प्रेषक : राज
दोस्तो आपके लिए एक और मस्त कहानी लेकर हाजिर हू दोस्तो वैसे तो आपने मेरी सारी कहानियों को पसंद किया है
लेकिन मेरा दावा है कि ये कहानी आपको बहुत पसंद आएगी . क्योंकि इस कहानी मे सेक्स रोमांस सस्पेंस सब कुछ है
चलिए अब कहानी के पात्रों का परिचय करा देता हूँ
पात्र परिचय : मेरी कज़िन सिस डॉली, 23 साल की है, फिगर नही पता बट बड़े चुचे, और चौड़ी गान्ड… देख कर लगता है बहुत चुदासी है. मेरी दूसरी कज़िन ललिता : स्लिम, सावरी, फीचर्स सेक्सी है, बूब्स शायद 32 के होंगे, गान्ड मीडियम और बहुत हिलती है. मेरी तीसरी कजिन पायल ; मस्त मम्मे चौड़ी गान्ड , सेक्सी फिगर, बाकी दूसरे कॅरेक्टर्स भी हैं, आगे उनका ज़िक्र हो जाएगा.
हमारी जॉइंट फॅमिली है, मेरा नाम राज, बॉडी फिट है, और लंड नॉर्मल साइज़ है, 10 इंच नहीं.
डॉली और ललिता सग़ी बहने हैं, उन दोनो का रूम तीसरी मंज़िल पे है, जहाँ अंकल आंटी का भी रूम है, मेरी आंटी शन्नो, डॉली बिल्कुल उसपे गयी है, दोनो के चुचे ऐसे जिसे देख के किसी की भी नियत बिगड़ जाए.
दूसरी मंज़िल पे मेरा और मेरे छोटे भाई विनोद , हमारे अलग कमरे हैं.
पहली मंज़िल पे दो गेस्ट रूम हैं, और नीचे मम्मी पापा और मेन हॉल.
बात उस दिन की है जब हमारे रिलेटिव की शादी थी और हम वेड्डिंग रिसेप्षन पे जा रहे थे, डॉली तैयार होके आई.
डॉली : कैसी लग रही हूँ
मैं : (मन में सोचा क्या कड़क माल है). बहुत अच्छी लग रही है डियर,
डॉली : सच्ची ?
मैं : (बिल्कुल जाने मन, चोद के साबित कर सकता हूँ). हां डियर, लोगों पे तो बिजली गिरेगी, क़यामत लग रही है.
डॉली: क्या यार कुछ भी (ब्लश करते हुए).
मैं : और कितनी देर , चलें हमे पहुँचना भी है
डॉली: मैं तो रेडी हूँ, ललिता टाइम ले रही है
मैं : तू रुक, मैं उसको बुला लाता हूँ
जैसे ही मैं उसके रूम के पास पहुँचा, तो ललिता कपड़े पहन रही थी. उसकी चोली का हुक नही लग रहा था. जैसे ही उसने मुझे देखा, मुझे कहा राज प्लीज़ ये हुक लगा दे, मम्मी भी नीचे है.
मैं उसके पास गया और हुक बंद करते हुए सोचा , साली अभी हुक बंद करवा, एक बार लंड ले ले, नंगी घुमाउन्गा रात भर.
ललिता की चोली बंद करके हम दोनो नीचे आ गये डॉली के पास.
एक दूसरे को देख के आपस मे, गले लग गयी, दोनो के चुचे आपस में टकराए और ये सीन देख के मेरा दिल किया दोनो को खड़े खड़े पेल दूँ
मैं: अब चलें नही तो लेट होगा
डॉली: ऐसे कैसे, हमारी पिक्स तो लो, नही तो तैयार होने का फ़ायदा क्या
ललिता: हां वो तो, हे हे हे
मैं : हां ओके, फिर मैने फोन निकाला और फोटो खिचा, बिल्कुल सही आया बट मैने झूठ कहा, फिर दूसरी बार डॉली के चुचे पे फोकस करके एक और क्लिक निकाला.
