प्रेषक: प्रदीप
बहु की पसंदीदा पोजीशन-1 | बहु की पसंदीदा पोजीशन-2
गतांग से आगे … वंदना अब कुछ नही बोली और सुमन की दूसरी चूंची अपने मुँह मे भर कर चूसने लगी.थोड़ी देर के बाद वंदना ने देखा कि सुमन अपना हाथ आगे कर के मनोज का लंड उसके पायजामे के ऊपेर से पकड़ कर अपनी मुट्ही मे लेकर मरोड़ रही है और मनोज सुमन की एक चूंची अपने मुँह मे भर कर चूस रहा है. अब तक वंदना भी गरम हो गयी थी. तभी सुमन ने मनोज का पायजामे का नारा खींच कर खोल दिया और मनोज का पायजामा सरक कर नीचे गिर गया . पायजामा को नीचे गिरते ही मनोज नंगा हो गया क्योंकी वो पायजामे के नीचे कुछ नही पहन रखा था. जैसे ही मनोज मनोज नंगा हो गया वैसे ही सुमन ने आगे बढ़ कर मनोज का खड़ा लंड पकड़ लिया और उसका सुपरा को खोलने और बंद करने लगी और अपने होठों पर जीव फेरने लगी. ये देख कर वंदना ने अपने हाथों से पकड़ कर मनोज का लंड सुमन के मुँह से लगा दिया और सुमन से बोली, “लो सुमन, मेरे पति का लंड चूसो. लंड चूसने से तुम्हे बहुत मज़ा मिलेगा. मैं भी अपनी चूत मरवाने के पहले मनोज का लंड चुस्ती हूँ. फिर मनोज भी मेरी चूत को अपने जीव से चाटता है.” जैसे ही वंदना ने मनोज का लंड सुमन के मुँह से लगाया वैसे ही सुमन ने अपनी मुँह खोल कर के मनोज का लंड अपने मुँह मे भर लिया और उसको चूसने लगी. अब मनोज अपनी कमर हिला हिला कर अपना लंड सुमन के मुँह के अंदर बाहर करने लगा और अपने हाथों से सुमन की दोनो चूंची पकड़ कर मसल्ने लगा. तब वंदना ने आगे बढ़ कर सुमन के पेटिकोट का नारा खोल दिया. पेटिकोट का नारा खुलते ही सुमन ने अपने चूतर कुर्सी पर से थोड़े से उठा दिए और वंदना ने अपने हाथों से सुमन के पेटिकोट को खींच कर नीचे गिरा दिया. सुमन ने पेटिकोट के नीचे पॅंटी नही पहनी थी और इसलिए पेटिकोट खुलते ही सुमन भी मनोज की तरह बिल्कुल नंगी हो गयी.वंदना ने सबसे पहले नंगी सुमन की जांघों को खोल दिया और उसकी चूत को देखने लगी. सुमन की चूत पर झांते कोबहुत ही करीने से हटाया गया था और इस समय सुमन की चूत बिल्कुल चमक रही थी. सुमन की चूत से चुदाई के पहले निकलने वाला रस रिस रिस कर निकल रहा था. वंदना झुक कर सुमन के सामने बैठ गयी और सुमन की चूत से अपना मुँह लगा दिया. वंदना का मुँह जैसे ही सुमन की चूत पर लगा तो सुमन ने अपनी टाँगे और फैला दी और अपने हाथों से अपनी चूत को खोल दिया. अब वंदना ने आगे बढ़ कर सुमन की चूत को चाटना शुरू कर दिया. वंदना अपनी जीव को सुमन की चूत के नीचे से लेकर चूत के ऊपेर तक ला रही थी और सुमन मारे गर्मी के वंदना का सर अपने हाथों से पकड़ कर अपनी चूत पर दबा रही थी. उधर मनोज ने जैसे ही देखा कि वंदना अपनी जीव से सुमन की चूत को चाट रही है तो उसने अपना लंड सुमन के मुँह से लगा कर एक हल्का सा धक्का दिया और सुमन ने अपना मुँह खोल कर मनोज का लंड अपने मुँह मे भर लिया. नीचे वंदना अपनी जीव से सुमन की चूत को चाट रही थी और कभी कभी सुमन की क्लिट को अपने दाँतों से पकड़ कर हल्के हल्के से दबा रही थी.थोड़ी देर तक सुमन की चूत को चाटने और चूसने का बाद वंदना उठ खरी हो गयी और मनोज का लंड पकड़ सुमन के मुँह से निकाल दिया और सुमन से बोली, “सुमन अब बहुत हो गया लंड चूसना और चूत चटवाना. चलो अब अपने पैर कुर्सी के हत्थे के ऊपर रखो और मनोज का लंड अपनी चूत मे पिलवओ. मुझे मालूम है कि अब तुम्हे मनोज का लंड अपने मुँह मे नही अपनी चूत के अंदर चाहिए.” और वंदना ने अपने हाथों से अपने पति का खड़ा हुआ लंड सुमन की गीली चूत के ऊपर रख दिया. चूत पर लंड के रखते ही सुमन ने अपने हाथों से उसको अपनी चूत के छेद से भिड़ा दिया और मनोज की तरफ देख कर मुस्कुरा कर बोली, “लो