गरमा गर्म चुदाई घर में -7

प्रेषक: सुभास

गरमा गर्म चुदाई घर में -1 | गरमा गर्म चुदाई घर में -2 | गरमा गर्म चुदाई घर में -3 | गरमा गर्म चुदाई घर में -4
गरमा गर्म चुदाई घर में -5 | गरमा गर्म चुदाई घर में -6

गतांग से आगे…..घर आए हुए मुझे एक महीना होने को आया। बार-बार मुझे अपने उन दिनों की याद आ रही थी जब मैंने खुला खेल फ़र्रुखाबादी खेला था। हर दो-चार दिन पर स्वीटी से फ़ोन से बात करता और हर बार अपने उन सुनहरे दिनों की याद जरुर दिलाता। वो भी हँसती और मुझे थोड़ा धैर्य रखने को बोलती, कहती कि जब छुट्टियों में आएगी तो वो सब कसर पुरा कर देगी। ऐसे में ही एक दिन गुड्डी से बात हुई और उसने पहली बार मुझे अपनी मँझली बहन विभा को फ़ँसाने को कहा। उस दिन के पहले मुझे भी कभी-कभी यह विचार आता था पर विभा का छुईमुई रुप मुझे उस दिशा में बढ़ने से रोक देता था। स्वीटी ने बताया भी था कि विभा का स्वभाव थोड़ा अलग है और वो शादी के पहले अपनी बूर में ऊँगली भी करने से हिचकती है और स्वीटी को भी वो हमेशा मना करती रहती जब भी स्वीटी अपने प्राईवेट पार्ट्स से कभी खेलती। आज गुड्डी ने मेरे उसी आग को हवा दे दी थी और मैं भी सोचने लगा कि अगर एक बार विभा को जवान बदन क सही मजा मिल जाए तो शायद वो भी खुल जाए। गुड्डी ने इसी दिशा में मुझे आगे बढ़ाया और मुझे विश्वास दिला दिया कि मुझे कुछ करना चाहिए। वो खुद भी पहले यह सब खराब मानती थी पर जब एक बार सेक्स का मजा मिला तो जैसे उसको अब नशा सा हो गया था। मुझे लगा कि गुड्डी ठीक बोल रही है और मैं अब विभा के बारे में सोचने लगा और तय किया कि अब घर पर थोड़ा सेक्सी महौल बनाउँगा तो शायद कुछ बात बने।  उस शाम मैंने खाना-वाना खाने के बाद अपने कमरे में कम्प्युटर पर एक ब्लू-फ़िल्म लगा ली। मैं ब्लू-फ़िल्म पहले भी देखता था पर तब हेड-फ़ोन लगा कर देखता था और आज मैंने स्पीकर औन कर दिया था और आवाज भी थोड़ी तेज कर दी थी। विभा अपने कमरे में कुछ पढ़-लिख रही थी पर मैं चाहता था कि उसको पता चले कि मैं ब्लू-फ़िल्म देख रहा हूँ। एक विदेशी फ़िल्म थी जिसमें दो लड़कियाँ दो लड़कों के साथ सेक्स कर रही थी एक ही रुम में। लन्ड चुसाई का सीन था और हल्के हल्के से सेक्सी आवाजें शुरु हो गई थी। जल्दी हीं दोनों की चुदाई शुरु हो जाती और मुझे पता था कि तब जो सेक्सी आवाजे निकलेगीं वो विभा के कानों तक जरुर जाएँगी। अचानक मुझे थोड़ी शर्म लगी और मैंने कमरा बन्द कर दिया पर आवाज वैसे ही तेज रहने दी। मैंने उस फ़िल्म को देखते हुए दो बार मुठ मारी, पर विभा का कोई रिएक्शन नहीं हुआ। मुझे लग गया कि विभा को मैं शायद ना चोद पाउँ। अगली सुबह नास्ते के तेबुल पर विभा बोली, “कल भैया, क्या कौन फ़िल्म देख रहे थे आप