मम्मी का इंतज़ार

दोस्तों एक बार मैं अपने गांव गया। दोपहर में मेरे घर पहुंचा। खाना हुआ और थोड़ी देर सोया, शाम को मम्मी के साथ थोड़ी बातें की और गांव घूमने चला गया। रात करीब मैं ८ बजे घर आया। मा का मूड ठीक नहीं था, मैने मम्मी को पूछा। “मम्मी, पापा कहां है?” मम्मी ने कुछ जवाब नहीं दिया। मेरी मम्मी बहुत गुस्सेवाली हैं। वो जब गुस्सा में होती है तब वो गंदी गालियां भी देती है, लेकिन वो नौकरों के साथ ऐसा नहीं करती-गालियां नहीं देती। मम्मी ने कहा “चल, तू खाना खा ले…। आज अपना बेटा आया, फ़िर भी ये घर नहीं आये। तू खा …हम बाद में फ़ार्म हाउस पर जायेंगे। वहां पर तेरे पापा का काम चल रहा है।” मैने खाना खाया और हम निकले। पापा ने मेरी मम्मी को स्कुटर दी थी, हमारा फ़ार्म हाउस हमारे घर से एक घंटे पर ही था। मम्मी ने स्कूटर निकाला, मैं मम्मी के पीछे बैठ गया। हां… मेरे मम्मी का नाम सुस्मिता है उसकी उम्र 43 है लेकिन वो सुंदर है, वो टिपीकल हाउस वाइफ़ है। सेहत से परफ़ेक्ट। थोड़ी मोटी।आओ वहां चलें, मम्मी ने पंजाबी ड्रेस पहना था। मैं मम्मी के पीछे था। हम चल दिये। मैने मेरे हाथ स्कूटर के पीछे टायर पर पकड़े थे। मम्मी बीच-बीच में कुछ बोल रही थी लेकिन कुछ सुनाई नहीं दे रहा था, शायद वो बहुत गुस्से में थी। एक घंटे में हम फ़ार्म हाउस पर पहुंच गये। फ़ार्म हाउस के गेट पर वाचमैन था उसने मम्मी को ठोका और कहा “साहब यहां नहीं है वो शहर में गये है” वो हमे गेट में आने नहीं दे रहा था।मम्मी ने ठीक है बोला और स्कूटर स्टार्ट की। हम थोड़े ही आगे गये और मम्मी ने स्कूटर रोक दी। उसे कुछ शक हुआ। उसने मुझे कहा “तु यहां रुक, मैं आती हूं?”। मा बंगले की तरफ चलने लगी और वाचमैन का ध्यान नहीं ये देख कर अंदर चली गयी, और बंगले की खिड़कियों से ताक-झांक करने लगी। मैने देखा मम्मी क्यों नहीं आ रही है और मैं भी वहां चला गया। मैने देखा मम्मी बहुत देर वहां खड़ी थी | दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | और खिड़की से अंदर देख रही थी। वो करीब १०-१५ मिनट यहां खड़ी थी। मैं थोड़ा आगे गया और मम्मी आयी और कहा “साले तुझे वहां रुकने को बोला तो आगे क्यो आया?…चल बैठ हमे घर जाना है” मम्मी को इतना गुस्से में नहीं देखा था।मैं बैठा, रास्ते में बारिश चालू हुई, मेरे हाथ पीछे टायर पर थे गांव में रास्ते में लाइट नहीं थी, तभी मम्मी की गांड मेरे लंड को लगने लगी मैं थोड़ा पीछे आया लेकिन मम्मी भी थोड़ा पीछे आयी। और कहा। “ऐ, ऐसा क्यों बैठा है ठीक से मुझे पकड़ कर बैठ”। मैने मेरे दोनो हाथ मम्मी के कंधे पर रखे। लेकिन खराब रास्ते की वजह से ठीक से बैठ नहीं रहे थे। मम्मी ने कहा। “अरे, पकड़ मेरी कमर को, और आराम से बैठ”… मैने मम्मी की कमर पर पकड़ा, लेकिन धीरे धीरे मेरा हाथ मेरे मम्मी के बूब्स पर लगने लगे, वो उसके बूब्स … “ क्या नरम-नरम मखमल की तरह लग रहे थे। और मेरा लंड भी ९० डिग्री तक गया… वो मेरी मम्मी के गांड को चिपक ने लगा। मम्मी भी थोड़ी पीछे आयी। ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड मम्मी के गांड में घुस रहा है।हमारा घर नजदीक आया, हम उतर गये। करीब रात ११.४५ को हम घर आये। मम्मी ने कहा तू ऊपर जा, मैं आती हूं। मम्मी ऊपर आयी वो अभी भी गुस्से में लग रही थी। मालुम नहीं क्यों वो बीच बीच में कुछ गालियां भी दे रही थी लेकिन वो सुनाई नहीं दे रहा था। मम्मी के कहा “आ, मैं तेरा बिस्तर लगा दूं।” उसने उसकी चुन्नी निकाली और वो मेरे लिये बिस्तर लगाने लगी, मैं सामने खड़ा था वो मेरे सामने झुकी …और मैं वहीं ढेर हो गया उसके बूब्स इतने दिख रहे थे के मेरी आंखें बाहर आने लगी उसके वो बूब देख कर मैं पागल हुआ उसने काला ब्रा पहना था उसका सेंटर हुक भी आसानी से दिख रहा था, तभी मम्मी ने अचानक देखा और बोला “तू यहां सो जा” लेकिन मेरा ध्यान नहीं था वो मेरे सामने झुकी और मेरा ध्यान उसके बूब्स पर था, ये बात समझ गयी… और वो ज़ोर से चिल्लाई “रंजीत, मैने क्या कहा सुनाई नहीं दिया क्या? तेरा ध्यान किधर है… साले मेरे बाल देख रहा है” ये सुन कर मैं डर गया लेकिन मैं समझ गया के मम्मी को लड़कों की भाषा मालुम है। उसने बिस्तर लगाया और कहा ”मैं आती हूं, अभी” वो नीचे गयी मैने देखा उसने हमारे बंगले के वाचमैन को कुछ कहा और ऊपर मेरे रूम में आ गयी। हम दोनो अभी भी बारिश के वजह से गीले थे। मम्मी मेरे रूम मैं आयी, दरवाजे की कड़ी लगाई और उसने अपनी पंजाबी ड्रेस की सलवार निकाल कर बेड पर रख दी, मैं मेरा शर्ट निकाल ही रहा था इतने में मम्मी मेरे सामने खड़ी हो गयी।मम्मी ने मेरी शर्ट की कोलर पकड़ी और मुझे घसीट कर मुझे बाथरूम में ले गयी। मेरे कमरे में एक ही प्राइवेट बाथरूम था। मम्मी फ़िर बाहर गयी और मेरे कमरे की लाइट बंद करके मेरे सामने आ के खड़ी हो गयी। उसने मेरी तरफ देखा, कपड़ा लिया और मेरे बाथरूम के खिड़की के शीशे पर लगा दिया ताकि बाथरूम में लाइट थी और बाहर से कोई अंदर ना देखे इस लिये शायद। फ़िर से उसने मेरी तरफ देख… वो अभी भी गुस्से में लग रही थी। तुरंत ही उसने मेरे गालों पर एक जोर का तमाचा मरा, मैं मम्मी के ही तरफ गाल पर हाथ रख कर देख रहा था लेकिन तुरंत ही उसने मेरे गालों को चूमा और अचानक उसने उसके होंठ मेरे होंठों पर लगा कर मुझे चूमना चालू किया, मैं थोड़ा हैरान था लेकिन मैने भी मम्मी के वो बड़े-बड़े बूब्स ढके थे और मम्मी के बारे में सेक्स का सोचने लगा था। चूमते–चूमते उसने फ़िर से मेरी तरफ देखा, वो रुक गयी और पूरी ताकत लगा के उसने अपना ही ड्रेस फ़ाड़ डाला। और मेरा भी शर्ट खोल दिया जब उसने ड्रेस फ़ाड़ा।ऊऊऊऊऊ मय… मय… मय… मय… मैं सोच भी नहीं सकता था के मम्मी के बूब्स इतने बड़े होंगे वो तो उसके ब्रा से भी बाहर आने की तैयारी में थे फ़िर वो मुझे चूमने–चाटने लगी।