प्रेषक: राहुल
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राहुल एक और नई कहानी लेकर हाजिर हूँ दोस्तो ये कहानी एक काल्पनिक कहानी है इसमे दिखाए गई घटना संयोग मात्र कही और हो सकती है ये कहानी एक पाशुविक बलात्कार की कहानी है दोस्तो वैसे तो ऐसी कहानी नही पढ़नी चाहिए लेकिन मैं इसे सिर्फ़ मनोरंजन के लिए आपको पढ़ने के लिए दे रहा हूँ दोस्तो इसे सिर्फ़ मनोरंजन की नज़र से ही देखे अब आगे… मेरे पड़ोस मे एक लड़की रहती है जिसका नाम अंजली है उनके घर मे उसके 2 भाई ओर एक बहन है. उसकी बहन का नाम ज्योति है ओर वो ग्रेजुएशन फर्स्ट इयर मे पढ़ती है जबकि अंजली ग्रॅजुयेशन के फाइनल एअर मे पढ़ रही है. अंजली की एज लगभग 21 साल ओर उसकी बहन की एज 19 साल की है. उसके दोनो भाई बाहर पढ़ते है ओर उसके पापा की टूरिंग की जॉब है वो हफ्ते मे 3-4 दिन टूर पे रहते है. उसकी मम्मी हाउसवाइफ है ओर उनका हमारे घर काफ़ी आना जाना है. मैं कई सालों से मस्तराम डॉट नेट पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आया हू ओर सेक्शी मूवी भी देखते आया हू इसलिए मेरी नज़र अंजली पर हमेशा खराब ही रही है पर मैने कभी जाहिर नही होने दिया. वैसे दोनो बहने काफ़ी शर्मीली है ओर अभी तक उनका किसी लड़के से कोई चक्कर नही है क्योंकि वो स्कूल या कॉलेज से सीधे घर आती है ओर फिर कहीं नही जाती ना ही कभी मैने किसी लड़के को उनके पीछे आते हुए देखा है. उनकी मम्मी नताशा जो मेरी मम्मी की काफ़ी अच्छी सहेली है हमारे घर पे काफ़ी आती है. वो मुझे भी अपने बेटे जैसा समझती है क्योंकि उनके दोनो बेटे ओर उनके पति बाहर रहते है इसलिए उनके घर का ज़्यादातर कम मैं ही करता हू. जैसे बाज़ार से समान लाना, आटा पिसवाना, दवाई वगेरह लाना इत्यादि. एक बार की बात है आंटी हमारे घर पर आई ओर मुझसे बोली के बाज़ार से कुछ समान लाना है तुम घर पे आ जाना मैं तुम्हे लिस्ट दे दूँगी. मैं उनके घर पर गया तो दोनो बहने रूम मे पढ़ रही थी. आंटी ने मुझे एक लिस्ट दी ऑर कहा कि एह समान बाज़ार से ले आओ उन्होने कहा कि कुछसमान मेडिकल स्टोर पर मिलेगा. मैने लिस्ट ले ली ऑर बाइक पे बाज़ार चला गया वहाँ मैने परचूनी की दुकान से कुछ समान लिया ओर जब मैने लिस्ट मे देखा तो 1 आइटम बची थी ओर वो थी विस्पर पैड. मैं मेडिकल स्टोर पर गया ऑर वहाँ से मैने विस्पर पॅड्स ले लिए ऑर सारा समान आंटी को दे दिया. आंटी ने मुझ से समान लेकर अंजली को दे दिया ऑर कहा के ये समान रख दो. अंजली ने समान ले लिया ऑर मैं वापिस आ गया लेकिन मैने देखा कि ग़लती से विस्पर मेरी बाइक मे ही रह गया था. मैं वापिस समान देने गया तो देखा आंटी बाथरूम मे चली गयी थी
मैने अंजली को आवाज़ दी तो उसकी जगह पर ज्योति बाहर आई मैने उससे कहा के ये समान रह गया था तो उसने मेरे हाथ से पोलिथीन ले लिया ओर खोल कर देखने लगी. जैसे ही उसने पोलिथीन खोला तो एकदम से बंद कर दिया. मैने पूछा कि इसमे ऐसा क्या है जो तुम इतना घबरा रही हो तो वो हल्के से मुस्कुरा दी ओर बोली के इसमे तुम्हारे मतलब की चीज़ नही है ओर यह कह कर अंदर भाग गयी. मैं बाहर खड़ा रहा तभी मुझे दोनो बहनो की आवाज़ सुनाई दी अंजली ज्योति को डाँट रही थी के तुमने पॅकेट खोल कर क्यों देखा. मैं वहाँ पर रुका नही ओर घर वापिस आ गया. एक दिन जब मैं सुबह नहा कर कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रहा था तो आंटी ने कहा के आज शाम को मुझे डॉक्टर के पास ले जाना मेरी तबीयत कुछ ठीक नही है. शाम को मैं आंटी को डॉक्टर के पास ले गया तो डॉक्टर ने कहा के इन्हे रात को अड्मिट करना पड़ेगा. येसी हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर | अब बड़ी दिक्कत हो गयी थी क्योंकि आंटी के अड्मिट होने पर दोनो बहने अकेली रह जाती लेकिंग मेरी मम्मी ने कहा के वो आंटी के साथ हॉस्पिटल मे रहेंगी ओर मुझे उन दोनो बहनो के पास रात को रुकना पड़ेगा. मैने