मेरी चुदाई के मजेदार किस्से-12

मेरी चुदाई के मजेदार किस्से-11

हेल्लो मेरे प्यारे देवरों और भाभियों मै आज अपनी कहानी की आखिरी कड़ी लिख रही हूँ | पिछली कहानी में अब तक आप लोगो ने जो पढ़ा उसके आगे …  शेरू काफी जोश में मेरी चूत चाटने लगा। उसकी ज़ुबान मेरी रसीली-भीगी चूत में घुसते हुए उसमें से निकलता हुआ रस चाट रही थी। मैं आँखें बंद करके मस्ती में ज़ोर-ज़ोर से चींखने लगी। राजीव, संदीप, नसरिमा आँटी और आबिया सभी से चूत चटवाने में मुझे बेहद मज़ा आता था लेकिन शेरू की ज़ुबान की बात ही अलग थी। अपनी चूत और क्लिट पर उस जानवर की लंबी-खुर्दरी भीगी ज़ुबान की चटाई से मेरा जिस्म बेपनाह मस्ती में भर कर बुरी तरह थरथरा रहा था। उसकी ज़ुबान मेरी चूत में इतनी अंदर तक जा रही थी जहाँ तक किसी इंसान की ज़ुबान का पहुँच पाना मुमकिन नहीं था। एक तरह से वो अपनी ज़ुबान से मेरी चूत चाटने के साथ-साथ चोद भी रहा। मैंने ज़ोर-ज़ोर से कराहते हुए मस्ती में अपने घुटने मोड़ कर बिस्तर में अपने सैंडल गड़ाते हुए अपने चूतड़ ऊपर उठा दिये और अपनी चूत उसके थूथने पर ठेल दी। उसकी ज़ुबान मेरी चूत में अंदर तक घुस कर फैलती और फिर बाहर फिसल कर मेरी धधकती क्लिट पर दौड़ती। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मेरे जिस्म में इस कदर मस्ती भरी लहरें दौड़ रही थीं कि मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मेरी चूत पिघल कर पानी छोड़ने लगी। बिस्तर की चादर अपनी मुठ्ठियों में कस कर जकड़ते हुए मैं मस्ती में बेहद ज़ोर से चींखी, “आआआहहह आँटी ईईईई… मेरी चूत… झड़ीईईई… हाय अल्लाह…. ऑय…ऑय एम कमिंग…!” मेरी चूत से बे-इंतेहा पानी निकलाने लगा जिसे शेरू ने अपनी ज़ुबान से जल्दी-जल्दी चाटने लगा। ऐसा लग रहा था जैसे कि मेरा पेशाब निकल गया हो। इस कदर गज़ब का ऑर्गैज़म था कि बेहोशी सी छा गयी और मैं आँखें बंद करके हाँफने लगी। शेरू अभी भी मेरी चूत चाटते हुए मेरे पनी के आखिरी कतरे पी रहा था। नसरिमा आँटी उसे पुचकारते हुए बोलीं, “बस.. बस… इतना काफी है… डार्लिंग!” और शेरू को अपनी तरफ़ खींचकर उसे सहलाने लगी। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | बेहतरीन ऑर्गैज़म के लुत्फ़ का एहसास करते हुए मैं चार-पाँच मिनट तक आँखें बंद किये लेटी रही। मुझे बेहद तसल्लुत महसूस हो रही थी। जब मैंने आँखें खोलीं तो देखा कि नसरिमा आँटी घुटनों पे बैठी शेरू का लाल गाजर जैसा लंड प्यार से सहला रही थीं। करीब सात-आठ इंच लंबा और मोटा सा नोकीला लंड सख्त होकर फड़क रहा था जिसे देख कर मेरे चेहरे की सुकून भरी मुस्कुराहट हैरत में तब्दील हो गयी। आँटी ने मुझे सेहर-ज़दा नज़रों से शेरू के लंड को घूरते हुए देखा तो बोलीं, “है ना लाजवाब? पास आकर इसे हाथ में महसूस करके देखो!” मैं खुद को रोक नहीं सकी और शोखी