उसने मुझे चड्ढी उतारने को कह… “साले, अपनी चड्ढी तो उतार” मैने अपनी चड्ढी उतारी और मैं अपनी मम्मी पे चढ़ गया मैं भी उसके बूब्स को चाटने लगा – चूमने लगा और जोर से दबाने लगा मैने भी मम्मी का ब्रा फ़ाड़ डाल… मैं भी एकदम पागलों की तरह मम्मी के बूब्स दबाने लगा। मैं उन्हे दबाने लगा, मम्मी की मुंह से आवाजें निकलने लगी “ आआआऊऊऊऊओ ईइम्मम्मम्म ऊऊऊऊऊओ……… सलीए आआअ……ऊऊऊऊआयीईईइ” इतने में उसने मुझे धक्का दिया और एक कोने में छोटी बोतल पड़ी थी उसमे उसने साबुन का पानी बनाया, और शोवर चालु किया और कहा “मैं जैसा बोलती हूं वैसा कर” वो पूरी तरह जमीन पर जुखी और दोनो हाथों से अपनी गांड को फ़ैलाया और कहा ”वो पानी मेरे गांड में डाल” मैने वैसा किया, साबुन का पानी मम्मी के गांड में डाला। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मम्मी उठी और मेरे लंड को पकड़ा और साबुन लगाया दीवार की तरफ मुंह कर के खड़ी हुई और कहा “साले, भड़वे चल तेरा लंड अब मेरी गांड में घुसा” जैसा के मैने कहा था मेरी मा कभी-कभी गालियां भी देती है। मैने मेरा लंड मम्मी के गांड पर रखा और ज़ोर का झटका दिया। मम्मी चिल्लाई ” आआअ म्मम्मूऊऊउ आआअ, साले भड़वे बता तो सही तो डाल रहा है” साबुन की वजह से मेरा लंड पहले ही आधे से ज्यादा घुस गया, और मैं भी मम्मी को जोरो के झटके देने लगा। मम्मी चिल्लाई।”साले, भड़वे ईईई…आआअ।।ऊऊऊऊउ।।आअ” मैं भी थोड़ा रुक गया। मम्मी बोली। “ दर्द होता है इस का मतलब ये नहीं के मजा नहीं अताआआअ…मार और जोर से मार बहुत मजा आता है…… भड़वे बहुत्तत्तत सालों के बाद मैईईईई आज चुदवा रही हूं। आअम्मी।आआआआईईईईईअऊऊऊऊऊ…मार मार मार आआआआ” वो भी जोरो से कमर हिला के मुझे साथ दे रही थी और मेरे झटके एकदम तूफ़ानी हो रहे थे…मेरी हाइट ५.५ और मम्मी की ५ हम खड़े-खड़े ही चोद रहे थे उसकी गांड मेरी तरफ, मैं उसकी गांड मार रहा था उसका मुंह उस तरफ और हाथ दीवार पर थे मेरा एक हाथ से उसकी बुर में उंगली डाल रहा था और एक तरफ उसके बाल दबा रहा था इतने मे उसने मेरी तरफ साइड में मुंह किया और एक हाथ से मेरे गाल पकड़े और मेरे होंठों पर उसके होंठ लगाये हम एक ”कामसूत्र” के पोज़ में खड़े थे…वो भी मेरे होंठों को चूम कर बोली “तूऊऊऊऊ… थोड़ी देर पहले मरे बोल देख रहा था ना…मादरचूऊऊऊओद्दद है रे तूऊऊ मैं अभी तुझे पुराआआ मादरचोद्दद बना ऊऊऊऊउ गीईईई………आआआ…”तभी मैं मम्मी को बोला “आज इतने गुस्से मैं क्यों हो…” मम्मी बोली “साले सब मर्द एक जैसे ही होते हैईईईइं…आआआईईईईइऊऊऊऊऊऊऊउ…जानता है……,हम जब फ़ार्महाउस पर गये तब आ……आऐईईईइ मैने क्या देखा आ…खिड़की ईईईए…ईइ से” मैं एक तरफ झटके दे रहा था इसलिये मम्मी बीच-बीच में आवाजें निकाल रही थी। मैने पूछा “ क्या देखा तूने” मम्मी ने कहा “तेरा बाप……किसी और औरत को चोद रहा था आआआ ईईईईई ऊऊऊऊऊ आआआआअ मैं हमेशा इंतज़ार करती थी…। अब मुझे समझ में आया, वो बाहर चोदता है आआआआआआ…ईईईईई…ऊऊऊऊओ” …फ़िर बोली… मैं रुक गया, तभी वो बोली “तू रुक्कक्कक्क मत आआआऐईईईईऊऊऊऊओ…चोद