दोस्तों कहानी स्टार्ट करने से पहले एक बात बताता हु आप लोग कमेंट में इस बात का जबाब जरुर देना अगर ठंडी जनवरी की रात मे बाथरूम के लिए भी उठना पड़े तो सच बहुत गुस्सा आता है, मुझे भी उठना पड़ा था वक्त यही कोई सुबह के ५ बजे होंगे, ठण्ड और कोहरा होने के कारण बहुत अँधेरा था जैसे ही मैं बाथरूम होकर अपने रूम की तरफ बढ़ा बाहर किसी के धीरे धीरे रोने की आवाज सुनाई दी, मैंने लाइट जलाई तो देखा सामने खाली प्लाट की तरफ से रोने की आवाज आ रही थी, मैं टौर्च लेकर वह गया तो देखा एक लड़की सर्दी से ठिठुर रही थी और रो रही थी, मैंने पूछा कौन हो तो वो मुझे देखकर खड़ी हो गई और रोते हुए बोली बाबूजी बहुत ठण्ड लग रही है. मैं उसे अपने साथ अपने घर ले आया अपने कमरे मे उसे बिठाया लाइट ऑन की तो देखा गंदे कपडे पहने एक १७-१८ साल की लड़की ठण्ड से ठिठुर रही थी मुझे उसपर दया आ गयी मैंने कहा खाना खाओगि उसने हां मे सर हिलाया, मैं किचिन मे गया और ब्रेड बुट्टर ले आया उसने एक नज़र मेरी तरफ देखा मैंने इशारा किया खा लो और वो खाने लगी उसने दो ब्रेड टोस्ट खाए, मैं बोला तुमने बहुत गंदे कपडे पहने हैं बाथरूम मे जाओ गरम पानी है अछि तरह से नहा लो तुम्हारी सर्दी भी भाग जाएगी पानी मजेदार गरम है, तब तक मैं तुम्हारे लिए चाइ बनाता हूँ और देखो ये मेरी टी शर्ट और निक्कर पहन लेना मैंने उसे दोनों चीजे देते हुए कहा. मैं २७ साल का लड़का हूँ अकेला ही रहता हूँ यहाँ पर सर्विस करता हूँ , किचिन में मैं चाइ बना रहा था और ४-५ ब्रेड और सेक कर बुट्टर लगा कर टोस्ट तयार किये १०-१५ मिनिट मे वो भी नहा कर आ गई. वो मेरी टी शर्ट और निक्कर मे बहुत मासूम सी लग रही थी कहा वो मैली कुचेली कपड़ो मे लड़की और कहाँ ये शम्पू और लक्स से नहाई हुई खुबसूरत सी बच्ची लेकिन खुबसूरत वो खुद ही थी शम्पू और अच्छे साबुन से नहाने से वो खिल सी गई थी, मैंने उसे चाइ दी और टोस्ट के साथ वो चाइ पीने लगी मैंने पहली बार उसे अब ध्यान से देखा था वो एक गोरी सी लम्बे बालों वाली बादामी आखों वाली लड़की थी जो जवानी की दहलीज पे खड़ी थी धीरे से उभार उसकी छातिओं पे नज़र आ रहे थे मैंने पूछा तुम्हारा नाम क्या है बोली कामिनी, और उम्र बोली १६ साल, मैं उससे कुछ और भी पूछना चाहता था मगर वो बोली बाबूजी मुझे नींद आ रही है मैं सो जाऊ. मैं बोला हा सो जाओ, वो वही जमीन पर सोने लगी तो मैं बोला यहाँ बहुत ठण्ड हैं जाओ मेरे बिस्तर पर कम्बल मे सो जाओ, वो चली गई अभी बाहर बहुत अँधेरा था मैंने सोचा मैं भी सो लेता हूँ, और मैं भी कम्बल मे चला गया, वो बे खबर सो रही थी मैंने लाइट ऑफ करने से पहले देखा वो सोते हुए हल्का हल्का मुस्कुरा रही थी गोरा रंग गोल चेहरा गुलाबी होठ वो बहुत प्यारी