गतांग से आगे … मैं तो मन ही मन खुस हो गया पर खुसी जाहिर किये बिना बीवी का एक किस लिया सर पर हाथ घुमाया और चला आया तब तक रात के 10 बज गए थे मैंने रास्ते में एक वियाग्रा कि टेबलेट खा लिया और होटल पहुच गया और रितिका के रूम का दरवाजा खटखटाया तो रितिका नाइट सूट पहने अंगड़ाई लेते हुए रितिका इस तरह से कपडे पहने हुए अंगड़ाई लेते हुए दरवाजा खोला और मेरी तरफ मादक नजरो से देखा दरवाजा खोला और मुझे देखकर चौक गई और बोली कि भाभी और ये [पति का नाम लिया] कहा है तो मैंने सब बता दिया तो ओ कुछ नहीं बोली , तब मैंने रूम कि चाबी माँगा तो चाबी दे दिया मैं रूम में आकर कपडे बदला और सोने कि तैयारी करने लगा पर मन में तो रितिका का सेक्सी जिस्म नाच रहा था मैं करवटे बदल ही रहा था पर नींद नहीं लग रही थी तो मैंने रितिका के मोबाइल पर मिस काल दिया तो बदले में रितिका ने भी मिस काल दे दिया तो मैंने फिर से फोन लगाया और बोला कि नींद नहीं आ रही है तो रितिका कुछ नहीं बोली और फोन काट दिया मैं कुछ देर में बीच के दरबाजे में दस्तक दिया तो रितिका ने दरवाजा खोल दिया मैं अंदर आ गया देखा कि रितिका कि लड़की सो रही है तब मैंने रितिका को पकड़ कर किस कर लिया और बूब्स को दबा दिया तो रितिका बोली ये जाग जायेगी रहने दो ना तो मैंने बोला कि किस तुम्हे कर रहा हु ओ कैसे जाग जायेगी इतना कह कर रितिका को गोद में उठा लिया और किस करने लगा तो ओ बोली नीचे करिये गिर जाउगी तो मैंने उसे नीचे कर दिया तो मेरी तरफ देख कर बोलती है कि आप तो मुझे ऐसे उठा लिए जैसे कोई छोटी बच्ची हु तब मैं उसको किस करते हुए बिस्तर पर बैठ गया और उसे चूमने लगा और बिस्तर पर लिटा दिया और लेट गया और हम दोनों कि चूमा चाटी चलने लगी इतने रितिका कि लड़की जाग गई तो रितिका उसकी तरफ घूम कर उसे सुलाने लगी तो मैंने रितिका को बोला कि इसे सोफे पर सुला दो नहीं तो फिर से जाग जायेगी तो रितिका उठी और अपनी लड़की को सोफे पर सुलाने के लिए लड़की के साथ लेट गई करीब 5 मिनट लड़की गहरी नींद में सो गई तो मैं रितिका के पास गया और सोफे के पास बैठ कर रितिका की पीठ पर चूतड़ो पर कमर पर किस करने लगा रितिका के छोटे छोटे टाइट बूब्स को दबाने लगा बूब्स को दबाने तो रितिका सोफे से उठी और मेरे को किस करने लगी तो मैंने रितिका को गोद में उठा लिया और बेड पर लाया और रितिका की गाउन,ब्रा पेंटी को उतार दिया और मैं भी रितिका कि दोनों टाँगो को अपने कमर में डाल कर लण्ड पेल दिया | आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | नंगा हो गया और रितिका को लिटा दिया बेड पर और उसकी जांघो को ,पीठ को ,पेट को किस करने लगा किस करते करते रितिका कि चूत को चाटने लगा तो रितिका बोली इसे मत चाटिये नहीं तो मैं 5 मिनट में ही ठंडी हो जाउगी तब मैंने रितिका से पूछा कि तुम्हे कैसा सेक्स अच्छा लगता है तो रितिका बोली कि खूब देर तक मेरी चूत में लण्ड कि घिसाई बहुत अच्छी लगती है आप जितना देर तक स्ट्रोक मारेगे मैं उतना