उसकी गांड बहुत टाइट थी मेरी उंगली ही बड़ी मुश्किल से जा रही थी. येसी हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर | फिर मैने टाय्लेट साफ करने का ब्रश उठाया ओर उसके पिछला सिरा ज्योति की गांड पे लगाया तो वो एकदम से डर गयी ऑर बोली ये क्या कर रहा है | मैने कहा साली रांड़ तेरी गांड मे अपने लंड के लिए जगह बना रहा हू. वो बोली अरे प्ल्ज़ ऐसा मत करो मैं कोई ऐसी लड़की नही जिससे तुम इस तरह पेश आओ. मैने कहा है तो तू लड़की ही ऑर साली तेरे तीनो छेदों मे अपना लंड डालूँगा लेकिन पहले तेरी गांड मारूँगा ताकि तुझे एहसास हो कि मुझेगिराने का क्या अंज़ाम होता है. अंजली बोली विकी इसे छोड़ दे ये बच्ची है मर जाएगी. मैने कहा ये मा की लोदी बच्ची नही बच्चे पैदा करने लायक हो गयी है. इसकी गांड तो ज़रूर मारूँगा.
फिर मैने टाय्लेट के ब्रश को धीरे धीरे उसकी गांड मे घुसाना शुरू कर दिया वो चिल्लाने लगी ऑर अपनी गांड हिलाने लगी. ब्रश 3 इंच अंदर चला गया. उसकी गांड मे दर्द हो रहा था क्योंकि ब्रश पे छोटे छोटे काँटे से बने हुए थे. उसकी गांड छिल गयी ऑर उसमे से खून निकलने लगा. वो बहुत ज़ोर से चिल्ला रही थी. मर गयी………मेरी गा…………न….ड फ……………..ट गयी मुझे बचा…………ओ मैं……………………….म.,र.,…………..जाउ…….गी.
अब मैने टाय्लेट का ब्रश उसकी गांड मे 6 इंच तक डाल दिया ओर धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा साथ ही मैने अपनी 3 उंगलिया उसकी चूत मे डाल रखी थी. फिर मैने ब्रश को उसकी गांड से निकाला तो उस पर ज्योति की शिट ऑर खून लगी हुई थी . मैने वो ब्रश अंजली के मूह के पास ले जाकर उसे चाट कर साफ करने के लिए कहा. वो डर के मारे उसे चाटने लगी तो थोड़ी सी शिट उसके होंठो पर लग गयी तो मैने ज्योति को कहा कि अपनी बहन के होंठ चूस कर साफ कर. तो ज्योति ने अपनी बहन को झुक कर किस किया ऑर उसके होंठ साफ किए. मैने कहा बोल रंडी अपनी गांड के माल का टेस्ट अच्छा लगा तो वो कुछ नही बोली बस दर्द के मारे सुबक्ती रही. येसी हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर |फिर मैने अपना लंड उसकी गांड के छेद पे लगा कर डालने लगा तो उसने अपनी गांड हिला ली जिससे मेरा निशाना चूक गया मैने उसके बाल पकड़ के उसे दीवार के सहारे उल्टा खड़ा कर दिया ऑर पीछे जाके उसकी गांड पे लंड लगा के ईक ज़ोर का झटका मारा तो मेरे लंड का सूपड़ा उसकी गांड मे चला गया. वो ज़ोर से चिल्लाई आआआआ.ह……..ह.ह.आ……आ मैं. मर………………..गयी. मुझे ………….बहुत दर्द……. हो रहा है प्ल्ज़. लंड बाहर नि……………क्ललो दीदी म…..उजे……..बचाओ………… दर्द के मारे उसकी आँखों से पानी आ आ रहा था ऑर उसके मूह से थूक गिरे रहा था वो बेसूध हो गयी मेरा लंड उसकी गांड मे फसा हुआ था ऑर आगे नही जा रहा था. पर मैने अपने लंड का दवाब उसकी गांड मे देना चालू रखा. मेरा लंड ऐसे फस गया था जैसे कुत्ते का लंड कुतिया की गांड मे फस जाता है. मुझे लगा के मेरा लंड भी छिल जाएगा पर मैने इसकी परवाह ना करते हुए उसकी गांड मारनी चालू रखी. उसकी गांड टाइट होने के कारण मेरा लंड उसकी गांड मे झर गया. मैने अपना सारा पानी उसकी गांड मे छोड़ दिया. जब मैने अपना लंड बाहर निकाला तो उसके से मेरे लंड का पानी भी बाहर निकलने लगा तो मैने ज्योति को पकड़ कर उसकी गांड को अंजली के मूह