कि सिर्फ़ हल्ला ही हो रहा था और सिर्फ़ “आह आह… और फ़क मी फ़क मी” ही डायलौग था। मुझे नहीं लगा कि विभा सब जान-बुझ कर पूछ रही है, वो मासूम सी दिख रही थी यह सब पुछते हुए। मैंने थोड़ा सोच कर उत्तर दिया, “एक ब्लू-फ़िल्म थी, बहुत दिन बाद ऐसा फ़िल्म देखने का कल मन हो गया था सो लगा लिया था”। वो फ़िर बोली, “उसमें डायलौग था ही नहीं तो कहानी क्या होगा, क्या मजा आएगा फ़िर ऐसी फ़िल्म में?” मैं समझ गया कि विभा को कुछ आईडिया नहीं है। मैं हैरान था कि आज के समय में भी बी०ए० की लड़की को ब्लू-फ़िल्म का कोई आईडिया नहीं है। मैंने फ़िर नजर नीची करके कहा कि ब्लू-फ़िल्म में कहनी नहीं देखा जाता है, सीन देखा जाता है। उसमें कलाकार को सिर्फ़ अच्छे से सेक्सी सीन देना होता है।” मेरे शब्द विभा के भोलेपन के आगे थोड़े शर्माए हुए थे। विभा फ़िर बोली, “तो एक घन्टा तक सिर्फ़ एक ही सीन देखते रह गए, बहुत धैर्य है भैया आपमें। हम तो पाँच मिनट में ऊब जाते हैं एक तरह का सीन देखते-देखते।” मैंने अब उससे नजर मिलाई और पूछा, “तुम देखी हो ब्लू-फ़िल्म?” वो आराम से बोली, “हाँ सेक्सी फ़िल्म तो कुछ देखी हूँ, पर ऐसा कुछ नहीं देखी कि एक घन्टा तक सिर्फ़ एक डायलौग – फ़क मी, ही चलता रहे।” मुझे लगा कि वो शायद साधारण वाली फ़िल्म के सेक्स सीन की बात कर रही है सो मैंने थोड़ा पक्का होने के लिए पूछा, “तुम्हें पता है कि ’फ़क’ का हिन्दी में मतलब क्या होता है?” वो नौर्मल तरीके से बोली, “सुनते हैं इधर-ऊधर पर सही मतलब शायद नहीं मालुम… क्या होता है मतलब?” मैं थोड़ा हिचका फ़िर सोचा कि आज रिस्क ले लेता हूँ और फ़िर मैंने कहा, “अंग्रेजी के ’फ़क’ का मतलब है चोदना। ब्लू-फ़िल्म में लड़का-लड़की एक दुसरे को चोदते हैं। कोई कहानी उसमें नहीं होती है, सिर्फ़ सेक्स सीन होता है और ब्लू-फ़िल्म देखने वाले उसी सीन को देखते हैं”। मेरी नजर विभा के चेहरे पर लगी थी कि उसका क्या रिएक्शन है यह सब जान कर। उसने बुरा सा चेहरा बनाया और कहा, “यानि कि आप कल गन्दी फ़िल्म देख रहे थे….. आप ऐसी फ़िल्म देखते हैं?” अब मैं घबड़ाया और बोला, “नहीं पर कल बहुत मन कर गया था इसीलिए… सौरी अब नहीं देखुँगा।” अब विभा बोली, “नहीं… आप देखिए अगर आपको अच्छा लगता है।” उसके चेहरे से थोड़ी नाराजगी झलकी। मैंने उसकी खुशामद करते हुए कहा, “नहीं विभा, मुझे नहीं पता था कि तुमको इतना बुरा लग जाएगा। वो तो आज दोपहर में एक एमएमएस देख लिया था विनीत के फ़ोन में आज थोड़ा मन कर गया।” वो अब बोली, “विनीत भैया अपने फ़ोन में यही सब रखते हैं? ऐसे तो बहुत पत्नी-भक्त बने रहते हैं। भाभी मिलेंगी तो हम बताएंगे उनको यह सब।” मैंने अब असल धमाका किया, “उसी भाभी की तो थी वो एमएमएस… विनीत बनाया था जब वो मूली से खेल रही थी।” अब विभा शौक्ड थी…. थोड़ी देर बाद बोली, “कैसे वो बनवा ली ऐसी गन्दी क्लीप? वो लगती तो नहीं है जरा भी ऐसी?”  दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मैंने अब थोड़ा खुल कर कहा, “असल में विभा, तुम को शायद पता नहीं है… एक बार अगर सेक्स का मजा मिल जाता है तो हर कोई और ज्यादा मजा के लिए कुछ भी कर लेता है। तुम अभी कुँवारी हो इसीलिए ऐसा कह रही हो…। इसमें गन्दा क्या है? वो अपने हस्बैन्ड को खुश करने के लिए क्लीप बनवा ली। तुम्हारा पति अगर तुम्हारी नंगी फ़ोटो लेना चाहेगा तो तुम भी खींचवा लोगी।” विभा भी बोली, “ठीक है यह सब… पर यह क्या कि विनीत भैया अपनी बीवी की फ़ोटो सब को दिखाते घुम रहे हैं?” मैं अब बोला, “सब को नहीं अपने सब्से अच्छे दोस्त को, और इसकी क्या गारन्टी है कि तुम्हारा पति तुम्हारी नंगी फ़ोटो अपने दोस्तों को नहीं दिखाएगा?” वो अब चुप हो गई थी। फ़िर हम दोनों ने नास्ता खत्म किया और जब मैं काम पर जाने लगा तब विभा मेरे कमरे में आ कर बोली, “आज जब मौका मिलेगा हम भी वो फ़िल्म देखेंगे, किस डायरेक्टरी में है? मैंने उसको बता दिया और खुश हुआ कि आज विभा शायद पहली बार असल वाली ब्लू-फ़िल्म देखेगी। उस डायरेक्टरी में करीब ६० अलग-अलग टाईप की ब्लू-फ़िल्म थी। वो एक खजाना था मेरी हार्ड-डिस्क पर। घर से जाते हुए मैं सोच रहा था कि आज तो विभा जरुर ब्लू-फ़िल्म देखेगी अकेले में और शाम को पता नहीं कैसे रिएक्ट करेगी। थोड़ा डर था दिल में, पर साथ हीं एक खुशी भी थी कि आज विभा को सेक्सी बनाने की दिशा में कुछ प्रगति तो हुई। मैंने तय कर लिया कि आज शाम में अगर वो इस बारे में चुप रही तो मैं खुद उसके साथ बात करते हुए इस विषय को उठाऊँगा। मैं अब खुश था। खैर आज का दिन खुब व्यस्त साबित हुआ और बिजनेस के लिहाज से अच्छा भी रहा। इसको मैंने अपने लिए एक शुभ शगुन माना। शाम को करीब ९ बजे मुझे फ़ुर्सत मिली और मैं घर की तरफ़ चल पड़ा। पूरे रास्ते मेरे दिमाग पर विभा और ब्लू-फ़िल्म ही छाया रहा। ९:३० बजे घर में घुसते समय विभा ने सामान्य तरीके से पूछा कि नहाना है या खाना लगा दे। मैंने नहाने की बात कही, और वो तब बोली कि जल्दी कीजिए, हम खाना गर्म करने जा रहे हैं। उस दिन न चाहते हुए भी मुझे विभा को दिमाग में रख कर मूठ पड़नी पड़ी। शायद विभा के नाम पर आज पहली बार मूठ निकाल रहा था मैं। मैं आम तौर पर जब तक स्वीटी को नहीं चोदा था तब तक अपनी सबसे बड़ी बहन प्रभा के नाम की मूठ निकालता था फ़िर जब स्वीटी के साथ चुदाई का रिश्ता बन गया तब अक्सर उसके नाम की मूठ निकलता था। नहा कर जब मैं डिनर टेबुल पर आया तो विभा अपना और मेरा खाना परोस कर मेरा इंतजार कर रही थी। हम दोनों खाना खाने