इमरान ने हज्जाम की दुकान खोल ली। ठीक उसके दुकान के ऊपर माले पे एक चाय नाश्ते की दुकान थी। ऊपर से कभी कोई पानी फेंक देता, कभी कुछ, कभी कुछ। दोनों में झगड़े के बाद सुलह हुई। चाय वाला नीचे आ गया, इमरान अपनी हज्जाम की दुकान ऊपर ले गया।
लेकिन नीचे चाय की दुकान पर एक बोर्ड लगा गया- “नीचे का बाल बनाने वाला ऊपर है…”
पहले ही दिन एक सरदार उसकी दुकान में पहुँचा और चेयर पर पैंत उतारकर बैठ गया। इमरान ने पूछा- यह क्या बदतमीजी है?
सरदार बोला- “नीचे बोर्ड लगा है ‘नीचे का बाल बनाने वाला ऊपर है’ अब बनाओ नीचे का बाल…”
इमरान को अपनी गलती का अहसास हुआ लेकिन उसने सोचा की चुपचाप बैठने से अच्छा है कि यह भी करके देखा जाए। दिल ही दिल में सोचने लगा इस काम के लिए पैसे भी अच्छे मिलेंगे। उसने उस्तूरा निकाला और सरदार की झांट साफ कर दिया, और 50 रूपए माँगे, जो सरदार खूशी से दे गया।
रात सरदार ने सरदारनी को अपना साफ सुथरा लण्ड दिखाया तो सरदारनी ने पूछा- इसे कहाँ से साफ करवाया?
सरदार ने उसे अड्रेस बता दिया और बोला- “तुम भी वहाँ से अपना साफ करवा आना…”
दूसरे दिन सरदारनी इमरान की दुकान पर पहुँची। मुश्कुराते हुए सरदार के साफ लण्ड की तारीफ की और बोली- “उन्होंने भेजा है, मेरा भी साफ कर दो…”
इमरान बोला- “हाँ हाँ क्यों नहीं? सलवार उतारिय और बैठिए…”
सरदारनी ने सलवार उतरी और कुरती भी उतारने लगी।
इमरान बोला- उसे उतारने की जरूरत नहीं।
सरदारनी बोली- बगल भी साफ करवाना है।
इमरान कुछ सोचकर बोला- तो ठीक है उतार दीजिए।
अब सरदारनी बिल्कुल नंगी थी। इमरान उसकी इतनी बड़ी गाण्ड इतनी बड़ी-बड़ी चूचियों को देखकर हैरान था। दिल तो कर रहा था कि चोद डाले लेकिन साइज देखकर डर महसूस कर रहा था। फिर भी सरदारनी के सीट पर बैठते ही उसने चूचियों को सहलाने शुरू कर दिया।
सरदारनी बोली- यह क्या कर रहे हो?
इमरान बोला- हज्जाम मैं हूँ या आप?
सरदारनी बोली- वो तो आप हो।
तो फिर मुझे मेरा काम करने दीजिए। आप आराम से लेटी रहिए।
सरदारनी बोली- ठीक है भैया, मुझसे गलती हो गयी आप अपना काम करें।
इमरान ने कुछ देर चूचियों को दबाया फिर निपल में होंठ लगा दिए। सरदारनी भी अब मस्त होने लगी थी। इमरान अब नीचे आया और बुर चूमने लगा।
सरदारनी बोली- “भैया, आप चोदेंगे क्या?
