प्रेषक: सुमित
चाची की गुलाबी चूत की प्यास-1
गतांग से आगे …. चाची साले हरामी मारेगा क्या तू मुझे? में साली रंडी आज में तेरी फूली हुए गांड मारूँगा और तेरा सारा रस निकल दूँगा। चाची यहाँ पर तेरे जैसे रंडवे रोज आते है, लेकिन वो लोग आज तक मेरी चूत का एक बाल भी नहीं हिला सके।
फिर मुझे बहुत गुस्सा आ गया और मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े निकल दिए और अब में पूरी तरह नंगा था। मेरा काला लंड जो कि अब काला नाग बन चुका था उसे देखकर फनफना रहा था। चाची ऊईईईईईईईईईई माँ तेरा लंड तो बहुत बड़ा है। में तो आज मर ही जाउंगी। में मेरी जान तुझे में ऐसे कहाँ मरने दूँगा, लेकिन यह तो अभी और भी बड़ा होगा। अब वो मेरे लंड पर अपना कोमल कोमल हाथ फेरने लगी, वो मेरे सुपाड़े को पकड़कर कभी ऊपर करती तो कभी नीचे करती और एक नशीली सी स्माईल दे रही थी। फिर मैंने उसे बेड से उठा दिया और उसके कपड़े उतारने लगा, मैंने सबसे पहले उसकी मेक्सी को ऊपर किया, वाह दोस्तों क्या कामुक जिस्म था उसका? फिर मैंने देखा कि उसके बूब्स बाहर आने के लिए उछल रहे है और मेरे हाथों में आने के लिए बैचेन थे, तभी मैंने उसकी ब्रा को पकड़कर एक ही झटके में फाड़ दिया। चाची आह्ह्ह कुत्ते, बहनचोद यह क्या किया? तूने मेरी ब्रा फाड़ दी, मादरचोद। दोस्तों मुझे उसके मुहं से गालियाँ सुनकर बहुत मस्ती चढ़ रही थी और जब मैंने उसके दोनों बूब्स देखे तो भगवान कसम में बिल्कुल पागल हो गया और में अपने हाथों से उसको धीरे धीरे सहलाने लगा और अब उसे भी ज्यादा मज़ा आने लगा और उसकी आँखे बंद होने लगी। फिर मैंने अपनी स्पीड को थोड़ा तेज़ किया और उसके बूब्स को मसलने लगा तो वो सिसकियाँ भरने लगी ऊईईई अह्ह्ह्हह क्या कर रहा है कुत्ते, हरामी? फिर मैंने दस मिनट तक उसके बूब्स दबाने के बाद जब उसके बूब्स को देखा तो वो एकदम तनकर खड़े हो गये थे और एकदम लाल हो गये थे, उन्हे देखकर मेरे मुहं में तो पानी ही आ गया था। फिर मैंने झट से उसके बूब्स को अपने मुहं में भर लिया और उसके चारों तरफ़ अपनी जीभ घुमाने लगा, मेरे ऐसा करने से उसका तो बहुत बुरा हाल हो रहा था और वो अपनी दोनों आँखे बंद करके अपने दोनों हाथों से बेड पकड़कर सिसकियाँ भरे जा रही थी। फिर चाची ने कहा कि अह्ह्ह्हह आईईईई हाँ छोड़ मुझे, लेकिन में कहाँ मानने वाला था। में तो उसके दोनों बूब्स को बारी-बारी से किसी छोटे बच्चे की तरह चूस रहा था और दबा रहा था और उसके बूब्स के काले काले दाने को अपने दांतो से काट रहा था, यह मैंने दस मिनट तक किया और फिर मैंने अपना हाथ धीरे धीरे उसकी पेंटी की तरफ ले गया तो मैंने महसूस किया कि उसकी पेंटी बिल्कुल भीग चुकी है। फिर मैंने झट से उसकी पेंटी को निकाल दिया और अब मेरे हाथ में उसकी तड़पती हुई चूत थी और उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी, उसमे से पानी निकल रहा था तो मैंने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
चाची सिसकियाँ लेते हुए बोली आह्ह्ह्हह्ह माँ अरे में आईईईईइ मर गई, तू यह क्या कर रहा है कुत्ते?
