मेरी चुदाई के मजेदार किस्से-10

मेरी चुदाई के मजेदार किस्से-9

आज कहानी का दसवा भाग है आशा करती हूँ आप लोग अब तक तो मुझे जान ही गये होगे अब बताने की क्या जरूरत अब कहानी पर चलती हूँ … मुझे मार्केट से कुछ खाने का सामान भी लेना था तो सोचा कि मार्केट जाऊँगी तो शायद सैक्सी खयालात मेरे दिल से निकल जायेंगे। फिर खयाल आया कि चलो क्यों ना अपने सलवार कमीज़ का कपड़ा भी ले लूँ और सिलने के लिये दे दूँ। ये सोचते ही मैंने अपनी अलमरी से दो नये सलवार सूट के कपड़े निकाले और बैग में डाल कर बाहर निकल गयी। देर शाम हो चुकी थी। बाहर ठंडी-ठंडी हवा भी चलने लगी थी और लगाता था जैसे बारिश होगी पर हो नहीं रही थी। संदीप की दुकान तो बज़ार में जाते हुए पहले ही पड़ती थी तो मैं पहले वहीं चली गयी। उस वक़्त संदीप कहीं बाहर गया हुआ था। उसका कोई मुलाज़िम बैठा था। उसने बताया कि संदीप अभी दस मिनट में आ जायेगा…. तो मैंने कहा, “ठीक है…. ये कपड़े यहीं रहने दो…. मैं भी बाकी शॉपिंग के लिये जा रही हूँ, वापसी में आ जाऊँगी…. संदीप से कह देना कि शबीना मैडम आयी थी और ये कपड़े रख कर गयी है…. अभी आ जायेगी।“ उसने कहा, “ठीक है” और कपड़े एक साईड में रख दिये। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मुझे बाकी शॉपिंग में एक घंटे से कुछ ज़्यादा ही लग गया। वापस आते वक्त तक तो रात के तकरीबन आठ बज गये थे। मैं सोच रही थी कि कहीं संदीप दुकान ना बंद कर दे, इसी लिये जल्दी से उसकी दुकान की ओर बढ़ी। संदीप दुकान में आ चुका था और उसकी दुकान भी खाली हो चुकी थी। वो भी बंद करने की तैयारी कर रहा था और साथ ही मेरा इंतज़ार भी कर रहा था। उसका दूसरा स्टाफ छुट्टी कर चुका था और संदीप दुकान में अकेला ही था। मुझे देख कर वो खुश हो गया और उसका चेहरा चमकने लगा। मैंने देखा कि वो रम पी रहा था। उसने मेरे लिये भी एक पैग बना दिया। हालांकि मैंने शाम को ही दो पैग व्हिस्की के पिये थे और बहुत हल्का सा असर मुझ पर बरकरार था लेकिन ठंडी हवा चल रही थी और मेरा मन पीने का कर रहा था। वैसे भी राजीव और नसरिमा आँटी के साथ रह कर मैं पीने की बहुत आदी हो गयी थी और जब कभी भी पीने का मौका मिले तो मना नहीं कर पाती थी। दिन भर में आम तौर पे चार-पाँच पैग हो ही जाते थे लेकिन ऐसा कभी-कभार ही होता था कि मैं नशे में बुरी तरह चूर हो जाऊँ। मैंने उसको थैंक्स कहा और अपना ड्रिंक सिप करने लगी जो ठंड में बहुत ही अच्छा लग रहा था। उसने पूछा, “आपके कपड़े हैं मैडम?” तो मैंने कहा, “हाँ…. बहुत दिनों से सोच रही थी कि तुमसे कुछ ड्रेस सिलवाऊँगी तो आज चली आयी।“
मैं भी फ्री थी और कोई काम नहीं था। मुझे भी टाईम पास करना था तो दो पैग पीने तक हम इधर-उधर की बातें करते रहे। मेरे पूछने पर उसने बताया कि वो फैशन डीज़ाईनिंग का कोर्स भी कर रहा है तो मैंने उससे फैशन डीज़ाईनिंग के बारे में पूछा। उसने मुझे फैशन डीज़ाईनिंग के बारे में काफी कुछ बताया और बात-बात में बताया कि “मैडम कईं बार किसी खास डिज़ाईन के लिये जिस फैशन-मॉडल का नाप लेना होता है तो उसको नंगा करके नाप लिया जाता है ताकि फिटिंग सही बैठे।