भाभी का अकेलापन दूर हो गया

दोस्तों आज मै अपनी कहानी अपलोगो के सामने मस्तराम डॉट नेट के माध्यम से प्रस्तुत कर रहा हु आशा करता हु आप लोग जरुर पसंद करेगे  | मेरे चाचाजी के लड़के यानि गिरीश भैया सिंगापुर में दो साल के ट्रेनिंग के लिए गए तो सोनल भाभी हमारे यहाँ रहने के लिया गई. कारण कि चाचाजी चाहते थे कि भाभी को अकेलापन ना लगे. गिरीश और सोनल की शादी भी वाल एक महीने पहले हुई थी. चाचाजी अकेले ही हैं इसलिए. भाभी मुझसे दो साल बड़ी है. मेरी शादी केवल दस दिन पहले ही हुई थी. काजल और मैं नई नई शादी का पूरा मजा ले रहे थे. जब भी समय मिलता हम दोनों कमरे में बंद हो जाते. भाभी हमें खूब चिढाती. काजल लेकिन चिढती नहीं बल्कि भाभी को उलटा चिढाती और कहती ” भाभी कभी एकदम से कमरे में मत आ जाना नहीं तो और भी आपकी हालत खराब हो जायेगी.” दोनों खूब मजाक करती.
धीरे धीरे भाभी की तड़प हम दोनों के सामने भी दिखाई देने लगी. एक दिन काजल ने मुझसे कहा “जानूं, भाभी की हालत देखी नहीं जाती. कल रात को मैंने उन्हें तकिया दबाते हुए और सिसकी भरते हुए देखा तो मुझे उन पर बहुत या आ गई. भैया तो अभी दो साल के बाद आयेंगे. उन्होंने तो भाभी के साथ केवल तीन रातें बिताई है. ” हम दोनों अब जब भी भाभी को अकेला कमरे में जाता देखते तो पीछे चले जाते. एक बार हम दोनों ने देखा कि भाभी ने अपने सभी कपडे उतार दिए और पलंग पर लेट गई. वो तड़पने लगी और तकिये को पकड़ कर लोटने लगी. फिर हमने देखा कि भाभी ने अपनी ऊँगली अपने जननांग में डाली और सिसकी भरते हुए ऊँगली अन्दर बहार करने लगी. हम दोनों को ही भाभी पर बहुत दया आई. हम दोनों भरे मन से अपने कमरे में लौट आये.
रात को काजल जब भाभी के कमरे में गई तो काजल ने देखा भाभी फिर वो ही दोहरा रही थी. काजल ने धीरे से दरवाजा बंद किया और भाभी के पास पलंग पर बैठ गई. उसने भाभी का हाथ पकड़ा और बोली ” भाभी आप ऐसा मत करो.” भाभी बोली ” तो फिर मैं क्या करूँ?
दो साल कैसे गुजारुंगी मैं?” काजल कुछ ना बोली. भाभी ने काजल का हाथ पकड़ लिया. भाभी का हाथ गरम हो रहा था. भाभी ने काजल का हाथ पकड़ा और अपने गुप्तांग और जननांग से छुआ दिया. काजल काँप गई. वो जैसे ही उठने को हुई तो भाभी ने उसे अपनी बाहों में भर लिया. भाभी निर्वस्त्र थी. काजल को लगातार भाभी पर आती दया ने उठने नहीं दिया. वो कुछ देर बैठी रही. जब भाभी शांत हुई तो वो लौट आई. काजल ने मुझे यह सब बताया तो मैंने कहा कि इसमें कोई गलत नहीं है. तुम उससे लिपट जाया करो भाभी की आग थोडा तो शांत हो जायेगी. अब दोनों इस तरह से कई बार आपस में मिलने लगी. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
एक बार मुझे किसी जरुरी काम से रात की गाड़ी पकड़कर दिल्ली जाना था. मैं स्टेशन चला गया. पहले कहा गया कि ट्रेन एक घंटा लेट है. फिर कहा गया कि दो घंटा लेट है कोई अक्सिडेंट हुआ है इसलिए. रात के बारह बज गए और घोषणा हुई कि कल दोपहर तक कोई ट्रेन नहीं चलेगी. मैं घर के लिए वापस रवाना हो गया. करीब एक बजे मैं घर पहुंचा. मैं जैसे ही अपने कमरे में दाखिल हुआ तो मैंने देखा कि भाभी काजल के साथ मेरे पलंग पर लेटी हुई है. काजल सोनल भाभी को चूम रही है. काजल और भाभी दोनों ही निर्वस्त्र है.
मुझे ना जाने क्यूँ ये अच्छा लगा. मैंने सामान रखा और पलंग के पास आ गया. दोनों ने जैसे ही मुझे देखा तो काजल ने भाभी के ऊपर एक चद्दर ओढा दी. मैंने काजल से कहा ” मेरी ट्रेन कल दोपहर के बाद ही जायेगी. काजल ये तुमने बहुत अच्छा किया जो भाभी की मदद कर रही हो. दो साल तक भाभी कब तक तड़पेगी.” काजल ने मुस्कुराकर मेरी तरफ देखा और बोली ” जानूं, मुझे भी ख़ुशी हुई कि तुमने इस बात का बुरा नहीं माना.. भाभी आज मेरे साथ यहीं सो जायेगी; तुम पास वाले सोफे पर लेट जाओ.” मैंने हाँ कह दी. तभी भाभी ने कहा ” प्रभात सोफे पर कैसे सोयेगा. डबल बेड है. तुम हम दोनों के बीच आ जाओ और प्रभात को भी यहीं सोने दो. अब हम तीनों उसी पलंग पर सो गए. काजल के एक तरफ मैं था तो दूसरी तरफ भाभी. मैं कपडे बदलने के लिए बाथरूम गया. जब वापस लौटा तो काजल भाभी के स्तनों का मसाज कर रही थी. मैं पलंग पर बीत कर दोनों को देखने लगा. काजल ने मेरी तरफ देखा. भाभी हम दोनों को देख रही थी. मैंने काजल के होंठों को चूम लिया. काजल ने भी मेरे होंठों को चूम लिया. इस दौरान काजल भाभी के स्तनों का मसाज जारी रखे हुए थी. भाभी हम दोनों को इस तरह से चूमता देख बेकाबू होने लगी. उसके जिस्म में बढती हलचलों को काबू में रखने केलिए मैं भी उसके स्तनों पर मसाज करने लगा. भाभी अब तड़पने लगी. काजल को और मुझे दोनों को भाभी को लेकर चिंता होने लगी. काजल ने मेरे कान में कहा ” जानूं; अगर तुम बुरा ना मानो तो मेरा यह सोचना है कि जब तक भाभी अकेली है हम इन्हें सबसे छुपाकर अपने साथ ही सुला लिया करेंगे. ” मैंने हाँ कह दिया. काजल ने मुझे कहा ” जानूं; ये बात हम तीनों के बीच में ही रहेगी. ” भाभी की हालत लगातार बिगड़ने लगी. उसके मुंह से अजीब अजीब आवाजें आने लगी. मैंने काजल से कहा ” इस तरह से हम भाभी को किस तरह से संभालेंगे.” काजल ने कुछ सोचा और बोली ” जानूं; तुम हमेशा मेरे ही रहोगे लेकिन मेरा कहा मानो; जब तक भैया नहीं आ जाते; तुम भाभी को मेरे साथ साथ संभाल लो. भाभी के लिए तुम गिरीश बन जाओ.” मैंने काजल की तरफ हैरानी से देखा. काजल ने कहा ” जब मुझे कोई आपत्ति नहीं तो! भाभी को देखो कैसा तड़प रही है. आओ मेरे साथ आ जाओ.” काजल के बार बार कहने पर मैं काजल के साथ भाभी के साथ सटकर लेट गया. मैंने भाभी के गाल पर एक हल्का सा चुम्बन लिया. भाभी ने एक आह भारी और मुझसे लिपट गई. काजल ने मुझे इशारा किया और मैंने भाभी को लगातार चूमना शुरू कर दिया. काजल भी अब मुझे भाभी को संभालने में मदद करने लगी. उसने भी भाभी को गालों पर चूमा. अब भाभी मुझसे एकदम खुलकर चुम्बन लेने और देने लगी. काजल भी अब शामिल हो गई और थ्रीसम सेक्स ग्रुप हो गया था. अब धीरे धीरे मैं भाभी को अपनी गिरफ्त में लेने लगा. काजल ने मेरे लिंग को चूमकर एकदम खड़ा कड़क और लंबा कर दिया और उस पर कोंडोम चढ़ा दिया. काजल ने भाभी को मुझसे अलग किया और उसकी टांगें फैला दी. मैंने तुरंत भाभी की टांगों के बीच में लेटकर अपना लिंग उसके जननांग के तरफ बढ़ा दिया. काजल ने मेरे लिंग को भाभी के जननांग में थोड़े से जोर से अन्दर डाल दिया और फिर मैंने जोर लगाकर उसे और अन्दर पहुंचा दिया. भाभी के मुंह से ख़ुशी की आवाजें निकलने लगी. अब काजल ने रहा नहीं गया. उसने मुझे इशारा किया. मैंने अपना लिंग भाभी के अन्दर से निकाला और काजल के जननांग में घुसा दिया. भाभी हमारे करीब आ गई और हम दोनों को चूमने लगी. उसने भी अब काजल की पूरी मदद की. कुछ देर के बाद मैंने काजल के जननांग में अपने लिंग की धारा चला दी. यह देख भाभी ने भी जिद की. काजल ने मुझे हाँ कहा., लेकिन मैंने भाभी को समझा लिया और अगली बार उनके जननांग में लिंग को ले जाने की बात कह दी. भाभी मान गई. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