लगे। विभा के तरफ़ से कुछ ऐसा नहीं लगा कि वो आज पहली बार ब्लू-फ़िल्म देखी है। इधर-उधर की बाते होती रही और खाना लगभग खत्म होने को आया तब मैंने हीं पूछा, “आज देखी थी वो फ़िल्म तुम?” विभा ने हल्के से हूं कहा तो मैंने पूछा, “कैसा लगा?” अब वो बोली, “गन्दा”। मुझे अब समझ नहीं आया कि अब बात कैसे आगे बढ़े तो मैं चुप हो गया। अब विभा ने बात शुरु की, “इतना सारा फ़िल्म आप कहाँ से जमा कर लिए हैं भैया?” मैं बात के तार फ़िर से जोड़ते हुए कहा, “इधर-उधर से ले कर, क्यों? तुम सब देख ली?” विभा बोली, “सब एक दिन में देखा जा सकता है क्या? कई को थोड़ा-थोड़ा देखा…दस-बारह को। कुछ था हीं नहीं कहानी-वहानी तो क्या देखती?” मैंने तब कहा, “तुम किसी एक फ़िल्म को पूरा देखती तब मजा आता। कल किसी एक फ़िल्म को पूरा देखना एक बार। मेरे रहते देखोगी तो शायद लाज लगे।” वो बोली, “एक देखी न पूरा… बहुत गन्दा था। सब लड़के लग रहा था कि उस बेचारी लड़की को जान से मार देंगे। सब टीचर अपने हीं मजा के चक्कर में थे।” मुझे समझ में आ गया कि वो किस फ़िल्म की बात कर रही थी। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | एक फ़िल्म थी जिसमें ५ मर्दों ने मिल कर एक हाई-स्कूल की लड़की को क्लास-रुम में हीं चोदे थे। सब थे तो प्रोफ़ेशनल कलाकार पर फ़िल्म में टीचर बने हुए थे और लड़्की भी एक कमसीन, कम-उम्र लड़की थी जो हाई-स्कूल छात्रा के रोल में फ़िट थी। वो कलाकार लड़की एबलिन्डा थी। मैंने विभा से कहा, “वो सब तो ऐक्टिंग है, वो जान क्यों लेंगे बेचारी का। लड़की को पाँच गुणा पैसा मिला होगा कम-से-कम उस फ़िल्म का।” विभा बोली, “हमको तो उसके दशा पर दया आ रहा था, बेचारी अन्तिम १२-१५ मिनट तो एक दम बेजान सी झेल रही थी सब चुप-चाप और उन लोगों को उसके इस दशा से कोई फ़र्क नहीं पर रहा था।” बेचारी के चेहरे पर दर्द झलक रहा था। मैं बोला, “तुम शुरु में हीं ऐसा फ़िल्म बेकार देखी। सीधा-सादा एक लड़का-एक लड़की वाला कोई फ़िल्म देखती तो प्यार दिखता। ऐसी फ़िल्म में खुब प्यार दिखता है कलाकार सब में।” विभा अब बरतन उठाते हुए बोली, “पता नहीं पर उस फ़िल्म में तो लगा कि बेचारी का बलात्कार हो रहा है।” वो किचेन में चली गई और मैं सोचता रह गया कि अब आगे क्या…? मैं अपने कमरे में आ गया और बिस्तर ठीक कर रहा था जब विभा कमरे में आई और बोली, “आप अब बताईए कि किसमें प्यार दिखेगा। अभी १०:३० बज रहा है, एक घन्टा के करीब तो अभी जग सकते हैं।” मैं भक्क…. विभा अब क्या मेरे साथ बैठ कर ब्लू-फ़िल्म देखेगी? मैंने दिल के लड्डू दिल में हीं फ़ोड़े और तुरन्त कंप्युटर औन कर दिया। मैंने जल्द हीं एक क्लीप चुनी हनीमून वाली। २५ मिनट की बहुत-सुन्दर क्लीप थी और दोनों कलाकार