“ मैं हैरान रह गयी और पूछा कि “लड़कियाँ नंगी हो जाती हैं?” तो उसने कहा “हाँ मैडम…. अगर किसी को अच्छी तरह से और सही फ़िटिंग का ड्रेस सिलवाना हो तो बहुत अराम से नंगी हो जाती हैं लेकिन उस टाईम पे बस वही डिज़ाईनर अंदर होता है जो नाप ले रहा होता है ताकि फैशन-मॉडल बस एक ही डिज़ाईनर के सामने नंगी हो…. पूरी क्लास के सामने नहीं।“ मैंने कहा कि “ऐसे कैसे हो सकता है?” तो उसने कहा कि “मैं सच कह रहा हूँ मैडम…. हम ऐसे ही नाप लेते हैं!” तो मैंने हँसते हुए कहा कि “क्या मेरा भी ऐसे ही लोगे?” तो उसने कहा कि “अगर आप भी सही और परफेक्ट फिटिंग के डिज़ाईनर कपड़े सिलवाना चाहती हैं और अगर आपको कोई ऑबजेक्शन ना हो तो आप अपने कपड़े निकाल सकती हैं…. नहीं तो हम सैंपल साईज़ से ही काम चला लेते हैं।“ मैंने कहा कि “मैं तो सैंपल नहीं लेकर आयी” तो उसने कहा कि “मैं ऐसे ही ऊपर से आपका साईज़ ले लुँगा…. आप अंदर ड्रेसिंग रूम में चलिये।“ अभी मैं सोच ही रही थी कि क्या करूँ, इतने में हवा बहुत ही तेज़ी से चलने लगी और उसके काऊँटर पर रखे कपड़े उड़के नीचे गिरने लगे और नाप के रजिस्टर के पन्ने फड़फड़ाने लगे तो उसने अपनी दुकान का शटर जल्दी से गिरा दिया और नीचे गिरे हुए कपड़े उठाने लगा। मैंने देखा कि उसने लुँगी पहनी हुई है और टी-शर्ट। जब उसने देखा कि मैं उसकी लूँगी को हैरत से देख रही हूँ तो उसने बताया कि मार्केट में किसी दुकान से नीचे उतरते हुए कील लगने से उसकी पैंट फट गयी तो इसी लिये उसने पैंट चेंज कर के लुँगी बाँध ली थी।
दुकान का शटर बंद करने से दुकान में ठंडी हवा के झोंके नहीं आ रहे थे, वैसे बाहर तो अच्छी खासी सर्दी होने लगी थी। हम दोनों अंदर ड्रेसिंग रूम में आ गये, जहाँ वो मेरा नाप लेने वाला था। दुकान का शटर गिरते ही मुझे लगा जैसे हम एक सेपरेट रूम में अकेले हैं और मेरे खयाल में आया कि इस दुकान में मैं और संदीप अकेले हैं और हमें देखने वाला कोई नहीं। मेरे दिमाग में गर्मी चढ़ने लगी। नशा तो पहले ही चढ़ा हुआ था। जिस्म में खून तेज़ी से दौड़ने लगा साँस तेज़ी से चलने लगी और एक अजीब सा सुरूर महसूस होने लगा। खैर उसने अंदर की लाईट जला दी। ड्रेसिंग रूम बहुत बड़ा तो नहीं था लेकिन बहुत छोटा भी नहीं था। मीडियम साईज़ का था जहाँ पर एक तरफ़ बड़ा सा मिरर लगा हुआ था ताकि अगर कोई लड़की चेक करना चाहे तो कपड़े पहन कर मिरर में देख सकती थी। वो मेरे सामने खड़ा हो गया और पहले उसने सलवार का नाप लेने को कहा। जैसे टेलर्स की आदत होती है, नाप लेने से पहले वो थोड़ा सा झुका और मेरे सामने बैठते-बैठते उसने मेरी सलवार के सामने के हिस्से को पकड़ के थोड़ा सा झटका दिया जिससे सलवार थोड़ी सी सरक के नीचे हुई। मैंने जल्दी से सलवार को ऊपर से पकड़ लिया। उसने अब नाप लेना शुरू किया। साईड से कमर से पैर तक का नाप लेते हुए उसने पूछा कि “मैडम आप अधिकतर इतनी ही ऊँची हील पहनती हैं क्या….? मैं उसी हिसाब से नाप लेना चाहता हूँ।