प्रेषक: प्रदीप
बहु की पसंदीदा पोजीशन-1 | बहु की पसंदीदा पोजीशन-2 | बहु की पसंदीदा पोजीशन-3 | बहु की पसंदीदा पोजीशन-4 | बहु की पसंदीदा पोजीशन-5
गतांग से आगे … गांड पर लंड का सुपरा लगते ही शीतल जी एक बार अपना चेहरा घुमा कर देखी और मुस्कुरा कर बोली, “विनोद, क्या इरादा है, क्या चूत छोड़ कर अब तुम्हारी नज़र मेरी गांड पर हो गयी?” “क्या करे आंटी, आप तो अपनी चूत मे अपने बेटे का लंड पेलवा रही है और मेरा लंड खड़ा हो गया है. अब इस समय मैं तो इस लंड को आपके गांड मे ही पेलुँगा” विनोद ने अपने लंड को थोड़ा सा धक्का देते हुए कहा. शीतल जी तब अपने बेटे को फिर से चोदते हुए बोली, “ठीक है, लेकिन थोड़ा संभाल कर. तुम्हारा लंड तुम्हारे बाबूजी से लंबा और मोटा,है मेरी गांड मत फाड़ देना.” इतना सुनने के बाद विनोद अपने हाथों से शीतल जी के बड़े बड़े चूतरों को अपने हाथों से पकड़ कर एक धक्का मारा और उसका आधा लंड शीतल जी की गांड मे घुस गया .जैसे ही विनोद का आधा लंड शीतल जी की गांड मे घुसा, शीतल जी बोली, “साले मदर्चोद, तुमको मैने क्या बोली, धीरे धीरे मेरी गांड मारना और तुम जो है कि एक ही झटके मे अपना मूसल जैसा लंड का आधा पेल दिया.” मा की बातों को सुन कर मनोज नीचे से अपना लंड अपनी मा की चूत मे पेलता हुआ बोला, “मा, तुम कैसी बातें कर रही हो? लगता है कि तुम्हारा जवान बहुत गांडा हो गया है.” तब शीतल जी बोली, “बेटा, जब चूत और गांड मे दो दो जवान लंड घुसा हो तो जवान अपने आप गांडी हो जाती है और इससे चोदने वाले का और चुदने वाले का जोश और भी बढ़ जाता है. वैसे मुझे चूत मरवाते वक़्त गाली देना अच्छा लगता है. क्या तुमको मेरी जवान से गली अच्छी नही लगी?” “नही वो बात नही है. मैने कभी तुम्हारे जवान से गाली नही सुनी इसी लिए मुझे कुछ अटपटा सा लगा” मनोज नेअपनी मा की चूंची को मसल्ते हुए कहा. मनोज की बात सुन कर शीतल जी बोली, “मदर्चोद, क्या तूने इसके पहले कभी अपनी मा की चूत मे अपना लंड घुसेरा है? क्या तुम्हारा दोस्त अपना लंड तुम्हारी मा की गांड मे पेला है? साले चोदना है तो चुप चाप चोद और बातें करनी है तो सिर्फ़ गालियो से बात कर. समझा गॅंडू?” तब मनोज अपनी मा की चूत मे नीचे से धक्के मारते हुए बोला, “समझा मेरी छीनाल मा. आज तेरी चूत और तेरी गांड दोनो दोस्त के लंड से फटने वाला है. आज हमलॉग देखते हैं कि तू कितनी चुड़दकर है.” शीतल जी तब अपने बेटे से बोली, “सबाश मेरा बेटा सबाश. तेरी ग़ाली मुझको बहुत अच्छी लगी. तू बस ऐसे ही गाली देता जा और मुझको चोद्ता जा.” विनोद अब तक जो कि मा बेटे की बातें सुन रहा था, शीतल जी की बात सुन कर उनके भारी भारी चूटरो को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर अपनी कमर चला कर एक ज़ोर दार धक्का मारा और अपना पूरा का पूरा लंड शीतल जी की गांड मे घुसेर दिया. शीतल जी की गांड मे जैसे विनोद का लंड घुसा, उन्होने आगे झुक कर अपनी गांड को और ऊपेर उठा दिया और झुक कर अपनी चूत से अपने बेटे का लंड खाने लगी और ज़ोर ज़ोर से गली बकने लगी. शीतल जी बोल रही थी, “साले माधरचोद गबड़ु, मार मार और ज़ोर से मार मेरी चूत और मेरी गांड. