मेरा नाम फहीम है और मैं कराची का रहने वाला हूँ आज मैं आपको अपनी एक स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ ये 3 साल पहले की बात है जब मेरी उमर 16-17 साल थी मैं अपने मा बाप का इकलौता बेटा हूँ. मेरा बाप एक हाइवे इंजिनियर है. हमारे साथ हमारे घर मे मेरे सहनाज चाचा और उनकी सेक्सी बीवी यानी मेरी कंदील चाची भी रहती हैं, वो बहुत सेक्सी हैं उनके बारे बड़े बूब्स और मदमस्त गांड देख कर मेरा लंड हमेशा खड़ा हो जाता था उनकी कोई औलाद ना थी इसलिए चाची कंदील मुझे बहुत प्यार करती थी लेकिन मैं उनको हमेशा सेक्स की निगाह से देखता था. मैने कई बार अपनी चाची के नाम पर मूठ मारी जब भी वो कोई काम करती तो मैं हमेशा उनको घूर कर देखता था खास कर उसके बूब्स को. उनकी फिगर यही कोई 33 24 36 होगी जब कोई काम करते वक़्त जब उनका दुपट्टा नीचे सरक जाता तो मुझे उनकी चूची देखने का मोक़ा मिल जाता था उन्हे शायद पता था कि मैं उनको सेक्स की नज़र से देखता हूँ लेकिन कभी उसने मुझे कुछ कहा नही. एक दिन मैं अपने कमरे मे अपने कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहा था तो अचानक दरवाज़ा खुला और चाची अंदर आई मैं घबरा गया मेरे समझ मे कुछ नही आ रहा था कि मैं क्या करूँ और मैने जल्दी मैने कंप्यूटर का मैन स्विच ऑफ कर दिया. चाची ने जब मुझे इस तरह चोन्क्ते हो देखा तो बोली क्या बात है फ़हद तुम मुझे देख कर चोंक कियूं गये तो मैने कहा कुछ नही ऐसे ही. तो चाची बोली अच्छा तुम अपना समान पॅक करो मेरे गाऊँ मे मेरी एक सहेली की दो दिनों बाद शादी है और तुम्हे मेरे साथ चलना है हम एक हफ्ते तक वहाँ रहेंगे तो मैने पूछा के आप चाचा को साथ कियूं नही ले जा रही है तो उन्होने कहा के उन्हे कोई ज़रूरी काम है जिस की वजह से वो नही चल सकते तो मैने कहा के अगर मैं चलूं गा तो मेरी पढ़ाई डिस्ट्रब हो जाए गी. चाची बोली प्ल्ज़ सिर्फ़ एक हफ्ते की तो बात है क्या तुम मेरे लिए इतना भी नही कर सकते? चाची के इतना इसरार करने पर मैं मान गया और अपनी सेक्सी चाची कंदील को कहा ठीक है तो वो खुश हो गयी और मुझ गले लगा कर प्यार से मुझे गाल पे एक किस दे दी और चली गयी. जब उन्होने मुझे गले लगाया तो उनके बड़े बड़े बूब्स मेरे सीने से चिपक गये और मुझे इतना मज़ा आया कि मैं बिल्कुल हॉट हो गया और सीधा बाथरूम मैने जाकर अपने आप को ठंडा किया और अपने समान की पॅकिंग कर बाहर दोस्तों मे चला गया.दोसरे दिन सुबह सवेरे मुझे चाची ने जगाया और कहा के जल्दी फ्रेश हो कर नीचे आओ और नाश्ता वागरह कर्लो ताकि जल्दी हम रेलवे स्टेशन पहुचें कही ट्रेन मिस ना हो जाए और ये कह कर वो जल्दी चली गयी और मैं फ्रेश हो कर नीचे चला गया और नाश्ता वगेरा किया. आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | जब हम स्टेशन जाने के लिए घर से निकले तो माँ मुझे कहा बेटा फ़हद अपनी चाची का ख़याल रखना और शफकत से मेरे सर पर हाथ फेरा फिर हम घर से निकल गये. चाचा हमे ट्रेन तक छोड़ने आए और हमे ट्रेन मे बिठा के मुझे ट्रेन के टिकेट्स दिए और कुछ पैसे दिया और कहा बेटा ये रखलो काम आएँगे और ये कह कर वो चले गये. और थोरी देर बाद ट्रेन चलने लगी और चाची और मैं गप शप करने लगे और गप शप करते हुए चाची ने मुझसे पूछा फ़हद तेरी कोई गर्ल फ्रेंड है मैने कहा नही तो चाची ने जवाब दिया कियूं नही है? कोई बनी नही या बनाई नही मैने कहा बनाई नही तो चाची बोली तेरी उमर के लड़को की तीन तीन चार चार (3,3,4,4) गर्लफ्रेंड होती हैं और तुम्हारी एक भी नही तो मैने चाची से कहा जब आप कुँवारी थी तब आप का कोई बाय्फ्रेंड था तो चाची शर्मा गयी और कुछ नही बोली तो मैने कहा चाची प्ल्ज़ बताओ ना तो चाची ने धीमी सी आवाज़ मे कहा हां. हालाँकि ट्रेन