प्रेषिका: रिया सक्सेना
हेल्लो दोस्तों मै रिया सक्सेना नाशिक से हु. आज मै अपने पुरानी जिंदगी के बारे मै लिखना स्टार्ट कर रही हूँ . मेरे पिता जी एक बिजनेसमेंन है मम्मी गृहणी है . मेरे परिवार मै पापा मम्मी और हम दो बहने है. मेरे पापा का नाम राघव(43) है . मम्मी का नाम गुंजन(42){36D-32-36} है . मेरी बहन का नाम प्रिया(१८) है .हमारा घर बहुत बड़ा है .हम लोगो के पास बहुत पैसा है . बचपन से हम बहने बहुत लाड प्यार मै पली बड़ी है . मेरे पापा बहुत हैण्डसम है . मेरी माँ भी बहुत सुंदर है . मेरी माँ बहुत धर्मालु है वो रोज मंदिर जाती है .मेरे पापा के एक भाई(राहुल) भी है जो मुंबई मै रहते है . वो कभी कभी हमारे घर आते है .
बात तब शुरू होती है जब मै २२ साल की थी . उस समय मेरा फिगर {34D-29-33} था . एक दिन मेरी सहेली अंकिता ने मुझे अपने घर बुलाया उसने कहा की एक ऐसी बात बताएगी की मुझे भी नहीं पता है. मै क्लास की टॉपर थी . कोई बात मुझे न पता हो ये नहीं हो सकता मै ऐसा मानती थी . मै उस दिन उसके घर गयी उसके घर कोई नहीं था उसने मुझे अपने कमरे मै चलने का कहा मै उसके साथ गयी थोड़ी देर बाद वो अपने कपडे उतारने लगी . उसना कहा की तुझे पता है पति पत्नी क्या करते है रात मै ? मै दंग हो गयी वो पूरी तरह नंगी थी . मेने कहा नहीं तो वो हसने लगी कहने लगी की मै बताती हू पहले अपने कपडे उतार. मेने मना किया तो मेरे स्तन दबाने लगी मुझे बहुत अच्चा लगा मै चुप चाप अपने कपडे उतारने लगी . फिर उसने कहा की मेने अपने भैया की अलमारी से ये किताब चुराई है इस मै सब दिया है . इसे जरुर पड़ना फिर वो मेरे निप्पल दबाने और चूसने लगी . मुझे बहुत मजे आ रहे थे उसने कहा की मेने भैया को बाथरूम मै देखा है नंगा .. तुमने कभी लंड देखा है? मेने कहा नहीं पर सुना है . उसने कहा की कभी रात मै अपने पापा मम्मी को देखा है क्या करते है . मेने कहा नहीं . तो कहने लगी की आज देखना .. फिर वो अपनी ऊँगली मेरी योनी पर फेरने लगी . उसना पूछा की पता है इसे चूत कहते है मेने कहा की मुझे पता है. वो कहने लगी लंड को चूत मै घुसाते है तो बहुत मजे आते है . और मेरी योनी मै अपनी ऊँगली घुसा दी मै उचल गयी मेरी चीख निकल गयी . मुझे बहुत दर्द होने लगा मरी योनी गीली हो गयी मै पीछे हट गयी . तब वो बोली यार पहली बार मै दर्द होता है मेने पड़ा है फिर वो मेरी योनी चाटने लगी मेरी तो जान ही निकल गयी . मुझे बहुत मजा आ रहा था ऐसा लग रहा था की मेरे अन्दर कोई ज्वालामुखी फूट गया हो . फिर थोड़ी देर बाद मेरी योनी से पानी निकलने लगा मेरा शरीर अकड़ने लगा .. में बता नहीं सकती की मुझे कितना अच्छा लग रहा था .