ज्यादा इंजॉय करुँगी ये [पति का नाम लिया] तो जल्दी से गरम करके 25-30 झटके मारकर मुझे झाड़ देते है और खुद भी रिलेक्स हो जाते है , तब मैंने बोला ठीक है और रितिका को बिठा दिया और उसकी टाँगो को अपने कमर कि तरफ दोनों तरफ डाल लिया और पकड़ कर खीच लिया और अपने खड़े लण्ड को रितिका कि चूत में पेल दिया , तो रितिका बोली कंडोम लगा लो अभी कल ही बाल धोया है [बाल धोया मतलब माहवारी बंद हुई] और रितिका तकिये के नीचे से कोहिनूर कंडोम निकाला और उसकी पेकिंग को फाड़ कर मेरे लण्ड पर चढ़ाने लगी सुपाड़े कि चमड़ी खिसकाए बिना तो मैं रितिका से बोला कि इसको [लण्ड कि तरफ इसारा किया] नंगा करके कपड़े [कंडोम] पहनाओ तो बोली नहीं रहने दो ऐसे में ज्यादा देर तक रुकोगे और चढ़ा दिया और वापस से अपनी चिकनी मुलायम टांगो को मेरे कमर के बगल में डाल दिया और लण्ड के पास आपनी चूत को ले आई तो मैं लण्ड को उसकी चूत में डाल दिया चूत नारमल थी ना तो ढीली और ही ज्यादा टाइट , मैं धीरे धीरे लण्ड को पेल दिया और आगे पीछे करने लगा रितिका को किस भी करता ,रितिका के बूब्स को चूसता, रितिका बड़े मादक अंदाज में अपने चूतड़ो को आगे -पीछे करती अपने दोनों हाथो को बेड रख कर चूतड़ो के झटके मारती ,मेरे लण्ड पर करीब 5 मिनट तक इसी तरह से चुदाती रही रितिका पचौरी तब मैंने रितिका को बेड के किनारे खीच लिया और मैं बेड के नीचे खड़ा हो गया
और रितिका के दोनों टाँगो को अपने हाथो से पकड़ कर ऊपर कर लिया और बड़े प्यार से हलके हलके चोदने लगा रितिका चुदाई अपनी आँखे लेती जब मैं झटका मरना बंद कर देता तो बेड पर तड़पने लगती और अपने चूतड़ो को बेड पर इधर उधर घुमाने लगती अपनी चूत को कसकर अंदर कि ओर खींचती उठकर बैठ जाती और मुझसे चिपकने लगती,अपने होठो को चबाती बार बार आँखे बंद करती और आए आ आ आ आ आ अह अह अह अह आह आआआआआ आए सस्स सस आऐईए आई आई आई आ या या या आ आ आ आह आह करती मैं झटके कि स्पीड बढ़ा दिया फट फट कि आवाजे आने लगे रूम में तो रितिका बोली धीरे धीरे करिये ओ [लड़की कि तरफ इसारा किया ] जाग जायेगी तब मैंने रितिका को बोला कि चलो मेरे कमरे में चलते है , तब रितिका को लेकर अपने रूम में आ गया बीच का दरवाजा लगा दिया पर 4 मिनट कि चुदाइ का मजा नहीं मिल पाया | आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | रूम में आते ही रितिका की चूत को चाटने लगा रितिका 2 मिनट में ही फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गई तो रितिका को बेड पर लिटा दिया और दोनों टांगो को पकड़ कर उठा लिया और फिर से लण्ड पेल दिया और लण्ड के झटके देना सुरु कर दिया 3 झटको के बाद रितिका उठकर लगी तो मैं उसकी चुचियो को ,ओठो को चूसने लगा तो रितिका अपने दोनों हाथो को मेरे गले में डालकर मेरे सीने से चिपक गई फिर भी मैं धीरे धीरे चुदाई चालु रखा र्रितिका को बेड पर लिटाने लगा तो रितिका लेटने के जगह और चिपक गई सीने से तो मैं रितिका के कमर में डालकर उठा लिया और रितिका को हवा में झूला