के जिस ब्लॉक मे हम बैठे थे उस ब्लॉक मे मेरे और चाची के सिवा और कोई नही था इसलिए हम एक दोसरे से खुल कर बातें कर रहे थे. तो फिर चाची ने कहा अपने चाचा को बताना नही मैने कहा कियूं तो वो बोली के वो नाराज़ हो जाएँगे मैने कहा आप मेरी जान हो मैं भला चाचा को कियूं बताउन्गा तो चाची फिर से सर्मा गयी फिर चाची ने मुझ से पूछा के तेरी सब से फॅवुरेट हेरोइन कॉन सी है तो मैने कहा के 2 पर सेलिना जातेली 3 पर मल्लिका शेरावत 4 पर हॉलीवुड की कारमेन एलेक्ट्रा और 5 पेर पेमेला आंडर्सन. तो चाची बोली छी शरम नही आती सब गांडी आक्टर्स हैं तो मैने कहा गांडी कहाँ हैं वो तो बहुत खूबसूरत और सेक्सी हैं तो चाची बोली अछा तुम ने 2,3,4 और 5 का नाम बताया लेकेन पहले नंबर. पर कॉन है तो मैने कहा आप तो चाची सर्मा गयी और कहा के कियूं ऐसा क्या है मुझ मे तो मैने कहा के आप दुनिया की सब से सुंदर लड़की हो तो चाची सर्मा गयी और अपना मूँह नीचे करलिया तो मैं चाची के करीब गया और उनका मूँह उपेर करके उनके खूबसूरत होंटो को किस करने के लिए मैने अपने होन्ट उनके होंटो पर रखे ही थे के उसने अपना मूँह दोसरि तरफ कर लिया. और बोला नही फ़हद ये सही नही है तो मैं भी चुप हो गया और दिल ही दिल मे डर रहा था और अपने आप को कोस रहा था कि ये मैने क्या कर लिया अब क्या पता चाची मुझ से नाराज़ हो गयी हो क्या पता घर जा कर सब को बता दे के मैं उनके साथ क्या करने जा रहा था फिर तो मेरी शामत आजाए गी और फिर यूँही चुपचाप 2 घंटो के सफ़र के बाद चाची का गाओं आ गया और हम ने जल्दी जल्दी अपना समान उठाया और स्टेशन पर उतर गये . जब हम चाची के रिश्तेदारो के घर पोहोन्चे तो उन्होने हमे अपने गेस्ट रूम मे बैठाया थोरी देर आराम करने के बाद चाची बोली तुम यहीं आराम करो मैं अपनी दोस्तो और रिश्तेदारो से मिल कर आती हूँ और वो चली गयी और फिर थोरी देर के बाद एक लड़का गेस्ट रूम मे आया उसके हाथ मे शरबत का ग्लास था उस ने वो ग्लास मुझे दिया और मेरे सामने बैठ गया मैने शरबत पिया और उस से बाते करने लगा और बाते करते करते हम दोनो अच्छे दोस्त बन गये उस ने अपना नाम फ़ैसल बताया और उसकी उमर भी लग भग मेरे जितनी थी और हम दोनो आपस मे इतने गहरे हो गये के एक दोसरे से सेक्स की बाते करने लगे और शाम को हम दोनो बाहर घूमने गये और रात को देर से वापस आए. जब मैं गेस्ट रूम मे गया तो चाची भी अपनी पिंक कलर नाइटी पहेन कर वहाँ बैठी थी | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | और एक मॅग्ज़ीन देख रही थी उनकी नाइटी उनके घुटनो से थोड़ा उपर थी जिस से उनकी आधे से ज्यादा टाँगे नज़र आराही थी चाची उस वक़्त अपनी खूबसूरती की बिजली गिरा रही थी चाची मुझे देखते हुए बोली फ़हद बेटा इन के घर मे गेस्ट रूम के एलॉवा और कोई कमरा खाली नही है इसलिए हम दोनों को एक साथ एक कमरे मे सोना पड़े गा मैं दिल ही दिल मे बहुत खुश हो गया और एक ताक़िया और चादर उठा के ज़मीन पे बिछा के सो गया. आधी रात को पिशाब करने के लिए मेरी आँख खुली मैं बाथरूम मे गया और पिशाब कर के वापस आया तो अचानक मेरी नज़र चाची पर पड़ी लाइट लॅंप की रोशनी मे चाची की खूबसूरती और भी बढ़ गयी थी चाची की नाइटी बहुत उपर तक खिसकी हुई थी और चाची की जांघे सारी साफ दिख रही थी उन्हें देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं हिम्मत कर के धीरे से बेड पर बैठा जिस पर चाची सो रही थी और आहिस्ता आहिस्ता चाची की जाँघो को सहलाने लगा अभी दो तीन मिनिट ही गुज़रे होंगे कि चाची ने करवट ली और मैं जल्दी से अपनी जगह जाके लेट गया और अपनी आँख ठंडी करके सो गया. अगली सुबह जब मैं नींद से उठा तो देखा के चाची कमरे मे नही थी और मुझे बाथरूम मे से पानी के गिरने की आवाज़ आने लगी