से मुस्कुराते हुए उठ कर घुटने मोड़ कर बैठ गयी और अपना एक हाथ शेरू के पेट के नीचे ले जा कर उसके सख्त और लरज़ते हुए गरम लंड को सहलाने लगी। उसके लंड को आगे से पीछे तक सहलाते हुए उसके लंड की फूली हुई नसें मुझे अपने हाथ में धड़कती हुई महसूस हो रही थीं। शेरू के लंड से लगातार चिकना और पतला-सा रस चू रहा था। मोटी गाजर जैसा उसका लंड मेरे हाथ में धड़कता हुआ और ज्यादा फूलने लगा और उसकी दरार में से सफ़ेद झाग जैसा रस और ज्यादा चूने लगा और मेरा हाथ और उंगलियाँ उस चिकने रस से सन गयीं। इतने में नसरिमा आँटी उसके टट्टों की फुली हुई एक हाथ में पकड़ कर मुझे दिखाते हुए बोलीं, “देखो ये किस कदर लज़ीज़ मनि से भरे हुए हैं…।“ और अपने होंथों पर ज़ुबान फिराने लगीं।
फिर अचानक नीचे झुक कर आँटी उसके रस से सने हुए लंड पर जीभ फिराने लगीं और उसका रिसता हुआ लंड अपने मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया। शेरू मस्ती से रिरियाने लगा। आँटी को शेरू का लंड चूसते देख मेरे मुँह में भी पानी भरने लगा। बेसाख्ता मैं अपना हाथ अपने होंठ और नाक के करीब ले गयी तो शेरू के लंड के चिकने रस की तेज़ खुशबू मेरी साँसों में समा गयी और मैं शेरू के लंड के रस से सनी अपनी उँगलियों मुँह में लेकर चाटते हुए उसका ज़ायका लेने लगी। मुझे राजीव और संदीप की मनि बेहद पसंद थी लेकिन शेरू के इस रस का ज़ायका थोड़ा अलग था लेकिन था बेहद लज़्ज़तदार। शेरू का लंड अपने मुँह से निकालकर चटखारा लेते हुए आँटी भी बोलीं, “ऊँऊँ यम्मी… तुम भी चूस के देखो… बेहद लाजवाब और अडिक्टिव ज़ायका है इसका… मेरा तो इससे दिल ही नहीं भरता!” आँटी की बात पूरी होने से पहले ही मैं झुक कर अपनी ज़ुबान शेरू के लंड की रिसती हुई नोक पर फिराने लगी। मैंने अपनी ज़ुबान पर उसके लंड से रिसता हुआ रस अपने मुँह में लेकर घुमाते हुए उसका ज़ायका लिया और फिर अपने हलक़ में उतार लिया। अपनी इस बेरहरावी पे मस्ती में मेरी सिसकी निकल गयी। मैं फिर उसके कुत्ते के गरम लंड पे अपनी ज़ुबान घुमा-घुमा कर लपेटते हुए चुप्पे लगाने लगी और उसमें से चिकना ज़ायेकेदार रस लगातार मेरी ज़ुबान पे रिस रहा था। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फिर मैंने उसके लंड की नोक को चूमते हुए उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और मस्ती में अंदर-बाहर करते हुए उसे चूसने लगी। मुझे बेहद मज़ा आ रहा था और शेरू भी रिरियाने लगा और झटके मारने लगा लेकिन नसरिमा आँटी ने उसे पकड़ रखा था और उसे पुचकार भी रही थीं। मैं अपने हलक तक उसका लंड ले-ले कर चूसते हुए उसके चिकने रस का मज़ा ले रही थी और अब उसकी मनि के इखराज़ होने की मुंतज़िर थी। थोड़ी ही देर में शेरू का रिरियाना तेज़ हो गया और उसका लंड मेरे मुँह में और भी फूल गया। मेरे होठों के बाहर उसके