हम दोनों इसी तरह से लेटे हुए थे. भाभी जब यह देखा तो उन्हें बहुत अच्छा लगा. काजल ने भाभी से कहा ” भाभी अगर आप बुरा नहीं मानो और आप की इजाजत हो तो कल ये आपके साथ कल एक बार फिर इनसे दोहरा दूंगी.” भाभी ने काजल को चूमा और बोली ” तुम मेरा कितना ख़याल रख रही हो. मुझे मंज़ूर है लेकिन यह बात केवल हम तीनों तक ही रहनी चाहिये.” मैंने भाभी के गाल चूमे और बोला ” आप बिलकुल चिंता मत करो. इस कमरे के बाहर यह बात बिलकुल नहीं जायेगी..” भाभी ने मुझे और काजल के होंठों को एक साथ जोर से चूम लिया. भाभी की आग थोड़ी बुझ चुकी थी. इस तरह से लगातार मैं काजल के जननांग को भेदता रहा और भाभी को चूमता रहा और करीब करीब सारी रात ऐसे ही बिताई. जब हम थक कर चूर हो गए तो देखा कि सवेरे के छह बज गए हैं. हम सो गए.
अगले दिन मैं दिल्ली चला गया और जब दो दिन के बाद लौटा तो काजल और भाभी दोनों ने मुझे एक साथ अपनी बाहों में भर लिया. वे दोनों ही तड़प रही थी. जैसे तैसे कर हमने दिन बिताया. रात को हम तीनों हमारे कमरे में थे. भाभी ने आज गहरे लाल रंग की ब्रा और पैंटी पहनी. काजल ने उसे होंठों पर गहरे लाल रंग की ढेर सारी लिपस्टिक भी लगाईं. भाभी एक बार गर्ल जैसी सेक्सी लगने लगी थी. मैंने भाभी को बाहों में लिया और एक साथ उसके होठों का सारा रंग अपने होंठों और जीभ पर ले लिया. भाभी का सारा बदन सरसरा उठा. फिर काजल मेरे पास आ गई. हमने भाभी को और उत्तेजित कर ने लिए आपस में कई सेक्स मुद्राएँ की. भाभी अब पूरी तरह से चार्ज हो गई और मैंने कोंडोम लगाकर अपने को फुल्ली लोडेड कर लिया. भाभी पलंग पर लेटी. काजल उसके पास लेट गई और उसे चूमने लगी. मैंने भाभी के जननांग पर अपना और काजल का हाथ रखा. भाभी का जननांग एकदम कच्चा और गुदगुदा लग रहा था जैसे कोई फल आधा पका हुआ हो. काजल और मैंने एक दूजे को देखा. काजल ने मुझे होंठों पर चूमा और भाभी के जननांग को दिखाते हुए बोली ” जानूं, इस कच्चे फल को आज तुम पूरी तरह से पका दो. उस दिन पहली बार तुमने इए छुआ था लेकिन देखो कैसा अनछुआ लग रहा है. उस दिन तुमने केवल थोड़े समय के लिए ही इसे छुआ था. आज तुम इसे पूरा छूलो और इसे लाल लाल कर पूरा पका दो. ये फल तुम्हारे लिए ही बना है ऐसा समझो. ”
आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | भाभी लेटी हुई थी और हम दोनों उसके जननांग को बैठे हुए देख रहे थे. मैंने अपने को भाभी के ऊपर लिटा लिया और काजल ने तुरंत मेरे लिंग को भाभी की उस गुदगुदी गुफा में धकेल दिया. मैंने जोर लगाया
मेरा लिंग दूर बहुत दूर अन्दर तक चला गया. काजल ने भाभी के होंठों को अपने होंठों से छु लिया. अब काजल भी मुझसे चिपक गई. काजल ने अपना एक हाथ भाभी के जननांग के पास ले जाकर मेरे लिंग को पकड़कर उसके अन्दर धकेलने लगी. मुझे और भाभी को यह बहुत अच्छा लगा. मैंने भाभी का हाथ पकड़ा और एक मेरी और एक भाभी की ऊँगली साथ में मिलाकर काजल के जननांग में दोनों उंगलीयाँ डाल दी. काजल को बहुत अच्छा लगा. हम दोनों अपनी उंगलीयाँ काजल के अन्दर धीरे धीरे सहलाते रहे. काफी देर तक इसी तरह करने के बाद अचानक हम तीनों ही जोर से तड़प उठे. काजल का जननांग अब गीला होकर बहने लगा. हमारी उंगलीयों ने उस मलाईदार रस को बाहर आने से रोक दिया. तभी मेरा लिंग भी अपने से मलाई निकालकर भाभी के अन्दर छोड़ने लगा. अद्भुत नजारा था. हम तीनों इतना तडपे और आनंद में आये कि हमें मजा आ गया. इसके बाद मैंने काजल के जननांग अपने लिंग से भर दिया. भाभी ने अब काजल की भूमिका निभाई.