“ मैंने कहा, “हाँ यही चार-साढ़े चार इंच और कईं दफ़ा पाँच इंच तक!” उसके बाद वो फिर टेप का बड़ा वाला हिस्सा जिस पर मेटल लगा होता है, उसको जाँघों के अंदर पकड़ कर साईज़ लेने लगा तो वो मेटल का पीस मेरी चूत से टकराया और मेरे मुँह से एक सिसकरी सी निकल गयी। उसने पूछा, “क्या हुआ मैडम?” तो मैंने कहा, “कुछ नहीं…. तुम नाप लो।“ उसने उस मेटल के पीस को थोड़ा और अंदर किया तो मुझे लगा जैसे वो पीस मेरी चूत के लिप्स को खोल के अंदर घुस गया और क्लीटोरिस को टच करने लगा। जैसा कि मैं पहले ही बता चुकी हूँ कि जब से ऑफिस जाने लगी थी, मैंने अब पैंटी और ब्रा पहनना करीब- करीब छोड़ ही दिया था तो आज भी मैंने ना पैंटी पहनी थी और ना ब्रा । आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | उसका हाथ मेरी जाँघों के अंदर वाले हिस्से में था और नाप ले रहा था जिससे मेरी आँखें बंद हो गयी और टाँगें अपने आप ही खुल गयी थी और मैं उसके हाथ को अपनी चूत से खेलने का आसान एक्सेस दे रही थी। मेटल पीस चूत के अंदर महसूस करते ही चूत गीली होना शुरू हो गयी और जिस्म में सनसनी दौड़ने लगी। वो खड़ा हो गया और मेरी कमर का नाप लेने लगा और बोला कि “मैडम कमीज़ को थोड़ा ऊपर उठा लीजिये” तो मैंने कमीज़ को थोड़ा उठाया जिससे मेरा पेट दिखायी देने लगा तो उसने कहा कि “मैडम आपका कलर तो क्रीम जैसा है और बहुत चिकना भी है।“ मैं शर्मा गयी पर कुछ नहीं बोली। जबसे मुझे उसका हाथ मेरी जाँघों के अंदर महसूस हुआ, उसी वक़्त से मुझे तो मस्ती छाने लगी थी और चूत में खुजली भी होने लगी थी। मैं सोचने लगी कि फैशन -मॉडल्स ऐसे कैसे नंगी हो कर नाप देती होंगी। ये सोचते ही मेरा भी मन करने लगा कि संदीप अगर मुझसे भी कहे तो मैं नंगी हो कर नाप दे सकती हूँ और फिर ये खयाल आते ही मैं और गीली हो गयी। इस कहानी का शीर्षक मेरी चुदाई के मजेदार किस्से है |
इतने में वो खड़ा हो गया और कमीज़ का नाप लेने लगा। लंबाई लेने के लिये कंधों से नीचे तक टेप लगाया। टेप मेरी चूचियों को टच करने लगा तो एक दम से मेरे निप्पल खड़े हो गये और साँसें तेज़ी से चलने लगी। फिर उसने मुझे हाथ सीधे रखने को कहा और मेरी बगल के अंदर से टेप डाल कर चूचियों के ऊपर से नाप लेना शुरू किया। उसी वक़्त पे पीछे से जब वो टेप ठीक कर रहा था तो उसकी गरम साँस मेरे नंगे कंधों पे महसूस होने लगी जिससे मैं और गरम हो गयी। वो भी करीब मेरी ही हाईट का था। जब वो खड़ा हुआ तो मेरे हाथ को ऐसा लगा जैसे उसका लंड मेरे हाथ से टच हुआ हो। बस ऐसा महसूस होते ही मेरे ज़हन में राजीव का लंड घूमने लगा। वो थोड़ा और आगे आया और टेप पीछे से ठीक करने लगा तो इस बार सही में उसका लंड मेरे हाथ पे लगा। उसका लंड एक दम से खड़ा हो चुका था। शायद वो भी गरम हो गया था। उसका लंड मेरे हाथ से टच होते ही मेरी चूत समंदर जैसी गीली हो गयी और मुझे यकीन हो गया कि उसे भी एहसास था कि उसका लंड मेरे हाथ से टकराया है पर वो पीछे नहीं हटा और अपने लंड को मेरे हाथ पे ही रखे-रखे टेप ठीक करने लगा। मेरी साँसें तेज़ी से चलने लगी और मेरे ज़हन में जो शाम से चुदाई का भूत सवार था वो अब ज़ोर पकड़ने लगा और मैं हवस की आग में जलने लगी। ऊपर से शाम की व्हिस्की और अभी संदीप के साथ पी हुई रम का नशा मेरी हवस को और भड़का रहा था और मैं सोचने लगी कि अगर संदीप ने मुझे नहीं चोदा तो मैं खुद ही उसको चोद डालुँगी आज। नशे भरे मेरे दिमाग में आया कि उसके अकड़े हुए लंड को पकड़ कर अपनी गीली गरम चूत में घुसेड़ डालूँ पर बड़ी मुश्किल से अपने आप को कंट्रोल कर पायी और चाहते हुए भी उसके लंड को अपनी मुट्ठी में ले कर नहीं दबाया।