लंड की जड़ गेंद की तरह फूल गयी और अचानक मेरा मुँह उसकी गाढ़ी चिपचिपी मनि से भर गया। मैं उसकी बेशकीमती मनि गटक-गटक कर पीते हुए अपने मुँह में जगह बना रही थी और शेरू फिर मेरा मुँह भर देता था। कुत्ते के लंड और टट्टों में से उसकी मनी चूस-चूस कर पीते हुए मैं बेहद मस्ती और मदहोशी के आलम में थी। शेरू के लंड की मनि मेरे होंठों के किनारों से बाहर बहने लगी लेकिन मैंने उसके लंड को अपने मुँह में चूसना ज़ारी रखा। मनि का आखिरी कतरा इखराज़ होने के बाद भी मैं उसके लंड को कुछ देर तक चूसती रही।
जब मैंने शेरू का लंड अपने मुँह से रिहा किया तो अचानक नसरिमा आँटी ने मेरे होंठों पे अपने होंठ रख दिये और मेरे मुँह में जीभ डालकर अपने कुत्ते की मनि का ज़ायका लेने लगीं। मैं तो पहले ही बेहद गरम थी और नसरिमा आँटी से कस कर चिपक गयी और हम दोनों किसिंग करते हुए फिर से आपस में गुथमगुथा होकर एक-दूसरे को सहलाने लगीं। करीब पाँच मिनट तक हमारी ज़बरदस्त स्मूचिंग ज़ारी रही। फिर मैं आँटी से बोली, “मज़ा आ गया आँटी शेरू का लंड चूस कर… लेकिन आपने पहले कभी इस बात का ज़िक्र क्यों नहीं किया…. मुझे इतने दिन इस नायाब तजुर्बे से महरूम रखा आपने?”
आँटी मुस्कुराते हुए बोलीं, “इस तरह के मामलों में काफी एहतियात बरतनी पड़ती है… और सिर्फ़ तुम ही हो जिसे मैंने अपने इस हसीन राज़ में शरीक़ किया है… लेकिन अभी तुमने असली मज़ा लिया ही कहाँ है… शेरू का लंड चूत में नहीं लोगी क्या?”
“लूँगी क्यों नहीं… मेरी चूत तो बेकरार है शेरू के लंड से चुदने के लिये… लेकिन शेरू तो जस्ट अभी-अभी फारिग हुआ है…!” मैं तड़पते हुए बोली। शेरू बिस्तर से उतरकर नीचे बेड के करीब खड़ा हमारी तरफ़ देखते हुए पूँछ हिला रहा था। आँटी बोलीं, “अरे खूब स्टैमिना है मेरे शेरू में… लगातार चार-पाँच दफ़ा फारिग होकर चुदाई करने की ताकत है इसके अमेज़िंग लंड में।“ मैंने आँटी से कहा कि पहले मैं जल्दी से पेशाब कर के आती हूँ और उठ कर अटैच्ड बाथरूम में चली गयी। नशे की खुमारी की वजह से हाई पेन्सिल हील की सैंडल में चलते हुए मेरे कदम ज़रा लड़खड़ा रहे थे। जब मैं पेशाब करके वापस आयी तो नसरिमा आँटी शेरू का लाल लंड सहला रही थीं जो फूल कर चोदने के लिये तैयार था। आँटी बोलीं, “चलो घुटने मोड़ कर कुत्तिया की तरह झुक कर अपनी ज़िंदगी की सबसे थ्रिलिंग चुदाई के लिये तैयार हो जाओ!” मैं फौरन बेड पे कुत्तिया की तरह झुक गयी। “गुड…. लेकिन अपनी टाँगें थोड़ी चौड़ी फैलाओ… थोड़ी सी और चौड़ी…!” आँटी बोलीं तो मैंने अपनी टाँगें चौड़ी फैला दीं और अपना चेहरा तकिये पे टिका लिया। शेरू से चुदने की बेकरारी में मेरे पूरे जिस्म में मस्ती भरी लहरें दौड़ रही थीं और मेरी चूत में तो जैसे शोले दहक रहे थे।