मेरी सहेली वो पानी पीने लगी . उसने बताया की उसके पापा ने कल उसकी मम्मी के साथ ऐसा ही किया था . फिर उसने मुझे वो किताब दे दी. में उसे घर ले आई मेरा चेहरा पूरी तरह लाल था . मम्मी ने पूछा की क्या हुआ . मेने कहा की कुछ नहीं और में अपने रूम में चली गयी . मेने वो किताब पड़ी तो मुझे पता चला की पति पत्नी रात को क्या करते है . मुझे कई नयी बाते पता चली कैसे बच्चा पैदा होता है . सुहागरात को क्या होता है . किताब पड़ने के बाद मेरा मन भी किसी को सेक्स करते हुए देखने को हुआ . मेने सोचा की आज रात को पापा मम्मी को देखूंगी . उस दिन पापा अपने बिज़नस टूर से लोटे थे . रात को खाना खाने के बाद मम्मी ने हमसे कहा की जाओ सो जाओ . मुझे अजीब लगा क्योकि मम्मी हमें रोज रात को ११ बजे तक पड़ने को कहती थी . और आज तो ९:३० ही हो रहे थे हम दोनों बहने अपने रूम में आकर सो गयी . पर मेरी आँखों में नींद नहीं थी . आधे घंटे बाद जब मेरी बाहें सो गयी तब में उठने की सोच ही रही थी की मम्मी और पापा रूम में आ गए मम्मी ने धीरे से पूछा की हम जग रहे है क्या . में चुप चाप सोने की एक्टिंग करती रही .पापा बोले जानेमन बच्चिया सो गयी है अब चलो भी एक एक पेग हो जाये .मुझे अजीब लगा क्यों की पापा तो कभी कभी बार पीते थे पर मम्मी कभी नहीं पीती थी . फिर पापा मम्मी को गोद में उठा कर ले गए .
में कभी सोच भी नहीं सकती थी की मम्मी शराब पीती होगी . कुछ देर बाद में अपने रूम से बहार आई और पापा मम्मी के रूम की तरफ गयी पर वो लोग वहा नहीं थे . हॉल से उनके बात करने की आवाज आ रही थी में चुप चाप सीढ़ी उतर कर एक रूम का गाते खोल कर उसमे चुप गयी . ये रूम सीढियों के बिलकुल पास था और इसकी खिड़की से पूरा हाल दीखता था . पापा मम्मी सोफे पर बैठ कर शराब पी रहे थे मम्मी ने हरे रंग की साडी पहनी थी और पापा जींस टी शर्ट पहने हुए थे . पापा कह रहे थे जानेमन टूर पर तुम्हारी बहुत याद आई . तुम्हारी याद में मेरा लंड बहुत रोया . ये सुनकर मम्मी हसने लगी .मुझे समाज नहीं आया की पापा किस तरह से मम्मी से बात कर रहे है
.मम्मी ने कुछ देर बाद कहा की राघव एक बात पुछु सच बताना.मम्मी हमेशा पापा को आप कह कर बात करती थी पर आज वो पापा का नाम लेकर बात कर रही थी .तुमने इन चार दिनों में कितनी लडकियों को चोदा है ? ये सुनकर में दंग रह गयी की मम्मी कैसी बाते कर रही है . पापा ने कहा की दो लडकियों को और एक औरत को और वो मुस्कुराने लगे मम्मी भी मुस्कुरा दी .में बता नहीं सकती की में कैसा फील कर रही थी . मुझे यकींन नहीं हो रहा था की ये मेरी धर्मालु माँ है . मम्मी बोली मुझे पता है तुम्हे रोज सेक्स करने की आदत है इसके बिना तुम नहीं रह सकते हो . पापा ने कहा की में भगवान महावीर का शुक्र गुजार हु की उसने मुझे तुम जैसी पत्नी दी . मम्मी ने कहा की तुम्हे पता है चार दिन में मेरी हालत कैसी हो गयी है .