कहानी जारी है ….. आगे की कहानी पढने के लिए निचे दिए गए पेज नंबर पर क्लिक करे |

The Author

hindisexstories.autocamper-service.ru: Hindi Sex Kahani © 2015


"www antarwasna co""teacher ki chudai ki kahani""मौसी की चुदाई"nak me umlikar ke sex kare"kamukta com marathi"देवर भाबी के नाजायज संबंध कि कहानी Only"free hindi sex kahani"डेली अपनों से चुड़ै स्टोरीমায়ের সাথে বাংলাচটিKISI GIRLS KI STORY GADHE SE CHUDAI KI"antarvasna maa ki chudai""kamasutra tamil kamakathaikal""गुजराती सेक्स स्टोरी""punjabi sex story com""moti maa ko choda""family chudai ki kahani""मस्तराम सेक्स"चुदासीsexystoryanimalhindi"pariwar ki chudai""bhai behan ki chudai hindi story"चूत कहानीभाभी को घुमाने ले गया और चुदाई की हिन्दी कहानी"marathi ling katha""bhai behan hindi sex kahani""mastram ki sex kahaniya""antarvasna new 2016""bap beti ki chudai ki khani""sagi bhabhi ko choda"चुूत"mastram chudai""sister and brother sex story in hindi"Sex stories in Hindi"mastram hindi sex stories""saxi sayri"குடும்ப செக்ஸ்Mutth kb kaise marana chahiye hindi kahaniহিন্দু মেয়ে চোদলামभाभी पीछे बाली मारी"mastram ki kahniya""hindi gangbang sex stories""मस्तराम की कहानियां"जंभेश्वर डायल अपनी मौसी को जिम्मी चू डाल अपनी भाषा में सेक्सी बीएफ पिक्चर"mastram ki sexy story in hindi"बिना मुठ मारे लंड को कैसे बढाऐ"beti ki chodai""www mastram story com"कुत्ते हरामजादे भोसडी लवडे चोद मुझे "antarvasna bap beti""chodan story""sex kahani mastram""mausi aur maa ki chudai""bap beti ki chudai""bhai ke dosto ne choda""risto me chudai in hindi""celebrity sex story in hindi""gandu ki kahani""samuhik chudai kahani""bhai bhan ki chudai ki khaniya""mom ki chudai kahani"माँ को गैर मर्द से प्रेम सम्बन्ध सेक्स कहानी"sex story beta"सेक्स कहानी माँ के लिए जिगोलो बुलायाचूतर फैला कर गांड में लंड"baap aur beti ki chudai ki kahani""naukrani ki chudai"सेक्सी कहानीमस्तराम की मस्तीभरी बुर चुदाई की कहानी |"hindi kamasutra sex story"Meri chut ki chodai sex storySEXKAHANICHOTICHUT"mastaram ki kahani""marathi language sex story""sale ki beti ko choda"antarvasna.connak me umlikar ke sex kare"choot ki garmi""hindi sexy story mastram""maa beta sex hindi story""hindi sex kahani mastram""bhai behan ki chudai hindi story""mastram ki kahniya""chachi ki chudai hindi kahani"janwarsechudaiफूफाजी से चूत चुदवाई"sali ki chudai story""gujrati chudai story"বাংলা চটি"मस्तराम कहानी""www marathi zavazavi katha com"