ममेरी बहन की शादी में मिली चूत-1

आदरणीय गुरूजी को सादर प्रणाम,

जिनकी मेहरबानी से हम जैसे सभी दोस्तों को मस्ताराम.नेट या गुरुमस्ताराम.कॉम के जरिये सेक्सी मनोरंजन हेतु कहानियाँ पढ़ने को मिल जाती हैं|ऐसी ही एक सच्ची घटना मैं आपको बताने जा रहा हूँ जिसको पढ़कर मैं दावे के साथ कह सकता हूँ की सभी लड़के अपने अपने लंड खड़े करके मुट्ठ मारने या जिन लोगों के पास चूत का इंतजाम है वो चुदाई करने पर विबस हो जायेंगे और वो लड़कियाँ अपनी अपनी चूत पर ऊँगली रगड़कर कौवा सहलाकर पानी निकालने पर मज़बूर हो जायेंगी| खैर मैं आपको अपने बारे में थोड़ा सा परिचय दे दूँ|मैं एक 23 साल का बेहद सुंदर और सजीला नौजवान हूँ और जिम जाने की वजह से मेरा बदन गठीला है|मेरे लंड की लम्बाई करीब 9″ है और मोटाई बिलकुल घोड़े के लंड के सामान है|मैं आपको ज्यादा बोर ना करते हुए अपनी कहानी पर आता हूँ| बात अभी पिछली 21 जनवरी 2015 की है जैसा की आप सभी जानते हैं की घर में हम सभी पाँचो लोग (मैं, शालू, शिखा, मोनिका और शांती) बिलकुल नंगे रहते हैं| हम लोग कपडे जब ही पहनते हैं जब हम या तो घर से बाहर जाते हैं या हमारे घर कोई रिश्तेदार आ जाता है|लड़कियों को जब महीना आता है उस समय सिर्फ उन्हें चड्डी पहनने की इज़ाज़त है अन्यथा नहीं|बुधवार का दिन था सुबह के करीब 06:00 बजे का समय था और जैसा की आप सभी जानते हैं की सुबह के समय लंड कितनी अंगड़ाइयाँ लेता है, और उसी समय यदि चूत मिल जाये तो चूत का भुर्ता बनाकर ही दम लेता है चाहे लड़की तुमसे बेशक रहम की भीख मांगे लेकिन जब तक चूत का भुर्ता नहीं बन जाता तब तक लंड अंगड़ाई लेने से बाज़ नहीं आता|शालू मेरे आगे पीठ करके सो रही थी|मेरे बिलकुल पीछे शिखा, उसके बाद मोनिका फिर शांती सोई हुई थी| जैसे ही मेरे लंड ने अंगड़ाई ली वैसे ही मैंने नींद में शालू की गाँड में अपना सूखा लंड शालू को गरम किये बिना पेल दिया| लंड के गाँड में घुसते ही वो बड़ी ही जोरों से चीखी जिसके कारण सभी की नींद खुल गई| लेकिन मैं नींद में भी शालू को चोदने में लगा रहा और तब तक चोदता रहा जब तक मेरा बीज उसकी गाँड में नहीं भर गया|उसके बाद मेरी निद्रा भंग हुई तब मैंने शालू की गाँड से अपना लंड निकाला तभी मैंने घडी की तरफ आँख फिराई तो उस समय सुबह के 07:20 बज रहे थे|उसके बाद शिखा ने उठकर सभी के लिए चाय बनाई तो शालू ने शिखा से कहा की शिखा मेरे लिए थोडा सा गरम पानी रख दे जिससे मैं अपनी गाँड की सिकाई कर सकूँ क्योंकि आज जीजू ने बिना तेल लगाये सुख लंड मेरी गाँड में डालने से मुझे बहुत दर्द फील हो रहा है जिसके कारन मैं चल भी नहीं पा रही हूँ|फिर शिखा ने शालू की गरम पानी से गाँड की सिकाई की जो मेरे लंड से काफी हद तक चौड़ी हो गई थी| इस काम में सभी को करीब 2 घंटे का समय लग गया था|उसके बाद शिखा और मोनिका ने मिलकर मेरा लंड चूसा और फिर जैतून के तेल से लंड की मालिश की|फिर मोनिका और शांती ने मुझे नहलाया और मेरे लंड को साबुन से रगड़ कर साफ़ किया|लंड पर तेल की मालिश और नहाते समय साबुन लगवाना मेरी रोज़ाना की दिनचर्या थी | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | जो लड़की जैतून के तेल से मालिश करती थी वही लड़की नहलाती भी थी और साबुन लगाकर रगड़ कर लंड भी साफ़ करती थी|जब मैं नित्य क्रिया से निबृत हुआ तभी मम्मी के मोबाइल से मुझे कॉल आया तो फ़ोन मोनिका ने पिक किया तो उधर से मेरे मामाजी बोल रहे थे जिन्हें मोनिका पहचान न सकी|मोनिका ने फ़ोन मुझे पकड़ा दिया तो जैसे ही मैंने जैसे ही फ़ोन पर हेल्लो किया वैसे ही मुझे मामाजी की आवाज सुनाई दी तो मामाजी ने कहा की विशु 30 जनवरी 2015 की परी दीदी की शादी है | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | मैं आप लोगों को मामाजी के परीवार के बारे में बताना भूल गया| मामाजी के परीवार में नानाजी, नानीजी, दो मामाजी, दो मामीजी, बड़े मामाजी के तीन बच्चे हैं अजय (अज्जू) भैया, कनिका भाभी, परी दीदी और पायल हैं|अज्जू भैया और परी दीदी मेरे से बड़े हैं और पायल मेरे बराबर की है|छोटे मामाजी का एक ही बेटा है राहुल जो अभी 5 साल का है|बचपन में हम (मैं, परी दीदी और पायल) साथ साथ खेल कर बड़े हुए हैं|जैसे ही मामाजी ने बताया की परी दीदी की शादी है तो मेरा मन बचपन की यादों में खो गया| फिर मामाजी ने मुझे शादी में आने के लिए कहा तो मैंने मामाजी से आगरा आने की बात कही तो मामाजी ने कहा की कुछ कार्ड आगरा के भी हैं जिन्हें बांटने के लिए मैं आगरा आऊँगा तभी तुझसे मिलूँगा| मैंने कहा की ठीक है और मैं कॉलेज के लिए तैयार होकर चला गया| उस दिन मेरा आखरी पेपर था फिर पंद्रह दिन के लिए कॉलेज बंद होना था|दो दिन बाद मामाजी शाम के समय मेरे आगरा वाले घर पर आये थे उस समय मैं एक क्लाइंट की चुदाई करने उसके घर गया था तो मुझे शिखा ने फ़ोन करके बताया की आपके मामाजी आये हैं तो मैंने शिखा को बोला की वो उन्हें इज़्ज़त से बिठाये और मैं करीब एक घंटे में घर पहुँचने के लिए कह दिया|लेकिन क्लाइंट को चुदाई में मजा आने के कारण वो मुझे छोड़ने को राजी नहीं थी| आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | वो मुझसे कम से दो राउंड और चुदने की जिद करने लगी|मैंने भी रोज़ी को ठुकराना उचित नहीं समझा और उसकी दो बार पूर्ण संतुष्टि के साथ चुदाई की| उसके बाद उसने मुझे 10,000/- देकर विदा किया|जब मैं घर पहुंचा तो मेरा करीब दो घंटे से मामाजी वेट कर रहे थे | उन्होंने मुझसे पूछा की इतनी देर कैसे हो गई? तो मैंने टैक्सी बुकिंग का बहाना बनाकर बात को टाल दिया|खैर, मैंने घर में रहने वाली चारों लड़कियों (शिखा, शांती, शालू और मोनिका) का बारी बारी मामाजी से परिचय करवाया| उसके बाद मामाजी ने अपने थैले से एक कार्ड निकाला और उस पर चारों का नाम लिखकर उन्हें शादी में आने के लिए न्योता दिया| उसके बाद मैंने और मामाजी ने साथ साथ खाना खाया और फिर सभी लोग खाना खाकर टीवी देखने बैठ गए| उसके बाद मैं और मामाजी मेरे कमरे में और सभी