फोटो सेशन या यूँ कहो, लंड खड़ा करने का छोटा सेशन ख़तम करके हम नीचे आ गये.. जैसे ही नीचे आए पता चला कि मम्मी पापा अंकल आंटी निकल गये क्यूँ कि उन्हे वेड्डिंग वेन्यू पे कुछ काम था अर्जेंट.
मैं : देखा, तुम्हारी वजह से देर हुई, अब क्या करेंडॉली: गुस्सा ना हो यार, रुक दो मिनट और फोन घुमाया एक….
फिर डॉली बोली, हम बुआ की कार में चलते हैं, उनकी कार में दो लोगों की जगह है, सेट हो जाएँगे.
सेट शब्द सुनके ही मैने सोचा, अरे जानेमन जगह मैं देखूँगा, एक बार तेरी चूत को मेरे लंड से सेट कर ले
फिर थोड़ी देर में बुआ आ गयी, … स्लिम होने के कारण, ललिता बुआ की गोद में बैठी, डॉली और मैं पीछे बैठे, जैसे ही बैठे, मैने सोचा अच्छा चान्स है, जगह की कमी की वजह से सेक्सी थाइस पे हाथ घुमाता हूँ, थोड़ी देर चलने के बाद मैं डॉली की जाँघो पे हाथ घुमाने लगा, उसे लगा शायद आक्सिडेंटल है और इग्नोर किया
थोड़ी देर के बाद जब डॉली ने देखा के मैं हराम पॅँति कर रहा हूँ तो उसने धीरे से मेरा हाथ हटाया और अपनी जाँघ पे पर्स रख दिया.. मैने सोचा लंड साली, रुक एक बार अपनी गान्ड दे, फिर भीख मांगती फ़िरेगी चुदाई के लिए.
थोड़ी देर बाद वेन्यू आ गया और हम उतरे गाड़ी से… जैसे ही उतरे, सामने पायल खड़ी थी.. पायल मेरी बुआ की बेटी है, ब्लू आइज़ का लेंस पहनती है, हाइलाइटेड लंबे बाल, एक दम फैले हुए बूब्स, और मटके जैसी गान्ड, ये देख के लगा बाहर चूत से ज़्यादा गान्ड में लंड लेती होगी, खैर मैने गेट पे जाते ही मैने पायल को हग किया और उसने भी मुझे अच्छा रेस्पॉन्स दिया, हमारी बहुत अच्छी बनती थी.
फिर अंदर जाने के बाद पायल और मैं इधर उधर घूमने लगे और बातें कर रहे थे , तभी..
पायल: भाई, बोर हो रही हूँ, कहीं चल ना बाहर
मैं : बाहर कहाँ स्वीट हार्ट, शादी आधी छोड़ के कैसे
पायल :मुझे सिगरेट पीनी है, चल
मैं: चल
मैं पापा के पास गया और उनसे गाड़ी की चाबी ली ये कहके कि मैं गिफ्ट तो घर ही भूल गया हूँ, तो लेके आता हूँ
गाड़ी स्टार्ट करके हम वेड्डिंग वेन्यू से दूर निकल आए और फिर पायल ने ब्लॅक सिगरेट जला दी
पायल : ह्म्म्म्म , कितना अच्छा लग रहा है भाई, उधर सब के बीच घुटन हो रही थी
मैं: चल अब मेरी सिगरेट तो जला
पायल : तुम्हारी क्या, मेरी में से ही कश मार दे ना मेरे भाई प्यारे
मैं: ह्म्म्मी, ला
फिर हम सिगरेट ख़तम करके वापस जाने लगे, तभी
पायल : भाई, क्या हुआ अपसेट क्यूँ लग रहा है
मैं : (क्या बताऊं, डॉली ने केएलपीडी कर दिया). कुछ भी नही स्वीट हार्ट, वो बस डॉली के साथ थोड़ा हीटेड आर्ग्युमेंट हुआ कार में … दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
पायल: वो साली है ही ऐसी, सब के साथ झगड़ा करती है
मैं: व्हाट डू यू मीन सब के साथ
पायल: वो साली है ही ऐसी, सब से झगड़ा करती है
मैं: वॉट डू यू मीन बाइ सब से
पायल: अभी कुछ दिन पहले मुझसे भी उसने झगड़ा किया
मैं: तेरे साथ, किस बात पे, बता तो
पायल : रहने दे भाई, गर्ल्स टॉक हहहे
मैं: क्या घंटा गर्ल्स टॉक, तू कब्से मेरे लिए गर्ल हो गयी, चल जल्दी बता नही तो नेक्स्ट वीकेंड पे बियर का प्रोग्राम है वो कॅन्सल कर दूँगा.