इमरान बोला- “देखिए, यह जो बुर की जगह है ना यह बहुत नाजुक जगह है इसके लिए अभी तक कोई क्रीम तो बाजार में आया नहीं है। इसलिए पहले बुर से ही क्रीम निकालना पड़ेगा फिर उसी क्रीम से झाँट की सफाई होगी। और बुर से बिना चुदाई के क्रीम तो निकलेगी नहीं। यह तो मेरे काम का हिस्सा है…”
सरदारनी बोली- “वो ऐसा है तो फिर अपना लण्ड निकालिए मैं भी जरा उसे चूसकर गीला कर दूं…”
इमरान ने अपने सारे कपड़े उतारकर टांग दिए और मुड़ा तो उसका लण्ड आधा खड़ा हो चुका था। उसे देखकर सरदारनी बोली- “वाह भैया, क्या लण्ड है… सरदार से दोगुना लंबा और दोगुना मोटा। मजा आ जाएगा…”
इमरान- “क्या मजा आ जाएगा… मैं कोई मजे के लिए नहीं चोद रहा…”
सरदारनी बोली- “मैं जानती हूँ फिर भी इतना तगड़ा लण्ड अंदर लेने में मजा तो आएगा ही…”
इमरान- “मुझे नहीं मालूम, आपको मजा लेना है तो लें…”
सरदारनी भूखी कुतिया की तरह लण्ड चूसने लगी। उसने बोला- “जल्दी अंदर डालो… मेरी बुर पिघलती जा रही है…”
इमरान ने जल्दी से पोजीशन लिया और लण्ड सरदारनी की बुर में घुसा दिया। सरदारनी 35-36 साल की तगड़ी औरत थी, आसानी से पूरा लण्ड निगल गयी। फिर तो इमरान किसी मशीन की तरह उसे चोदने लगा। बुर और लण्ड के बीच जंग जारी रही। आखिरकार लण्ड ने हार मान ली। दोनों बुरी तरह हाँफ रहे थे। इमरान ने सीट के नीचे एक कटोरी रख दी थी जिसमें बुर से निकलने वाली मिक्स क्रीम जमा हो रही थी। आधी कटोरी क्रीम भरी हुई थी। इमरान ने उसे उठाया और बोला- “आपकी बुर ने तो जितनी क्रीम दे दी है कि आज दूसरी कोई ग्राहक आ जाती तो इसी से उसका भी काम चल जाता, मुझे इतनी महत क्रीम निकालने में नहीं करनी पड़ती।
सरदारनी बोली- आपको मेरी बुर पसंद आई?
इमरान बोला- बड़ी भूखी बुर लगती है।
सरदारनी बोली- “हाँ यार, सरदार बड़ा सुस्त है चोदने में…” फिर सचमुच इमरान ने क्रीम उसकी बुर पर लगाया और उस्तूरा से उसकी बुर की बाल साफ कर दिए। फिर बगल के बाल साफ किए। तब तक उसका लण्ड फिर खड़ा हो गया था। उसने फिर पोजीशन लिया।
तो सरदारनी बोली- अब क्यों?
इमरान बोला- “चेक कर रहा हूँ कि साफ करने के बाद चोदने में मजा आता है या नहीं? मुझे मजा आएगा तभी तो आपके खसम को मजा आएगा? उनको मजा नहीं आया तो वो आपको भेजेगे नहीं…” इमरान ने फिर से सरदारनी को जाम के चोदा। जब झड़ गया तो हाँफते हुए बोला- “200 रूपए दो…”
सरदारनी ने उसके होंठ चूमे, दो सौ रूपीए दिए और जाते-जाते पूछा- कितने दिन में साफ करवाना है?
इमरान बोला- हफ्ते में या महीने में एक बार जरूर करवा लें…”
रात में सरदार ने चिकनी बुर देखा तो बड़ा खुश हुआ, पूछा- “कितना लिया तुमसे?”
सरदारनी ने बोला- “200 रूपये…”
सरदार आग-बबूला हो गया। बोला- “साले को मैं कल देखता हूँ…” दूसरे दिन सरदार इमरान के यहाँ गुस्से में पहुँचा। गरजकर बोला- “तुमने सरदारनी से 200 रूपए क्यों लिए?”
इमरान उससे भी ज्यादा तेज आवाज में बोला- “हज्जाम मैं हूँ या तुम? तुम्हें पता है… तुम्हारा डंडा है पकड़ा और साफ कर दिया। उनका ना डंडा है ना कुछ पकड़ने का, काम करेगा कैसे? अपना डंडा लगाना पड़ा तब कहीं जाकर काम हुआ। दो घंटे लगे मालूम?”
सरदार झेंप गया धीरे से बोला- “फिर भी 200 रूपए बहुत ज्यादा हैं…”
इमरान भी नरम लहजे में बोला- “ठीक है, ऐसा बोलोगे तो हम भी आफर देते हैं। माँ के साथ बेटी का फ्री का आफर चल रहा है। बेटी को भेज दीजियेगा फ्री कर देंगे…”
सरदार खुश हो गया बोला- “मेरी तो दो जुड़वा बेटियां हैं। मैं कल भेजता हूँ…”
इमरान बोला- “एक के तो पैसे लगेंगे। क्यों गरीब के पेट लात मारते हो…”
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