झुल्ला झूलाकर खूब तबियत से चूदाई किया रितिका मेरे गालो को ,गले को , कंधो को जोर जोर से काटती यहाँ तक कि कंधे पर रितिका के दॉत के निसान आ जाते रितिका जोर जोर से अपने मुह से आए ओह ओह आह आह आह आह आ आ आ आ आ अह अह अह अह आह आआआआ आ आए सस्स सस आऐईए आई आई ओह आह ओह आह ओह आह आई आ या या या आ आ आ आह आह कि आवाज निकलने लगी और जल्दी जल्दी अपने चूतड़ो को पटकने लगी इस पटका -पटकी में लण्ड बाहर हो गया तो मैं जल्दी से रितिका पचौरी को बेड पर पेट कि तरफ से लिटा दिया और लण्ड को पेलते हुए तबियत से झटके मारने लगा 2 मिनट तक कुछ झटके खाने के बाद रितिका ने अपने चूतड़ो को ऊपर उठा लिया और घोड़ी बन गई तब मैं घोड़े कि तरह पूरी ताकत से झटके मारने लगा बीच बीच में जब झटके मारना बंद कर देता तो रितिका अपने चूतड़ो को आगे -पीछे करने लगती लगातार 5 मिनट तक झटके खाने के बाद मैंने रितिका को पीठ कि तरफ लिटा दिया और रितिका के ऊपर चढ़ गया और फिर रितिका को जोर जोर के झटके मार मार कर चोदने लगा नीलीमा बड़े प्यार से झटके खाती रही और ओह ओह आह आह आह आह आ आ आ आ आ अह अह अह अह आह आआआआ आ आए सस्स सस आऐईए आई आई ओह आह ओह आह ओह आह आई आ या या या आ आ आ आ ऊ आह्ह आह सी सी स्क् कि आवाज निकलती रही और कुछ ही देर में ढेर हो गई दोनों एक साथ स्खलित हो गए घड़ी में देखा तो 11 बज गए थे हम दोनों एक साथ बाथरूम गए और फ्रेस होने के बाद एक साथ रितिका के रूम में सो गए रितिका अपनी लड़की को उठा कर अपने पास सुला लिया सुबह 5 बजे मेरी नींद खुली तो चुपके से एक वियाग्रा के टेबलेट फिर से खा लिया और रितिका के पास लेट गया और रितिका को किस करने लगा आधा घने के बाद तो रितिका भी जाग गई तो अपने रूम के बाथरूम में ले गया दोनों नहाने लगे नहाते नहाते रितिका को बाथरूम में फिर से चोद दिया फिर दोनों नहा कर बाहर आ गये तब तक रितिका कि लड़की जाग गई मैंने मेरी बीवी को फोन किया तबियत का हाल चाल लेने के लिए तो ओ बोली कि टीक है अभी 8 बजे तक रूम पर आ जाउगी और 8 बजे मेरा दोस्त और मेरी पत्नी दोनों होटल आ गए एक ऑटो से दोनों बहुत खुस नजर आ रहे थे मेरी बीवी के चेहरे में कही से कही बीमारी के लक्षण नहीं दिख रहे थे | मुझे मेरी बीवी पर सक हुआ पर सक को मन में दबाये रखा और हम दोनों परिवार 9 बजे त्रिम्बक से चल दिए रास्ते भर हँसी मजाक करते हुए , साम को 7 बजे घर पहुच गए | आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
त्रिम्बक से आने के एक दिन बाद मेरी बीवी ने कहा कि मोबाइल कि रिंगटोन बदल दजिए तो मैं रिंगटोन बदलने लगा आगे के रूम में और बीवी नहाने चली गई तो रिंग टोन सर्च करते करते मेरी बीवी और मेरे दोस्त कि गन्दी गन्दी बाते सुन लिया जो फोन में रिकार्ड थी मेरी संका पक्की निकली मैंने ऐसे कई रिकार्ड सूना दोस्त और मेरी बीवी कि मैं उन सभी रिकार्ड को ब्लूटूथ से अपने मोबाइल में ले लिया पर ये बात बीवी को पता नहीं चलने दिया।
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