के पास कर दिया ओर वो समझ गयी ऑर उसकी गांड चाट कर साफ कर दी. इसके बाद मैं थोड़ी देर बता रहा अब अंजली ऑर ज्योति दोनो को पिशाब आ रहा था तो मैने कहा के तुम एक दूसरे के उपर मेरे सामने पिसाब करो. तो ज्योति ने अंजली के उपर पिसाब करना शुरू कर दिया. अंजली को मैने टाय्लेट की शीट से बँधा हुआ था उसे खोल कर उससे भी ज्योति के उपर पिसाब करवाया. अब मैने दोनो बहनो को एक दूसरे की बॉडी से लिपटने को कहा. वो इसी हालत मे एक दूसरे से लिपट गयी उनके पूरे बदन पे पिशाब पड़ा था ऑर ज्योति की गांड से मेरा पानी टपक रहा था. अब मैने अंजली को फर्श पे उल्टा लिटा दिया ऑर उसकी गांड पे बैठ गया ओर नीचे हाथ देकर उसके बूब्स को पकड़ लिया ऑर दोनो साइड से बाहर खिचने लगा. फिर मैने अपना लंड उसकी गांड पे भिड़ाया ओर एक ही शॉट मे अपना आधा लंड उसकी गांड मे डाल दिया. वो नीचे से उछलने लगी ऑर मेरे नीचे से निकलना चाहती थी पर मेरा सारा वज़न उसके उपर था इसलिए वो निकल नही पाई. मैने ज्योति को भी अपने पास बुलाया ऑर उसकी चूत मे उंगली डाल के चोद्ने लगा. मैं धक्के मार रहा था ऑर बक रहा था साली रंडियों तुम्हे तो मैं अपनी रांड़ बनाउन्गा ऑर तुम्हे इस सहर से भगा कर ले जाउन्गा जहाँ तुम्हे हज़ारो आदमियों से चुद्वाउंगा, वो डर रही थी इस तरह मैं अंजली की गांड मारते मारते झाड़ गया. फिर मैने अपना लंड बाहर निकाल कर ज्योति ऑर अंजली दोनो को चुस्वाया. जिससे मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा. फिर मैने ज्योति की चूत मे भी लंड पेला ऑर उसे चोदा इस तरह करीब 5 घंटे तक उन्हे चोद्ता रहा. येसी हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर | रात के करीब 3.00 बज चुके थे सारा मोहल्ला सो रहा था पर वो दोनो रांडे मेरे सामने नंगी बैठी थी ऑर रो रही थी. दोनो की चूत और गांड मे से मेरे लंड का पानी बह रहा था ऑर दोनो के बदन पसीने ऑर पिसाब से भीग कर चमक रहे थे. अब हम तीनो टाय्लेट से बाहर आ गये ऑर बेडरूम मे आ गये. वहाँ पे उन दोनो ने टवल से अपने जिस्म को साफ किया. दोनो की हालत ऐसी थी कि उनसे चला भी नही जा रहा था. येसी हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर | वो धीरे धीरे चलती हुई बेडरूम मे आई. अब मुझे होश आया तो मैं सोचने लगा के ये तो ग़लत हो गया सुबह मेरी मम्मी ऑर आंटी आएँगी तो इन दोनो रंडियों की हालत देख कर उन्हे सब पता चल जाएगा. मेरे दिल मे ये बात आते ही मैने दोनो को कहा के देखो बहन्चोदियो अब तो तुम मुझसे गांड ऑर चूत मरवा चुकी हो अब एक काम करो मेरे साथ भाग चलो वरना तुम लोगो की बड़ी बैइज़्ज़ती होगी ऑर तुम्हारी मम्मी की भी. वो बोली नही हम मम्मी को सब कुछ बता देंगे ऑर तुम्हे सज़ा दिलवाएंगवे. यह सोच कर मैं डर गया फिर मैने अपने एक दोस्त जिसका नाम दुर्गेश था उसे फोन किया ऑर उसे शॉर्ट मे सारी बाते बताई. दुर्गेश एक अमीर परिवार का बिगड़ा हुआ लड़का था ऑर उनका कई सहरों मे काम था. वो सुनते ही बोला घबरा मत मैं अभी गाड़ी लेकर आ रहा हू. येसी हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर |थोड़ी देर मे दुर्गेश अंदर आया मैने कहा क्या करना है तो वो बोला के इन रंडियों को गाड़ी मे बिठा कर ले चलते है रास्ते मे कही मार कर फैंक देंगे. मुझे कुछ समझ नही आ रहा था. हमने