पूरा डालो भाई बड़ी प्यासी है मेरी चूत

दोस्तों मै पाकिस्तान से हु मै मस्तराम डॉट नेट का बहुत बड़ा फैन हु कभी भी कोई एसा दिन नही होता जब मेरे मोबाइल में मस्तराम डॉट नेट ना ओपन हो, जब तक कहानी पढ़ के एक बार मुठ ना मार लेता नीद ही नही आती सो अब तो चुदाई करते करते भी कहानिया पढता रहता हु खैर अब अपनी कहानी पर आता हु ..  ये तब की बात है जब जैनब हमारे घर रहने के लिए आई, घर का माहौल काफ़ी ख़ुशगवार हो गया था वो थी भी कुछ ऐसी कि उससे मिल कर खुशी होती थी मासूम सी सूरत गोरे चेहरे पर बड़ी बड़ी काली आँखे,और कमर तक लंबे बाल हां मगेर शायद मासूम नज़र आने वाले लोग इतने मासूम होते नही. वो मेरे मामा की बेटी थी और कॉलेज मे पढ़ने के लिए लाहोर आई थी और मोम ने उस को हॉस्टिल मे नहीं रहने दिया और इस तरहा वो हमारे घर मे रहने लगी, हम लोग घर मे 6 लोग थे… डॅड,मोम,हरसद भाई,नैना दीदी मैं और सब से छोटी नूर . जैनब और नूर हम उमर थीं और दोस्त भी इसलिए मोम ने जैनब को नूर के रूम मे शिफ्ट कर दिया और नैना दीदी मेरे रूम मे आ गई.मुझे कुछ ऐतराज़ नहीं था क्यों कि मेरी नैना दीदी से बनती थी और वो मेरा बहुत ख़याल रखती थीं. जैनब मुझे पसंद थी लेकिन मुझे लगता था वो हरसद भाई को पसंद करती थी क्यों कि वो उन से बहुत बाते करती थी जब वो घर पर होते थे लेकिन ऐसा कम ही होता, उन्हों ने एम बी ए कर लिया था और डॅड के साथ ऑफीस का काम देखते थे और शाम मे अपने दोस्तों के साथ होते थे. अब असल कहानी की तरफ आता हूँ,जैनब को आए हुए एक महीना हो चुका था और एक रात मे पानी पीने उठा तो किचन मे जाते हुए मुझे नूर और जैनब के रूम से कुछ आवाज़े सुनाई दी जैसे कि कोई हंस रहा हो और सिसकियाँ ले रहा हो,लाइट बंद थी लेकिन आवाज़ आ रही थी रात के दो बज रहे थे और मे सोच मे पड़ गया मे ने खिड़की से देखने की कोशिश की लेकिन कुछ नज़र नहीं आया और तब मे लॉन की तरफ गया और वहाँ की खिड़की से अंदर झाँका. कमरे मे लाइट लॅंप ऑन था और कंप्यूटर था जिस पर एक ट्रिपल ऐक्स मूवी चल रही थी और कंप्यूटर की रोशनी मे बेड पर जैनब और नूर नज़र आईं दोनो ने अपने पूरे कपड़े उतारे हुए थे और मे ने पहली दफ़ा लाइफ मे 2 लड़कियों को नंगी देखा था एक साथ जिन मे से एक मेरी बहन थी,वो एक दूजे से खेल रही थीं ,चूम रही थीं एक दूजे की चूत पर हाथ फेर रही थीं और साथ साथ मूवी देख कर हंस भी रही थीं. फिर वो दोनो 69 पोज़िशन मे आ गई और पागलों की तरहा एक दूजे की चूत चाटने लगीं बल्कि खाने लगीं वो काफ़ी आवाज़े भी निकाल रही थीं और इन दोनो का जोश और बेक़ारारी देख के मेरा भी लंड खड़ा हो गया.और जब तक वो दोनो थक के बहाल हुईं मे भी फारिघ् हो चुका था. अगली रात भी मे ने यही कुछ दखा और अब जैनब और नूर मुझे घर मे घूमती हुई भी सेक्स ऑब्जेक्ट्स ही लगती थी और मे यही सोचता रहता था कि कैसे मैं इन दोनो को जाय्न करूँ . आख़िरकार चौथी रात जैनब किचन मे खाना निकाल रही थी तो मे गया और पीछे से जा कर उस के बूब्स प्रेस कर दिए उस के फेस पर गुस्से से ज़्यादा हैरानी थी और ये देख के मेरी भी हिम्मत बढ़ गयी और वो जब बोली ये क्या कर रहे हो तुम वसीम तो मेने उस की आँखों मे देखा और कहा कि आज रात डोर लॉक मत करना मे तुम लोगों को जाय्न करना चाहता हूँ,इतना कह कर उस का जवाब सुने बगैर उस को हैरान छोड़ कर मे किचन से बाहर आ गया. डिन्नर टेबल पर भी नूर और जैनब दोनो परेशान लग रही थी और मुझ से नज़रे नहीं मिला रही थी, थोड़ी देर बाद सब सोने चले गये और मे 2 बजे का इंतज़ार करने लगा,2 बजे तक नैना दीदी बेख़बेर सो चुकी थी और मे ने उन के रूम मे जाने से पहले लॉन वाली खिड़की से देखा तो वो दोनो जाग रही थी और आपस मे बाते कर रही थी आहिस्ता आहिस्ता और परेशान लग रही थी.