पायल : व्हाट भाई !!!!! अच्छा रूको, हुआ ये था की…
फ्लॅशबॅक————————-
लेडी ग्रेस लाइनाये शॉप
पायल : डॉली, ये कलर कैसा है, इसकी ब्रा मुझे बहुत ही अच्छी लगी
डॉली: हां ये अच्छी है, दो पॅक करवा देते हैं इस साइज़ के
पायल: बट तेरा साइज़ तो 36 सी है ना, ये 34 बी है
डॉली: हां मुझे चलेगी, तू पॅक करवा ना अब, ज़्यादा मत बोल
पायल: ज़्यादा चिढ़ मत , करवा देते हैं
सेल्स गर्ल : सॉरी मेडम, हमारे पास ये एक ही पीस है 34 में
पायल: ओके कोई नही, डॉली तू ले ले, मैं दूसरा देखती हूँ
डॉली: नही, तू ले, मुझे किसी का पहना हुआ नही अच्छा लगता..
पायल: व्हाट फक डू यू मीन बाइ किसी का पहना
डॉली: चल अब ज़्यादा मत बोल, लेना है तो ले, मुझे कहीं जाना है देर हो रही है
इससे पहले मैं कुछ बोलती, उसके सेल पे कॉल आया और वो शॉप के बाहर गयी, फिर कुछ सेकेंड्स में एक होंडा सिटी आई और वो कहीं चली गयी
पायल: भाई, होगा कोई उसका लोन्डा, आप भी इतने सीधे मत बनो
मैं: अरे बट इतना बड़ा फसा दिया साली ने, तभी….. (तभी साली गान्ड बढ़ गयी है उसकी)
पायल: क्या तभी, अब छोड़ो उस कुत्ति की बातें, मूड खराब हो गया, एक और सिगरेट जलाती हूँ
मैं: ठीक है, मैं तेरी लूँगा
पायल: क्या लोगे मेरी भाई, :प
मैं: सिगरेट यार, चल अब ऐसी बातें मत कर, नही तो तुझे कभी नही दूँगा
पायल: क्या नही दोगे भाई
मैं : (लंड ले रानी, तेरे लिए ही है ये) सिगरेट, अब ज़्यादा वल्गर मत हो
पायल: इस बात से आपको फ़ायदा हुआ है भाई
मैं: कैसे
पायल: डॉली की साइज़ सुनके ही आपका शेर नींद से उठ गया, उसने मेरे पॅंट में बने तंबू की तरफ इशारा किया
मैने सोचा, इसकी बातों में हिस्सा लेते हैं, जब ये फ्रॅंक हो रही है तो मुझे किस का डर
मैं: फ़ायदा नही, नुकसान, अब इसको सुलाने के लिए रात को हाथ गाड़ी चलानी पड़ेगी
पायल: हाथ गाड़ी क्यूँ भाई, कोई तवा देखो ना बाहर, रोटी वहाँ सेक के आ जाओ
मैं: अब कहाँ ढूंढूं ऐसा तवा
पायल: क्यूँ, कोई लोंड़िया पटाई नहीं अब तक
मैं: नहीं यार
पायल: कोई लोंड़िया नहीं पटाई अब तक
मैं: नहीं यार
पायल: ह्म्म्मर, फिर शेर को सोने मत दो, हॉल में कोई ना कोई लड़की इसे देखके ज़रूर आपकी इस गर्मी को ठंडा कर देगी
मैं: तुझे बहुत पता है , चल हॉल आ गया, अंदर जा, मैं आता हूँ.
