मेरा नाम पूजा है और मैं दूसरे गाँव के एक लड़के राहुल से प्यार करती थी। हम दोनों के घराने में पुरानी दुश्मनी चली आ रही थी। जब इन दोनों के घर वालों को प्यार की बात की पता चली तो दोनों के गर वालों ने इन दोनों को अलग रहने को कहा, वरना खून खराबा हो सकता है।
दोनों अलग हो गये लेकिन पूजा राहुल के सिवा किसी से शादी करने को तैयार नहीं थी। उसने प्लान बनाया कि अगर वो किसी तरह राहुल के बच्चे की माँ बन जाये तो उसके घर वालों को मजबूरी में उसकी शादी राहुल से करवानी पड़ेगी। उसने राहुल को खत लिखा की कल शाम तालाब के पास वाले बरगद के पेड़ के नीचे जरूर मिलना। बहुत जरूरी काम है। और दूसरे दिन शाम को सबकी नजरें बचाकर वो तालाब के पास पहुँच गयी मौसम खराब होने लगा, लेकिन राहुल नहीं आया।
उसने हिम्मत नहीं हारी, इंतेजार करती रही कि शायद अब आ जाए। बारिश शुरू हो गई, बिजलियां कड़कने लगीं। मूसलाधार बारिश हो रही थी। उसकी आँखों से भी आँसू बहने लगे थे, उसकी आखिरी उम्मीद टूट रही थी। इतने में दूर से बिजली की रोशनी में राहुल आता हुआ नजर आया। वो उसकी ओर दौड़ पड़ी और जाकर उससे लिपट गयी, और चूमने लगी।
राहुल भी साथ देने लगा। पूजा बोली- “राहुल, तुम नहीं आते तो मैं इसी तालाब में अपनी जान दे देती, घर वापस नहीं जाती। हमारे एक होने का एक ही रास्ता है की तुम मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो। आज मुझे तुम जी भरके चोदो। मैंने लहँगा इसीलिए पहना है, और अंदर भी कुछ नहीं पहना, ताकि कपड़े उतारने की जरूरत ना पड़े…” कहते हुए उसने राहुल का हाथ अपनी बुर पर रख दिया।
फिर कहा- “जल्दी से लहंगा उठाओ और जो करना चाहो करो…”
राहुल ने लहंगा उठाना शुरू किया और बुर में दो उंगली घुसा दिया।
तो पूजा बोली- “आह्ह… बड़े जालिम हो, एक साथ दो उंगली घुसा दिए। कोई बात नहीं, मैं आज सब बर्दास्त करने को तैयार हूँ…” फिर उसने राहुल के पैंट के ऊपर से उसका लण्ड पकड़ लिया और कहा- “बाप रे… राहुल, तुम्हारा तो बहुत मोटा है…”
फिर खुद ही बोलने लगी- “कोई बात नहीं। आज मेरी बुर फाड़ दो तुम्हारे लिए ही तो लाई हूँ…” फिर उसने राहुल के पैंट की जिप खोली, लण्ड बाहर निकाला और सहलाने लगी। बोली- “राहुल, इसे मेरी बुर में डालो ना…”
राहुल ने भी जल्दी से उसकी एक टांग उठाकर पकड़ा और लण्ड को बुर के छेद में डालकर पेल दिया। पूजा तड़प गयी उसकी कुँवारी बुर फट चुकी थी। दर्द जबरदस्त था। राहुल को इसकी परवाह नहीं थी, वो तो हवस से पागल हो चुका था। कुछ ही मिनट में रफ़्तार पर आ गया। पूजा ने उसके गले में बाहें डालकर जकड़ लिया था। राहुल उसे खड़े-खड़े किसी माहिर चुदक्कड़ की तरह चोदने लगा। आधे घंटे से ज्यादा देर तक चोदने के बाद उसने पूजा की बुर में अपना लावा उड़ेल दिया और उसे लंबी किस की।
पूजा ने पहली बार और इतनी दर्दनाक चुदाई झेली थी, वहीं बैठ गयी। राहुल ने पैंट की जिप बंद किया और दौड़ता हुआ भाग गया।
पूजा उसे आवाज लगाती रह गयी। वो कुछ देर वहीं बैठी रही। फिर बड़ी मुश्किल से खड़ी हुई, और किसी तरह घर आई। घर में अच्छा सा बहाना जो वो पहले से बनाकर गयी थी सुना दिया। एक महीने बाद वो सचमुच की उल्टियां करने लगी यानी गाभिन हो गयी थी।
घर में जलजला आ गया। सबने पूछा तो उसने साफ-साफ बता दिया- “राहुल का बच्चा है। अब आप लोगों के पास दो रास्ते हैं या तो मुझे मार डालिए या राहुल से मेरी शादी करा दीजिए…”
घर में मशविरा हुआ और फैसला हुआ की राहुल के घर वालों को शादी की रजामंदी बता दी जाए। पहले पहल राहुल के घर वाले मना किए लेकिन राहुल ने धमकी दे दी- “अगर मेरी शादी पूजा से नहीं हुई तो मैं खुदकशी कर लूँगा…”
आखिर दोनों की शादी कर दी गयी। सुहागरात के दिन राहुल ने पूजा से पूछा- “तुमने अपने घर वालों को कैसे मनाया?
पूजा चहक कर बोली- तुम्हें याद है एक महीने पहले मैंने एक खत लिखा था?
राहुल- “हाँ याद आया, लेकिन मुझे माफ कर दो। उस दिन मेरे अब्बू की तबीयत खराब हो गयी और उन्हें हास्पिटल ले जाना पड़ा, मैं नहीं आ सका…”
पूजा का सर घूम गया। वो शर्म से जमीन में गड़ गई।
फिर पूजा सोचती रह गई- आखिरकार वो कौन था??
मित्र, दोनों चूतकुले अच्छे थे। मज़ा आ गया। शेयर करना जारी रखिये मित्र, आपके चूतकुलों का इंतेजार है।
Thanks for visiting, enjoying & your comments.
keep enjoying. By Guru Mataram