अपनी गाँड ऊँची उठाये और थरथराती रानें चौड़ी फैलाये हुए मैंने तकिये पे गाल टिका कर अपनी गर्दन मोड़ कर पीछे देखा तो शेरू अपना जबड़ा खोले खड़ा था और उसके कान सीधे खड़े थे। उसकी पिंक ज़ुबान बाहर लटकी हुई थी। नसरिमा आँटी ने मेरे चूतड़ों को सहलाते हुए उन्हें फैलाया और भर्रायी आवाज़ में अपने कुत्ते से बोलीं, “शेरू बेबी! देखो कितनी हसीन गाँड है…!” और फिर खुद ही मेरी गाँड के छेद पर अपनी ज़ुबान फिराने लगीं। मेरे पूरे जिस्म में सनसनी फैल गयी और मैं सिसकने लगी। शेरू भी मेरे सैंडल और पैर चाटने लगा और फिर मेरी रानों पे अपनी ज़ुबान फिराने लगा और अचानक भोंकते हुए रिरियाया तो नसरिमा आँटी हंसते हुए बोली, “ओके बाबा… ले तू चाट ले… तेरी बारी… गो अहेड!” मुझे अपने चूतड़ों पे शेरू की गरम साँसें महसूस हुईं और फिर उसकी लंबी ज़ुबान मेरे चूतड़ों की दरार के बीच में घुस कर चाटने लगी। नसरिमा आँटी ने मेरे चूतड़ पकड़ कर चौड़े फैलाये हुए थे। शेरू की गरम भीगी ज़ुबान मेरी गाँड से चूत और फिर क्लिट तक ज़ोर-ज़ोर से चाटने लगी। मुझसे इतनी मस्ती बर्दाश्त नहीं हो रही थी। मैंने सिसकते हुए आँटी से कहा, “ऊँऊँहहह प्लीज़ आँटी… अब जल्दी से इसके लंड से चुदवा दो ना… आँआँहह… नहीं तो मैं फिर ऐसे ही झड़ जाऊँगी। इस कहानी का शीर्षक मेरी चुदाई के मजेदार किस्से है | फिर मुझे अपने चूतड़ों पे शेरू का भारी जिस्म महसूस हुआ और उसके अगले पैर मेरी कमर को जकड़े हुए थे और वो अपनी पिछली टाँगों पर खड़ा था। या अल्लाह! अब वो जानवार मुझे अपनी कुत्तिया बना कर चोदने के लिये मेरे ऊपर सवार हो रहा था और… और नसरिमा आँटी भी उसे उकसा रही थीं। “वेरी गुड शेरू डार्लिंग…! वैसे ही मज़े से चोदना जैसे तू मुझे चोदता है…!” आँटी शेरू से कह रही थीं और फिर मुझसे मुखातिब होकर बोलीं, “तुम भी घबराना नहीं डियर! बेइंतेहा मज़ा आयेगा तुम्हें!” फिर मुझे अपनी गरम चूत पे शेरू के लंड की ठोकर महसूस हुई तो मस्ती में मेरे मुँह से ज़ोर से सिसकी निकल गयी। फिर मुझे उसके ताकतवर मज़बूत जिस्म का धक्का अपने चूतड़ों पे महसूस हुआ और उसका हड्डी वाले लंड ने मेरी चूत पे जोर से ठोकरें मारी। मेरी सुलगती चूत में अपना फड़कता हुआ गाजर जैसा लाल मोटा लंड घुसाने की कोशीश करते हुए बेकरारी से वो ज़ोर से रिरियाया और मेरे चूतड़ों पर झटके मारते हुए उसने मेरी कमर पे अपनी अगली टाँगें और ज्यादा ज़ोर से कस दीं। मैं भी उसका लंड लेने की बेकरारी में अपनी गाँड गोल-गोल घुमाने लगी। मेरी साँसें भी ज़ोर से चल रही थीं और दिल भी खूब ज़ोर से धड़क रहा था। शेरू के लंड से चुदने की तड़प अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही थी। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मेरी हालत देख कर नसरिमा आँटी बोलीं, “उसकी हेल्प करो! गो ऑन… उसका लंड पकड़ के अपनी चूत में डालो…!” मेरे मुँह से लगातार हल्की-हल्की ‘ऊँह ऊँह’ निकल रही थी। मैंने एक हाथ पीछे अपनी रानों के दरमियान ले जा कर शेरू का सख्त चिकना लंड पकड़ कर अपनी चूत पे दबाते हुए उसे अंदर का रास्ता दिखाया। खुद-ब-खुद शेरू ने फ़ितरती तौर पे आगे धक्का मारा और उसका लंड ज़ोर से मेरी तड़पती मेरी भीगी चूत को बेहद चौड़ा फैला कर बड़ी बेरहमी से चीरते हुए अंदर गहरायी तक घुस गया। “ऊँह ऊँह ऊँह ऊऊऊहहह अल्लाहहह!” शेरू के लगातार झटकों से उसका लंड अपनी चूत में ठंसाठंस भरा हुआ महसूस करके मैं मस्ती में सिसकने लगी। उसका फूला हुआ लाल लंड पुरा का पूरा मेरी फैली हुई चूत में घुस कर बुरी तरह से चोद रहा था। मनि से लबालब भरे हुए टट्टे ज़ोर-ज़ोर से झूलते हुए मेरी चूत पर थपेड़े मार रहे थे। शेरू का लंड मेरी चूत में ज़ोर-ज़ोर से चोदते हुए और ज्यादा फूलता जा रहा था और मेरी चूत की दीवारों को फैलाते हुए खूब प्रेशर डाल रहा था। “ओह… ओंह… ओह मेरे खुदा… आँह.. ओंह…!” मेरे हलक़ से ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ निकल कर मेरे आधे खुले होंठों से छूट रही थीं और मैं आँखें फाड़े साईड में ड्रेसिंग टेबल के आइने में शेरू को पीछे से अपनी चूत में ज़ोर-ज़ोर से चोदते हुए देख रही थी। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | शेरू के ज़ोरदार धक्कों से सिर तकिये पे ज़ोर-ज़ोर से रगड़ रहा था। मैं भी अपनी गाँड पीछे ठेल-ठेल कर शेरू के बेरहम धक्कों का जवाब देने लगी। मैं अपनी दहकती चूत में शेरू के लंड की बेरहम चुदाई से मैं इतनी मस्त और मदहोश हो गयी थी कि उस वक़्त मुझे नसरिमा आँटी की मौजूदगी का एहसास भी नहीं था। इस दरमियान मैं दो दफ़ा चींखते हुए बेहद ज़बर्दस्त तरीके से झड़ी लेकिन शेरू ने पुर-जोश चोदना ज़ारी रखा। मेरी साँसें तेज़-तेज़ चल रही थीं और मेरी कराहें और मस्ती भरी चींखें पूरे कमरे में गूँज रही थीं। शेरू का लंड शुरू से मेरी चूत में गरम-गरम रस छोड़ रहा था जिससे मेरी चूत की आग और ज्यादा भड़क रही थी। फिर मैंने महसूस किया कि कुछ देर से शेरू के लंड की जड़ की फूली हुई गाँठ बहुत ज़ोर से मेरी चूत पे टकरा रही है और शेरू ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारते हुए उसे मेरी चूत में ठूँसने के लिये बड़ी शिद्दत से कोशिश कर रहा था। शेरू के लंड की टेनिस बॉल जैसी गाँठ अपनी चूत में लेने के ख्याल से मेरे जिस्म में मस्ती की लहरें सनसनाने लगीं। आँटी ने भी ज़िक्र किया था कि कुत्ते के लंड की गाँठ चूत में लेने में बेहद मज़ा आता है। कुछ ज़बरदस्त धक्के मारने के बाद आखिरकार शेरू कि कोशिश कामयाब हुई और मेरी चूत की दीवारें उसकी फूली गाँठ को अंदर लेने के लिये फैल गयीं। “आआआईईईई अल्लाहहह…. मेरी चूत… आँटीईईई…. ऊँऊँईईईई”, मैं दर्द ओर मस्ती में बड़ी ज़ोर से चींखी। आँटी प्यार से मेरी कमर और चूतड़ सहलाने लगीं।
