और अब आगे की कहानी : वहांपर वो जिम ट्रेनर रिसेप्शन एरिया में बैठा हुआ था। उसे देखकर मेरे दिमाग की नस फटने लगी लेकिन मैंने अपने आप को शांत किया। उसने मेरी तरफ ऐसा देखा जैसा वो किसि चीज़ में उलझ गया हो। मैंने उसे जाकर मिताली के बारे में पूछा। उसने मेरे तरफ अपमानित करनेवाली आँखों से देखा और बातो में एक तरह की जरब लाकर कहा, “कुछ देर पहले ही वो यहाँ से चली गयी। वो यहाँ जिम में उसकी की किसी स्कुल की सहेली से मिल गयी थी। उसकी सहेली यहांपर ट्रेनिंग प्लान के बारे में जानने आई थी। और तुम्हारी बीवी उसीके साथ चली गयी। ”
मुझे उसके झूठ पर गुस्सा आ रहा था। लेकिन जावेद मुझसे ज्यादा तगड़ा था और इस वक्त गुस्से में भी था। इसलिए मैंने उससे कहा की, “मैंने आज ज्यादा वर्कऑउट किये नहीं, इसलिए मई अब अंदर जाकर थोडासा वर्कऑउट करता हु। ”
इससे जावेद थोडासा बौखला गया, लेकिन ज्यादा गुस्सा दिखाते हुए उसने कहा, “तुम पर वर्कऑउट का कुछ असर तो होता नहीं। एक्स्ट्रा वर्कऑउट करके क्या उखाड़ लोगे। अब मेरा घर जाने का समय हो गया है। मैं तुम्हे अंदर जाने नहीं दे सकता। बेहतर होगा की अगर तुम यहाँ से जल्दी चले जाओ। ”
आखरी वाली बात उसने धमकी के अंदाज़ में कही थी। इससे मुझे बहुत टेंशन आ गया। मै अब अपने आप को बहुत कमजोर और मजबूर महसूस करने लगा। मुझे ये पता था की अभी भी मेरी बीवी अंदर अधनंगी होकर खड़ी है और हमारी बाते सुन रही है। मै अभी उन्हें अंदर जाकर पकड़ सकता था। लेकिन मई यह सोचने पे मजबूर था की इससे मुझे क्या फायदा होगा। मेरी बीवी अब पूरी तरह जावेद के कंट्रोल में जा चुकी थी। और जावेद जैसे मुझे पीटने के इंतज़ार में था। ये सब मुझे और अपमानित महसूस होने लगा। मुझे अब ये समझ नहीं आ रहा था की मई क्या करू इसलिए मई कुछ देर तक वैसेही वहांपर खड़ा रहा। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
वहां से निकालकर बाहर चले जाने के अलावा मेरे पास कोई पर्याय नहीं था। मैंने फिर से मिताली के मोबाईल पर कॉल किया लेकिन उसने फोन लिया नहीं। मै बाहर आया अपनी बाइक ली और कुछ दूर चले जाकर पार्क कर दी। मै कुछ देर तक वहां रुका रहा और वापस पहले की तरह जिम पर चला गया और जिम के गेट के बाहर बाइक पार्क कर दी। मै अब यही सोच रहा था की जावेद वापस अंदर चला गया हो। वैसे अगर वो रिसेप्शन में मिल भी जाता तो मैंने उस कंडीशन के लिए अपने आप को तैयार किया था। मेरा नसीब अच्छा था की वो रिसेप्शन एरिया में नहीं था।
इसलिए फिर से मै अंदर घुस गया और फाइल रूम में चला गया। और वहां से फिर से कुछ फाइल हटा दी। वो वहां पर खड़े थे और आपस में बाते कर रहे थे। मेरी बीवी अभी भी टॉपलेस खड़ी थी लेकिन इस समय उसने अपनी चूचियों को टी-शर्ट से ऐसे ढका हुआ था जैसे सतिसावित्री बनने की कोशिश कर रही हो। हाँ लेकिन उसकी उत्तेजना अब कम हो गयी थी। लेकिन उसकी इस अवस्था से जावेद खुश नहीं था उसका गुस्सा इसके चेहरे पर दिखाई दे रहा था।
जावेद के पुरे प्रयत्न अब पानी में जाते हुए दिख रहे थे। क्यूंकि मिताली का मूड उतर चूका था और मिताली अब थोडासा शर्म भी दिखा रही थी। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
मिताली : मुझे अब जाना चाहिए। मै अब अपने पति को कॉल करती हु।
जावेद : जरूर। तुम जरूर जा सकती हो, लेकिन अभी नहीं।
(जावेद के बातो में अब एक जरब थी। उसने मिताली के हाथों से उसका टी-शर्ट खिंच दिया। अब मिताली के मम्मे फिर से नंगे दिखाई देने लगे ) मिताली : प्लीज, मै अब इसे इससे आगे नहीं बढाना चाहती हु। प्लीज मेरा टी-शर्ट दो।
जावेद : क्या जान, मुझे पता है की तुम एक सेक्सी रंडी हो , और तुमने आज अपने आप को मेरे लिए ही संवरा सजाया है। मुझे सब पता है।
मिताली : नहीं, वैसा कुछ नहीं है। ह्म्म्म……. आह्ह्ह्ह्…….
