दोस्तों यह कहानी है एक खुशहाल परिवार की जिसमें एक भाई सोहित २२ साल का, बहन सोनल १८ साल की, डैडी श्री जयनाथ और उनकी पत्नी हेमा हैं।
जयनाथ: मेरी टाई नहीं मिल रही हेमा, कहाँ है?
हेमा : यहीं होगी…………….ओह ! ये रही, आप भी ना !………..
सोहित : मम्मी मेरे जूते नहीं दिख रहे !
हेमा : तुम आकर जाने कहाँ रख देते हो? तुम्हारा रोज़ का यही काम होता है, ये लो ! और आज सम्भाल कर रखना !
हर रोज़ इसी तरह सोहित कॉलेज़, सोनल स्कूल और मिस्टर जयनाथ अपने ऑफ़िस जाते हैं। यही है रोज़ का इस घर का किस्सा ! समय बीत रहा है। एक दिन अचानक किसी का फ़ोन आया कि सोनल को कोई अगवा करके ले गया है और वो दो लाख रूपए मांग रहा है। पैसे ना देने पर सोनल का क्या हाल हो सकता है आप सभी जानते हैं। घर पर सभी परेशान थे कि क्या होगा ! पुलिस में खबर नहीं कर सकते क्योंकि अपहरणकर्ता ने मना किया है और लड़की का मामला है। सोहित का दिमाग बहुत तेज़ चलता है, इसलिए उसने अपनी तिगड़म लड़ानी शुरु कर दी। सोनल के बारे में सभी को बहुत फ़िक्र हो रही थी, जयनाथ की तो रातों की नींद भी उड़ चुकी थी, उन्हें एक सप्ताह का समय दिया गया था दो लाख रूपए इकट्ठे करने के लिए। आज तीन दिन हो चुके थे लेकिन सोनल का कोई अता पता नही था। आज सोहित भी घर नहीं आया। उसने फ़ोन करके कहा कि वो अपने दोस्त के घर पर ही रहेगा। घर पर बहुत चिन्ता और परेशानी का माहौल था। अब देखते हैं कि सोहित कहाँ है? सोहित को पता लग चुका है कि सोनल कहाँ है और वो आज उसे छुडाने की कोशिश में है। सोनल को शहर से करीब ५० किलोमीटर दूर एक गाँव के एक कमरे में रखा गया है। सोहित अपनी कोशिश में जुटा हुआ अपनी मंजिल के बहुत करीब पहुँच गया था। सोहित ये जान कर हैरान था कि अपहरणकर्ता का जो पता उसे मिला था उसके आस पास कोई भी सुरक्षा नहीं थी, बस एक सुनसान सी जगह थी। सोहित ने अपनी जेब में एक खंज़र भी रखा हुआ था। सोहित उस कमरे के पास पहुंचा और कमरे के अन्दर देखने के लिए कोई खिड़की वगैरह तलाशने लगा क्यूंकि सोहित जानना चाहता था कि अन्दर आदमी कितने हैं? लेकिन अंदर देखते ही सोहित की आँखें फटी की फटी रह गईं, अंदर सोनल किसी लड़के के लण्ड को मुंह में लेकर बड़े ही प्यार से चूस रही थी। सोहित ने लड़के को पहचानने की कोशिश की- अरेऽऽऽऽ ! यह तो सोहित का पड़ोसी रजत है ! सोहित को बुछ भी समझ नहीं आ रहा था। वो बस एकटक अन्दर झांक रहा था। रजत और सोनल दोनों एक ही बिस्तर पर नंगे लेटे हुए थे, रजत सोनल की चूत में उंगली डाले हुए था, सोनल अपने चूतड़ों को उठा कर रजत के लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूस रही थी। अब रजत का पानी निकल चुका था और सोनल बहुत प्यार से उसका रसपान कर रही थी। अब रजत ने सोनल की चूत को चाटना शुरू किया। वो कभी उस की चूत में ऊँगली डालता और कभी अपनी जीभ डालता। दोनों बहुत मस्त हो रहे थे और सोहित ये सारा नज़ारा अपनी आँखों से देख रहा था और उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी छोटी बहन ऐसा कुछ अपनी मर्ज़ी से कर रही होगी। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | देखते ही देखते रजत का लण्ड एक बार फिर से तन कर खड़ा हो गया। सोनल ने कहा- रजत तुम ३ दिन से सिर्फ मेरी चूत का मज़ा ले रहे हो, लेकिन एक बार भी तुमने मेरी गाण्ड की सैर नहीं की। प्लीज़, आज मेरी गाण्ड मारो ताकि मुझे भी तो पता चले कि गाण्ड मरवाने में कितना मज़ा आता है। इतना बोलते ही रजत ने सोनल को घोड़ी बना दिया और सोनल की गाण्ड पर हल्का सा थूक लगा कर उसकी गाण्ड मारने की तैयारी करने लगा। गाण्ड का छेद छोटा होने के कारण लण्ड अंदर नहीं जा पा रहा था। बहुत कोशिश के बाद लण्ड अंदर चला गया। सोनल दर्द और मज़े से कराह रही थी, रजत उसे भरपूर मज़ा दे रहा था। कमरे से सिस्कारियों की आवाजें साफ़ सुनाई दे रही थी। सोनल बार बार चुदने को बेताब नज़र आ रही थी। सोहित की समझ में अब सब कुछ आने लगा था। गाण्ड चोदने के बाद एक बार फिर से रजत ने सोनल के मोम्मे चूसने शुरू किये, सोनल ने कहा- चूसो मेरी जान ! इन मोम्मों का सारा रस चूस लो, अब हमारे पास ४ दिन और हैं, इन ४ दिनों में जी भर के मेरे मोम्मे चूसो, मेरी चूत का भोंसड़ा बना दो और मेरी गाण्ड को फ़ाड़ डालो। इसी बीच सोहित अन्दर आ गया, सोनल उसे देखते ही खड़ी हो गई, शायद सोनल समझ चुकी थी कि सोहित को सारी हकीक़त का पता चल गया है, सोनल और रजत ने सोहित के पैर पकड़ लिए और घर पर कुछ भी ना बताने की अर्ज़ करने लगे। सोनल ने सोहित को बताया कि वो रजत को बहुत पसंद करती है लेकिन मॉम और डैड को बताने से डरती है, रजत को जब २ लाख रुपये मिल जाते तो वो दोनों भाग कर शादी करने वाले थे। सोहित ने उनकी बात सुनी और कहा- मैं तुम दोनों की शादी करवा दूंगा लेकिन सोनल को मेरे साथ घर वापिस चलना होगा, बाकी सब मैं देख लूँगा। सोनल ने अपने कपड़े पहने और सोहित के साथ घर की ओर चल पड़ी। रास्ते में सोहित ने गाड़ी रोक दी, सोनल समझ नहीं पा रही थी कि क्या होने वाला है। सोहित ने सोनल को गाड़ी से बाहर निकाला और एक ज़ोरदार तमाचा उस के गाल पर रसीद कर दिया। सोनल ने पूछा तो सोहित ने जवाब दिया- मेरी बहना रजत ने तुमसे ज़बरदस्ती की और तुम्हारा बलात्कार भी किया है और ज़बरदस्ती करने वाला तमाचा बड़ी जोर से मारता है, तुम बाकी सभी जगह से ठीक लग रही हो, किसी भी तरह से ऐसा नहीं लगता कि तुम्हारा अपहरण और बलात्कार हुआ है।आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | २-३ ज़ोरदार तमाचे रसीद करने के बाद दोनों घर की ओर चल दिए। घर पर अपनी बेटी को वापस आया हुआ देखकर सबके चेहरों पर ख़ुशी छा गई, सभी सोहित तारीफ़ कर रहे थे, सोनल ने मॉम और डैड को बताया कि अपहरणकर्ता बहुत ही खतरनाक था, सोहित भैया ने जान पर खेल कर मुझे उस के चंगुल से आज़ाद कराया। सोनल ने मम्मी से ये भी बताया कि अपहरणकर्ता ३ दिन तक लगातार उसका बलात्कार करता रहा ! सोनल की यह बात सुनकर मॉम के होश उड़ गए, सभी कहने लगे कि अब सोनल की शादी कैसे हो पायेगी। सोहित ने बात को संभाला और कहा कि सोनल के लिए कोई अच्छा लड़का मैं देख दूंगा, आप बस सोनल का ख्याल रखो, अभी सोनल को गहरा सदमा लगा है, क्या जाने सोनल ने ३ दिन कितनी परेशानी में काटे हैं ! थोड़े दिन बाद ही सोहित ने सोनल और रजत की शादी की बात घर पर कर दी, दोनों परिवार राज़ी हो गए और सोनल से रजत की शादी हो गई. आजकल दोनों बेहद खुश हैं। पर सोनल ने अपने भाई से भी चुदवाया था वो कहानी भी जल्दी ही लिखुगा तब तक पढ़ते रहिये मस्तराम डॉट नेट और मस्त रहिये खुश रहीये एन्जॉय करते रहिये |