दोनो को ज़बरदस्ती बार खड़ी गाड़ी मे बिठाया उनके बदन पर कुछ फटे हुए कपड़ों के अलावा कुछ नही था इसलिए हमने उनके कुछ कपड़े अलमारी से लिए ऑर चल दिए क्योंकि अभी हमारा इरादा पक्का नही था कि उनके साथ क्या करना है. येसी हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर |फिर हम निकल पड़े दुर्गेश कार चला रहा था ओर हम तीनो पीछे बैठे थे मैं अब भी उनसे छेड़ छाड़ कर रहा था ऑर कभी उनकी गांड मे कभी चूत मे उंगली कर रहा था. इस तरह हम काफ़ी दूर निकल आए तो दुर्गेश बोला कि क्या करना है मैने कहा इन्हे किसी दूसरे सहर मे ले चलते है जहाँ इनके साथ रहेंगे ऑर मोज करेंगे. वो बोला ठीक है ऑर उसने गाड़ी एक दूसरे सहर की तरफ कर दी जहाँ पे उनक बिज़्नेस था ऑर उनका फार्म हाउस भी था. करीब 3-4 घंटे बाद हम उसके फार्म हाउस पर पहुँच गये जो कि सहर से 10 किमी पहले था. वहाँ पे 1 रसोइया रहता था. सुबह के 8.00 बजे थे ऑर हम फार्म हाउस पे पहुँचे. हमने नॉक किया तो नोकर ने दरवाजा खोला तो हम चारो अंदर आए. हमने ज्योति ऑर अंजली को एक शॉल मे लपेटा हुआ था जिससे उनके फटे हुए कपड़े नज़र ना आए. अंदर लेजाकार हमने उनको बेड पे लिटा दिया ऑर बाहर से कुण्डी लगा कर हम दूसरे रूम मे बैठ गये. फिर हमने खाना बनवाया ऑर उनको भी दिया उन्होने खाना खाया ऑर हमने कहा कि अब तुम लोग आराम करो क्योंकि अब से तुम हमारी रांड़ हो ऑर हम तुम्हे अपनी कमाई का साधन बनाएँगे ऑर रोज 15-20 आदमियों से चुद्वायेन्गे. ये सुन कर वो रोने लगी तो मैने कहा यार घर वाले हमे ढूँढते हुए यहाँ आ जाएँगे तो दुर्गेश ने बोला कि हम इन्हे लेकर गुजरात चले जाएँगे जहाँ पे हमे कोई नही ढूंड सकता ऑर वहाँ पे उसके 2-3 दोस्त है जो अकेले ही रहते है वो हमारे रहने का भी इंतज़ाम कर देंगे. मुझे उसकी बात सही लगी | हम वहाँ 3-4 घंटे रुकने के बाद गाड़ी मे बैठ कर गुजरात चल दिए. दुर्गेश ने रास्ते मे से अपने दोस्त को फोन कर दिया ऑर कहा कि हमारे लिए एक फ्लॅट किराए का इंतज़ाम कर दे इस तरह हम चल दिए हमे पहुँचने मे करीब 20 घंटे लगने वाले थे. करीब रात को 11.00 बजे जब हमारी गाड़ी राजस्थान के रेतीले इलाक़े मे से गुजर रही थी तो दुर्गेश बोला के यार थक गया हू कुछ देर आराम करने के बाद चल्लेन्गे. येसी हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर | उसने गाड़ी सड़क से उतार के साइड मे रोक दी थी ऑर हम चारो ने खाना खाया. अब दुर्गेश बोला कि यार लंड पे खारिश हो रही है ऑर 2 रंडिया भी है चलो खारिस मिटाते है. दुर्गेश आगे बैठा था ऑर हम तीनो पीछे बैठे थे. दुर्गेश ने ड्राइवर सीट का दरवाजा खोला ऑर बाहर आ गया. मैं भी गेट खोल कर बाहर आ गया. अब हम दोनो गाड़ी से बाहर थे ऑर ज्योति ऑर अंजली गाड़ी की पिछली सीट पे बैठी हुई थी. उन्होने शाल हटा दी थी ऑर अब वो फटे हुए कपड़ों मे बैठी थी जिस मे से उनका बदन आधा अधूरा नंगा दिख रहा था. दुर्गेश पीछे गया ऑर गाड़ी के अंदर जाकर बैठ गया. उसने देखा कि 2 रंडिया अधनंगी हालत मे बैठी है तो उसका लंड खड़ा हो गया. उसने अंजली को बाहर जाने को बोला जब अंजली ने मना किया तो उसने अंजली के बाल पकड़ कर उसे बाहर खीच लिया ऑर ज़मीन पे गिरा के उसकी गांड पे लात मारी ऑर बोला रांड़ की औलाद साली मुझे ना कहती है तू जानती नही मैं कॉन हू