फिर में अपनी उंगली को आगे पीछे करने लगा और वो पागलों की तरह चिल्ला रही थी। फिर मैंने अपनी 4 उंगलियों को उसकी चूत में डाल दिया और फिर उन्हे धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा, लेकिन अब मेरी भी हालत बहुत खराब हो चुकी थी। में एकदम उठकर खड़ा हुआ तो वो मेरी तरफ देखने लगी, फिर में अपना काला लंड पकड़कर उसकी तरफ मुस्कुराया और उसने भी मुझे एक स्माईल दी। फिर मैंने अपना लंड आगे की तरफ बढ़ाया और उसे उसके मुहं के चारो तरफ घुमाने लगा। कभी उसके नाक पर तो कभी उसके कान पर और फिर उसने मेरे खड़े लंड को अपनी मुट्ठी में भर लिया और उसे एक जोरदार थप्पड़ मारा जिससे मुझे बहुत दर्द हुआ। फिर मैंने कहा कि चूस साली रंडी इसे और वो बड़े प्यार से मेरे लंड को चूसने लगी। मेरी तो हालत देखने वाली थी, वो मेरे लंड को गन्ने की तरह चूस रही थी। मैंने उसके बालों को ज़ोर से पकड़ा और अपने लंड की तरफ धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड उसके गले तक चला गया और उसको सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और फिर मैंने उसे छोड़ दिया। उसकी आँखो में आँसू आ गये और लगभग 15 मिनट तक चूसने के बाद में झड़ने वाला था और जब मैंने उससे बोला तो उसने कहा कि मेरे मुहं में झाड़ दो मैंने आहह की आवाज़ के साथ पूरा वीर्य उसके मुहं में झाड़ दिया। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फिर में उठा और उसकी चूत की तरफ बढ़ा, मैंने उसकी चूत की तरफ देखा तो वो बिल्कुल रस से भरी हुई थी जिसकी वजह से मेरे मुहं में पानी आ गया और मैंने उसकी चूत में अपनी पूरी जीभ को डाल दिया और उसे धीरे धीरे पीने लगा। में उसकी चूत का सारा वीर्य पी गया और अब वो आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी और इधर मेरा लंड भी अपनी औकात पर आ गया था। तो मैंने देर ना करते हुए उसको उठाया और डॉगी स्टाइल की पोज़िशन में करके अपना 8 इंच का काला लंड उसकी चूत के सामने ले जाकर उसकी गांड के चारों तरफ़ रगड़ने लगा, जिसकी वजह से चाची बिल्कुल मदहोश होने लगी। फिर मैंने उसकी गांड पर दो थप्पड़ मारे, मेरा थप्पड़ इतना तेज़ था कि उसकी गांड पर मेरे हाथ का निशान बन गया और चाची दर्द से तिलमिला उठी और कहने लगी। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
चाची साले रंडी के बीज, जल्दी डाल ना मेरी चूत में अपना लंड क्यों मुझे तड़पा रहा है?