मैं समझ गया के चाची नहा रही है. और फिर अचानक मेरी नज़र चाची की ब्लॅक ब्रा और पैंटी पर पड़ी जो के बेड पर पड़े हुए थे मैने चाची की ब्रा को उठाया और उसे मूँह से लगा के सूंघ ने और चाटने लगा और फिर चाटने के बाद मैने अपना लंड बाहर निकाला और अपने लंड को चाची की ब्रा को अपने लंड पर लपेट कर ब्रा को लंड से रगड़ ने लगा अचानक बाथरूम का दरवाज़ा खुला और चाची अपने जिस्म पर टवल लपेटे बाहर निकली और मुझे इस हालत मे देख लिया. मैं डर गया और जल्दी से ब्रा को लंड से निकाला लेकेन ब्रा का हुक मेरी झांतो मे फस गया था और मेरे जल्दी से ब्रा को लंड से निकालने से मेरी झांते निकल आई और हल्का हल्का खून निकल ने लगा और दर्द की वजा से मेरे मूँह से हल्की सी चीख निकल गयी जब चाची ने ये देखा तो फॉरन मेरे पास आई और मेरी झांतो मे जहाँ से खून निकल रहा था वहाँ देख ने लगी और मुझ कहने लगी क्या ज़रूरत थी इतनी ज़ोर से निकालने की आराम से अपना मज़ा लेते और फिर धीरे से निकाल देते तो मैने कहा मैने सोचा आप नाराज़ ना हो जाए इसलिए ज़ोर से निकाला तो चाची ने कहा मैं कियूं नाराज़ हूँगी. ये देख कितना खून बह रहा है ठहर मैं अभी तुझे स्प्रेड लगाती हूँ और ये कह कर उसने टेबल के ड्रॉवार से स्प्रेड की बॉटल और थोरी सी कपास निकाली और मुझे बेड पर बैठने को कहा जब मैं बेड पर बैठा तो वो मेरे साथ बैठ गयी मेरा लंड अभी भी बाहर खड़ा था और लोहे की तरह सख़्त था और फिर चाची ने थोड़ा सा स्प्रेड कपास के छोटे टुकड़े पर लगाया और अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर उसे थोड़ा नीचे किया और दोसरे हाथ से मेरे ज़ख़्मो पर स्प्रेड मारने लगी चाची की नरम उंगलियों का स्पर्श मुझे बिल्कुल पागल कर रहा था और मेरा लंड झटके खा रहा था. चाची आहिस्ता आहिस्ता एक हाथ से मेरे ज़ख़्मो को स्प्रेड लगा रही थी दोसरे हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर उसे आहिस्ता आहिस्ता दबा रही थी थोड़ी देर के बाद चाची ने अपना हाथ हटा लिया और कहने लगी के जब भी तेरा मज़ा लेने का दिल हो तू घबडाना नही मेरी ब्रा उठा कर अपना मज़ा ले लेना आख़िर कब तक अपनी जवानी को काबू मे रखे गा ये सुन कर मैं खुश हो गया और चाची से कहा के अगर आप बुरा ना माने तो मेरा मज़ा अब तक ख़तम नही हुआ और मैं इसे पूरा करना चाहता हूँ इस लिए…. मैं आगे नही बोल पाया लेकिन चाची मेरी बातो को समझ गयी और खुद ही अपनी ब्रा उठा कर मुझे कहा के हाँ हाँ कियूं नही अपना मज़ा पूरा कर्लो मैने चाची के हाथ से ब्रा लिया और अपने लंड पर लपेट कर मूठ मारने लगा…………… और थोरी देर के बाद मैं फारिघ् हो गया और मेरा कम चाची की ब्रा से चिपक गया मैने चाची से कहा मैं इसे साफ कर के आता हूँ तो चाची ने कहा नही कोई बात नही मैं खुद साफ कर लूँगी और चाची ने मुझ से अपनी ब्रा ली और बाथरूम मे चली गयी अपने ब्रा को साफ करने के लिया थोरी देर बाद आई फिर बेड से अपने कपड़े उठाए और फिर बाथरूम मे चली गयी कपड़े पहेन ने के लिए लेकिन उस ने बाथरूम का डोर लॉक नही किया और थोड़ा दरवाज़ा खुला छोड़ दिया और अपने कपड़े चेंज करने लगी मैं जल्दी से दरवाज़े के करीब गया और देखा के चाची की पीठ मेरी तरफ थी फिर मैने देखा के चाची ने आहिस्ता और सेक्सी स्टाइल से अपना टवल नीचे गिरा दिया और मैं चाची की मस्त गांड देख के हैरान हो गया. क्या मस्त गांड थी बड़ी बड़ी और गोल गोल चूतर देख कर हैरान हो गया, मेरा दिल कर रहा था की अभी अंदर घुस जाऊं और चाची की इस मस्त गांड मे अपना लंड पेल दूँ लेकिन मैने अपने आप को किस तरह काबू किया ये मुझे पता है फिर इस से पहले मैं कोई ग़लत कदम उठाता मैं सीधा अपने बेड पर जाके लेट गया.
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