मेंरा नाम लीला है. और में नोयडा में रहती हु. में दिखने में बहुत ही सेक्सी और जवान हु . मैने बहुत से लोगो के साथ सेक्स किया है और उस सभी लोगो में से मैने 2 लडको को पसंद किया था दोनों लडको का अपना अलग ही मजा था उनमे एक का नाम अमर और दुसरे का नाम बिपिन था . अमर का लंड बहुत ही लम्बा था . और बिपिन का लंड मोटा था . इन दोनों से में बहुत प्यार करती थी. सुबह अमर से चुदती थी. और शाम को बिपिन से मेरी जिंदगी बड़े आराम से चलने लगी थी पर उस रात के बारे में सोचते ही में काप उठती हु . अमर अचानक रात को 10 बजे मेरे घर आया मुझे लगा की बिपिन आया होगा क्योकि अक्सर रात को बिपिन ही आया करता था मैने जेसे ही दरवाजा खोला तो देखा की सामने अमर खड़ा हुआ है वो दारू के नसे में पूरी तरह से धुत था. मने उसे अंदर बुलाया पर थोडा डर भी लग रा था की कही बिपिन ना आजाये उसने रूम में आते ही मुझे अपने बाहों में भर लिया मुझे दरवाजा बंद करने का भी मोका नहीं दिया वो पूरी तरह से चुदाई करने का मन बना के आया था उसने मुझे सोफे में लेटा दिया और मुझे चूमने चाटने लगा . मुझे कुछ भी बोलने का मोका नहीं दे रहा था . अचानक अमर खड़ा हो गया और कहा अपने कपडे उतारो . उस वक्त में मना भी नहीं कर सकती थी . आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैने अपने कपडे उतार के नंगी हो गई अमर ने मुझे सोफे में बीठा कर मेरे दोनों पैर फेला दिया और मेरी चूत को चाटने लगा . अब में भी सब कुछ भूल के उसका साथ देने लगी . की अचानक मेरी नजर दरवाजे की तरफ पड़ी और उधर देखते ही मेरा जोश पूरी तरह से ठंडा हो गया दरवाजे के पास बिपिन खड़ा हुआ था उसने मुझपे चिल्लाना सुरु किया माधरचोद रंडी की ओलाद कितनो से चुदती हो तेरी माँ की चूत उसी वक्त अमर को गुस्सा आ गया और दोनों में झगडा होने लगा . उस वक्त मुझे समझ में नहीं आ रहा था की क्या करू मैने चिलाया चुप रहो मेरी मर्जी में जिस से भी चाहू चुदा सकती हु मेरी चूत मेरी मर्जी अगर तुम लोगो को ये सब अच्छा नहीं लगता तो तू शोक से जा सकते हो पर याद रखना आज के बाद तुम चुदाई को तरस जाओगे . मेरी बात काम करने लगी थी दोनों शांत हो चुके थे और में दोनों को खोना नहीं चाहती थी तभी अमर ने कहा पर तुम ही बताओ हम दोनों एक ही चूत को केसे चोद सकते है तब मैने उन दोनों से पूछा अच्छा ये बताओ में जो फेसला करुँगी वो तुम दोनों को मानना पड़ेगा दोनों ने कहा ठीक है तब मैने कहा की अमर तुम्हारा लंड लम्बा है जब तुम मेरी चूत में डालते हो तो मुझे बहुत अच्छा लगता है . और बिपिन का लंड मोटा और टाइट है जो मेरी गांड मारने के लिए सही है आज से मेरी चूत सिर्फ अमर चोदेगा और मेरी गांड बिपिन मरेगा बस और अब में कुछ भी नहीं सुनना चाहती उस वक्त में नंगी ही खड़ी थी मैने कहा तुम दोनों किसका इंतजार कर रे हो अब तो मेरा बटवारा भी हो चूका है शायद में ये बोल के गलती कर दी थी दोनों एक साथ मेरे एक एक बटले को दबाना लगे और किस करने लगे में पहली बार एक साथ दो लोगो से चुदाने जा रही थी उस वक्त थोडा डर भी लग रहा था | पर में मन ही मन खुश भी हो रही थी की चलो दोनों लडको को खोने से बच गई. में अपने घुटनों के बल बेठी और अमर का लम्बा लंड चूसने लगी और एक हाथ से बिपिन का लंड हिलाने लगी थोड़ी देर बाद में अमर को सोफे में लेता दी और उसके लंड को अपने चूत में रख के घुसवाने लगी पीछे से बिपिन मेरी गांड को चाटने लगा और अपनी ऊँगली को घुसाने लगा फिर बिपिन भी अपना मोटा लंड मेरी गांड में घुसाने लगा निचे से अमर मेरी चूत चोद रहा था | आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | और पीछे से बिपिन मेरी गांड मार रहा था उस वक्त में जन्नत में पहुच गई थी और दोनों के लंड का मजा लेने लगी थोड़ी देर चोदने के बाद अमर का लंड झड गया पर बिपिन नहीं रुका वो मेरी गांड को पूरी ताकत से चोद रहा था और मेरी चूची हो मसल रहा था थोड़ी देर गांड मारने के बाद बिपिन का लंड भी जवाब दे गया पर उस रात हम तीनो को बहुत मजा आया हम तीनो को नया अनुभव मिला था और अब हम जब भी सेक्स करते है तीनो एक साथ करते है … मेरी कहानी कैसी लगी जरुर बताना शायद तुम्हे भी मिल जाऊ |
The Author
गुरु मस्तराम
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त मस्ताराम, मस्ताराम.नेट के सभी पाठकों को स्वागत करता हूँ . दोस्तो वैसे आप सब मेरे बारे में अच्छी तरह से जानते ही हैं मुझे सेक्सी कहानियाँ लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है अगर आपको मेरी कहानियाँ पसंद आ रही है तो तो अपने बहुमूल्य विचार देना ना भूलें