. आज से मेरी चूत तेरे नाम.. बेटा जब चाहे इसके साथ खेलना मुझे बहुत मजा आ गया। ओह चोद ज़ोर लगा कर बेटा।
फिर करीब 35 मिनट बाद हम दोनों झड़ने वाले थे। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
में : आंटी में झड़ने वाला हूँ।
आंटी : में भी बेटा झड़ने वाली हूँ।
में : आंटी अंदर डालूं या बाहर?
आंटी : अंदर ही छोड़ दे बेटा मैंने ऑपरेशन करवा लिया है कोई चिंता नहीं है।
में : ठीक है फिर मैंने पूरा वीर्य उसकी चूत के अंदर ही छोड़ दिया और फिर आंटी के ऊपर ही लेट गया।
में : आई लव यू मेरी सेक्सी आंटी।
आंटी : आई लव यू टू मेरे नॉटी बॉय, कैसा लगा तुम्हे?
में : बहुत अच्छा, बहुत अच्छा करंट है आपकी चूत में।
आंटी : मुझे भी तुम्हारा लंड बहुत पसंद है, क्या मुझे तुम्हारा लंड रोज मिलेगा?
में : क्यों नहीं आंटी.. आख़िर इसे भी तो आपकी करंट वाली चूत की ज़रूरत है।
आंटी : चलो अब हम नहा लेते है।
में : नहीं आंटी मुझे थोड़ी देर सो लेने दो।
फिर आंटी ने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया और हम वैसे ही सो गए और फिर रात में उठकर मैंने आंटी की 2 बार चूत मारी। फिर जब हम दोनों थक गये तब फिर नहाकर हम दोनों ने साथ में बैठकर खाना खाया और फिर खाने के बाद फिर से 1 घंटे के बाद दोबारा फिर से सेक्स करने लगे। अब तो आंटी खुद ही बिना लंड लिये नहीं रहती.. वो हर समय चुदाई के लिये तैयार रहती है और में भी पीछे नहीं हटता और बहुत जमकर चुदाई करता हूँ और चुदाई का पूरा पूरामजा लेता हूँ ।

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