तेरी मा चोद दूँगा साली कुतिया अब देख तेरी बहन का क्या हाल करता हू. अंजली बहुत ज़ोर से रोने लगी तो मैं अंजली के पास आया ऑर उसके पैर पकड़ कर घसीटते हुए उसे गाड़ी की दूसरी ओर ले गया. येसी हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर |पूरी ज़मीन पे रेत पड़ी हुई थी. ज्योति के सारे कपड़ो ऑर बदन पे रेत लग गयी थी ऑर उसकी कमर मे ज़मीन पर घसीटे जाने के कारण थोड़ा सा दर्द भी हो रहा था. अब दुर्गेश गाड़ी मे गया ऑर उसने ज्योति की तरफ देखा, दुर्गेश की आँखों मे वासना सॉफ चमक रही थी. उसने ज्योति के फटे हुए गाउन मे हाथ डाला ऑर उसके बूब्स पकड़ लिए ओर बोला वाह रांड़ क्या बूब्स है तेरे तू तो साली किसी भी मर्द की हालत सिर्फ़ अपने बूब दिखा कर ही खराब कर सकती है. यह कहते हुए उसने ज्योति के मम्मो को ज़ोर ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया. ज्योति सूबक रही थी ऑर उसने अपने दोनो पैर गाड़ी की सीट के उपर कर रखे थे ऑर डुबक कर बैठी थी. दुर्गेश थोड़ी देर तक उसके मम्मो को सहलाता रहा फिर उसने ज्योति के पैर खीच कर लंबे कर दिए ऑर उसकी जाँघो पर बैठ गया फिर उसने अपने हाथ से उसकी चूत को पकड़ कर ज़ोर से खीच दिया. ज्योति चिहुक उठी फिर उसने अपनी एक उंगली ज्योति की चूत मे डाल दी. ज्योति की चूत डर के मारे बिल्कुल सुखी हुई थी. दुर्गेश की उंगली भी बहुत टाइट उसकी चूत मे अंदर बाहर हो रही थी. ज्योति की आँखों मे दर्द ऑर डर के कारण आँसू आ रहे थे. इसी बीच दुर्गेश ने अपना अंगूठा ज्योति की गांड के छेद से लगाया ऑर ज़ोर से दबा कर अंदर डाल दिया. येसी हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर |अब ज्योति की चूत मे दुर्गेश की उंगली ऑर गांड मे दुर्गेश का अंगूठा था. दुर्गेश ने उंगली ऑर अंगूठे की मदद से ज्योति की चूत को पकड़ कर उसे उपर की ओर उठाने लगा जिससे ज्योति को ऑर दर्द हो रहा था. वो चिल्लाने लगी हाईइ क्या कर रहे हो इस तरह तो मैं मर जाउन्गि तो दुर्गेश बोला मदर्चोद तुझे मारने के लिए ही ले जा रहे थे अगर तू जिंदा बचना चाहती है तो साली हमे मज़े दे ऑर हमारी रांड़ बन के रह. यह कह कर दुर्गेश ने अपनी शर्ट ओर पैंट निकाल दी ऑर अपनी बनियान भी अब वो सिर्फ़ अंडरवेर मे था ऑर उसका लंड अंडरवेरसे काफ़ी हद के बाहर आने को हो रहा था. उसने ज्योति का हाथ पकड़ा ऑर अपने लंड के उपर रख दिया. ज्योति ने लंड की लंबाई का एहसास होते ही डर के मारे अपना हाथ हटा लिया. दुर्गेश ने उसके गालो पर ज़ोर से थप्पड़ मारा ऑर बोला रांड़ अभी तो मेरे लंड से डर रही है जब तेरी चूत मे पूरा डंडा डालूँगा तब क्या करेगी. उसने फिर उसका हाथ पकड़ के ज़ोर से मोड़ दिया जिससे ज्योति की चीख निकल गयी. इधर मैं अंजली के पेट पे बैठा हुआ था ऑर उसके बूब्स को बड़ी बेरेहमी से नोच रहा था. बीच बीच मे मैं उसके फेस पे हल्के हल्के थप्पड़ भी मार रहा था जिससे उसे दर्द हो रहा था ऑर उसका पेट भी मेरे वज़न से दब रहा था. येसी हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर |अब दुर्गेश ने ज्योति का हाथ अपने लंड पे रख कर उसे सहलाने के लिए कहा. ज्योति उसका लंड अंडरवेर के उपर से से सहला रही थी. दुर्गेश बोला चल रांड़ अब मेरा कच्छा निकाल.
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