मुझे भड़वे अपनी मम्मी को चोद द्दद्दद्दद्द। आज से तेरी मम्मी हमेशा के लिये तेरी हो गयी… अज्जज्जज्जज्जूऊऊऊऊ आआआआआअ तू ही मेरा सनम हैईईईईई… आऊऊऊओइम्मम्मम…अच्छा लगता है” तभी मैने मम्मी के गांड में और ज़ोर का झटका दिया। वो भी उसकी गांड ज़ोरो से आगे पीछे हिला रही थी। आखिर में मैने ज़ोर का झटका दिया और मेरे लंड का पानी मम्मी की गांड में डाल दिया। मम्मी चिल्लाई… “आअ ऊ ऊ ऊओ ऊ ऊ,,,म्मम्मम्मम्मम्मीईईईइ…कितना पानी है तेरे में खतम ही नहीं हो रहा है आआआआऔऊऊ…क्या म्मम्मस्त लग रहा हैईइ…सालाआआ मादर चोद…। सही चोदा तूने मुझे ईईईईए।थोड़ी देर हम एक-दूसरे को ऐसे ही चिपकाये रहे और हम पलंग चले पर गये और सो गये…थोड़ी देर के बाद मेरी नींद खुली मम्मी मेरे पास ही सोई थी हम दोनो अभी भी नंगे ही थे मैं मम्मी के बुर में उंगली डालने लगा तभी मम्मी की नींद खुली और वो बोली… “क्या फ़िर से चोदेगा?” मैने बोला मुझे तेरी बुर चाहिये तेरी गांड तो मिल गयी लेकिन तेरी बुर चाहिये और मम्मी की बुर में उंगली डालने लगा उसे सहलाने लगा, मुझे कंट्रोल नहीं हुआ। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैने मम्मी के दोनो पैर ऊपर किये और मेरा लंड मम्मी के बुर पर रखा और ज़ोर से धक्का मारने लगा। मैने झटके देना चालु किया तभी मम्मी भी कमर हिला के मुझे साथ देने लगी मेरे झटके बढ़ने लगे, मम्मी चिल्लाने लगी… “आआअ…छह्हह्हह्हद और्रर्रर………चूऊऊऊओद्दद…फ़ाड़ डाल मेरी बुर, तेरे बाप्पप्प ने तो कभी चूऊऊऊऊऊदा नहीं लेकिन तू चूऊऊऊऊओद और चोद्दद्दद, मजे ले मेरीईईईई बुर के आआआआआआआआअऊऊऊऊऊऊऊऔऊऊउ।।ईईईई………। और तेज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़, और तेज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ आआआआआईइमिओआआ……आआआआआआअ।।ऊऊऊऊऊओ…मम्मी भी ज़ोरो से कमर हिलाने लगी और मैं मम्मी के बोल और ज़ोरो से दबा रहा था …मम्मी बोली “ चोद्दद्दद्दद्दद रे, मादर चोद्दद्दद्दद्दद्द और चोद्दद्दद्दद्द, दबा मेरे बोल्लल्लल्लल्लल्लल्लल्ल। और दबाआआआअ और चाट और काट …मेरे बोल को…और उन्हे बड़ी कर दे ताकि मेरा ब्लाउज़ से वो बाहर आये दबा और दबा चल डाल पानी अब…भर डाल अपनी मम्मी की बुर पानी से आआऊओ…तेरे गरम्मम पानी से।।आआआआआआऊऊऊऊओ”तभी मैने ज़ोर का झटका दिया और मेरा लंड का पानी मम्मी के बुर में डाल दिया … मम्मी “चिल्लाई…आआआआअ… ईईईईइ क्याआअ…गरम्मम्म पानी हैईई… ये है असली जवानीईईईइ… आज से तू मेरा बेटा नहीं मेर…ठोक्या है, आज से तू मुझे ठोकेगा। आआआआअऊऊऊऊओईईई …क्या पानी है सालों बाद्दद्दद्दद मिल्लाआआआअ…।” आज एक बात अच्छी हो गयी, तेरे पापा उस रंडी के साथ सो गये लेकिन उनकी ही वजह से मुझे मेरा ठोक्या मिल गया …” आज से तू ही मुझे ठोकेगा। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | थोड़े ही दिन में मैं शहर चला गया और मेरे कोलेज में चला गया, छुट्टियों में मम्मी मेरा और मैं मम्मी का इंतज़ार करने लगा। बाद में हम हमेशा एक दूसरे को चोदने लगे…दोस्तों ये मेरी रियल कहानी कैसी लगी प्लीज् आप लोग कमेंट कर बताये |



