हैल्लो दोस्तों, अब तक तो आपने कई बार लंड को हिला हिला कर अपनी गर्मी निकाली होगी चुत को रगड़ रगड़ को बुर का पानी निकाला होंगा लेकिन मेरी ये कहानी पढ़ने के बाद आपको फिर से एक दमदार वाला मुठ मरना होगा. मेरा नाम धन्जय है और में राजकोट से हूँ, मेरी उम्र 32 साल है और में अपनी लाईफ को इन्जॉय करता हूँ और करवाता हूँ. अब में आपका ज़्यादा समय बर्बाद नहीं करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ.
यह घटना अभी कुछ ही दिनों पहले की है. में फ़ेसबुक पर मजे कर रहा था और तभी अपने ही घर के नज़दीक की लड़की से चैट करने लगा, तब रात के करीब 11 बज रहे थे और फिर बातों-बातों में उसने कहा कि कल वो कोलकाता जा रही है. फिर मैंने भी तुरंत झूठ कह दिया कि में भी कल कोलकाता जा रहा हूँ. फिर क्या था? फिर कंचन ने कहा कि तो मिलकर चलते है, तो मैंने भी तुरंत हाँ कर दिया.
फिर अगले दिन सुबह में अपनी कार निकालकर कंचन का इंतज़ार करने लगा और फिर वो भी सज-धज कर अपने एक बैग के साथ आई. फिर वो अपने बैग को पीछे की सीट पर रखकर मेरी पास वाली सीट पर आ गयी. फिर मैंने कार स्टार्ट की और हम दोनों कोलकाता की और निकल पड़े. अब हम दोनों करीब आधे घंटे तक गाने सुने जा रहे थे कि तभी कंचन पूछ बैठी, आपका क्या काम है? तो में चुप रहा और फिर बोला कि बस यूँ ही बिज़नेस का काम है.
फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हारा क्या काम है? तो कंचन बोली कि कुछ ज़्यादा नहीं बस मम्मी की दवा लानी है, जो सिर्फ़ कोलकाता में ही मिलती है. अरे में तो आपको उसके बारे में बताना ही भूल गया कंचन 30 साल की एकदम हसीन और गोरी लड़की है, उसकी ऊंचाई 5 फुट 5 इंच और फिगर साईज 36-32-38 है, कंचन एकदम गोरी है और में थोड़ा लार्ज बिल्ट, गोरा बदन और मेरा लंड 5 इंच लम्बा है.
अब में आगे की स्टोरी पर आता हूँ. फिर सफ़र में चलते-चलते कंचन ने पूछा कि आप भाभी से कब मिले थे? तो मैंने तुरंत कहा कि हमारी अरेंज मैरिज थी, लेकिन में बहुत खुश हूँ कि मुझे ऐसी बीवी मिली है. फिर कंचन बोल उठी कि आपका नसीब नहीं भाभी का नसीब अच्छा है कि आप उसे मिले. फिर मैंने उससे कहा कि में कुछ समझा नहीं, लेकिन कंचन कुछ नहीं बोली.
फिर मैंने भी उससे ज़्यादा सवाल नहीं किए. फिर एकाएक कंचन पूछ बैठी कि आपने अपनी सुहागरात कैसे मनाई थी? फिर क्या था? फिर मैंने भी कह दिया कि क्या करके बताऊँ? तो कंचन तुरंत बोल पड़ी कि हाँ. फिर मैंने ब्रेक लगाई और गाड़ी साईड में करके खड़ी कर दी और उसे देखता रहा. अब कंचन मुझसे नज़रे मिला नहीं पा रही थी. फिर मैंने भी सोचा कि मौका अच्छा है मारो चौका. फिर मैंने कंचन का हाथ पकड़ लिया और सहलाने लगा, लेकिन वो चुप रही. फिर मेरी हिम्मत और बड़ी और मैंने कंचन के होंठो को अपने होंठो से क़ैद कर लिया.
