भैया भाभी की चुदाई देख मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया

आज मै भी अपनी दास्ताँ बयाँ करने जा रही हु वैसे में आप लोगो को एक बात बता दू आप लोग सोच रहे होगे की मै यह दास्ताँ क्यों बता रही हूँ तो हां मै एक रंडी बन चुकी हूँ और मेरी आदत है मुझे हर हफ्ते में एक न्य लंड चाहिए अगर हफ्ते में नए लंड का दर्शन ना हो तब तक मुझे चैन नही आता तो यह हो गयी अभी की बात अब पुराणी बात बता रही हूँ यह बात उस समय की है जब मैं बारहवीं में पढ़ती थी, हमारे परिवार में मम्मी-पापा, भैया-भाभी और मैं, हम पाँच लोग हैं। पापा बैंक में काम करते हैं और भईया मिलिट्री में सर्विस करते हैं, उनकी ड्यूटी लद्दाख में है। हमारा घर दो मंजिल का है, नीचे एक कमरा, ड्राइंग रूम, रसोई और लैटरीन बाथरूम है, ऊपर दो कमरे और उनके बीच में सांझा लैटरीन-बाथरूम है। नीचे के कमरे में मम्मी-पापा रहते हैं और ऊपर का एक कमरा भैया-भाभी का है और दूसरा मेरा है। मगर मैं भाभी के कमरे में ही रहती हूँ क्योंकि भैया आर्मी में हैं इसलिए उनको साल में तीन महीने की ही छुटी मिलती है। ज़ब भैया घर पर रहते हैं तब ही मैं अपने कमरे में रहती हूँ नहीं तो भाभी के कमरे में ही रहती हूँ। मैंने भाभी के कमरे में ही पढ़ने के लिये एक मेज-कुर्सी लगा रखी है और पढ़ाई के बाद मैं भाभी के साथ ही बेड पर सो जाती हूँ। भाभी दस-साढ़े दस बजे तक घर का काम खत्म करके कमरे में आती तब तक मैं पढ़ाई करती थी, उसके बाद हम दोनों कुछ देर टीवी देखते और सो जाते ! मैं और भाभी सहेली की तरह रहते थे। सब कुछ सामान्य ही चल रहा था, मगर एक रात सब कुछ बदल गया, उस रात मैं और भाभी सो रहे थे और करीब दो बजे भैया घर आ गये। वैसे तो जब भी भैया घर आते तो दिन में ही आते थे मगर उस रात पता नहीं कैसे आ गये, भैया भाभी की आवाज सुनकर मैं जग तो गई थी मगर मुझे बहुत नींद आ रही थी इसलिए मैं यह सोचकर कि ‘भैया से सुबह मिल लेंगे’ फिर से सो गई। मगर कुछ देर बाद अजीब तरह की आवाज सुनकर मेरी नींद फिर से खुल गई। मैंने चेहरे से थोड़ा सा कम्बल उठाकर भाभी की तरफ देखा तो मेरी सांस अटक कर रह गई और मैंने दोबारा अपने चेहरे पर कम्बल डाल लिया क्योंकि सामने के नजारे के बारे में मैंने थोड़ा बहुत सिर्फ अपनी सहेलियों से ही सुना था मगर आज पहली बार देख रही थी, वो भी अपने भैया भाभी को ! भाभी की नाईटी उनके कंधों तक उल्टी हुई थी और नीचे भी उन्होंने कुछ नहीं पहना हुआ था, भैया भी बिल्कुल नंगे होकर भाभी के ऊपर लेटे हुए थे और अपनी कमर को ऊपर नीचे हिला रहे थे। भाभी के पैर भैया की कमर से लिपटे हुए थे और उनके मुँह से धीरे धीरे ओह्आह्ह ओह्ह्ह्ह की मादक आवाज आ रही थी जिसे मैं आसानी से सुन सकती थी। सर्दी का मौसम था, इसलिए मैंने कम्बल ओढ़ रखा था मगर भैया भाभी को ऐसी हालात में देख कर मेरा पूरा बदन पसीने से भीग गया और मेरे दिल की धड़कन रेल के इंजन की तरह चलने लगी। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैंने फिर से कम्बल को चेहरे से बस इतना सा हटाया कि मैं भैया भाभी को देख सकती थी और वो मेरे चेहरे को नहीं देख सकते थे। वैसे भी उनका ध्यान मुझ पर बिल्कुल नहीं था, वो समझ रहे थे की मैं गहरी नीन्द सो रही हूँ और उसी तरह लगे रहे। कुछ देर बाद भैया ने गति पकड़ ली वो कमर को जोर जोर से हिलने लगे और साथ ही भाभी के बूब्स भी दबा रहे थे और भाभी भी कमर उठा-उठा कर भैया का साथ दे रही थी। यह सब देख कर मेरी हालत खराब हो रही थी। कुछ देर बाद भाभी की ऊह्ह, आह्ह्ह, आह्ह की आवाज सिसकारियों में बदल गई और भाभी ने अपने हाथों और पैरों से भैया की कमर को कस कर पकड़ लिया और वो शान्त हो गई कुछ देर बाद भैया भी निढाल हो गए और भाभी की बगल में लेट गए। कुछ देर दोनों ऐसे ही पड़े रहे, फिर भाभी उठी और अपनी ब्रा और पैंटी पहनने लगी। मैंने भाभी को ब्रा और पैंटी में कई बार देखा था मगर भाभी के बड़े बड़े बूब्स और योनि को आज पहली बार देख रही थी। इसके बाद भैया भी उठकर अपने कपड़े पहनने लगे तभी मेरी नजर भैया के लंड पर गई जो कि अब शान्त हो गया था। मगर अब भी उसका आकार काफी बड़ा था। मैंने पहली बार किसी का लंड देखा था जो मेरे लिये एक आश्चर्य के जैसा था। इसके बाद भैया-भाभी सो गए मगर यह सब देखने के बाद मेरी नींद कोसों दूर भाग गई थी, मेरा पूरा बदन भट्टी की तरह तपने लगा, ऐेसा लग रहा था जैसे मुझे बहुत तेज बुखार हो गया हो और मेरी योनि तो अंगारों की तरह सुलगती महसूस हो रही थी। अपने आप ही मेरा एक हाथ सलवार के ऊपर से ही योनि पर चला गया मुझे पैंटी में कुछ गीला गीला सा महसूस हुआ तो मैंने एक हाथ सलवार के अंदर डाल दिया, योनि से चिपचिपा पानी सा निकल रहा था, मैंने उसे सूंघा तो उसमें से अजीब सी खुशबू आ रही थी। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | कम्बल को एक बार फिर चेहरे से हटाकर मैंने भैया भाभी को देखा वो सो चुके थे, मैंने फिर से अपना हाथ सलवार में डाल दिया और योनि की दरार में उंगली घुमाने लगी, उंगली घुमाने से मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था और पूरे बदन में एक करेंट सा दौड़ने लगा, योनि से पानी निकलने के करण वो पूरी तरह से गीली हो गई थी इसलिए अपने आप ही मेरी एक उंगली योनि के अन्दर चली गई जिसे मैं अंदर-बाहर करने लगी तो मुझे बड़ा आनन्द आने लगा और एक अजीब सा नशा छाने लगा। इसलिए मैंने उंगली की हरकत को तेज कर दिया, मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरा सारा खून मेरी जांघों के बीच इकट्ठा हो गया है और सारे शरीर में आग भड़क रही है। मैंने उंगली की हरकत को और तेज कर दिया…. मेरा मुँह सूख गया और साँसें उखड़ने लगी और कुछ देर बाद ही मेरी दोनों जाँघें एक दूसरे से चिपक गई, व मेरा पूरा शरीर अकड़ सा गया और मेरी योनि ढेर सारा पानी उगलने लगी जिससे मेरी जाँघें और पूरा हाथ तक गीला हो गया, आँखें अपने आप मस्ती में बंद हो गई और पूरे बदन में आनन्द की लहर सी दौड़ गई। अब मैं काफी हल्का महसूस कर रही थी और मेर दिल को एक अजीब सुकून सा मिल गया था। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |  मैंने उँगली से आज पहली बार ये सब किया था, अभी तक मैं इस सुख से अनजान थी। इसके बाद मैं अपनी पेंटी से ही हाथ को साफ करके, पेंटी व सलवार को ठीक से पहन लिया और फिर पता नहीं कब मेरी आँख लग गई। आज के लिए बस इतना ही अब कुछ कल के लिए भी रहने दो मेरे भाइयो आपकी ये बहन अपनी चूत खोल के हमेशा रेडी रहती है | वैसे अब तो मै चली चुदाने अब कल मिलूगी तब तक मुठ मार के काम चलाते रहना मेरे प्यारे भाइयो | जिसका जिसका लंड खड़ा हो गया मुझे मेल करो मै मिलूगी पर सबसे नही जिससे मिलने का मन करेगा उसी से मिलूगी [email protected]