(जब मिताली बात कर रही थी, तभी जावेद उठा और उसने पीछे से मिताली को कसकर पकड़ा। और अपना चड्डी खड़ा हुआ लंड मिताली के गांड के ऊपर कपड़ो के ऊपर से मलने लगा. इसीलिए मिताली सिस्कारियां लेने लगी )
मिताली अब जावेद की पकड़ से छूटने की कोशिश कर रही थी। लेकिन पूरी ताकत लगाकर वो कोशिश नहीं कर रही थी। वो पूरी दिल से अलग होना नहीं चाह रही थी। और फिर अचानक जावेद के पेंट में का तम्बू बड़ा हो गया और मेरी बीवी की गांड की दरार में घुसने की कोशिश करने लगा। इससे मेरी बीवी का विरोध ठंडा पड़ने लगा। उसने फिर से इसकी आँखे बंद कर ली। और फिर बीवी ने घूमकर फिर से जावेद को कसकर गले लगाया और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगी। यहाँ पर मेरी बची कूची छोटीसी आशा भी टूटकर टुकड़ो में बाँट गयी।
जावेद : क्या जानू? क्या तुम्हारी चूत ने कभी इस तरह का एहसास किया है।
मिताली : ह्म्म्म्म…… आह्ह्ह्ह्ह्ह……… ह्म्म्म्म…। नहीं। … आह्ह
जावेद : तो तुम्हे अब कैसा महसूस हो रहा है ?
मिताली : तुम्हारा वो काफी मजबूत है। …. और……. और…….
जावेद : और क्या ?
मिताली : और…। तुम्हारा वो काफी मर्दाना है
जावेद : क्या तुम्हारा पति भी ये कर सकता है ?
मिताली : नही……. ह्म्म्म्म……। डेफिनेटली……. नहीं
जावेद : ऐसा क्यों जानू।
मिताली : उसका वो…. वो…। काफी छोटा है। …… उसपर चर्बि…… उसका वो बहुत नरम है…। ह्म्म्म्म्म……। और……।
जावेद : और क्या ?