सारी रात हम तीनों इसी तरह से सेक्स का मजा लेटे रहे. काजल की इच्छानुसार भाभी का जननांग अब पूरी तरह से गहरा लाल लाल हो चुका था.
सवेरे जब मैं ऑफिस के लिए रवाना होने लगा तो भाभी ने मुझे अपने कमरे में बुलाकर मेरे होंठों को चासनी से भरा हुआ एक चुम्बन दे दिया.
इसी तरह से दिन बीतने लगे. एक दिन खबर आई कि भैय्या को तीन दिन के लिए अपने परिवार से मिलने के लिए भारत आने का मौका मिल रहा है. मैं और काजल खुश हो गए कि चलो अच्छा है भाभी और भैया का मिलन हो जाएगा. भैया आ गए लेकिन हम दोनों उस वक्त बहुत हैरान हो गए जब भाभी रात को भैया के कमरे से निकलकर हमारे कमरे में आ गई. भाभी ने कहा कि वो हम दोनों के ही साथ सोएगी. भाभी ने बताया कि भैया तो कब के सो गए हैं.दोनों हैरान कि आखिर भैया ऐसे कैसे सो गए जब कि पूरे एक साल बाद वो भाभी से मिल रहे हैं. भाभी हम दोनों के साथ ही सो गई. मैंने और काजल ने भाभी के दर्द को समझा और उनसे संभोग किया. जब उन्हें नींद आने लगी तो मैंने उन्हें छोड़ दिया. अगले दिन भाभी ने बताया कि भैया का वहां एक औरत से दुसरा विवाह हो चुका है और वो अब भाभी को नहीं अपनाएंगे. भाभी ने मुझसे और काजल से कहा कि यह बात घर में किसी को भी पता नहीं चलनी चाहिये. भाभी का मतलब यह था कि जब किसी को पता नहीं चलेगा तो भाभी का मेरे और काजल के साथ का रिश्ता कायम रह पायेगा. काजल और मैं मान गए. भैया लौट गए. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
आज उस भैया को गए दो साल हो गए हैं. भैया साल में एक बार आते हैं और तीन चार दिन रुक कर लौट जाते हैं. काजल जब जब भैया आते हैं तो कमरे में उनके साथ सोती है लेकिन सिर्फ सभ्को बताने के लिए. भैया भाभी को छूते तक नहीं है.. सभी को यह लगता है कि सब कुछ सामान्य है. इस बार जब भैया गए तो कह गए कि अब उनका आना बहुत कम या नहीं के बराबर रहेगा. उन्हें सिंगापुर के नागरिकता मिल चुकी है.
काजल और भाभी दोनों ही अब मां बनने वाली है. दोनों ही के पेट में मेरा ही बच्चा पल रहा है. मैं , काजल और भाभी बहुत ही खुश हैं.

The Author

गुरु मस्तराम

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त मस्ताराम, मस्ताराम.नेट के सभी पाठकों को स्वागत करता हूँ . दोस्तो वैसे आप सब मेरे बारे में अच्छी तरह से जानते ही हैं मुझे सेक्सी कहानियाँ लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है अगर आपको मेरी कहानियाँ पसंद आ रही है तो तो अपने बहुमूल्य विचार देना ना भूलें



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