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | बहुत अच्छा लग रहा है. साले मुझको ऐसा लग रहा है जैसे कि तुम दोनो मिल कर मेरी गांड और बुर दोनो के छेद एक कर दोगे. कोई परवाह नही, अभी बस तुम दोनो मेरी चूत और मेरी गांड मे अपना अपना लंड पेलते रहो. बहुत मज़ा आ रहा है. हाई मेरे प्यारे पति देव और मेरी प्यारी बहू देखो, देखो कैसे मेरा बेटा और उसका दोस्त मेरी चूत और गांड की धुनाई कर रहें है.” मनोज और विनोद दोनो शीतल जी की बातों को सुन कर दोनो और भी गरमा गये और दोनो अपनी अपनी कमर हिला हिला कर शीतल जी की चूत और गांड मस्त हो कर चोदने लगे.उधर शीतल जी अपनी चूत और गांड से मनोज और विनोद के लंड खा रही थी और उनकी चुदाई देख देख कर वंदना, नंदू और वंदना गरम हो रहे थे. इतनी गरम चुदाई देख कर वंदना अपनी साड़ी के ऊपर से अपनी चूत पर हाथ चला रही थी और नंदू जी और नंदू भी अपना लंड कपड़ो के ऊपर से मसल रहे थे. यह देख कर शीतल जी अपनी चूत और गांड चुदवाते हुए बोली, “बेटी वंदना, तू क्यों शर्म कर रही है. चल तू अपने कपड़े उतार कर अपने ससुर और अपने भाई के लंड से मज़ा लूट. क्या मेरी चुदाई देख कर तेरी चूत से पानी नही निकल रहा है?” वंदना अपनी सास से बोली, “हाई मा जी आपकी चूत और गांड दोनो से झाग निकल रहा है, और हाँ मेरी चूत से भी पानी निकल रहा है.” शीतल जी बोली, “जब तेरी चूत से पानी निकल रहा है तो देरी किस बात की, उतार दे अपने कपड़े और अपने भाई और ससुर को भी नंगा करके तभी अपनी चूत और गांड चुदवा और मज़े लूट. क्या तुझको अपने भाई के सामने कपड़ेउतार ने मे शर्म लग रहा है क्या?” “हाँ, मैं आज तक भाई के सामने कभी नंगी नही हुई हूँ, आज कैसे नंगी हो पाउन्गी” वंदना अपनी सास की चुदाई देखती हुई बोली. तब शीतल जी मूड कर नंदू से बोली, “क्यों नंदू, क्या तुम अपनी बहन को नंगी देखना चाहते हो, क्या तुम अपनी बहन की चूत चोदना चाहते हो?” “हां मा जी हां, मैं अपनी बहन वंदना को नंगी कर के उसकी चूत चोदना चाहता हूँ. एह तो मेरा पूरी जिंदगी का अरमान है. लेकिन क्या करूँ, वंदना नंगी नही हो रही है तो मैं कैसे उसको चोद सकता हूँ” नंदू अपने लंड को अपने कपड़ो के उपर से मसल्ते हुए बोला. नंदू की बातों को सुन कर नंदू जी अपनी जगह से उठ खड़े हो गये और अपनी बहू वंदना के पास जा कर उसको पहले चूम लिया और फिरे एक एक करके वंदना के कपड़े उतारने लगे. वंदना आनाकानी करती रही और नंदू जी ने एक एक करके वंदना के कपड़े उतार कर वंदना को नंगी कर दिया.जैसे ही वंदना नंगी हो कर अपने भाई नंदू और अपने ससुर नंदू जी के सामने खड़ी हुई तो नंदू आगे बढ़ कर वंदना की दोनो चुन्चिओ को अपने दोनो हाथों मे भर कर मसल्ने लगा और नंदू जी ने भी वंदना के आगे ज़मीन पर बैठ कर वंदना की चूत से अपना मुँह लगा दिया. वंदना अपने शरीर पर दोहरा अटॅक से मस्त हो गयी और अपने हाथों से अपने भाई का खड़ा लंड पकड़ कर मरोर्ने लगी और और कमर आगे करके अपनी चूत को अपने ससुर को खिलाने लगी. तब नंदू ने अपनी बहन वंदना को अपने हाथों से उठा कर अपने गोद मे ले लिया और फिर वंदना को ज़मीन पर बिछी कालीन पर लिटा दिया. कालीन पर लेट ते ही वंदना ने अपनी टाँगे घुटने से मोड़ कर उपर उठा दिया और नंदू अपनी बहन की चूत पर अपना मुँह रख दिया. अपनी चूत पर भाई का मुँह छूते ही वंदना ने अपने कमर को उठा दिया और अपनी चूत को जीव से चोदने के लिए नंदू को बोलने लगी. वंदना बोल रही थी, “हाँ, हाँ भाई ऐसे ही अपनी जीव मेरी बुर मे घुसेरो. बरा मज़ा आ रहा है. शादी के पहले तुम मुझको देखते थी, लेकिन मैं तुमको लिफ्ट नही देती थी. क्या करूँ, मैं डरती थी, कि कहीं मेरी पोल पट्टी मा पर नाखुल जाए. आज