लग रही थी, मैंने लाइट ऑफ की और लेट गया, उसे अभी भी ठण्ड लग रही थी और मेरे से चिपक कर सो गई, मुझे उसके छोटे छोटे उभार अपनी छाती पर महसूस हो रहे थे मुझे नशा सा छा रहा था, मैं भी उससे लिपट गया. अनायास ही मेरे होठ उसके गुलाबी छोटे छोटे होठो से टकरा गए, बहुत मासूमियत से वो सो रही थी और मैं आहिस्ता आहिस्ता उसके मखमली होठो को चूम रहा था अपनी जीभ उसके होठो पर फेर रहा था मेरे शारीर मे कर्रेंट सा दौड़ रहा था बहुत देर तक उसके होठो को गालो को माथे को गर्दन को गर्दन चूमता रहा वो बेखबर सो रही थी. मैंने उसकी ढीली सी टी शर्ट उतार दी और खुद भी ऊपर से बिना कपड़ो के हो गया उसे बिना टी शर्ट के शायद ठण्ड लगी होगी वो मेरे से चिपक कर सो रही थे और ज्यादा चिपक गई, उसके छोटे अमरुद जैसे कड़क उभार मेरी छाती से दब रहे थे मैं उसे और दबा रहा था एक सरूर सा, नशा सा दिल और दिमाग पर चढ़ रहा था कब उसे प्यार करते करते उसके उभारो को चूमने लगा और चूसने करने लगा पता ही नहीं चला एक हाथ से उसके कोमल उभार को आहिस्ता से दबा रहा था और दुसरे को अपने होठो से चूस रहा था अचानक मैंने देखा उसने आँखें खोली हुई हैं और वो मुस्कुरा रही है, मैंने भी मुस्कराहट से जवाब दिया और बोला अच्छा लग रहा है उसने हा मैं सर हिलाया मैं बोला और करू तो वो मुस्कुरा के शर्मा गई, और मैं फिर से उसे चूमने लगा उसके उभारों को दबाने लगा अपने होठों से जीभ से छूने लगा चूसने लगा उसकी हलकी हलकी सिसकियाँ बता रही थी उसे मज़ा आ रहा है, इसी दौरान मैंने उसकी निकर भी उतार दी जो असल मे मेरी थी और उसे ढीली थी अब वो बिल्किल नंगी मेरी बाँहों मे थी मैंने भी अपना शोर्ट उतार दिया, मैं उसे प्यार कर रहा था मेरे मुह मे उसका एक बूब था एक हाथ से उसके दुसरे बूब को सहला रहा था और दुसरे हाथ से उसके पेट और जांघों को सहला रहा था अनायास मेरा हाथ उसके जांघों के बीच उसकी छोटी सी चूत पर गया मैंने महसूस किया वहां पर बालों की अभी शुरुवात भी नहीं हुई थी मैं तो जैसे पागल ही हो गया, मेरे होठों मे उसका बूब था मैं उसे प्यार करता हुआ उसके पेट पर उसकी नाभि पर प्यार करते हुए उसकी जांघों के पास आ गया था मैं उसकी चूत को देखकर बहक सा गया जिंदगी मैं पहली बार इतनी खुबसूरत कच्ची कली को देख रहा था धीरे धीरे रोये थे उसकी दुधिया छोटी सी चूत पर मैंने हलकी सी उसपर किस की, मैंने एक नज़र उसकी तरफ देखा वो मुझे ही देख रही थी उसने हलकी सी मुस्कराहट के साथ पलके झुका ली. मैंने धीरे से उसकी टांगों को फैलाया अब उसकी चूत बिलकुल साफ़ दिख रही थी भीनी भीनी लक्स की खुशबू आ रही थी वो बहुत अछि तरह से नहा कर आई थी, मैंने धीरे से अपने एक उंगली उसकी चूत पर फेरी वो सिहर उठी, अनछुई चूत पर