अपने लंड का सबसे मोटा हिस्सा मेरी चूत में ठूँस कर फंसाने के बाद शेरू नये जोश के साथ चोदने लगा। उसकी गेंद जैसी गाँठ ने मेरी चूत को बेहद चौड़ा फैला रखा था और मेरी चूत भी उसके ऊपर कसके जकड़ी हुई थी। अब चोदते हुए उसका लंड मेरी चूत से बाहर नहीं आ रहा था और अंदर फंसा हुआ ही फूल-फूल के चूत में धड़कते और कूदते हुए चुदाई कर रहा था। ये चुदाई ट्रडिश्‍नल चुदाई से अलग थी लेकिन बेहद ज़बरदस्त और निहायत मज़ेदार थी। करीब पंद्रह मिनट शेरू मुझे इसी तरह चोदते हुए मेरी चूत में लगातार मनि छोड़ता रहा और मैं लगातार ज़ोर-ज़ोर से कराह रही थी, सुबक रही थी, सिसक रही थी और जब मेरी चूत पानी छोड़ती तो ज़ोर-ज़ोर से चींख भी रही थी। मेरी चूत तो बार-बार झड़-झड़ के निहाल हो गयी थी। ये मेरी ज़िंदगी की सबसे निहायत और बेहतरीन चुदाई थी।
शेरू के झटके अचानक पहले से तेज़ हो गये। हालाँकि उसकी मनी शुरू से ही मेरी चूत में इखराज़ हो रही थी लेकिन शेरू एक तरह से अब झड़ने वाला था। मेरी चूत उसका लंड और उसकी गाँठ बे-इंतेहा फूल गये और फिर अचानक शेरू ने हिलना बंद कर दिया। उसका लंड बेहद ज़ोर से मेरी चूत में फड़कने लगा और मुझे उसकी मनी का इखराज़ भी पहले से ज्यादा तेज़ होता हुआ महसूस हुआ और मेरी चूत ने भी एक दफ़ा फिर से पानी छोड़ दिया। शेरू ढीला होकर दो-तीन मिनट मेरी कमर पे ही रहा और फिर आँटी ने उसे मेरी कमर से उतारा तो भी उसके लंड की गाँठ मेरी चूत में ही फंसी थी। आँटी ने मेरी तसल्ली की कि ये नॉर्मल है और पाँच दस मिनट में शेरू के लंड की गाँठ सिकुड़ने के बाद उसका लंड मेरी चूत में से आज़ाद हो जायेगा। वैसे मुझे भी शेरू से कुत्तिया की तरह चिपके हुए मज़ा ही आ रहा था। उसके लंड और फूली हुई गाँठ की लरज़िश और प्रेशर मुझे अपनी चूत में बेहद अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर बाद शेरू का लंड सिकुड़ मेरी चूत से रिहा हो गया और मैं और आँटी एक-दूसरे के आगोश में चिपक कर सो गये।
उस दिन के बाद तो मैं शेरू की दीवानी हो गयी और रोज़-रोज़ शाम को आँटी के घर जाकर शेरू से चुदवाती हूँ। राजीव और संदीप के साथ भी पहले की तरह ही चुदाई का खूब मज़ा लेती ही हूँ लेकिन शेरू से चुदवाये बगैर मुझे चैन नहीं आता। मैंने तो अब खुद शेरू जैसा बड़ी नस्ल वाला कुत्ता पालने का फैसला कर लिया है और फहीम को भी इसके लिये राज़ी कर लिया है। इसके अलावा मुझे इस बात का भी शक़ है कि मेरे और राजीव के रिलेशन के ज़ानिब फहीम को शायद पता चल चुका है पर वो खामोश है। आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फहीम हमें एक दूसरे के साथ रहने का ज़्यादा से ज़्यादा मौका देता रहता है। बेचारा कर भी क्या सकता है। उसको तो बस आग लगाना ही आता है जिसे बुझाने के लिये मुझे राजीव, संदीप और शेरू के लंड की ज़रूरत पडती है। राजीव न्यू-यॉर्क