और अब आगे की कहानी : मिताली के चेहरे पर रुकने के कोई भाव नजर नहीं आ रहे थे। वो कुछ देर तक यूँही ख़ुशी से जावेद के लंड को घूरती रही। वो फिर से थोड़ा निचे झुकी और फिर से मिताली जावेद के लंड को चूसने लगी। जावेद के लंड से निकलता हुआ प्री-कम वो निगल रही थी। वो जावेद का लंड धीरे धीरे मुंह में लेती ही जा रही थी। और आखिर में जावेद का लंड मिताली के गले के अंदर घुस गया जिससे मिताली कुछ थम सी गयी। मिताली अब हवा में साँसे लेने के लिए छटपट कर रही थी। लेकिन उसे ए चूसना पसंद आने लगा था इसलिए मिताली ने ये जारी रखा।
मिताली जावेद के डंडे को पकड़ कर अपने होठों पर घूमाने लगी। और उस लंड को मुंह के अंदर एक जोरदार झटका देकर आखिर मिताली रुक गयी। और फिरसे बड़ी सावधानी के साथ उठकर बैठ गयी। मिताली ने अब उसकी चूत को जावेद के लंड के पोजीशन में सेट किया। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
ये सब किसी सॉफ्ट पोर्न मुव्ही का तरह लग रहा था जो समय के साथ जंगली होती जा रही थी। मिताली की चूत अब बहुत गीली हो चुकी थी। मितालीने अब खुदकी गांड उठाई। मिताली अब घुटनो के बल खड़ी थी। और धीरे से ऊपर सरकी और इस तरह की पोजीशन बनायीं की जावेद का लंड चूत के करेक्ट जगह पर सेट हो गया।
मिताली ने थोडासा गांड को निचे दबाया इससे थोडासा लंड चूत में घुस गया। इसकी वजह से मिताली की चूत ने जावेद के लंड के सुपाड़े पर पानी छोड़ा। इसकी वजह से लंड का चूत में घुसना और आसान हो गया।
मिताली धीरे धीरे एक एक इंच से निचे सरक रही थी। और किसी चुड़ैल की तरह चीखे निकाल रही थी। दर्द से मिताली की बॉडी हील रही थी। जब आधा लंड चूत में घुस गया तब मिताली रुकी फिर उसने थोडासा लंड बाहर निकालकर और तेज़ी से दबाया।
उस धक्के की वजह से मिताली की चूत से पानी की एक और धार निकली उसे एन्जॉय करते हुए मिताली कुछ देर तक वैसे ही बैठी रही। फिर थोडासा उठकर वो जोरदार झटके के साथ बैठ गयी। अंदर मिताली की चूत ने जावेद के लंड को कसकर रखा हुआ था। लंड पूरी तरह चूत के अंदर जाने के बाद मिताली धीरे से ऊपर निचे होने लगी।
मिताली की स्पीड अब थोड़ा बढ़ गयी। मिताली अब जावेद के ऊपर झुक गयी और उसने खुदके पैर पूरी तरह से सीधे कर दिए। जावेद ने मिताली के नरम मम्मो को और कड़क निप्पल को जमकर पकड़ा और उनके साथ खेलने लगा। मिताली ने अब थककर धक्के कम कर दिए। लेकिन जावेद अभी तक थका हुआ नहीं लग रहा था।
उसने अब थोड़ीसी गांड उठकर निचे से मिताली के चूत में धक्के मारने शुरू किये। उस कमरे में अब मिताली की चीखों और जावेद की आहों के अलावा कोई और आवाज़ नहीं थी। मिताली की बॉडी पूरी तरह से रॉक हो चुकी थी। मिताली अब धीरे से उसके अगले ओर्गास्म की और जा रही थी।
मिताली ये पोजीशन हमेशा से पसंद थी। वो जब भी मेरे साथ सेक्स करती तो ईसि पोजीशन में करती। उसे कंट्रोल खुद के हाथों में रखना अच्छा लगता था। लेकिन मिताली को पता था उस दिन उस काउ गर्ल पोजीशन में उसके जिंदगी का सबसे अच्छा ओर्गास्म उसे मिलनेवाला था। क्यूंकि वो उसका फेवरेट पोजीशन था और उसके साथ जिस मजबूत लंड वाले मर्द का सपना वो हमेशा देखती थी। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
वो अब आगे पीछे हिल रही थी और जावेद का लंड चूत के अंदर चूत के दीवारों को सहला रहा था। उसका जंगली मुसल जैसा लंड मिताली के चूत के दाने की मालिश कर रहा था। मिताली फिर से झुकी और उसने जावेद के होठों को फिर से जोश में चूमना शुरू किया।
मुझे ऐसा महसूस हुआ की उसका ओर्गास्म अब नजदीक है। मिताली ने अब अपने आप को जावेद के ऊपर से थोड़ा उठाया अपने घुटने फिर से मोड़े और फिर इक बार काउगर्ल पोजीशन में चली गयी। ये उसका हमेशा का फेवरेट पोजीशन होता था जब वो पानी छोड़ रही होती थी।
और फिर उसने जावेद को तेजी से चोदना शुरू किया। वो तेजी से ऊपर निचे हो रही थी और आगे पीछे झुक रही थी। उसका स्पीड इतना बढ़ गया की हर धक्के पर अब जावेद का जंगली लंड मिताली के बच्चेदानी को छू रहा था। मुझे उसकी यह टेक्निक पता थी। मुझे ये एहसास होने लगा था की जावेद का राक्षसी लंड मिताली को कितना आनंद दे रहा था। फिरसे उसकी आहें अब चीखों में बदल चुकी थी।