मिताली : वो…। वो…. ठीक से। … खड़ा भी नहीं होता।
ए सुनकर मै अब अपने आप को और भी ज्यादा कमजोर और अपमानित महसूस करने लगा। इस समय, वो फिर से पूरी तरह जावेद के काबू में जा चुकी थी। और उसे अब ज्यादा कन्विंस करने के जरुरत नहीं पड़नेवाली थी। इसलिए अब जावेद थोडासा पीछे सरक गया।
उसने मिताली का हाथ खिंचा और उसकी पैंट के ऊपर से ही मिताली की हाथ उसके लंड पे मलने लगा। वो हिल रही थी। कुछ समय बाद मिताली ने खुद से ही पैंट के ऊपर से जावेद के लंड को पकड़ा। जावेद ने अब उसका हाथ हटा लिया लेकिन मिताली का हाथ अब भी जावेद का लंड पकडे हुए था। मिताली अब हलके से जावेद का लंड कितना जाड़ा है यह नापने लगी। और पैंट के ऊपर से ही हाथ आगे पीछे करने लगी। वो मिताली का स्पर्श अपने राक्षस जैसे बड़े लंड पर महसूस करने लगा।
इसी समय में, जावेद का लंड फूलकर बड़ा हो गया। पैंट के ऊपरी हिस्से का साइज़ देखकर ही मिताली के आँखे हवस में चमकने लगी। अब उसने दूसरा हाथ भी वहां रखा ताकि वो उसके लंड की गोलाई को पूरी तरह से जखड़ सके। वो सचमुच जावेद की उस लंड जैसे चीज़ को देखकर खुश हुई थी। लेकिन जावेद अब मिताली से पीछे थोड़ा दूर सरक गया। मिताली ने इस पर थोडीसी नाराज़ी दिखाई और वो सीधी खड़ी हो गयी।
जावेद : मै तुम्हे एक बात पूछना चाहता हु। मैंने तुम्हारे पति को वापस भेजा। क्या तुम्हे इस वजह से अब बुरा लग रहा है /
मिताली : नहि…… दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
जावेद : वो अब परेशान होगा, सही है न ?
मिताली : उसे कुछ देर तक ऐसे ही फिरने दो . उसके कमजोर हथियार और कमज़ोर बोडी की वजह से मेरी कई रेट उजाड़ गई है . मेरी कई राते उसकी वजह से दर्दनाक बीती है .
(आज मेरी बीवी पूरी रंडीगिरी पर उतर आई थी . अब तो मुझे उससे भी नफरत होने लगी.)
जावेद : तो फिर ठीक है . हम लोग आगे चलते है .
मिताली : हम्म…………
वो उठा और उसने मिताली को कसकर गले लगाया, मिताली ने भी उसे कसकर जखडा और दोनों एक दुसरे को चूमने में लग गए . और मेरी बीवी का हाथ जावेद की टी-शर्ट में चला गया . वो जावेद के पेट पर हाथ फेरने लगी . जैसे ही मिताली ने जावेद का टी-शर्ट निकलना चाहा जावेद ने मिताली का हाथ पकड़ कर उसे रोका .
जावेद : एक मिनट जानू, तुम्हारा निकम्मा पति फिर से आ सकता है . मै लॉक करके आता हूँ. ताकि वो अन्दर न आ सके
मिताली : ह्म्म्म……..
मै ये सोचकर परेशां हो गया की कहीं वो मेन डोअर भी न लॉक कर दे . मै अब फ़ाइल् रूम के दरवाज़े की की-होल से बाहर देखने लगा . और जैसा मुझे दर था वैसा ही हुआ उसने मेन डोअर भी लॉक किया .
मुझे तो अब चक्कर आने लगी और मै यह सोचने लगा की अब क्या किया जाये . अगर मै पकड़ा जाता तो कंडीशन और भी बुरी हो जाती जितनी की अब थी . फिर मैंने सोचा मै क्यूँ फिकर करू चिंता तो उन दोनों को करनी चाहिए .
जावेद फिर से रूम में चला गया, इस बार मेरी रंडी बीवी फिर से उठी और खुद जावेद के गले पड गयी. जावेद ने मेरी बीवी को खिंचा और उसके होंठों को चूसने लगा . मेरी बीवी ने जावेद इतना कसकर जखडा की उसके नाख़ून जावेद की पीठ में धंस गए . इससे जावेद के चेहरे पर एक दर्दभरी ख़ुशी झलक गयी . फिर एक ही झटके में मितालीने ने जावेद का टी-शर्ट निकलकर फेंक दिया . जिससे अब जावेद की बॉडी दिखने लगी . उसकी बॉडी देखकर मेरा मुंह खुला की खुला रह गया . उसकी बॉडी किसी भी फिल्म स्टार से कम नहीं थी . ज्यादा फैट भ नहीं और ज्यादा मस्क्युलर भी नहीं . ज्याडा स्लिम भी नहीं और ज्यादा अथ्लेतिक भी नहीं . जावेद की बॉडी पूरी तरह से बैलंस थी . सोचो अगर मेरा दिमाग ये सोच रहा था तो मेरी बीवी का हाल जावेद की बॉडी को देखकर क्या हो गया होगा . वो कुछ देर तक ऐसेही खड़ी रहकर एक तुक जावेद कि बॉडी को निहारती रही . अगर सच कहा जाये तो उसकी बॉडी ऐसी थी जिसे देखकर कोई भी लड़की फ़ौरन उसके साथ सोने के लिए टायर हो जाये . और मेरी रंडी बीवी का भी हाल इससे अलग नहीं था . दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
जावेद ने हस्ते हुए कहा, “क्या हुआ जानू, क्या तुम ठीक हो?”