hindisexstories.autocamper-service.ru: Hindi Sex Kahani © 2015


"maa ki sexy kahani""chudai ki kahaniyan"দিদির গুড আমার ধনেরजाओ बहु की चूत मारो"wife swapping kahani""मस्तराम सेक्स"मैं रंडीखाने चली गयी"naukar ne choda""चुदाई की कहानियाँ""dada ji ne choda""hindi sexy kahaniya maa bete ki""xxx gujarati story""maa beta hindi sex kahani"/office-sex/bina-ruke-din-aur-raat-danadan-bhakabhak.html"বাংলা পানু গল্প""mama bhanji sex story"चुदक्कड परिवार"bhai bhan sexy story""maa beta chudai hindi kahani""tai ki chudai""bhanji ko choda"अपने गुरु से चुत चोदवाई सेेक्स विडीयो"sexy story gujrati""सेक्सी स्टोरीज""sex kahani bhai bahan""kutta kutti ki chudai"चोद ना हरामी और तेज मादरचोदधोबी की सेक्सी कहानिया"bahu chudai""सेक्स कहाणी मराठी""train me chudai ki kahani""sasur ki chudai""antarvasna samuhik chudai""antarvasna sasur bahu"Choro ne chut फाङी"चाची की चुदाई""antarvasna gujarati""baap beti sex stories""new marathi sex katha""beti ki chodai""chachi ki chudayi"वेश्या पैसे लेकर चोदने-चुदवाने की कहानियाँ "hindi sex story chodan""chodan c""hindi mastram sex story"सुपरहिट चुदाइ के चुटकले हिन्दी मे"garib aurat ko choda"vadhva.ma.betea.hindi.chudei.ki.khanya.com"kahani chudai ki hindi me"মুখে ছেরে দিলো চুদার গল্পvidhwa beti antarvasna"sexy story bap beti""hindi sex kahani maa beta"गुरु दक्षिणा में जबरदस्ती चुदाई"train me chudai ki kahani""hindi sex story site"माँ बाप के चुदाई बेटे ने देखलीbahanchod"marathi sexy stories in marathi font"ভাই বোনের ফেসবুকে সেক্স চেট"mastram pdf""maa ko dost ne choda""bahu ki sex kahani"हिंदी सेक्स"naukar se chudwaya"नौकरानी की जबरदस्ती चुदाई अँतरवासना"antarvasna a"bolte kahanisexi.comآنٹی کو چودا"chodan story hindi""नेपाली सेक्स स्टोरी""madhuri dixit sex story"सेक्स कि कहानिया भाभी की चूदाई बरीश की कहानीआदमी सो रहा था ओर उसकी पत्नी ने उसका लंट अपनी चोत मे लीजिए पोरन बिडियो "didi ke sath suhagraat""मस्तराम की कहानियां""bap beti sex khani""sasur antarvasna"antarvasna.netvidhava mom and son sex story hindigandi kahaniya sexyantaravasana.com"jija sali ki sexy story"aurato ko naghee karaka deekhao bur"marathi kamukta com""chacha ne maa ko choda""mosi ki ladki ki chudai""meri chudai kutte se"মায়ের সাথে সেক্র গল্পAntarvasna"baap beti ki chudai hindi kahani"அக்காபுருஷன்"தமிழ் செக்ஸ் கதை"विधवा वी वी चुत कहानिमेरी बुर ही चुद्वाते चुद्वाते फट गयी"एक पराये मर्द का स्पर्श मुझे अधिक रोमांचित कर रहा था"