हाँ कर दी ओर मम्मी आंटी के पास चली गयी. रात को मैं आंटी ऑर मम्मी के लिए खाना ले कर हॉस्पिटल गया तो मम्मी ने बोला के बेटा ध्यान से सोना ओर अंजली खाना नही बना सके तो बाज़ार से ले आना मैं उनको खाना देकर घर आ गया ओर वो दोनो एक रूम मे सोने चली गयी ओर मैं दूसरे रूम मे. मुझे रात को सेक्शी बुक पढ़ने की आदत है इसलिय मैं बुक अपने साथ ले आया ओर पढ़ने लगा. बुक पढ़ते पढ़ते जब मेरा लंड खड़ा हो जाता तो मैं टाय्लेट मे जाकर हस्तमैथुन कर आता था. आज भी मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा था ऑर मेरे मन मे हस्तमैथुन करने की आई तो मैं उठ कर टाय्लेट मे चला गया. आंटी के घर पे एक ही कामन टाय्लेट था. मैं अंदर गया ओर जाकर अपना पायज़मा निकाल कर अपने लंड को बाहर निकाल कर पहले तो उसपे तेल लगा कर कुछ टाइम तक रगड़ता रहा ऑर फिर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा. मैं उन दोनो बहनो को अपने माइंड मे रख कर मूठ मार रहा था. अचानक एकदम से टाय्लेट का गेट खुला ऑर अंजली अंदर आई. मैं घबरा गया मैं जल्दी जल्दी मे टाय्लेट के गेट की कुण्डी ढंग से नही लगा पाया था इसलिय अंजली ने जैसे ही गेट पे ज़ोर लगाया तो गेट खुल गया. अब मेरी हालत देखने लायक थी एक हाथ मे मैने अपना लंड पकड़ रखा था जो कि झड़ने के करीब था ऑर दूसरे हाथ से मैने अपना पयज़ामा उठाया ऑर उपरचढ़ा लिया. अंजली ने मुझे बड़ी अजीब नज़रों से देखा ओर कुछ बोले बिना ही बाहर भाग गयी. मैं जल्दी से बिना झाडे ही टाय्लेट से बाहर आया ऑर अपने रूम मे चला गया. अब मेरे दिमाग़ मे बहुत ज़्यादा गर्मी थी क्योंकि मैं झाड़ नही पाया था. 15 मिनिट लेटे रहने के बाद मुझे टाय्लेट का गेट खुलने की आवाज़ आई मैं समझ गया कि अंजली आई है. अब मेरे दिमाग़ मे शैतानी आने लगी मैं चुपके से उठा ओर जाकर टाय्लेट के गेट के पास खड़ा हो गया. 10 मिनिट बाद जैसे ही अंजली बाहर आई तो मैने उसका हाथ पकड़ लिया. उसने मुझे ज़ोर से धक्का दिया ऑर बोली कि ये क्या कर रहे हो मैं तुम्हारी जान निकल दूँगी. मैं एकदम से खड़ा हुआ ऑर मैने फिर उसको पकड़ लिया ऑर एकदम से टाय्लेट मे ले गया. उसने चिल्लाने के लिए मूह खोला तो मैने उसके मूह पे हाथ रख दिया. मैने उससे कहा हरामजादि जब मेरा लंड देख ही लिया है तो अब इसका पूरा इस्तेमाल तो देख ले कि ये क्या काम आता है. वो मेरे मूह से इस तरह की बाते सुन कर एकदम से दंग रह गयी क्योंकि मैं उसके सामने कभी ऐसे पेश नही आया था. उसने पिंककलर का कुर्ता पायज़मा पहन रखा था. मैने अपनी जेब से रुमाल निकाल कर उसका मूह बाँध दिया ऑर उसे दीवार के सहारे लगा कर उसके कपड़ो के उपर से उसके बूब्स पकड़ लिए ओर दबाने लगा. ओह क्या बूब्स थे उसके हाथ मे आते ही ऐसा लगा जैसे कोई नरम नरम संतरे मेरे हाथ मे आगये हो. मेरे लंड की हालत खराब हो गयी थी. मैं कितनी देर तक उसके कपड़ो के उपर से ही उसकी चुचियों का दबाता रहा. वो मुझसे छूटने के लिए पूरा ज़ोर लगा रही थी पर मैने उसे दबोचा हुआ था जैसे चील कबूतर को दबोच लेती है. उसका कोई ज़ोर नही चल रहा था. फिर मैने उसको नीचे बिठा दिया ओर उसका कुर्ता उतार दिया उसने अंदर ब्लॅक कलर की लेस वाली ब्रा पहन रखी थी. उसका मूह बंद था नही तो वो ज़ोर से चल्लाति. उसने मुझे फिर धक्का दिया मैं पीछे जा के गिरा. मुझेगुस्सा आया ओर मैने खड़े होके एक जोरदार थप्पड़ उसके गाल पे मारा. उसके गाल पे मेरी उंगलियों के निशान पड़ गये ऑर उसकी आँखों से आँसू बहने लगे. मैने कहा साली जवान हो गयी है अब मज़े ले ले नही तो बाद मे ऐसा मोका नही मिलेगा. वो मुझे खा जाने वाली नज़रों से देखरही थी पर उसका कोई ज़ोर नही चल रहा था. मैने धीरे धीरे अपने हाथ उसके गालो पे फिराने शुरू कर दिए. वो अपना मूह ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी तो मैने उसके बाल पकड़ लिए ऑर ज़ोर से खींच दिए. अब मुझ पर वहशी पन आता जा रहा था.