और फिर ये सुनकर वो होश में आई. वो धीरे से मिताली के नजदीक आया और उसने मिताली को बाँहों में भर लिया . मैंने देखा की मिताली की चुंचियां जावेद के मजबूत छाती को नज्दीक दबा रही है. और इससे मिलनेवाली स्वर्गीय अनुभूति की वजह से दोनों हांफने लगे. जावेद का उपरी हिस्सा भी अब नंगा था. मिताली उस पर हाथ फेरने लगी, पहले कंधे, फिर बायसेप्स, त्रायसेप्स करते हुए मिताली जावेद के पुरे शारीर पर हाथ फेरने लगी. मनो वो हर एक पार्ट का साइज़ जाँच रही हो . और अब मिताली ने जावेद को चूमा शुरू किया. मिताली जावेद के कान की लौ, फिर उसका माथा , उसके होंठ चुमते हुए जावेद के पुरे चेहरे को चूमने लगी.
फिर मिताली थोडा निचे सरकी और उसने जावेद के कंधो को चूमा. उसके बाद मिताली के हाथ निचे चले गए और पैंट के ऊपर से वो जावेद की गंद को सहलाने लगी . फिर उसके नितम्बो को पकड़कर मिताली ने उसे अपनी और खिंचा ताकि वो जावेद की मरदाना ताकत और ज्यादा महसूस कर सके.
फिर मिताली और निचे सरकी इस बार उसका सर एकदम जावेद के छाती के ऊपर था , उसने वहां पर पूरी चाहत से चूमना शुरू किया. अब वो जावेद के छोटे निप्पलो को चाटने लगी. उसका ये हाल देखकर मुझे धक्का लगा क्यूंकि इन तिन सालो में मिताली ने कभी मेरे साथ ऐसा नहीं किया था. उसे ये सब चीज़े कहाँ से पता चली. ये देखकर तो मै भी अपनी भावना पर काबू नहीं कर पाया। मेरा भी लंड पेंट के अंदर खड़ा हो गया जिसकी वजह से मुझे दर्द होने लगा. दर्द काम करने के लिए मै अपने ही हाथों से अपना लंड मसलने लगा. जब मिताली जावेद के निपल चूस रही थी. तब उसने खुद की आँखें बंद कर ली थी और मिताली का सर जोर से खुद की छाती पर दबाकर रखा था। फिर मिताली और निचे सरकी और अब वो जावेद के एब्स को चूमने लगी. उसने वहांपर हर जगह चूमा और उसकी नाभि को भी चूमा। जिससे जावेद के बॉडी एक बार थरथराई. और अब वो निचे की और सरकी और घुटनो के बल ठहर गई. जावेद के पेंट के तम्बू से अब मिताली का सर बस कुछ ही इंच के अंतर पर था। मिताली की आँखों फिरसे एक बार उस तंबू का साइज़ देखा और वो खुश हो गई। जावेद ने भी मिताली का रिएक्शन देखा और वो मुस्कुराया। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
जावेद : क्यों जानू? क्या तुम इससे इम्प्रेस हो ?