अब तुम्हारी बीबी ही तुम्हारे लंड को मेरी चूत से भिड़ा रही है. अब देर किस बात की है. चलो चुदाई शुरू कर दो.” इतना सुनते ही मनोज ने अपनी कमर हिला कर अपना तना हुआ लंड सुमन की चूत के अंदर उतार दिया. चूत के अंदर लंड घुसते ही सुमन ने अपने पैर को कुर्सी के हथेलिओं पर रख कर और फैला दिए और अपने हाथों से मनोज की कमर पकड़ कर उसको अपनी तरफ खींच लिया. अब मनोज अपने दोनो हाथों से सुमन की दोनो चुचियों को पकड़ कर अपनी कमर हिला हिला कर सुमन को चोदना शुरू कर दिया. सुमन अपनी चूत मे मनोज का लंड पेलवा कर बहुत खुश थी और वो मूड कर वंदना से बोली, “वंदना तेरे पति का लंड बहुत ही शानदार है, बहुत लंबा और मोटा है. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मनोज का लंड मेरे बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा है. तेरी ज़िंदगी तो मनोज से चुदवा कर बहुत आराम से कट रही होगी?” वंदना तब मनोज का एक हाथ सुमन की चूंची पर से हटा कर सुमन की चूंची को मसल्ते हुए बोली, “हाँ, मेरे पति का लंड बहुत ही शानदार है और मुझे मनोज से चुदवाने मे बहुत मज़ा मिलता है. मैं तो हर रोज़ तीन – चार बार मनोज का लंड अपनी चूत मे पेलवाती हूँ. क्यों, विनोद तेरी चूत नही चोद्ता? कैसा है विनोद का लंड ? सुमन बोली, “विनोद का लंड भी अच्छा है और मैं हर रोज़ दो – तीन बार विनोद के लंड से अपनी चूत चुदवाती हूँ. विनोद रोज़ रात को मुझे रगड़ कर चोद्ता है और रात की चुदाई के समय मैं कम से कम से चार-पाँच बार चूत का पानी छोड़ती हूँ. लेकिन मनोज के लंड की बात ही कुछ और है. एह लंड तो मेरी बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा है. असल मे मुझे अपनी पति के अल्वा दूसरे लंड से चुदवाने मे बहुत मज़ा आता है और जब से मैने मनोज को देखा है, तभी से मैं मनोज का लंड खाने की फिराक मे थी. अब मेरी मन की मुराद पूरी हो गयी है. अब शाम को जैसे ही विनोद ऑफीस से घर आएगा उसका लंड मैं तेरी चूत मे पिल्वाउन्गि. तब देखना कि विनोद कैसे तुमको चोद्ता है. मुझे मालूम है कि विनोद का लंड अपनी चूत से खाकर तुम बहुत खुश होगी.” वंदना चुप चाप सुमन की बात सुनती रही और झुक कर मनोज का लंड सुमन की चूत के अंदर बाहर होना देखती रही. थोड़ी देर के बाद वंदना नेझुक कर सुमन की एक चूंची अपने मुँह मे भर ली और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. थोड़ी देर के बाद वंदना को एहसास हुआ कि कोई उसके चूतर के ऊपेर से उसकी तौलिया हटा कर उसकी चूत मे अपना लंड घुसेरने की कोशिश कर रहा है. वंदना चौंक कर पीछे मूड कर देखी तो तो पाया की उसकी चूत मे लंड घुसेरने वाला और कोई नही बाल्की विनोद है. हुआ ये कि विनोद के ऑफीस मे किसी का देहांत हो गया था और इसलिए ऑफीस बंद कर दिया गया था और इसलिए विनोद ऑफीस जाकर ही वापस आ गया था.विनोद अब तक वंदना के बदन से उसकी तौलिया हटा कर अपना तननाया हुआ लंड वंदना की चूत मे डाल चुक्का था और उसकी कमर को पकड़ के वंदना की चूत मे अपने लंड की ठोकर मारना शुरू हो गया था. विनोद ज़ोर ज़ोर से वंदना की चूत अपने लंड से चोद रहा था और अपने हाथों से वंदना की चूंची को मसल रहा था. मनोज इस समय सुमन को जोरदार धक्कों के साथ चोद रहा था और उसने अपना सिर घुमा कर जब वंदना की चुदाई विनोद के साथ होते देखी तो मुस्कुरा दिया और विनोद से बोला, “देख विनोद देख, मैं तेरे ही घर मे और तेरे ही सामने तेरी बीवी को चोद रहा हूँ. तुझे तेरी बीबी की चुदाई देख कर कैसा लग रहा है?” विनोद ने तब वंदना को चूमते और उसकी चूंची को मलते हुए मनोज से बोला, “अबे मनोज, तू क्या मेरी बीबी को चोद रहा है. अरे मेरी बीबी तो पुरानी हो