अपनी चुदासि आंटी को चोद भी लो. मैने उसके चूतर पर हाथ फेरा और पीच्छे से अपना लंड आंटी की चूत पर टीका दिया. मैने अपनी कमर को आगे बढ़ा कर धक्का मार दिया. आंटी के मुख से हल्की चीख निकल गयी जब मेरा लंड दनदनाता हुआ उनकी चूत में चला गया. नंदिनी रजत का लंड चूस रही थी. लेकिन मेरी चुदाई देख कर बोली.” रजत, साले अपने भाई से कुछ सीख. देख कैसे चोद रहा है अपनी मौसी को? अब तू भी चोद डाल मुझे. शाबाश मेरे यार!” मेरे बिल्कुल बराबर नंदिनी भी घोड़ी बन गयी और रजत उसको चोदने लगा. वक्त के साथ चुदाई की रफ़्तार तेज़ होती गयी. मेरी मा किसी थॅकी हुई कुतिया की तरह हाँफ रही थी. रजत पूरे ज़ोर से मेरी मा को चोद रहा था और मैं अपनी आंटी की चूत में लंड पेल रहा था. मेरे अंडकोष आंटी की गांद से टकरा रहे थे. कमरे में चुदाई का संगीत गूँज रहा था. रजत ने मा की बगल में हाथ डाल कर उसकी चुचि पकड़ी हुई थी और उसको ज़ोर से भींच रहा था.”ऊऊ बेटा चोद मुझे ज़ोर से चोद मदेर्चोद तेरा लंड मेरी चूत की गहराई तक घुस चुका है आआहह मेरी बच्चेदानि से टकरा रहा है बहुत सुख दे रहा है तेरा लंड बेटा..शाबाश चोद मुझे! नंदिनी बोल रही थी. अपनी मा और मौसेरा भाई को देख कर मेरा जोश भी दुगना हो गया और मैं आंटी को बे-रहमी से चोदने लगा. संगीता की साँस भी तेज़ी से चलने लगी और मैं उसकी पीठ पर किस करने लगा” आअहह बेटा ज़ोर से चूम ले अपनी आंटी को चोद ले हरामी डाल दे सारा लंड मेरी चूत में है मार दिया मुझे बेटा ज़ोर से मार…आआआहह शाबाश पप्पू!” मैं आंटी की गांद को थाम कर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. मेरी बगल में नंदिनी को मेरा यार चोद चोद कर निहाल कर रहा था. हम चारों पसीना पसीना हो रहे थे और मुझे मालूम था कि फिल्म बहुत अच्छी बन रही है. लंड दोनो की चूत में “फ़चक, फ़चक” की आवाज़ करते हुए चुदाई कर रहे थे. रजत अब नंदिनी के चूतर पर चपत मारने लगा. वो जैसे जैसे गरम होता गया, मेरी मा की गांद को और ज़ोर से पीटने लगा.नंदिनी के चूतर लाल हो गये थे. मैने भी उसको देख कर आंटी की गांद पर हाथ मारना शुरू कर दिया. मुझे लगा कि फिल्म में ऐसा सीन बहुत पसंद किया जाएगा. कोई 10 मिनिट के बाद रजत बोला” पप्पू मेरे यार क्यों ना पार्ट्नर बदल लिए जाएँ. तुम अपनी मा का टेस्ट देख लो और मैं अपनी मा का. मुझे अपनी मा भी बहुत मस्त माल लग रहा है!” मुझे अपने यार का ख्याल अच्छा लगा और मैने मौसी की चूत से लंड बाहर खींच लिया और उसके नंगे जिस्म से अलग हो गया. रजत ने नंदिनी को छोड़ दिया और फिर मैं अपनी मा को किस करने लगा. रजत ने संगीता के मूह में अपना लंड थेल दिया और बोला मा, चूस मेरा लंड तुझे इस पर अपनी बहन की चूत के रस का स्वाद आएगा चख कर देख नंदिनी आंटी की चूत कितनी नमकीन है!” आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | संगीता आंटी उसी वक्त झुक कर अपने बेटे का लंड चूसने लगी. मैं अपनी मा को अपने ऊपर चढ़ा कर चोदना चाहता था. इस पोज़िशन मे मुझे मा की चुचि सॉफ दिखाई पड़ेगी और उसको चूसने का आनंद भी मिल जाएगा. मैने नंदिनी की चूत को मसल कर कहा,’ मा मैं अपना लंड उस चूत में घुसते देखना चाहता हूँ जहाँ से मैं पैदा हुआ था तेरे दूध देखना चाहता हूँ जिनको चूस कर मैं बड़ा हुआ हूं तुझे उस लंड की सवारी करते देखना चाहता हूँ जो तेरी कोख से निकला है नंदिनी मेरी रानी मेरी मा अपने बेटे के लंड पर सवार हो कर स्वर्ग का आनंद दे दो मुझे!” मैं नीचे लेट गया और नंदिनी