मिताली : आह्ह्ह्ह…………याआआअ …………हम्म्म्म…………आंग्गग्ग्ग्ग्ग्ग………… जावेद भी अब ख़त्म होनेवाला था। ये उसकी तेज सांसे और गुर्राहट की वजह से पता चल रहा था। मिताली की चूत का अब तक भोसड़ा बन चूका था। लेकिन मिताली फ़ौरन होश में आई और उसने जल्दी से जावेद का लंड चूत से बाहर निकला। और वहां से उठकर जावेद के बाजु में लेट गयी। जावेद फ़ौरन समझ गया की मिताली को क्या चाहिए। और वो अपने घुटनो के बल खड़ा हुआ और खुद को पोजीशन कर लिया। उसके बाद उसने चूत में जोर से धक्के लगाने शुरू किये। धक्के लगाते समय वो किसी जानवर की तरह गुर्रा रहा था।
जावेद : जान.… मै छूटनेवाला हूँ ……… आह्ह्ह्ह…………यह…… तुम्हारी चूत काफी टाइट है ……… छिनाल रंडी……… ये सब …… ये सब तुम्हारे लिए……… है……… आह्ह्ह्ह ………
एक आखरी जोरदार धक्के के साथ जावेद के लंड आने ढेर सारा वीर्य मिताली के चूत में छोड़ दिया। चूत से निकलते हुए उसने वो ज्यूस मिताली के बॉडी पर मम्मो पर, गले पर, उसकी कमर से उसके चेहरे पर हर तरफ फैला दिया। मेरे ज्यूस से कही ज्यादा चार गुना ज्यूस उसके लंड से निकल रहा था।
मिताली के चेहरे पर उसके होठों के पास गिरा हुआ पानी मिताली ने बड़े हवस के अंदाज़ में चाट कर निगल लिया। जितना पानी जावेद ने छोड़ा था उससे मिताली बहुत इम्प्रेस हुई थी। उस वक्त मै अपनी बीवी को पूरी तरह खो चूका था। मिताली अब जावेद की गुलाम बन चुकी थी। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
उस जबरदस्त चुदाई के बाद दोनों संतुष्ट होकर थककर जमीं पर लेट गए। इस तरह की चुदाई के लिए वो दोनों के दूसरे के परफेक्ट मैच थे। दोनों का स्टैमिना एक दूसरे से मिलता जुलता था। ये सब देखकर मुझे पता चला की मै मिताली की प्यास बुझाने के लिए काबिल ही नहीं था।
जावेद : जान अब तुम कैसा महसूस कर रही हो ?
मिताली : आज………….आज पहली बार………… मैंने असली सेक्स किया है ………… इन सब दिनों में मैंने अपना पूरा टाइम अपने………… नामर्द पति के साथ बेकार गँवा दिए…………
जावेद : क्या तुम ये सब हमेशा करना चाहोगी ?
मिताली : मै नहीं जानती। लेकिन मै तुम्हारा हथियार मिस नहीं कर सकती…………. मुझे यही लंड चाहिए
जावेद : अगर ऐसी बात है तो, हम कोई प्लान बनाकर तुम्हारे घर चुदाई करते है। क्या कहती हो ?
मिताली : हाँ जरूर। मै ट्राय करुँगी।
जावेद : और तुम्हारे पति का क्या ?
मिताली : अब मै उसके बारे में नहीं सोचती। छोड़ दो उस नामर्द को। अगर उसे ये सब पता भी चल जाये तो मुझे उसकी पर्वा नहीं।
मै जब ये सब बाते सुन रहा था तब मै पूरी तरह यातना से पीड़ित हो गया। ये भगवान मेरे साथ क्या हो गया। मेरे अंदर गुस्से की एक आगा जल रही थी। मेरा अपमान हो गया था। ये सब होने के बाद वो खड़े हो गए और टिश्यू पेपर से एक दूसरे को साफ़ करने लगे। मेरे लिए यही सही वक्त था मई धीरे से बाहर निकल गया। जिम के बाहर आकर बाइक शुरू की और जड़ अंतकरण के साथ घर की तरफ निकल गया। मेरे दिल में अब गुस्से के साथ बदले की भावना भी उबलने लगी। मै मिताली से कुछ नहीं कहनेवाला था। मै उसे अब किसी जानवर की तरह चोदनेवाला था। मुझे पता था की मई जावेद की तरह नहीं चोद सकता लेकिन गुस्से में मै उसकी चूत का कचुम्बर बनानेवाला था। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
लेकिन इससे तो मेरा बदला पूरा नहीं होगा। मेरे दिल में ख्याल आया की जावेद का पूरा पता निकालूँ उसकी इंफोर्मेशन निकलू। और फिर उसके बाद उसकी बीवी को पटाकर उसी तरह चोद दू जिस तरह उसने मेरी बिवी को चोदा था।
हाँ इससे मेरा बदला पूरा होगा। लेकिन क्या उसकी बीवी मुझसे चुदेगी। जिसका पति जावेद जैसा जानवर हो क्या वो असंतुष्ट रह सकती है ? क्या मै उसकी प्यास बुझा पाउँगा ? ये सवाल मन में लेते हुए कोई प्लान बनाते हुए मै घर पहुँच गया।
मै नहीं जानता की आगे क्या होगा। क्या भगवन मेरा बदला पूरा करने में साथ देंगे। ये सोचते हुए न जाने मुझे कब नींद लग गयी।
!! समाप्त !!
दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे थे और मित्रो मै आशा करता हु की आप लोगो को ये कहानी पसंद आई होगी तो आप लोग और कहानिया पढ़ने के लिए कमेंट करते रहिये आप भी अपनी कहानी भेज सकते है कहानी भेजने के लिए यहाँ क्लिक करे