भी बहुत सुन्दर थे। क्लिप बिस्तर पर जोड़े की चुम्मा-चाटी से शुरु हुआ तो मैं कुर्सी से उठ गया और विभा को बोला कि तुम अब कुर्सी पर बैठ कर इस क्लीप को देखो, मैं बाहर टीवी देखता हूँ तब तक। विभा बिना कुछ बोले सामने की कुर्सी पर बैठ गई और अपने नजरें स्क्रीन पर लगा दी। मैंने वो क्लिप बहुत बार देखी थी। मैं बाहर निकल गया। मेरे कान कमरे की तरफ़ लगे हुए थे और मैं आवाज सुन सुन कर समझ रहा था कि अब क्या सीन चल रहा है। जब चुदाई अपने चरम पर था तो मैं विभा को देखने के लोभ को रोक नहीं पाया और अपने कमरे में चला गया। विभा अपलक स्क्रीन पर हो रही चुदाई को देख रही थी। मैंने विभा से पूछा, “यह फ़िल्म कैसा है? इसमें तो कुछ गन्दा नहीं है…. पति-पत्नी का सेक्स है और यह तो हर पति-पत्नी में होगा ही।” विभा कुछ नहीं बोली, सिर्फ़ मेरे से एक बार नजर मिलाई और चेहरा फ़िर स्क्रीन की तरफ़ कर लिया। फ़िल्म खत्म हुआ तो क्लोज-अप में लड़की की चुदी हुई चूत दिखा जिसमें से उस लड़के का सफ़ेद माल निकल रहा था। जल्द हीं लड़की उस सफ़ेद माल को अपने चूत पर से काछ कर खा गई और फ़िर बाय के लिए अपने हाथ हिला कर कैमरे की तरफ़ फ़्लाईंग-किस कर दिया।दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |  विभा की साँस गहरी हो गई थी और वो बोली, “यह वाला बेहतर है भैया… वो तो बलात्कार था। टीचर-स्टूडेन्ट के बीच ऐसे फ़िल्म को बनाया काहे यह नहीं समझ में आता है। ये लोग हस्बेन्ड-वाईफ़ थे तो यह सब थोड़ा ठीक लग रहा था।” मैंने हँसते हुए कहा, “सब ऐक्टिंग हीं है। हर तरह का फ़िल्म बनता है, हर तरह के चाहने वाले लोग हैं दुनिया में… अभी ११ बजा है, तुम्हारे हिसाब से आधा घन्टा और है, कुछ और देखोगी विभा?” विभा अब मेरे से नजर मिला कर बोली, “आप यह सब फ़िल्म क्यों देखते हैं?” मुझे लगा कि अब थोड़ा खुल जाना चाहिए तो मैं अब बोला, “मजे के लिए… फ़िल्म देखते हुए मुठियाने का अपना मजा है”। वो शायद “मुठियाना” नहीं समझी तो मैं बोला, “हस्तमैथुन”… अगर अभी तुम यहा न होती तो मैं अभी हस्तमैथुन करता फ़िल्म देख कर। शरीर का तनाव निकल जाए तो नींद अच्छी आती है।” अब विभा थोड़ा अजीब नजर से मुझे देख रही थी फ़िर बोली, “आपको जो फ़िल्म पसन्द है एक लगा लीजिए।” मैंने लोहा गर्म देख कर चोट किया, “एक क्लीप से परिवार वाली…. आज तुम साथ हो तो उसी को चला देता हूँ। एक माँ अपने बेटे के साथ सेक्स करेगी और उसकी बेटी फ़िर अपने भाई से चुदेगी।” फ़िल्म शुरु हुई तो विभा बोली, “सब ऐक्टिंग कर रहा होगा कि तीनों एक परिवार का है।” मैंने कहा कि देखते रहो अंत में सब का सर्टिफ़िकेट दिखा कर सब साफ़ कर देगा कि ये तीनों माँ-बेटा-बेटी हैं। माँ अपने बेटे का लन्ड चुस रही थी और बेटी