The Author

hindisexstories.autocamper-service.ru: Hindi Sex Kahani © 2015


گھوڑی کی طرح چدائی"हिंदी सेक्सी कहानियाँ""antarvasna latest""bollywood chudai kahani"அக்காபுருஷன்"antarvasna hindi sexstory""maa beta sexy story in hindi""नेपाली सेक्स स्टोरी""maa ki sexy story""chachi saas ki chudai"सेकस भतीजी के फूफू के साथ सेकसी"biwi ki gand""maa beta xxx story""sali ka doodh piya""mami ko pataya""home sex story in hindi""baap beti ki chudai hindi kahani""maa beti sex kahani"চুদন সেনচুরি"www mastram story com""dost ki beti ki chudai""bhai behan ki chudai hindi""marati sexi kahani""maine kutiya ko choda""mastram hindi sexy story""pariwar me chudai"परभाचुदाशीsadhu baba ki sex gufa"gujarati font sex story""choti behan ko choda""dog antarvasna"mala zavaychi aheड्राइवर से मा बेटी दोनों की चुदाई की कहानीGuru ghantal sasur ki khaniyanow.bur.old.bur.dikana"maa aur mausi ki chudai"नौकरानी की जबरदस्ती चुदाई अँतरवासना"hindi group sex story""kamasutra story book in hindi"स्तन का दूध चाय Sexy story"marathi sexy goshti""hindi sex story bhai bhan""हैदोस कथा"मस्तराम की शायरी"mastram antarvasna""kutte se chudai hindi story""romantic chudai kahani"देवर नेचोदा भाभा को लिखा हुअচটি গল্প"gujrati chudai varta"रिक्से वाले चोद दिया"pahali chudai ki kahani""jabardasti balatkar ki kahani""www.chodan .com""hindi animal sex kahani"लड़कियों की योनि में लिंग घुसाकर सो सकते है क्या सेक्सी कहानी"bhai behan ki chudai ki kahani""gay kamukta""maa beti ko choda"चोद ना हरामी और तेज मादरचोद"naukrani ki chudai""indian sex stories .net""antarvasna sadhu"sabir ki riston me chudai ki kahaniya antarvasna ki"baap se chudai""pariwar me chudai""sex kahani mastram""salhaj ki chudai""behan ki kahani""chodan hindi stories"मस्तराम"khet me maa ki chudai""chudae ki khaniya"Bhai bahan Antarwasna sex story app