गयी है उसकी चूत मैं पिछले दो साल से रात दिन चोद रहा हूँ. सुमन की चूत तो अब काफ़ी फैल चुकी है. अबे तू देख मैं तेरे सामने तेरी नयी ब्वाही बीबी को कुतिया की तरह झुका कर उसकी टाइट चूत मे अपना लंड डाल कर चोद रहा हूँ. अब बोल किसे ज़यादा मज़ा मिल रहा है. सही मे यार मनोज, तेरी बीबी की चूत बहुत ही टाइट है मगर तेरी बीबी बहुत चुड़दकर है, देख देख कैसे तेरी बीबी की चूत मेरा लंड पकड़ रखी है.” फिर विनोद वंदना की चूंची को मसल्ते हुए वंदना से बोला, “ओह! ओह! मुझे वंदना की चूत चोदने मे बहुत मज़ा मिल रहा है. आह! वंदना रानी और ज़ोर से अपनी गांड हिला कर मेरे लंड पर धक्का मार. मैं पीछे से तेरी चूत पर धक्का मार रहा हूँ. वंदना रानी बोल, बोल कैसा लग रहा मेरे लंड से अपनी चूत चुदवाना. बोल मज़ा मिल रहा है कि नही?” तब वंदना अपनी गांड को ज़ोर ज़ोर से हिला कर विनोद का लंड अपनी चूत को खिलाते हुए विनोद से बोली, “चोदो मेरे राजा और ज़ोर से चोदो. मुझे तुम्हारी चुदाई से बहुत मज़ा मिल रहा है. तुम्हारा लंड मेरी चूत की आखरी छोर तक घुस रहा है. ऐसा लग रहा कि तुम्हारे लंड का हरधक्का मेरी चूत से होकर मेरी मुँह से निकल पड़ेगा. और ज़ोर से चोदो, और सुमन और मनोज को दिखा दो चूत की चुदाई कैसे की जाती है.”विनोद और वंदना की चुदाई देखते हुए सुमन वंदना से बोली, “क्यों छिनार वंदना, विनोद का लंड पसंद आया कि नही? मैं ना बोल रही थी कि विनोद का लंड बहुत ही शानदार है और विनोद बहुत अक्च्ची तरह से चोद्ता है? अब जी भर कर चुदवा ले अपनी चूत विनोद के लंड से. मैं भी अपनी चूत मनोज से चुदवा रही हूँ.” मनोज जोरदार धक्कों के साथ सुमन को चिड़ाते हुए बोला, “यार विनोद, ये दोनो औरत बड़ी चुदसी है, चल आज दिन भर इनकी चूत चोद चोद कर इनकी चुतो को भोसरा बनाता हूँ. तभी इनकी चुतो की खुजली मितेगी.” इतना कह कर मनोज सुमन की चूत पर पिल पड़ा दना दान चोदने लगा. विनोद भी पीछे नही था, वो अपने हाथों से वंदना की दोनो चूंची पकड़ कर अपनी कमर के झटकों से वंदना की चूत चोदना चालू रखा. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | थोड़ी देर ऐसे ही चुदाई चलती रही और दोनो जोड़े अपने अपने साथियो की जम कर चुदाई चालू रखी और थोड़ी देर के बाद दोनो जोड़े ही झड़ गये. जैसे ही मनोज और विनोद ने सुमन और वंदना की चूत के अंदर झरने के बाद अपना अपना लंड बाहर निकाला तो दोनो के लंड सफेद सफेद पानी से सना हुए थे उधर सुमन और वंदना की चुतो से भी सफेद सफेद गाढ़ा पानी निकल रहा था. झट से सुमन और वंदना ने उठ कर अपने अपने पतिओं का लंड अपने मुँह मे भर कर चूस चूस कर साफ किया और फिर एक दूसरे की चूत मे मुँह लगा कर अपने अपने पतिओं का वीर्य चाट चाट कर साफ किया. थोड़ी देर के बाद मनोज और विनोद का सांस नॉर्मल हुआ और उठ कर एक दूसरे के गले लग गये और बोले. “यार एक दूसरे की बीबीओ को चोदने का मज़ा ही कुछ अलग है. अब जब तक हम लोग एक साथ है बीबीओ को अदल बदल करके ही चोदेन्गे.”थोड़ी देर के बाद सुमन और वंदना अपनी कुर्सी से उठ कर खरी हो गयी और तौलिया से अपनी चूत और जंघे पोंछ कर नंगी ही किचन की तरफ चल पड़ी. उनको नंगी जाते देख कर मनोज और विनोद का लंड खड़ा होना शुरू खो गया. थोड़ी देर के बाद सुमन और वंदना नंगी ही किचन से चाय और नाश्ता ले कर कमरे आई और जुर्सी पर बैठ गयी. मनोज और विनोद भी नंगे ही कुर्सी पर बैठ गये. थोड़ी देर के बाद सुमन झुक कर प्याली मे चाय पलटने लगी. सुमन के झुकने से उसकी चूंची दोनो हवा ने झूलने लगी. ये देख कर मनोज ने आगे बढ़ कर सुमन की चूंचियो को पकड़ लिया और उन्हे दबाने लगा…
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