ये कहानी उस वक़्त की है जब मैं 18 साल का था मेरी एक मौसी की लड़की थी जो हमेसा ही कोई भी फेस्टिवल मे आ जाती थी वो मुझसे हमेसा ही खुल के रहती थी क्या है कि हम बचपन से ही एक साथ रहते थे पर बड़े होने के साथ साथ हमारी सोच भी बड़ी होती गयी एक दिन जब मैं 18 साल का था तब मैने उसे मज़ाक मज़ाक मे किस कर लिया तो वो शरमा गयी फिर मैने मौका देख के उसके होटो को किस किया वो थोड़ी नाराज़ हुई फिर ठीक से पेश आने लगी अब हम एक दूसरे को मौका देते रहते किस के साथ मैं उसके चुचियों को दबाना चाहता था पर वो मना कर देती एक दिन घर मे कोई नही था वो बाल सवार रही थी बस मैं गया और पूरी ताक़त से दबा दी उसकी आँख से आँसू निकल गये वो बोली अकेले मे क्या करते हो दम है तो सबके सामने दबा के दिखाओ उसी रात लाइट चली गयी सभी अंगना मे चले गये मैं भी चला गया और मैंउसी जगह बैठा जहाँ वो सोई थी उसने स्कूल ड्रेस वाला शर्ट पहना था जिसमे बटन लगा हुआ था मैने चुपके से दो बटनो का बीच हाथ घुसाया और उसकी गॅंजी के भीतर करते हुए दबाना चालू किया सच बोलू तो मैं मसल रहा था पूरी ताक़त के साथ आख़िर मेरे लिए ये सब नया था पर सारे लोगो के मौजूद होने के कारण वो मुझे हटाने को कह ना सकी कुछ देर बाद वो एक कमरे मे घुस गयी मैं भी पीछे गया रात की वजह से किसी को पता नही चला और वैसे भी हम हमेशा साथ मे ही रहे है तो किसी को सक भी नही था कि ये क्या कर रहे हैं रूम जाते ही वो बोली तुम ये क्या कर रहे थे मैने उसके गाल को चूमते हुए कहा कि तू बोली थी कि सबके सामने दबा के दिखाओ वो चुप हो गयी फिर शरारत भरी नज़रो से देखी और हसी मैने आव देखा ना ताव फिर से उसके चुचि को मसलना सुरू किया वो बोली एयाया धीरे दबाओ मैं भागी नही जा रही थोड़ा प्यार से मैं तो हमेसा उसे चोदना चाहता था पर अब तक चुचि ही दाब पाया था मैने फिर उसकी स्कर्ट उठा दी वो घबरा गयी बोली नही ये नही करने दूँगी पर मैने उसके चड्डी के भीतर हाथ डाल कर उसके गांड को मसल्ने लगा वो मुझे डराने के लिया मा को आवाज़ दी पर वो सिर्फ़ मैं ही सुन पाया वो भी मुस्किल से क्योकि वो अगर ज़ोर से चिल्लाति तो खमखाँ बवाल हो जाता बस मैं उसके होंटो को चुम्मा चुम्मता रहा और हाथो से गांड दबाता रहा तभी लाइट आ गयी मैने उसे छोड़ दिया मैने देखा उसके होठ काट गये थे और खून आ रहा था पर वो मुस्कुरा कर चल दी फिर वो अपने घर चली गयी दिन बीतते गये मैं रोज उसके आने का इंतेजार करने लगा और फिर फेस्टिवल मे वो आई मैने उसे देखा और वो भी मुझे शरारत भरी निगाहों से देखी इस बीच मैने दोस्तो के साथ बहुत सारी ब्लू फिल्म देखी और चोदने के तारिके देखे दूसरे दिन मैं स्कूल चला गया और जानभूझ कर गया क्योकि घर के सारे लोग मंदिर जा रहे थे सिर्फ़ उसे छोड़ कर और अगर मैं रह जाता तो वो भी चली जाती क्योकि उसे पता था अगर मैं रहा तो उस के साथ क्या करूँगा मैं साइकल ले के चला गया और आधे किमी के बाद रुक गया और इंतेज़ार करने लगा कि घर वाले कब पार होंगे करीबन आधे घंटे बाद वे लोग पार हुए अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया की किसी भी हालत मे आज बूर को फाड़ के रहूँगा | आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फिर मैने अपने आप को संभाला और घर की ओर चल दिया मैने धीरे से दबे पावं घर की बौंड्री पार की और साइकल बाहर छोड़ दी मैने देखा वो नहा रही है मैने सोचा अभी