पहली बार किसी मर्द का हाथ लग रहा था और मेरा बुरा हाल था मैंने बिना वक्त गवाए अपने होठो से उसकी चूत चूमने लगा और अपनी जीभ उसकी चूत पर फेरने लगा, मैंने हल्का सा उसकी चूत की फंको को फैलाया अंदर खुबसूरत गुलाबी पंखुड़ियों ने तो मेरा सब्र ही तोड़ दिया, मैंने अपनी जीभ उसकी हलकी सी गीली गुलाबी छोटी सी चूत के छेद पर रख दी और चाटने लगा उसकी सिसकी निकल गई उसने कस के मेरे सर को पकड़ा हुआ था और उसका शरीर कंप रहा था अपनी चुतद वो धीरे धीरे हिला रही थी और मैं बेतहाशा उसकी चूत को चाट रहा था अपनी जीभ उसकी चूत के अन्दर डालने की कोशिश कर रहा था, मगर उसकी छोटी सी चूत का छोटा सा छेद मेरी जीभ को अन्दर नहीं जाने दे रहा था, वो मस्ती से कसमसा रही थी उसकी साँसे तेज हो रही थी वो अपने सर को कभी लेफ्ट कभी राईट हिला रही थी उसके हाथ मेरे बालों मे कस रहे थे और फिर अचानक उसने अपने चुतद ऊपर उठाये मेरे सर को अपनी चूत पर और दबाया और वो निढाल हो गयी उसकी चूत पानी छोड़ चुकी थी उसकी अनखिली चूत से पहली बार रस की फुहार निकली थी जिसका नमकीन स्वाद मैं अपनी जीभ पर महसूस कर रहा था उसके झड़ने ने मुझे और बेक़रार कर दिया था मेरा 8र43; का लंड फद्फदा रहा था और मैं बेंतेहा उसके रस को पी रहा था और उसकी चूत को चाट रहा था उसे बेहद मज़ा आ रहा था उसकी मदहोश सिसकियाँ मुझे जूनून की हद तक पागल कर रही थी और वो एक बार फिर से छुट गयी थी इस बार उसका रस पहले से ज्यादा निकला था जिसे मैं पी गया मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा उसकी आँखे अभी भी मस्ती से बंद थी मैंने आहिस्ता से उसके होठो पर प्यार किया और बोला मज़ा आया, वो बोली अंकल आपने तो मुझे पागल ही कर दिया है ज़िन्दगी मैंने इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया. मैं बोला अब तुम्हे दूसरा मज़ा देता हूँ, वो बोली क्या साब जी, मैं उसके ऊपर लेटा हुआ था वो मेरे लंड का दबाब अपनी चूत पर महसूस कर रही थी मगर अभी तक उसने मेरे नाग को देखा नहीं था मैं आहिस्ता से उठा तो उसने मेरा फनफनाता हुआ 8र43;-3र43; का लंड देखा तो हैरानी से बोली साब जी इतना बड़ा और मोटा, मैं बोला अभी इसका मज़ा भी तुम्हे देता हूँ वो उठकर बैठ गई और शरमाते हुए बोली वो कैसे अंकल अब मैं बेड के साथ पीठ लगा के बैठ गया और बोला कामिनी तुम मेरी टांगों के बीच आ जाओ उसने ऐसा ही किया और बोली अब अंकल, सच बताऊ तो मुझे कुछ पल के लिए झिझक या शर्म सी आई फिर मैं बोला कामिनी इसको अपने मूह मे लो और चुसो, उसने बिना मेरी तरफ देखे मेरे लंड को अपने छोटे छोटे नाजुक से हाथो से पकड़ा और सहलाते हुए अपने मूह मे ले लिया | कहानी जारी है …
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