पायल: क्यूँ, आपको क्या करना है, शेर के पिंजरे को ठीक करोगे
मैं: हां, अब जा तू
पायल: नहीं, मेरे सामने करो
मैने भी चान्स लिया, जब चूत सामने से चुदवाना चाहती हो तो मेरे लंड को क्या तकलीफ़
मैने सीट रिक्लाइन की, पीछे होके बेल्ट उतारा और अंडरवेर उतारा और लंड को सेट किया, फिर पॅंट पहनने लगा
उसी वक़्त पायल ने अपना हाथ मेरे लंड पे रखा और उसको सहलाया,
मैं: व्हाट आर यू डूयिंग,
पायल: क्यूँ भाई, मज़ा नही आ रहा
मैं: दिस ईज़ रॉंग
पायल: बहेन का ब्रा साइज़ सुनके तो ऐसा हुआ, क्या वो ग़लत नही है, मैं कौनसी सग़ी बहेन हूँ आपकी
मैने कुछ नही कहा, और उसने तेज़ी से मूठ मारना चालू रखा… मैं चिल्लाया, मेरा निकल रहा है, पायल ने तुरंत हाथ हटाया और स्पर्म पॅंट पे और गाड़ी के स्टियरिंग पे जा गिरा.
फिर मैने पॅंट पहना, और पायल ने अपना घाघरा उपर किया और अपनी पैंटी से चूत को सहलहाने लगी
पायल: आप भी मज़ा दो ना भाई, डोंट बी मीन
मैने पार्किंग के अंधेरे का फ़ायदा उठाने का सोचा और तुरंत उसकी पैंटी उतार के, उसकी चूत के अंदर उंगली करने लगा… 5 मिनट में वो भी झाड़ गयी
हमने अपने कपड़े ठीक किए, और कार से उतरे, तो मैने तुरंत पायल को कमर से पकड़ के उसके होंठों को करीब ले गया… पायल ने कहा भाई, नोट नाउ…
मैं:- इफ़ नोट नाउ देन व्हेन
पायल:- मेरे लंड पे हाथ रख के, शेर को खून जितना तड़प तड़प के मिलेगा, उतना ही वो ज़्यादा पिएगा.. वो चीज़ ही क्या जो आसानी से मिल जाए
मैने सोचा, साली बहुत एक्सपीरियेन्स्ड खिलाड़ी लग रही है…
खैर ये सोचते सोचते हम हॉल में अंदर आ गये और पायल मुझ से अलग हो गयी…
मैं इधर उधर टहल रहा था, के सामने डॉली का भाई आता दिखा.. 24 साल का, अकल झन्डु जैसी, शहर के बाहर कहीं पढ़ता है एमबीए
ज़य:- अरे राज भाई, कहाँ हो आज कल, आप दिखते ही नहीं
मैं:- (तेरी बहना के चुचे दिखा दे साले, तेरे लंड के माथे जैसी शकल देख के क्या मिलेगा मुझे) हां भाई, आज कल शेड्यूल बहुत टाइट है, ऑफीस से फ़ुर्सत ही नहीं मिलती..
उपर से घर से ही डिसाइड किया था कि आज कई लंडो पे छुरियाँ चलनी हैं, तभी साली लो कट ब्लोज पहन के आई थी
आंटी:- राज बेटा, खाना खाया कि नहीं ?