लड़कियाँ अपने रूम में जाकर सो गई| वैसे रोजाना हम पांचो ही नंगे होकर मेरे डबल बेड पर ही सोया करती थी लेकिन मामाजी के आने की वजह से हम अपने अपने कमरे में सो रहे थे जैसे की हम लोग एक दूसरे को जानते ही न हो|सुबह उठकर मामाजी ने नाश्ता बगैरह किया और अपने गाँव चले गए|उसके बाद हम पांचो ही पहले की तरह सारे कपडे उतार कर बिलकुल नंगे हो गए और शादी में जाने की तैयारी में खरीदारी की योजना बनाने में लग गए| उसके बाद सबने निश्चित किया सभी दो-दो जोड़ी कपडे एवं अन्य जरूरी सामान खरीदेंगे | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | उसके बाद शिखा ने मेरे लंड पर चपत मारकर कहा की तुम सब लोग कितने स्वार्थी हो हमेशा अपने अपने बारे में सोचते हो किसी ने इसके बारे में सोचा जो हमेशा हम लोगों और हमारी जैसी कई बहनों की चूत गाँड को ठंडा करता है, इसके लिए क्या खरीदोगे?  आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | तो मैंने शिखा के साथ साथ सभी से कहा की वहाँ पर मैं एक बहुत ही सीधा साधा सा एक बच्चे जैसा हूँ इसलिए उस घर में तुम सभी में से कोई भी ऐसी हरकत नहीं करेगी जिससे मैं या तुम सभी बदनाम हो जायें क्योंकि तुम सभी भी गाँव से हो और गाँव की परंपरा से अच्छी तरह से परिचित हो इसलिए ध्यान रहे इस तरह की कोई हरकत नहीं होनी चाहिए|हाँ अगर अकेले में कभी मौका मिलेगा तो मैं तुम लोगों की चूत/गाँड को मैं खुद शाँत कर दूँगा लेकिन मौका मिलेगा तब समझे|इस पर मोनिका ने कहा की जब तक हम लोग तुम्हारे मामाजी के गाँव नहीं जाते तब तक तो आप हमारी चूत को शाँत कर सकते हो? मैंने कहा- क्यों नहीं? उसके तुरंत बाद ही शिखा ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगी| मोनिका ने अपनी चूची मेरे मुँह में डाल दी|मैं बारी बारी से शालू, शांती और मोनिका की चूची चूसने लगा| कुछ देर के बाद मैं धीरे धीरे कान के पीछे चूमते हुए उन सभी की टुंडी में जीभ डालकर सहलाने लगा जैसे ही मैंने शालू की टुंडी में अपनी जीभ लगाई वैसे ही शालू एकदम से ऐसे उछली जैसे की कोई 1000 वाट का करंट लगा हो | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | करीब 20 मिनट तक मैं उन चारों की टुंडी चाटता रहा फिर धीरे धीरे मैं उन लोगों चूत चाटने लगा| वो चारों भी लगातार मेरा लंड चूस रही थीं|करीब 25 मिनट तक मैं शालू, शिखा, मोनिका एवं शांती की चूत चाटता रहा तो शांती ने मुझसे कह ही दिया की जीजू मेरा पानी निकलने वाला है इसलिए हमें जल्दी से चोद दो|मैंने शाम के 07:30 बजे तक चारों को जी भर के चोदा और एक एक बार गाँड भी मारी| उसके बाद मामाजी के गाँव जाने तक मैंने क्लाइंट्स के साथ साथ शिखा को सबसे ज्यादा चोदा क्योंकि उसको मेरा लंड और उस से होने वाली चुदाई बहुत पसंद थी|तो दोस्तों आज के लिए बस इतना ही|तो पढ़ते रहिये और बताइये की आप लोगों को मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी?

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