अब मैं उसके मम्मो को ब्रा के उपर से ही दबाने लगा. आप समझ सकते हो कि मेरे दिल पे क्या बीत रही होगी. उसके मम्मे मेरे हाथ मे ऐसे लग रहे थे जैसे नरम मास का टुकड़ा. मेरा मन कर रहा था कि उन्हे उसकी छातियों से उखाड़ कर खा जाऊ. मैने उसके मम्मे बहुत ज़ोर से दबा दिए जिससे उसको बहुत दर्द हुआ ऑर वो अपने पैर मारने लगी. अब मैने उसकी ब्रा के हुक खोल कर उसके मम्मो को आज़ाद कर दिया. एकदम वाइट कलर के मम्मे ऑर उस पर हल्के ब्राउन कलर के निपल क्या लगरहे थे. उसने पहले कभी अपने मम्मो पर किसी मर्द का हाथ नही लगवाया था. मैने उसे दीवार के सहारे बिठा रखा था ऑर खुद उसके आगे बैठा था. अब मैने उसके निपल्स को अपनी उंगलियों के बीच मे ले लिया ऑर दबाने लगा फिर मैने उसके निपल्स को खिचना शुरू कर दिया जिससे वो ओर ज़ोर से रोने लगी. साली रंडी के निपल्स लाल होने लगे थे ऑर उसके मम्मो पर खून की नसे उभर आई थी जैसे लग रहा था कि अभी फॅट जाएँगी. मैने उसके दूसरे निपल को अपने मूह मे ले लिया ओर बहुत ज़ोर से काटा. वो दर्द के मारे उछलने लगी. अब मैं धीरे धीरे उसकी नंगीकमर ऑर पेट पर हाथ फिरा रहा था ऑर अपने नाख़ून रगड़ रहा था. उसकी पीठ पर मेरे नाखूनो के निशान नज़र आने लगे. अभी भी उसका निपल मेरे मूह मे था ओर मैं उसे बहुत ज़ोर से चूस ऑर काट रहा था. कभी राइट निपल कभी लेफ्ट निपल. येसी हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर | अब मैं उसके पयज़ामे के उपर से ही उसकी चूत पे हाथ फिराने लगा. मुझे उसकी चूत पे हल्के हल्के बाल महसूस हो रहे थे. उसकी चूत को देखने की कल्पना से ही मेरा लंड पैंट मे फटने को तैयार था. मुझसे कंट्रोल नही हो पा रहा था. मैने उसके पायज़मे के नाडे को खोलने की कोशिश की तो उसमे गाँठ लग गयी. मैने एक ही झटके मे नाडा तोड़ने की कोशिश की तो नाडा मजबूत होने के कारण उसकी पीठ मे चुबने लगा. मैने ज़ोर लगाया तो वो नाडे के साथ आगे की तरफ खिसकी ओर फर्श पे खिसकती हुई लेट सी गयी. मैने ऑर ज़ोर लगाया तो नाडा टूट गया. मैने बहन की लोदी का पायज़मा निकाल कर साइड मे फैंक दिया अब वो सिर्फ़ ब्लॅक कलर की पॅंटी मे थी. उस पॅंटी मे से उसकी चूत के होठों के उभार सॉफदिख रहे थे. उसने शर्मा के अपने पैर भिच लिए जिससे उसकी चूत की फांके मुझे दिखनी बंद हो गयी. मैने उसके दोनो पैर पकड़ कर ज़ोर से अलग कर दिए ऑर इतनी ज़ोर से अलग किए के उसके पैरों के जोड़ यानी उसकी चूत के पास दर्द होने लगा. उसकी आँखों से लगातार आँसू जा रहे थे
पर मुझ पे हैवानियत सवार थी. येसी हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर |अब मुझसे बर्दास्त करना मुश्किल हो गया मैने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए. मेरा लंड लोहे की तरह टाइट हो रहा था ऑर फटने वाला था. मैने फिर उसके बाल पकड़ कर उसे दीवार के सहारे बिठा दिया. अब मैं उस बहन की लोदी के पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटने लगा. गोरा मलाई जैसा बदन मुझे बहुत टेस्ट आ रहा था. अब मैने उससे कहा कि देख साली मैं तेरी चूत तो ज़रूर मारूँगा ऑर अगर तूने बीच मे कोई हरकतकी तो तेरा गला दबा दूँगा. वो मेरी आँखों मे वहशिपान देख कर डर गयी. मैने उसके मूह की पट्टी खोल दी तो वो मेरे आगे गिड़गिदने लगी प्ल्ज़ मुझे छोड़ दो मैने आज तक अपना नंगा बदन किसी को नही दिखाया. मेरे साथ ऐसा मत करो मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हू. पर मुझ पर तो उसकी चूत मारने का भूत सवार था. मैने कहा हरामजादि चुप कर, चुपचाप जैसा मैं कहता हू वैसा कर नही तो तेरा वो हाल करूँगा के तू चलने लायक भी नही रहेगी. एसा कह कर मैने अपना लंड उसके होठों से लगा दिया उसकी साँसे जैसे ही मेरे लंड से टकराई मैं पागल होने लगा. मैने कहा चल साली मूह खोल ओर मेरा लंड अपने मूह मे ले. उसने मूह नही खोला तो मैने ज़ोर से उसके निपल्स भिच दिए वो दर्द के मारे चिल्लाने लगी तो उसका मूह खुला. मैने उसका मूह खुलते ही अपना लंड उसके मूह मे डाल दिया. वो अपना सिर हिलाने लगी तो मैने फिर एक जोरदार थप्पड़ उसके मूह पर मारा. उसने मूह हिलाना बंद कर दिया. अब मेरा लंड उसके मूह मे था मैं धीरे धीरे उसके मूह को चोद्ने लगा. फिर मैं तेज स्पीड से उसका मूह चोद्ने लगा ऐसा लग रहा था कि उसके होंठों के जोड़ फॅट जाएँगे क्योंकि मेरा 5 इंच का मोटा लंड पूरा उसके मूह मे था उसे सांस लेने मे दिक्कत हो रही थी पर मैं उसका मूह चोद रहा था. मैने अपना लंड उसके गले तक उतार दिया उसके मूह से थूक बह कर उसकी चुचियों पे गिर रहा था जिसे मैं अपने हाथ से उसकी चुचियों पर मसल रहा था. वो उन्ह……. उन्ह…….. कर रही थी | येसी हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर | ऑर मैं उसके गले तक अपने लंड को ठोक रहा था. साली रंडी पूरा लंड मूह मे ले गयी मेरा लंड उसके मूह के अंदर जाकर अपनी जगह बनाता ऑर उसके गले तक जाता. अब मेरा पानी निकलने वाला था तो मैने एक जोरदार धक्का लगाया ओर मेरा लंड उसके गले मे फँस गया. वो दर्द के मारे हाथ पैर मारने लगी उसकी आँखें बाहर आने को हो रही थी. मैने अपने लंड का पानी उसके मूह मे छोड़ दिया. मेरे लंड से बहुत सारा माल निकला ओर मैने आख़िरी बूँद निकलने तक अपना लंड बाहर नही निकाला. मेरा सारा पानी उसके गले मे चला गया था. जब मैने अपना लंड बाहर निकाला तो वो बड़ी बड़ी साँसे लेने लगी. वो खो खो करने लगी ऑर उसने मेरे लंड का थोड़ा सा पानी थूक दिया. मैने ये देखा तो उसका सिर पकड़ कर उसके मूह को फर्श पे भिड़ा दिया जहाँ उसने मेरे लंड का पानी थुका था. मैने कहा साली मा की लोदी, बहन्चोद की बच्ची, साली रांड़ मेरा पानी थुक्ति है. चल इसे चाट कर पी जा. वो नही मानी तो मैने अपने पेर की एक जोरदार ठोकर उसकी गांड पे मारी. वो दर्द के मारे तड़पने लगी. मैने फिर उसके बॉल पकड़ कर उसका मूह फर्श पे गिरे मेरे पानी की तरफ किया तो उसने जीभ निकाल कर चाटना शुरू कर दिया. ऐसा करते हुए वो उबकाई ले रही थी.
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