मैं:- (तेरे चुचे भी तो केसर आम हैं, इन्हे खिला दे, खाना किसे चाहिए) नहीं आंटी, अभी बस थोड़ी देर में खा लेता हूँ
आंटी:- ओके बेटा.. जल्दी खा लो, हमे घर के लिए भी निकलना है
मैं:- (अंकल के लंड पे सवारी करेगी क्या घर जाके) ओके आंटी… और वो जय को वहाँ से लेके निकल गयी
जैसे ही मैं पीछे मुड़ा, पीछे पायल खड़ी थी
पायल:- भाई, डॉली के चुचे देख के तो कंट्रोल नहीं होता, अभी उसकी मा पे भी डोरे डाल रहे हो, संभालना, मन्झि हुई खिलाड़ी है, दब जाओगे उसके नीचे
मैं:- तू छोड़ ना वो सब, खाना खाते हैं चल
पायल:- मैं लेके आती हूँ और आपको अपने हाथ से खिलाती हूँ आज खाना
मैं उसे देखता रह गया, उसकी ब्लू आइज़, मीडियम ब्लॉंड बाल, फर्म बूब्स, स्वीट सा फेस, मैं एमोशनल हो गया और उसके फोर्हेड पे किस कर दी
पायल:- भाई एमोशन्स में मत बहो, हमारे बीच प्लीज़ सीरीयस मत कर देना कुछ, सीरीयसनेस ईज़ नोट फन
उसकी ये बात सुनके मैने बस एक स्माइल कर दी
खाना निपटा के हम घर को निकल लिए, पापा और अंकल लेट आने वाले थे, इसलिए गाड़ी में, हम 5 लोग ही थे, डॉली ललिता, आंटी और मम्मी, गाड़ी मैं ड्राइव कर रहा था.
घर आके सब लोग अपने अपने कमरों में चल दिए, मैं भी फ्रेश होके बेड पे आज की रात के बारे में सोचने लगा… पायल के वो मुलायम हाथ मेरे लंड पे पड़े बहुत ही सॉफ्ट लग रहे थे, उस पर उसकी कातिल मुस्कान.. ये सोच के मेरा लंड फिर से जागने लगा… जैसे ही मैने लंड को बाहर निकालना चाहा, मेरे मोबाइल पे स्मस आया
पायल:- गुड नाइट भाई
वो मुझे रोज़ स्मस करती थी ग्रीटिंग का
मैं:- गुड नाइट स्वीटी, स्वीट ड्रीम
पायल:- स्वीट ड्रीम्स नहीं भाई, आज तो वेट ड्रीम्स होंगे
मैं:- वो क्यूँ भला
पायल:- हाउ मीन भाई, आप को इतना अच्छा हॅंड जॉब दिया, उसे याद नहीं करूँगी क्या
मैं:- स्वीटी… अब उसे याद रखने का क्या फ़ायदा
पायल:- हाउ मीन भाई, इतनी जल्दी तो कोई बाहर वाला भी नहीं भूलता, आप इतना बड़े मतलबी हो
मैं:- स्वीटी, इसे नहीं भूलेंगे तो आगे न्यू मोमेंट्स कैसे बनेंगे
पायल:- भाई, ब्लश ब्लश… गुड नाइट नाउ… यू हॅव स्वीट ड्रीम्स, आइ विल हॅव वेट ड्रीम्स, बाय
रात की चट्टिंग के बाद लंड तो खड़ा था, बट मुझे मूठ मारना अच्छा नहीं लगता, कई साइड एफेक्ट्स हैं इसके, इसलिए ऐसे ही सो गया.
सुबह जब उठा, तो देखा 8 बज गये थे, मैं ऑलरेडी लेट था ऑफीस जाने के लिए, फटाफट नहाया और निकल गया ऑफीस के लिए, ना नाश्ता किया ना चाइ पी
तब मैने सोचा, देखा जाए तो पायल रात को सेक्स की गोली खाकर आई थी के अभी भी उसका मूड वैसा ही है ( आइ मीन एरॉटिक हियर)
मैने स्मस किया….. दोस्तों मजे से पढ़ते रहिये मस्तराम डॉट नेट पर मेरी चुदक्कड बहने और मुझे कमेंट कर कहानी की प्रतिक्रिया बताते रहिये और अगले पार्ट में पढ़िए मस्त चुदाई का मजा कैसे आता है ….