अपनी मम्मी का चूत चाट रही थी। मैं चाह रहा था कि बात-चीत चलती रहे सो मैंने विभा से कहा, “अभी सब तैयार हो रहा है।” जल्दी ही जब सब रेडी हो गए तो बेटी ने मम्मी को सहारा दे कर घुमा दिया और मम्मी अपने बेटे से खड़े लन्ड के सामने अपने हाथों और घुटनों के बल झुकी थी। उसके बेटे ने अपने ठनकते हुए लन्ड को पीछे से अपनी मम्मी की खुली चूत में घुसा दिया और धक्के देने लगा। जल्दी ही सेक्सी आवाजे स्पीकर से निकल कर मेरे रुम में भर गई। मैं बोला, “इस पोज को डौगी-पोज कहते हैं, किसी कुतिया की तरह लड़की को झुका कर पीछे से चोदा जाता है इस पोज में”। विभा चुप-चाप सब देख रही थी, मैं जब कुछ बोलता तो वो एक बार मेरी तरफ़ सर करके मेरे से नजर मिला लेती। मैंने कहा, “अब जल्द हीं क्लोज-अप शौट आएगा इस माँ-बेटे का”, और वो शौट आ गया। माँ की चिकनी चूत में गच्च-गच्च करके बेटे का लन्ड घुस निकल रहा था। करीब ५ मिनट बाद मैं कहा, “विभा, तुमको मन नहीं करता हस्तमैथुन करने का… मेरा तो बहुत तन गया है”। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | विभा बोली, “आपको मन है तो आप कर लीजिए”। इअतना सुनने के बाद अब रुकने का सवाल ही नहीं था। विभा के कमरे में रहते मैंने अपना बरमुडा अपने कमर से नीचे सरार कर पैरों से अलग कर दिया और अपने फ़नफ़नाए हुए लन्ड को सहलाने लगा। कुछ सेकेन्ड बीता होगा की विभा मेरी तरफ़ सर घुमाई मेरे कड़े लन्ड को देखा और बोली, “कैसा काला है आपका… गन्दा सा…”, और मुस्कुराई। मैंने हँस कर कहा, “अभी तक गोरा लन्ड सब हीं दिखाए हैं इसीलिए मेरा काला लग रहा है तुमको”। मैंने अपने लन्ड से सुपाड़े को चमड़ी पीछे करके बाहर निकाला। मैं अब आराम से मुठियाने लगा था। तभी फ़िल्म में एक पार्ट खत्म हो गया और जब बेटे का निकलने को हुआ तो वो अपनी बहन को आगे बुलाया और उसकी मुँह में गिराया जिसको वो बहुत आराम से निगल गई। मैंने अब कहा, “अब इस बहन की बारी है अपने भाई से चुदाने का।” विभा अब बहुत हल्के से बोली, “कैसे कोई अपने घर-परिवार वालों के साथ यह सब कर सकता है…”। मैंने जवाब दिया, “सेक्स में बहुत आकर्षण होता है विभा, मैं कहा था न कि अगर एक बार यह मजा मिल जाए तो फ़िर काबू मुश्किल है…”। विभा अब अचानक पूछी, “आप करते हैं यह सब?” मैंने हाँ में सर हिलाया तो बोली, “किसके साथ?” मैंने कहा, “कोई भी जो मिल जाए…. जब तक शादी नहीं हुई तब तक तो कोई हो क्या फ़र्क पड़ता है… और शादी के बाद भी कौन जानता है क्या हो। शादी के बाद कोई ताला तो कहीं लगता नहीं है।” वो बोली, “सही बात कह रहे हैं आप… वैसे अभी सबसे हाल में किसके साथ किए यह सब।” मैंने थोड़ा सोचा फ़िर कहा, “कसम खाओ कि किसी को कहोगी नहीं तब बताउँगा”।
कहानी जारी रहेगी….