बिना कुछ बोले मेरा लंड पकड़ कर मेरी कमर पर सवार हो गयी और मेरे सूपदे पर अपनी चूत को रगड़ने लगी. रजत ने संगीता को पलंग के कोने तक खींच लिया और उसकी टाँगों को अपने कंधे पर टीका लिया. संगीता ने वासना के कारण अपनी आँखें बंद की हुई थी और सिसकारी भर रही थी. नंदिनी की आँखों में वासना के लाल डोरे झलक रहे थे जब वो मेरा लंड अपनी चूत में घुसाने की कोशिश कर रही थी. मैने मा की कमर कस के पकड़ ली और अपनी कमर उठा कर लंड मा की चूत में पेल दिया. मेरा लंड मा की चूत में छपॅक से घुस गया और वो सिसकारी भर उठी” मर गयी मेरी मा अफ बेटा तुमने तो मुझे आनंद से ही मार दिया पप्पू अपने बेटे के लंड का मज़ा क्या होता है मुझे तो पता ही ना था. हाई पप्पू, डाल दे पूरा मेरी चूत में शाबाश बेटा चोद अपनी मा को तेरा बिज़नस अच्छा है चुदाई की चुदाई कमाई की कमाई वाह बेटा क्या लंड है मुझे पसंद है. रजत भी, अब मेरा भी यार है मुझे धन्य कर दिया मेरे बेटे अपनी मा की चुचि चूस ले और चूत चोद ले! मैं भला अपनी मा की आदेश की पालना क्यों ना करता. आदेश भी इतना मज़ेदार था की मैने नंदिनी की मस्त चुचि को थाम लिया और उसके निपल चूसने लगा. मा मेरे लंड पर उच्छलने लगी. “रजत, साले मुझे भी ज़ोर से चोद जैसे पप्पू अपनी मा को चोद रहा है. अगर तेरे अंदर भी मदेर्चोद बनने का शौक है तो अपनी मा को चोद डाल आज जी भर के….आन हाआँ..ज़ोर से कस के पेल माधरचोद…रजत बेटा और ज़ोर से!” रजत की रफ़्तार भी तूफ़ानी हो चुकी थी” ओह्ह मा संगीता मेरी मा आज तक ऐसी चुदाई नहीं की है मैने जब तुम मुझे बेटा कह कर पुकारती हो तो मेरे लंड की शक्ति दोगुनी हो जाती है…आआआअ…मैं अब रुक ना सकूँगा मेरी मा..!” आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मुझे भी लग रहा था मेरा लंड जल्द ही झरने वाला है. नंदिनी भी अब अपनी गांद तेज़ी से अप्पर नीचे कर रही थी. कमरा चुदाई की सिसकारीओं से गूँज रहा था. लंड रस और चूत रस की महक कमरे में फैल चुकी थी. मैं और रजत तेज़ी से धक्के मार कर दोनो औरतों को चोद रहे थे. मेरे अंडकोष अब मेरा रस मेरे लंड की तरफ उठा रहे थे और एक कामुक चीख मार कर मैं झड़ने लगा,” ऊऊऊऊ हााईयइ….ऊऊऊओ…आआआआः!” नंदिनी का जिस्म एस काँप रहा था जैसे उसको बहुत बुखार हो. वो पागलों की तरह चुदाई के आनंद सागर में डूब रही थी. मेरी मा की चूत से रस की धारा बहने लगी. उधर रजत तबाद तोड़ अपनी मा को चोद रहा था. संगीता की चुचि रजत के हाथ मसल रहे थे और दोनो मस्ती के सागर में गोते लगा रहे थे,” बेटा, मैं झाड़ गयी गयी चोद मुझे मादरचोद है मेरी मा चोद रजत मेरे लाल मेरी चूत पानी छोड़ रही है ऐसी चुदाई तो तेरे नपुंसक बाप ने भी नहीं की कभी बेटा चोद डाल अपनी चुदासी मा को! उसी वक्त मेरे लंड का फॉवरा छ्छूट पड़ा और रजत भी धक्के मरता हुआ खलास होने लगा. धीरे धीरे चुदाई का तूफान शांत होने लगा और हम दोनो अपनी अपनी मा के ऊपर ढेर हो गये. इस तरह हमारी पहली ब्लू फिल्म बन गई आगे की कहानी फिर कभी बताउन्गा समाप्त |
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गुरु मस्तराम
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त मस्ताराम, मस्ताराम.नेट के सभी पाठकों को स्वागत करता हूँ . दोस्तो वैसे आप सब मेरे बारे में अच्छी तरह से जानते ही हैं मुझे सेक्सी कहानियाँ लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है अगर आपको मेरी कहानियाँ पसंद आ रही है तो तो अपने बहुमूल्य विचार देना ना भूलें