गतांग से आगे ....
उसकी चूचियाँ बहुत बड़ी बड़ी और चूतड़ कसे कसे .
शौहर की जाँघो के बीच पैरो से किक लगाते हुए शकीना बोल पड़ी:देखिए ना,ये मुझे छेड़ रहा था…फिर नीचे बैठ ते हुए शौहर के चेहरे को उपर उठाई,आँखो के सामने सलवार सूट मे कसी बड़ी बड़ी चूचिया देखकर शौहर के लंड ने झटका ज़रूर खाया होगा लेकिन शायद पिटने के डर से तुरंत वो अपना चेहरा झुका लिए….शकीना खिलखिला के हंस पड़ी और शौहर के कानो मे फुसफुसा के बोली: भाईजान,मेरे शौहर फ़िरोज़ का लंड बहुत बड़ा है…अगली बार किसी मुसलमान लड़की को छेड़ने की गुस्ताख़ी ना तो तेरी गान्ड मार लेंगे और घर मे घुस कर तेरी मा-बहन-बीवी सबको चोद डालेंगे..कहते हुए शकीना बुर्क़ा हाथ मे ली और ज़ुल्फो को लहराते हुए अपने शौहर की ओर चल पड़ी…चलते वक़्त ऐसा बिल्कुल नही लग रहा था कि अभी अभी ये आरडीएक्स बनी हुई थी…चलते वक़्त शकीना की कमर मे बहुत हसीन लचक थी और टाइट सलवार सूट मे शकीना के चूतड़ बहुत सेक्सी अंदाज़ मे मटक रहे थे.
शौहर शकीना के बलखाते चूतड़ को हवा मे लहराते हुए तब तक देखते रहे जब तक वो फ़िरोज़ के पास नही पहुच गये.फ़िरोज़ ने शकीना की चूतड़ पर हाथ रख के सहला दिया और शकीना ने शौहर की ओर मुड़कर आँख मार दी और उंगली हिलाते हुए बोली:बाइ बाइ भाईजान हम और सिंह साहब खड़े खड़े ये तमाशा देख रहे थे…लेट हो रहा था इसलिए मैने सिंह साहब से कहा प्लीज़,मुझे वो ट्रेन वाली लूँगी दे दीजिए ,एक मुस्लिम औरत के लिए उसकी चूत के खून से बड़ा कुछ नही होता. राज सिंह चूत की बात सुनकर भूल गये कि हम बीच बाज़ार खड़े हैं और लोग हमे देख रहे हैं.राज सिंह ने मुझे आगोश मे कस लिया और गालो पे पप्पी ले ली.मैं शर्म से लाल लाल हो गयी कोई गैर मर्द बीच बाज़ार मेरे गालो की पप्पी ले रहा है…मैने ठुनक्ते हुए कहा: छोड़िए ना सिंह साहब साहब, लोग देख रहे हैं.
सिंह साहब ने शरारत से मेरे चूतड़ पर हाथ रख दिया और चिकोटी काट ली.मैं चिहुक उठी:उफफफफफ्फ़ सिंह साहब साहेब आप बड़े बदमाश हैं | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
राज सिंह ने हंसते हुए मेरे गाल पे पप्पी ले ली और कहा:जन्नत डार्लिंग,अब जब मैं तुम्हारी चूत फाड़ ही चुका हू तो लोगो को भी देखने दो कि किस मूसल लंड से तुम चुदती हो.और रही बात लूँगी की तो तुम्हारी चूत तो तुम्हारे पास है,मेरे पास अपनी चूत की निशानी तो रहने दो.वैसे मैने अभी अभी उसे बगल की दीवाल पर सूखने के लिए पसारी है. मेरी चूत और गाल दोनो शर्म से लाल लाल हो गये.ये दीवाल हमारे मोहल्ले के बगल मे ही एक पडोसी की थी. राज सिंह ने चूतड़ पर हाथ फिराते हुए फिर से मेरे गालो पे पप्पी ले ली और कहा:जन्नत डार्लिंग,कितने दिनो बाद तो मिली हो,आते ही नमाज,पहले चुद तो लो.मेरी चूत के होंठो पे लाली आ गयी आज फ्राइडे के दिन किसी गैरमर्द से चुदने की बात सुनकर…इस से पहले कि मैं इनकार करती, राज सिंह ने मेरे गले मे हाथ डाल दिया और मुझे लेकर चल पड़े.मेरी चूचियो के सामने उनका हाथ झूल रहा था जिसे लोगो की नज़रो से बचाकर वो मसल देते थे….पता नही कौन से खंडहर मे ले जाके राज सिंह ने मेरी दो बार चुदाई की…चुदाई के बाद मेरी चूत और गालो दोनो मे रंगत आ गयी थी….फिर मैं खंडहर से निकल कर घर वापस आ गयी |
कहानी जारी रहेगी.. आप मुझे अपने विचार ईमेल कर सकते है :[email protected]