तुम्हारे सामने मेरी चूत बिल्कुल खुली हुई है. आज तुम जो चाहो कर सकते हो. जो भी करना है जल्दी करो, मेरे शरीर और मेरी चूत मे आग लगी हुई है. श! श! भाई जल्दी से अपना मस्त लंड मेरी चूत मे डालो. मैं चूत की खाज के मारे मरी जा रहीं हूँ.” नंदू अपनी बहन की बातों को सुनता रहा और उसकी चूत को चाटना नही छोड़ा. थोड़ी देर तक वंदना चुप चाप अपनी चूत अपने भाई से चुस्वती रही लेकिन जब उसकी चूत की खुजली बहुत बढ़ गयी तो वंदना अपने भाई से बोली, “साले बहन्चोद, अभी अभी तो बोल रहा था कि मेरी चूत चोदना तेरी सारी जिंदगी की ख्वाब था. अब जब मैं अपनी चूत नंगी करके तेरे सामने लेटे हुईं हूँ तो तू सिर्फ़ चूत ही चाट रहा है. क्या तेरा लंड अभी खड़ा नही हुआ है. ला मैं तेरा लंड चूस करके खड़ा कर देतीं हूँ. और अगर तुझे मेरी चूत पसंद नही है, तो हट मेरे ऊपर से और मैं अपनी चूत अपने ससुर के लंड से मरवाती हूँ.” इतना सुनते ही नंदू अपनी बहन पर टूट पड़ा और उसकी टाँगों को अपने हाथों से फैला कर अपना लंड का सुपरा उसकी चूत के छेद से भिड़ा दिया. चूत पर लंड का सूपड़ा भिड़ाते ही वंदना एक बार कांप उठी और फिर अपने हाथो को नीचे ले जाकर अपने भाई का लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रख कर अपनी कमर उचका कर चूत मे लंड डलवा लिया. चूत मे लंड घुसते ही वंदना और नंदू दोनो थोड़ी देर के लिए चुप चाप लेटे रहे और फिर थोड़ी देर के बाद वंदना ने अपनी कमर उचका कर अपने भाई से चोदने के लिए इशारा किया. नंदू भी अपनी बहन का इशारा मिलते ही अपना कमर उठा उठा कर अपना लंड अपनी बहन की चूत मे पेलने लगा. अपने चूत मे भाई का लंड पेलवाते हुए वंदना ने नंदू से बोली, “भाई आज अपना अरमान पूरा कर ले और चूत चोद चोद कर उसको भोसरा बना दे. देख कैसे मेरी चूत तेरा लंड खा कर फूल गया है. हाई! भाई बहुत मज़ा आ रहा है. तू ने पहले हमे क्यों नही चोदा. तू एक बार बोलता या इशारा करता तो मैं कब से तेरा लंड अपनी चूत को खिलाती. खैर अभी कोई बात बिगड़ी नही है. अब तू जब चाहे मेरे घर आ कर मेरी चूत को चोदना और अगर मान चाहे तो मेरी गांड मे भी अपना लंड पेलना. तुझे मालूम नही है कि मुझे गांड मरवाने का भी बहूत शौक है और मैं अपनी गांड भी अब खूब मरवाती हूँ.” इतना कहकर वंदना अपने चूतर ज़ोर ज़ोर से उछालने लगी और एह देख कर नंदू अपनी बहन से बोला, “एह क्या बात हुई? मैं तुझको चोद रहा हूँ या तू मुझको चोद रही है? तू अपने चूतर इस तरह से उछाल रही है जैसे कि तू मुझको चोद रही है.नंदू की बात सुन कर वंदना अपने भाई से बोली, “हाँ भाई मैं अपनी सास को अपनी चूत और गांड से दो दो लंड खाते देख कर मैं बहुत गरमा गयी हूँ. मेरे लिए अब रुकना बहुत मुहकिल है. चल अब तू नीचे लेट जा और मैं तेरे ऊपेर चढ़ कर तुझको चोद्ती हूँ.” इतना कह कर वंदना अपने भाई को नीचे लेटा दिया और खुद ऊपेर चढ़ कर अपनी गांड उठा उठा कर नंदू को चोदने लगी. वंदना अपने भाई पर झुक कर उसको चोद रही थी और उसकी चुन्चे हवा मे झूल रहे थे और नंदू को मुँह पर चोट कर रहे थे. थोड़ी देर तक वंदना ऊपेर से और नंदू नीचे से एक दूसरे को चोदते रहे और फिर वंदना थक कर अपनी भाई पर लेट गयी और नंदू से बोली, “भाई मैं थक गयी हूँ अब तू मेरे ऊपेर चढ़ कर मुझको ज़ोर ज़ोर से चोद. आज फाड़ दे मेरी चूत को अपने लंड की चोटों से. कहानी जारी है… आगे की कहानी पढने के लिए निचे दिए गए पेज नंबर पर क्लिक करे ….