के ट्रेवलिंग प्लैन में लगा हुआ है। मेरा पासपोर्ट भी आने वाला है और दो महीने के बाद मैं राजीव के साथ एक महीने के लिये न्यू-यॉर्क चली जाऊँगी। उधर संदीप ने एक बड़े फैशन-शो में उसके कपड़ों के लिये मुझे मॉडलिंग करने की ऑफर दी है। मैंने जब अशफ़ाक़ से इस बारे में बात की तो इसके लिये भी खुशी-खुशी रज़ामंद हो गया। फैशन शो अगले ही महीने है और आजकल रिहर्सल और तैयारी के बहाने मैं संदीप से भी हर रोज़ चुदवाने जाती हूँ।

समाप्त |

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ঠাকুর মশাই Bangla Choti Golpo"maa ki chudai antarvasna"নিহাকে চুদ"free hindi sexy kahaniya""mastram book""नेपाली सेक्स स्टोरी""chudai ki dastan""bhan ki chudai""maa aur bhabhi ko choda""behan ki chudayi"ابو.نے.امی.کی.CHUDAI.لیdulhan ki Hindi sexy video maybe kahani"chachi ke sath sex story""chudai ki khaniya"দুই দিদিকে চুদা"gujrati sexy kahani""mastram sexstory""kamasutra kathaigal in tamil""bhai behan ki chudai kahani hindi mai""bollywood actress sex story in hindi""sasur bahu ki sex story""sex story hindi marathi""marathi new sexy story"কামদেব বাংলা চটি"mastram ki chudai ki kahaniyan"chodsn"mausi ki gand""gujrati sex store""holi main chudai"چاچی کی چوت"sex story hindi marathi"सास बोली इतना मोटा मेरी बेटी नहीं ले पायेगी चुदाई कहानी"sex kahani baap beti"fufa ji.ke sath sex storyভাই বোনের ফেসবুকে সেক্স চেট"janwar sex story"antetvasnaSexy mom aunty ki gehri nabhi chudainak me umlikar ke sex kareखाना बनाने वाली की चुदाई एम एम एस"bahu ki gand"Gandchudaistoriesছোট বোনের সেক্সি শরীর"ma bete ki sex kahani""maa bete ki chudai ki kahani hindi""kali chut ki chudai"www mastaram net koi mil gaya train me rasili bur chudai ki story htmltamilsexstoreis"group chudai kahani"मुझे चुत का रस पीना हैअंतरवासना पंजाबी स्टोरीएक चुतके साथ तीन तीन लंड चुदाई कहानी"sex kahani marati""dada ji ne choda""bahu ki gand""chudakad didi""mastram sex store""bahu ki choot""mastram ki chudai ki kahaniyan""antarvasna beti""jabardasti chodne ki kahani""sasur bahu sex stories""antarvasana story""bete se chudwai"deli antarvasna"antarvasna latest""lesbian sex stories in hindi"Devar ki sararat sex story"कामुक कथाएँ"Mutth kb kaise marana chahiye hindi kahanipunjabisexykhania"baap aur beti ki chudai ki kahani"ابو.نے.امی.کی.CHUDAI.لی"aunty ki malish"मेरी नेक बीबी चू दी गेर मर्द से मेरे सामने सेक्सी कहाणि हिंदी"bollywood hindi sex story""mastram ki hindi sexy kahani"मम्मी चुदी बेटी के मायके मे रोने लगी