फिर कुछ पल के बाद कंचन भी मेरा साथ देने लगी और अब हम दोनों एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे. फिर करीब 15 मिनट तक हम एक दूसरे को चाटते रहे. फिर मैंने गाड़ी आगे बढाई और कुछ ही समय में हम कोलकाता पहुँच गये. फिर वहाँ जाते ही हमने एक होटल में रूम बुक किया और सीधे रूम में चले गये. फिर में कंचन को रूम में बैठाकर बाहर से कंडोम का पैकेट ले आया.
फिर मैंने देर ना करते हुये वापस रूम में आया तो मैंने देखा कि कंचन नहा धोकर टावल लपेटे खड़ी हुई थी. अब उसका गोरा बदन निखर रहा था और फिर मैंने भी तुरंत शॉवर लिया और टावल लपेटकर रूम में आ गया. अब कंचन पहले से ही पलंग पर लेटी हुई थी. फिर में उसकी और झुका और उसे लिप किस किए जा रहा था. कंचन की पहले से ही सेक्स की इच्छा थी और इस कारण वो भी तुरंत मुझसे लिपट गयी और कहने लगी कि धन्जय प्लीज़ मेरी प्यास बुझा दो, में बहुत प्यासी हूँ.
अब मुझको समझने में देर नहीं लगी कि वो पहले भी इसका मज़ा ले चुकी है, लेकिन में उससे पूछकर अपना और उसका मज़ा क्यों खराब करूँ? अब पूरा कमरा हमारी सांसो की आवाज़ से गूँज रहा था. अब हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चुम्मा चाटी कर रहे थे. फिर मैंने कंचन को टावल की क़ैद से आजाद किया और अब कंचन मेरे सामने पूरी नंगी थी. फिर मैंने तुरंत उसके बूब्स को चूसना चालू किया, क्या मज़ा आ रहा था? कंचन की चूत बालों से भरी हुई थी. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
अब में उसके बूब्स को चूस रहा था और अपने दूसरे हाथ से उसकी चूत को सहला रहा था, जो हल्की सी गीली हो चुकी थी. अब उसका हाथ मेरे लंड पर घूम रहा था, तभी मैंने कंचन को मेरा लंड अपने मुँह में लेने की बात कही तो वो तुरंत मान गयी. अब वो पलटकर मेरा लंड चूस रही थी जैसे मानो लॉलीपोप है. अब हम दोनों 69 की पोज़िशन में थे और अब में उसकी चूत को चाट रहा था और बीच-बीच में अपनी जीभ को उसकी चूत में घुमा रहा था, उसकी गीली चूत से क्या मदहोशी वाली खुशबू आ रही थी?
अब में काफ़ी उत्तेजना के कारण 10 मिनट में ही कंचन के मुँह में ही झड़ गया था, लेकिन उसने चूस-चूसकर मेरा सारा माल साफ कर दिया. अब इस बीच कंचन भी अकड़ने लगी और मेरे मुँह पर ही झड़ गयी. फिर मैंने भी चाट-चाटकर उसकी चूत साफ की और अब बालों की वजह से मुझे उसकी चूत चाटने में और भी मज़ा आ रहा था. अब मेरे झड़ने के बाद हम दोनों एक दूसरे से नंगे लिपटकर लेटे हुए थे और इधर उधर की बातें किए जा रहे थे.
अब हम बातें कर रहे थे और उधर कंचन मेरे लंड को सहला रही थी और में भी उसके बूब्स को स्मूच कर रहा था. फिर थोड़ा रोमान्स करते-करते मेरा लंड फिर से तैयार हो गया और फिर हम दोनों ने फिर से किसिंग चालू कर दी. अब में फिर से तड़प उठा और हम फिर से सीधे 69 पोजिशन में आ गये, अबकी बार हमारा जोश भी दोगुना हो गया था. अब में उसकी चूत में फिंगरिंग भी किए जा रहा था और बीच-बीच में चाट भी रहा था.
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