मिताली : ह्म्म्म्म्……. हाँ। तुम बहुत ज्यादा मर्दाने हो जितना की मैंने सोचा था।
ये कहते हुए, मिताली उसकी नाक उस तंबू की तरफ ले गयी, और जावेद के लंड के गर्मी से निकलनेवाली उस मरदाना खुशबु को सूंघने लगी। अब मिताली के होंठ उस तम्बू पर फिरने लगे। अब मितालीने जावेद के लंड को पैंट के ऊपर से ही मसलना शुरू कर दिया। जिससे जावेद की बॉडी फिर से थरथाराने लगी। फिर हल्के से धीरे धीरे मिताली जावेद के पैंट को खींचने लगी। अब जावेद का लंड दिखने लगा था। आखिर में जावेद का लैंड झट से ऐसे बाहर आया जैसे की पिंजरे से कोई शेर निकलकर आ रहा हो।
जावेद के लंड के बारे में मै आपको बता दू। मै अब तक समझता था की ऐसे विशाल लंड सिर्फ एक तर काले लोगों के पास होते है किंवा पाश्चात्य लोगों के पास होते है। जावेद का बुल्ला देखकर मेरा ये गैरसमज चला गया। वो कम से कम ८ इंच लम्बा था। उसका लंड पूरा काला था लेकिन खतना करनी की वजह से उसके सामने का सुपाड़ा सफेद रंग का था। उसे देखकर मेरी छिनाल बीवी बहुत खुश हुई।
मिताली ने उसका काम बहुत जल्दी शुरू किया। मिताली ने अपने हाथ जावद के मांडी पर रखे और मांडी को फैला दिया ताकि वो जावेद के लंड अच्छे से देख सके। मेरी बीवी के कोमल हाथों का थोडासा स्पर्श जावेद के लंड को हुआ। इससे जावेद को झटका लगा।
मिताली वासना के झोके में खुद ही अपने होंठ चबाने लगी जब उसने देखा की उसके ऊँगली के स्पर्श की वजह से जावेद का डंडा और ज्यादा कठोर हो गया है। मिताली ने जैसे ही जावेद के अन्डो की कसकर मसला वैसे ही उसका शरीर झटके खाने लगा। अब मिताली ने जोर से दबाकर जावेद के लंड को पकड़ा जिसके वजह से जावेद के मुंह से एक हलकी आह निकली।
अब जावेद को चिढ़ाने की बारी मिताली की थी और मिताली ने अपना काम पर्फेक्ट्ली किया। मिताली ने ऊपर जावेद के चेहरे को देखा और वो जावेद के लंड के सुपाड़े को उसके जबान के टोक से चाटने लगी। मिताली ऐसा लगातार कर रही थी। इसलिए जावेद ने हल्का सा धक्का देकर अपना लंड मिताली के मुह में घुसेड़ना चाहा। मिताली ने आराम से जावेद के लंड पहले होठों में लिया और होठों से ही उसके लंड को जी भर चूमा। उसके बाद मिताली धीरे धीरे जावेद का लंड मुह में सरकने लगी। जावेद ने एक जोर की सिसकारी ली। और जावेद के हाथ अब मिताली के बालो में चले गए। और उसने मिताली का सर पूरी ताकत लगाकर दबोच लिया।
मिताली अब खुद जावेद लंड हाथ में पकड़ लिया और खुद्की जबान बाहर निकाली और अब मिताली जावेद के लंड के सुपाड़े को अपने जबान पर फिरने लगी. अब इस बार कंट्रोल मिताली के हाथ में था। ये काफी अच्छी फिलिंग थी और मिताली को भी इस बात का एहसास था।
प्री-कम की कुछ बुँदे मिताली की जबान को छू गयी। और मिताली ने उसे ऐसे चाट लिया जैसे वो उसका पूरा स्वाद ले रही हो। मुझे पता था मिताली और वीर्य का स्वाद चाहिये था क्यूकी पहले से ही उसे वीर्य पीना पसंद था। मिताली ने अब अपना मुह जावेद के लंड से दूर कर लिया।
मिताली ने अब जावेद के लंड को जोरदार धक्के देते हुए दोनों हाथों में पकड़कर हिलाना शुरू किया। इससे जावेद ने भी प्रभावित होकर मिताली के बाल जोर से खींचे। और दोनों सिस्कारियां भरने लगे।