नही वो जब नहा के रूम आएगी तब मैं जा के पलंग के नीचे चिप गया वो नहा के आई और केवल ओढनी लपेटे हुए थी जिससे आधी चूची (मस्त बड़ी बड़ी) और जाँघ दिख रहा था वो उसी अवस्था मे बाल झड़ने लगी और मेरा लंड टाइट हो के लोहा हो गया था मैं बाहर आ गया और सीधे उसके चूची दबा दिया उसे ज़रा भी भनक नही था कि मैं वापस आउन्गा वो बोली तुम तो स्कूल गये थे मैने कहा पागल इतना मस्त मौका मिला है तेरे साथ सोने का कैसे चला जाता बोली मतलब मैने झट से उसके ओढनी निकाल दिया वो पूरी नंगी हो गयी वो चिल्लाई पर घर पे कोई था ही नही मैने उसे पकड़ना चाहा तो वो दूसरे रूम मे भागने लगी पर मैने उसे पकड़ लिया और चूचिया दबाने लगा फिर उठा के पलंग पर पटक दिया वो रोने लगी मैं बोला बहुत दिन से इंतेजर था आज का वो बोली मैं तुम्हारी मौसी की बेटी हूँ मैने कहाँ जब चूची दब्वा रही थी तब पता नही था क्या मैने अपना लंड बाहर किया 9″ लंबा लंड देख कर वो कांप ही गयी वो बोली प्लीज़ तुम जितना चूची दाबना चाहते हो दबाओ पर ये नही मैने उसकी टाँग पकड़ के पलंग के किनारे किया टाँगे उपेर की और घुसाना चालू किया उसने मुझे लात मार कर हटा दिया अब मुझे गुस्सा आ गया मैने उसे पीठ के बल दबाया और गांड मे लग भाग 20 -25 ज़ोर की थपाद मारी 3-4 बार मे ही वो रोना स्टार्ट कर दी थी कारण था मैं पूरा बल पूर्वक थप्पड़ बजा रहा था वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी अब मैने उसे सीधा लिटाया और अपना लंड डाला साली क्या टाइट चूत(बूर)थी फिर मैने दोबारा ट्राइ किया कुछ पार्ट अंदर चला गया वो चिल्ला उठी एयाया ओययी बचाओ मरर गयीयियी फिर मैने दम लगाया तो पूरा लंड बूर मे घुसा दिया वो तो बहुत बुरी तरह से रोना स्टार्ट कर दी लग रहा था अब बेहोश हो जयगी पर ऐसा नही हुआ मैं अपना लंड ज़ोर ज़ोर से घुसाने लगा वो तड़प्ती रही मैने उसे बेरहमी से पकड़ रखा था | आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
ताकि वो अपनी बूर को हिला भी ना पाए और मेरा लंड आसानी से उसकी बूर को फाड़ता रहे 15 मिनट के बाद वो बोली प्लीज़ अब 5 मिनट के बाद डालना मैने उसे पीछे किया और गांड मारनी सुरू की वो बोली आआ प्लीज़ मरर गयीईईईईईई फिर 10 मिनट के बाद 45 मिनट तक चोदते रहा उसकी बूर को लगातार नॉनस्टॉप फुल फ्लो मे फिर मैं शांत हो गया और उठ गया मैने उसके होठ चुम्मना चाहा पर उसने मूह फेर लिया 1 घंटे बाद सभी आ गये चुदाई की वजह से ये अच्छे से चल भी नही पा रही थी मुझे डर था कहीं किसी को बोल ना दे मम्मी ने उसे लंगदाते हुए देख पूछा तो वो बोली नहाते टाइम पैर फिसल गया था मैने राहत की साँस ली वो दो दिन था मुझसे बात नही की फिर मैने मौका देख के अपने तरफ खिच लिया उसके होटो को चूम लिया तो पहले मेरे तरफ देख भी नही रही थी मैने पूछा क्यूँ तो बोली तुमने ठीक नही किया मैने उसे अपनी तरफ देखने को कहा और प्यार से लिप किस किया क्यो नाराज़ होती हो तो उसने कहा जो किया सो किया पर तुमने मुझे जानवर जैसा क्यौ चोदा मैं कहीं जा तो नही रही थी प्यार से भी कर सकते थे और फिर मेरी गांड मे इतने थप्पड़ क्यों मारे मैने माफी माँगी और कहा सच बताओ चुदाई मे मज़ा आया कि नही वो दबे होठ बोली हाँ और मुस्कुराइ मैने उसे फिर चोदने की बात की वो पहले मना की फिर मेरे ज़िद करने पर तैयार हो गयी उस दिन से मैं जब भी मौका मिलता है उसकी बूर को फाड़ता हूँ गांड मारता हूँ |