और दोनो ने पूरे कपड़े पहने हुए थे. मे ने आ कर दखा डोर लॉक था और मे ने आशिता से नॉक किया अंदर से सर्गोसियों की आवाज़ आ रही थी और 2न्ड नॉक पर जैनब ने डोर थोड़ा सा खोल दिया और बोली क्या है? मैं ने डोर को धक्का दिया और वो पीछे हट गई और मे ने अंदर दाखिल हो कर डोर बंद कर लिया .रूम मे नाइट लॅंप जल रहा था और दोनो काफ़ी डरी हुई थीं तब मे ने उन्हे बताया कि मे 3 रातो से उन्हे देख रहा हूँ और अब मे भी थोड़ा एंजाय करना चाहता हूँ , लेकिन हम तुम्हारी बहनें हैं!!! हां तो क्या हुआ अगेर तुम दोनो बहनें आपस मे एंजाय कर सकती हो तो मे क्यों नहीं? तुम सब मर्द एक से हो ये कहते हुए जैनब मे मुँह नीचे कर लिया, देखो कोई आवाज़ सुन लेगा परदा बंद करो और बेड पर आ जाओ मे ने फ़ैसलाकूँ अंदाज़ मे कहा और बेड पर लेट गया मेरे पाँव बेड से नीचे ही थे. जैनब ने नूर की तरफ देखा और आँखों ही आँखो मे कुछ कहा और दोनो रिलॅक्स हो गई और नूर वही बैठी रही और जैनब मेरे पास आ गई वो लॅंप की रोशनी मेबहुत प्यारी लग रही थी और मेरे लंड मे हरारत बढ़ने लगी,मे ने बाहों मे उसे लिया और चूमने लगा और कुछ ही देर मे वो भी मेरा साथ देने लगी. मे ने आहिस्ता आहिस्ता उस के बूवज़ प्रेस किए जो कि 34डी थे और बहुत टाइट नहीं थे लेकिन बहुत सॉफ्ट भी नहीं थे तब मुझे लगा कि वो वर्जिन नहीं है , तब मे ने कहा जैनब तुम्हे पहले भी केसी ने किया है? तो वो बोली हां मेरे अपने भाई ने मे ने कहा क्या? फ़ैसल भाई ने? तो वो बोली हां हम 1 साल से ये सब कर रहे हैं और आज तुम भी क्या सब भाई ऐसे ही होते हैं? अरे वॉं’ट यू एंजायिंग वॉट यू वर डूयिंग? हां लेकिन फिर भी ग़लत तो ग़लत है ने मे ने उस का मूड चेंज करने के लिए उस की शर्ट उतार दी और ब्रा उप्पर उठा के उस के बूबज़ सक करने लगा नूर बेड के एंड पर बैठी ये सब देख रही थी और फिर मे ने जैनब से कहा कि मेरे कपड़े उतारे और उस ने मेरे कपड़े एक एक कर के उतार दिए और मेरा लंड हाथ मे ले कर सहलाने लगी मे ने भी उस की चूत मे फिंगर डॉल दी शी वाज़ ऑल वेट आंड रेडी आंड देन आइ फोर्स्ड हर टू टेक माइ कॉक इन हर माउत और उस ने पहले लिक्क किया टिप को और आहिस्ता आहिस्ता किसी एक्सपर्ट की तरहा हर स्ट्रोक मे थोड़ा थोड़ा मौन मे लाने लगी , मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और जब मे ने अपनी बंद आँखे खोलीं तो नूर ने भी अपनी कमीज़ उतार डी थी , मे ने जैनब को लेटा दिया और लंड को उस की चूत पर रख दिया और आराम से पुश किया और लंड आराम से ही अंदर जाने लगा मूज़े लगा जैसे मैं जन्नत मे आ गया हूँ जैनब भी नीचे से अपनी गांद उठा उठा के मेरा साथ दे रही थी थी मे ने उस के कान मे कहा हां मज़ा आ रहा है ना? वो बोली हां बहुत ऐसे ही लोंग और डीप स्ट्रोक लगाते जाओ मुझे जल्दी नहीं है मे काफ़ी दिन के बाद चुद्वा रही हूँ और मैं इस लम्हे मे खो जाना चाहती हूँ. मे आहिस्ता आहिस्ता उस के बूबज़ सहला रहा था और प्यार प्यार से चोद रहा