जावेद : वाह जानू, तुम…. तुम काफी अच्छा चुसती हो। प्लीज मेरे लंड को और चूसो। प्लिज्…. मेरे बीवी ने जावेद के लंड को जो जबरदस्त ट्रीटमेंट दिया था उससे जावेद अत्यधिक परमानंद में था। वो मिताली के कोमल हाथों के कोमल स्पर्श के जादू में खोया हुआ था। मिताली ने इतने सालो में मेरे लंड के साथ इस तरह नहीं खेला था। लेकिन मुझे पता था की मिताली को मोटे लंड के बारे में बहुत साड़ी फैंटसी थी। वो नेट पर भी अक्सर मोटे लंड के बारे में ही सर्च करती थी। वो नेट पर बहुत सारी फैंटसी विडियोज भी देखती थी। पर मुझे ये नहीं पता था की ये सब चीज़े उसे एक दिन छिनाल रंडी बना देंगे। एक धोकेबाज बीवी का पति बनने का एहसास मुझे और भी ज्यादा अपमानित करने लगा।
मिताली ने जावेद को एक सिड्यूसिंग स्माइल दिया और फिर से जावेद के लंड को चूसने लगी। मिताली की लंड चुसाई की वजह से जावेद का लंड अब पत्थर की तरह कड़क हो गया था। उसे और भी उत्तेजित करने के लिए मिताली जावेद के लंड को उंगलियो से मसलने लगी और सुपाड़े को चाटने लगी। सुपाड़े से लेकर जावेद के अंडे एक लंड के निचले हिस्से पर वो जबान फिरती ले जाने लगी। जावेद का लंड जब पूरी तरह उत्तेजित हो गया, और शायद वो निकल ही जाता तब ही मिताली ने ये रोक दिया। और पूरा लंड खुद के मुंह के अंदर धकेल दिया। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
जब मिताली जावेद के लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी उसी वक्त वो अपने दोनों हाथों से जावेद के अन्डो को भी सहला रही थी। जिसकी वजह से जावेद के चेहरे पे आनंद की छटा साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी। और जैसे ही मिताली ने चूसने की स्पीड बढ़ा ली वैसे ही जावेद का पूरा शरीर जोर जोर से हिलने लगा। जिससे जावेद जोर की आवाज़ में गुर्राने लगा। उसकी गुर्राहट सुनकर मिताली और ज्यादा त्वेष में लंड चूसने लगी।
जावेद : या खुदा………ह्म्म्म्म्………. गो जानु……… आह्ह्ह्ह्……. गो…… या…….
अगर ये ऐसा ही जारी रहता तो जावेद का सारा क्रीम वहींपर छूट गया होता। लेकिन चूसते वक्त फ़ौरन मिताली को इसका एहसास हो गया। मिताली को भी जावेद का वीर्य चाहिए था लेकिन वो किसी और जगह पर। मिताली ने लंड चूसना रोक दिया। और सिर्फ जावेद के लंड के सुपाड़े पर आया हुआ थोडासा वीर्य चाटकर साफ करने लगी। लेकिन मिताली के हाथ अब भी काम करने में लगे हुए थे। मिताली ने ऊपर जावेद की तरफ देखा और जावेद फौरन समझ गया की मिताली क्या चाहती है।
जावेद : क्या हुआ जानू ? क्या तुम डर गयी की मै अपना पूरा माल यहीं पर छोड़ दूंगा।
मिताली ने सिर्फ सर हिलाया
जावेद : (हँसते हुए) ज्यादा चिंता मत करो जान। मै तुम्हारे उस नामर्द पति अतुल की तरह नहीं हूँ। मेरा लंड १० मिनट में फिर से पूरी तरह खड़ा हो जाता है। लेकिन क्या इसके बाद तुम भी आगे की और बढ़ना चाहती हो ?
मिताली : हाँ……।
जावेद : कहाँ तक जानु……. ?
मिताली : मुझे……. ह्म्म्म…… मुझे तुम्हारी ताकत महसूस करनी है। ………. हर तरफ………. पुरे शरीर में
जावेद : सच में ? क्या तुम कुछ देर और यहाँ पर रुकना चाहोगी ?
मिताली : ह्म्म्म्म्म्……….
जावेद : तो तुम्हारे पति का क्या करना है ?
मिताली : छोड़ दो उस नामर्द को। तुम उसके बारे में बात मत करो। मुझे पर्वा नहीं है।
जावेद : दैट्स ग्रेट जावेद । तुम इस तरह रंडीगिरी करके मुझे और भी ज्यादा गर्म कर रही हो।
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