hindisexstories.autocamper-service.ru: Hindi Sex Kahani © 2015


বোনকে চুদে বাচ্চা দেয়ার গল্প ওল"gujju sex story""aunty ki chudai dekhi""didi ki bur""dost ki biwi ki chudai""mastram hindi sexy kahani"butipalar me mai chud gai hindi sex story"maa beta ki chudai kahani""kamuk marathi katha""sex story mom hindi"মায়ের গুদের রস"devar bhabhi ki chudai ki kahani""bap beti chudai kahani""mastram sexstory""randi beti ko choda"सेक्स कहानियों juicysexstories हिंदी में .com"bhai bahan hindi sexy story"স্বামীর সাথে Sex Story"antarvasna hindisexstories""antarvasna behan""chodan com"kamukata.com"dadi ki chudai""antarvasnajokes in hindi story"তূই আমার বউ তাই চুদবো"mastram sexy""maa beta sex hindi story"চটি আমাকে সুখ দিতে পারবি তুই"father sex story in hindi""bahu sex stories"jabardasti ne zavnyachya marathi katha"chudakkad bhabhi"New hindi sex kahaniyaAntarvasna Liladhar sex stories"chudayi khaniya""अंतरवासना कथा""maa beta hindi sex story""hindi sex story of maa beta"Malish k bhane chudai anjan bn k sex story"maa ki sexy story""punjabi sex story com"patany.n.kaha.burcuso"antarvasna bhai behan"গুদের কামড়"ghode se chudai ki kahani""sasur bahu chudai kahani""marathi real sex stories"अनजाने में हुई चुदाई की कहानी"antarvasna chachi bhatija"अबार्शन करा बहन की चुदाईपुनम भाभि की चुदाइ कहानायाँmeri Maa aur dono bahanekutte ka Mota land Chut Mein Sama Gaya Hindi video"kamasutra tamil kamakathaikal""mastram net hindi"স্বামীর সাথে Sex Story"mama bhanji sex story"মেয়েদের গুদ থেকে কি বীর্য বাইরে বের হয়Choti bd amake dia chodalo didimeri maa aur dono bahane"bhai ke dosto ne choda""indian wife swapping sex stories"XXX vahvi ki cudae Hindi mai/devar-bhabhi/baap-banne-ki-chahat-me-apni-patni-ko-chudawaya.html"group sexy story""hindi sexy kahaniya free"रंडी के छुड़ाए पाच लैंड से कहनेantarvasna jor se kar diya"animal sex story""झवायला बाई पाहीजे""sex kahani mastram"hindisexkahaniyaमोटा लड देखकर भाभी घबरा गई ओर बिस्तर पर लेटाकर चोदा"sex story in mp3""antarvasna website paged 2""sasur ka mota land"भाभी ने पाल पोस कर मालिश कर चुदवायासीधी साधी बीबी की सामूहिक चुदाई मराठी सेक्स कथा"moti maa ko choda""hindi sex kahani bhai bahan""maa beta ki sexy story""sali ki chudai hindi story"मम्मी चुदी बेटी के मायके मे रोने लगी"chudai ki kahani group me""family chudai kahani""www marathi sex kahani""antarvasna gandu""beti ki saheli ki chudai""marathi sexstory"Budha ne choda aur condom phat gaya sexstory"chachi ki antarvasna""mastram book in hindi""maa ko nadi me choda""gujarati sex stories"