फ़िरोज़ की शादी हो गयी। उसने गाँव की लड़की से शादी की। उसे लगता था कि शहर की लड़कियां लुटाई हुई होती हैं। उसने सुहगरात में कुछ नहीं किया। दुल्हन से बोला- “हम हनीमून पर जाएँगे…”
दुल्हन क्योंकी गाँव की थी तो हनीमून का मतलब नहीं समझती थी। बहुत खुश हुई। फ़िरोज़ दुल्हन को कश्मीर ले गया एक होटेल में ठहरे। दुल्हन पूछ रही- “हनीमून क्या होता है??
फ़िरोज़ दिल ही दिल में खुश होता रहा कि इसे हनीमून नहीं मालूम, मतलब इसे कुछ नहीं पता। रात हुई तो फ़िरोज़ ने दुल्हन को खूब जम के चोदा। सुबह हुई तो देखकर हैरान रह गया की दुल्हन की नाक का एक छेद 3” इच खुला हुआ है। उसने पूछा- “ये कैसे हुआ?”
दुल्हन रोते हुए बोली- “आप ही ने तो किया है…”
फ़िरोज़ बोला- धत्त तेरे की मैं समझा बहुत टाइट है। तुमने रोका क्यों नहीं?
दुल्हन बोली- “पहली बार जैसे ही चिल्लाई तुम्हारे दोनों लड्डू मेरे मुँह में घुस गये और आवाज ही निकल नहीं पायी…”
फ़िरोज़ दुल्हन पर ही बरस पड़ा- “यह सब तुम्हारी वजह से हुआ है। मैं बोल रहा था की लाइट जलाकर सोते हैं तुमने ही कहा था की नहीं मुझे शरम आती है…”
दुल्हन ने पुछ लिया- “यही था क्या हनीमून?
फ़िरोज़ बोला- “नहीं आज रात बताता हूँ की हनीमून क्या होता है…” रात हुई फ़िरोज़ ने लाइट जलाकर दुल्हन को नंगा किया खुद भी कपड़े उतारे और अपना लण्ड दुल्हन को चुसाया। उसकी बुर और चूचियां चूसे। और चुदाई करी।
सुबह हुई तो दुल्हन ने पूछा- “हनीमून नहीं बताया आपने…”
फ़िरोज़ बोला- “कल रात जो हमने किया वही तो हनीमून है…
दुल्हन हँसने लगी और बोली- “ओह्ह… इसी खेल को हनीमून कहते हैं? इसे तो मैं गाँव में कई बार कई लड़कों के साथ खेल चुकी हूँ। हाहाहाहा…”
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