था मैने देखा नूर ने जैनब के बूबज़ सक करने शुरू कर दिए और वो किस्सिंग भी करने लगीं फिर नूर हमारे पीछे आ गयी और गौर से लंड को उस की चूत मे जाते हुए देखने लगी मुझे कुछ अजीब लग रहा थालेकिन सही है साली एक लड़की ………… मे ने नूर को बाज़ू से पकड़ा और आगे ले आया मुझे नही पता वो क्या समझी लेकिन वो मेरे सामने आ गई और मुझे उस के लिप्स पर किस करना पड़ा आंड देविल वाज़ ऑल ओवर मी और मे ने उस के बूबज़ भी सक किए और वो पागल हो रही थी और काफ़ी आवाज़ निकाल रही थी जैनब ने उसे मना किया और मुझे बोली अब मे करीब हूँ प्ल्ज़ ज़ोर से धक्के मारो फाड़ दो मेरी चूत हाँ पूरा डाल दो हां डालो प्ल्ज़ और ,,, थोड़ा और हां ज़ोर से हाँ और…… वो झाड़ गई मे भी नज़दीक था … मे ने लंड उस की चूत से निकाल लिया और उस के पेट पर सारा कम छोड़ दिया … नूर मेरी कमर पर हाथ फेर रहे थे और मे होश मे आ चुका था और मैं जल्दी से उनके रूम से बाहर आया 4:30 हो रहे थे और मे नहाया और कब सो गया मुझे याद भी नहीं…… अगले दिन मे डर से सो कर उठा वो दिन ही नया लग रहा था दुनिया भी अलग रही थी , मे कुछ और ही था कुछ और ही इंसान,एक गुनाह का अहसास ज़रूर था हां मगर मुकम्मल हो जाने की खुशी भी थी, शायद हर गुनाह से जुड़ी हुई खुशी ही हमे गुनहगार करवाती है, नाश्ते की टेबल पर जैनब की आँखो मे मेरे लिए चाहत थी तो नूर की आँखो मे अपनापन.हम तीनों ही अपने आप से बाते कर रहे थे और शायद रात का इंतज़ार भी , और फिर रात आ ही गयी. और 2 भी बज गए हां लेकिन इस बार डोर नॉक नही करना पड़ा , मे ने जाते ही जैनब को बाहों मे भर लिया और किस करने लगा और तभी नूर मेरे बिल्कुल पीछे बहुत पास आ कर खड़ी हो गई इतनी पास कि मुझे उस के बूब अपनी बॅक पर प्रेस होते फील होने लगे. और तभी जैनब ने कहा. देखो वसीम नूर भी तुम्हे मुझ से शेर करने चाहती है, और अगर मे और फ़ैसल भाई कर सकते हैं तो तुम और नूर क्यों नहीं,और थी तब मे ने नूर को किसी लड़की की तरहा देखा और वो मुझे जैनब बहुत मासूम लगी और वो थी भी.(बीयिंग ए वर्जिन). कुछ भी कहना ज़रूरी नहीं था मे ने उस को गले लगा लिया आंड वी स्टार्टेड किस्सिंग फॉर एंडलेस मिनिट्स,और कुछ ही देर मे हम तीनों अपने कपड़े उतार चुके थे , और मे लेट गया बेड पर और नूर और जैनब मेरे लंड के पास बैठी थीं और जैनब की आवाज़ मुझे आ रही थी वो सीख रही थी कि लंड केसे चूस्ते हैं, ये साली एक लड़की ……. जो मेरी बहन को मेरे लंड चूसना सिखा रही थी, और फिर नूर ने चूसना शुरू किया मुझे उस के ठंडे होंटो का अहसास हुआ अपने लंड पर और या कुछ अजीब सी फीलिंग थी, मैने देखा कि वो अभी सीख रही थी लेकिन अपना काम बहुत ही बखूबी कर रही थी … इस मस्त ब्लो जॉब की मस्ती जैनब मेरी आँखों मे देख रही थी और नूर को मे उस के बालों के पीछे बस लंड चूस्ता हुआ महसूस कर सकता था मे ने उस के बाल हटाए भी लेकिन उस ने मेरी तरफ देखा नहीं , अब हम पूरे मूड मे आ चुके थे मे ने नूर को लिटाया और उस की टाँगे खोल दीं और उस की चूत जो पहले की वेट हो रही थी बुरी तरहा से चाटने लगा और उस का क्लिट होंटो के बीच मसल्ने लगा वो पागल हो रही थी और आअह ..आह..आअह की आवाज़ निकल रही थी अब वो बिल्कुल तैयार थी तब जैनब ने मेरे कान मे कहा “बहुत आराम से करना इस का अभी पहला टाइम है |

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