में हाँ मेरी कुतिया यह ले।
फिर मैंने इतना कहते हुए उसकी चूत में एक धक्का मारा और मेरा लंड उसकी चूत को फड़ता हुआ 5 इंच अंदर चला गया, चाची का तो बुरा हाल हो गया था अऊऊऊउ आईईईइ बाहर निकाल अपने लंड को ऊईईईईईइ में मर जाउंगी, लेकिन मैंने अपना एक हाथ उसके मुहं पर रख दिया और फिर एक जोरदार झटका लगाया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत को फड़ता हुआ अंदर चला गया। उसकी आखें लगभग बड़ी हो गई थी ऊईईईईई माँ मर गई यह क्या किया तूने बाहर निकाल अपने लंड को उह्ह्ह्हह्ह माँ कोई बचाओ मुझे इस जानवर जैसे लंड से, प्लीज छोड़ दे मुझे औऊऊउ। फिर में अपने लंड को बाहर निकालकर झटके पे झटके मारने लगा और उसकी चूत को चोदने लगा और वो दर्द से चीखती चिल्लाती रही और मुझे गालियाँ देती रही और मेरा जोश बढ़ाती रही।
चाची आहह्ह्ह्हह उईईईईई माँ में मर गई।
लेकिन में अब कहाँ रुकने वाला था, मैंने अपनी स्पीड को और बड़ा दिया और अब चाची का दर्द थोड़ा थोड़ा कम हो गया था और वो भी अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी थी और मुझसे कहने लगी थी कि आहहह हाँ और ज़ोर से चोद मुझे आईईई ऊईईई चोद मुझे मादरचोद अह्ह्ह्ह और जल्दी जल्दी चोद, तू आज मेरी चूत का सारा रस निकल दे।
फिर मेरी स्पीड और बढ़ गई और में उससे कहने लगा कि हाँ ले रंडी और ले।
फिर मैंने उसे और तेज़ धक्कों के साथ चोदना शुरू कर दिया, चाची का बेड पूरी तरह से हिल रहा था। वो कुतिया की स्टाइल में तो एकदम पॉर्न मूवी वाली लग रही थी और पूरे रूम में फच फच फच की आवाज़ आ रही थी और चाची को इतना मज़ा आ रहा था कि उसकी आवाज़ इतनी ज़ोर से निकल रही थी कि अगर कोई बाहर हो तो उसे भी सुनाई दे जाए, लेकिन हमारा फ्लेट ऊपर था तो हमे कोई डर नहीं था और लगभग एक घंटे तक लगातार उसकी चुदाई करने के बाद में झड़ने वाला था और मैंने अपने झटके की रफ्तार को इतना तेज़ कर दिया था कि चाची की गांड बुरी तरह हिल रही थी और चाची सिसकियाँ ले रही थी आह्ह्ह्हह उउइईईईईईई हाँ और ज़ोर से धक्के देकर चोद मुझे। फिर में उन्हे और भी तेज धक्कों से चोदने लगा, लेकिन अब थोड़ी देर के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने उससे बोला कि में झड़ने वाला हूँ, कहाँ निकालू इसे? फिर उसने कहा कि मेरे मुहं में ही झड़ जाओ, तो में उसके मुहं में ही झड़ गया और चाची मेरा सारा वीर्य पी गई। फिर उसके कुछ देर के बाद वो भी झड़ गई और अब हम दोनों एक दूसरे के ऊपर पड़े थे और पूरे रूम में हमारी तेज़ सांसो की आवाज़ आ रही थी, थोड़ी देर के बाद हम दोनों की आँखे एक दूसरे से मिली और चाची मुझसे बोली। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
चाची तुम तो बहुत बुरी तरह चुदाई करते हो।
में जान, में हमेशा तुम्हे देख देखकर रात में तीन बार मुठ मारता हूँ तो तुम्हे ऐसे ही थोड़ी ना छोड़ सकता था।
चाची हाँ अब तो यह जवानी भी तेरी और में भी हमेशा के लिए तेरी हूँ, तूने आज इस तरह से मेरी चूत को चोदकर मुझे बिल्कुल संतुष्ट कर दिया है। आज से यह चूत तेरी और में तेरी गुलाम तू जब, जैसे, जहाँ चाहे मुझे चोद सकता है। फिर मैंने उसकी तीन बार चूत मारी और गांड को भी चोदा और मैंने उसे कुछ पैसे भी दिए। फिर में वहां से चला गया ।
दोस्तों अब तक मै करीब 15 आंटियो की चूत चोद चूका हु और अभी तो महीने में कम से कम 2 से 3 आंटियो का मेल आता है फिर मै उनके बताये गए समय और जगह पर पहुच कर उनकी चूत की प्यास बुझा देता हु अगर कोई आंटी या भाभी मुझसे चुदना चाहती है तो मुझे मेल कर सकती है |और ज्यादातर मै अपनी सार्विक मुंबई, पुणे और गुजरात में ही देता हु |
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