में तो किसी और से सेक्स नहीं कर सकती हु तुम्हारे सिवा पापा हसे और मम्मी का हाथ पकड़ कर उन्हें अपनी गोद में खीच लिया . फिर मम्मी को किस करने लगे. फिर मम्मी से कहा की आज पूरी रात में तुम्हारे साथ हु बोलो क्या करोगी. मम्मी ने हँसते हुए कहा की आज पूरी रात तुम्हारा लंड अपनी चुद से नहीं निकलने दूंगी . ये सुन कर मेरी हालत ख़राब हो गयी मेरे मम्मी पापा को में इस तरह बात करते हुए देख रही थी . में भी गर्म होने लगी .ये सुनकर पापा ने कहा की तुम दिनों दिन बहुत सेक्सी होती जा रही हो. पापा ने मम्मी को अपनी गोद में बिठा रखा था . वो मम्मी को किस करने लगे और मम्मी के बूब्स दबाने लगे . कुछ देर बाद उन्होंने मुमी की साडी और ब्लौस उतर दिए मम्मी एक ब्लैक ब्रा पहने हुए थी . पापा ने वो भी उतर दी मम्मी के बड़े बड़े बूब्स देख कर में समझ गयी की मेरे बूब्स १५ की उम्र में ही किसी औरत के बूब्स की तरह क्यों है? ये मुझे विरासत में मिले थे. येसी हजारो कहानिया है मस्तराम डॉट नेट पर |
पापा बेकाबू होकर मम्मी के निप्पल चूस रहे थे और जोर जोर से दबा रहे थे . मम्मी सिसकारी ले रही थी . फिर मम्मी ने पापा की टी शर्ट खीच कर निकल दी पापा बनियान नहीं पहनते है और दोनों एक दुसरे के जिस्म को बाहों में बहर कर रगड़ने लगे. मेरी पंटी गीली हो गयी थी मेने अपनी नाइटी उतर दी और पंटी में हाथ डाला तो मेरी छुट बहुत गर्म हो रही थी में अपनी चूत पर ऊँगली घुमाने लगी . पापा भी मम्मी के पेटीकोट को उतर चुके थे . फिर पापा ने अपना पैंट उतारा मेने देखा की उनकी अंडरवीअर आगे से उठी हुई थी .पापा ने मम्मी की पैंटी उतर दी मेने देखा की मम्मी की चूत मेरी चूत से कुछ अलग दिख रही थी मेरी चूत पर कुछ बाल भी थे पर मम्मी की चूत बिलकुल साफ़ थी , पापा ने मम्मी की चूत में झटके से एक ऊँगली घुसा दी मम्मी ने सिसकारी ली आह्ह्ह्हह्ह राघव धीरे . मम्मी ने पापा की अंडरवीअर उतर दी में दंग रह गयी पापा का लंड लगभग ७.५ इंच लम्बा और २.५ इंच मोटा था . मेने किताब में पड़ा था की सामान्य लंड ६ इंच लम्बा होता है मुझे यकीन नहीं हुआ की मम्मी की चूत ये झेल पाती होगी . मम्मी पापा के लंड को अपने हाथो से हिलाने लगी पापा सिसकारी लेने लगे . फिर पापा ने मम्मी सो जमीन पर घुटनों के बल बैठाया और अपना लंड उनके मुह के पास कर दिया . मम्मी पापा का लंड चूसने लगी. [/img]वो उसे जोर से चूस रही थी पापा धीरे धीरे अपना लंड आगे पीछे कर रहे थे . पापा ने फिर मम्मी का सर पकड़ लिया और जोर से धक्का मारा पूरा लंड मम्मी के मुह में घुस गया वो मम्मी एक गले में जाकर अड़ गया मम्मी घबरा गयी . उन्होंने एकदम सर खीच लिया वो हांफ रही थी बोली क्या राघव मेरी जान लेने का विचार है? पापा बोले नहीं यार तुम धीरे धीरे सर हिला रही थी इस लिए मेने जोर से हिला दिया . पापा ने फिर से लंड मम्मी के मुह में दे दिया कुछ देर बाद पापा अकड़ से गए में समझ गयी की पापा झडने वाले है में ये बात किताब में पड़ चुकी थी. पापा ने एकदम मम्मी का सर पकड़ लिया और पूरा वीर्य मम्मी के मुह में निकल दिया . मम्मी उसे पीने लगी . फिर पापा ने मम्मी को सोफे पर लिटा दिया और उनकी चूत चाटने लगे . आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मम्मी ने जोर से आवाज निकली क्योकि पापा ने अपनी जीभ उनकी चूद में घुसा दी थी पापा मम्मी की चूत जोर जोर से चाटने लगे जैसे कोई बिल्ली दूध पीने के बाद कटोरे पर लगी मलाई चाटती है . मम्मी और मेरी दोनों की हालत ख़राब थी . मेरा देखने में हाल था तो मम्मी का क्या हाल होगा में ये सोचने लगी .थोड़ी देर बाद मम्मी जोर जोर से सिसकारी लेने लगी और उनकी चुद से पानी निकलने लगा . पापा गटा गट पूरा पानी पी गए . येसी हजारो कहानिया है मस्तराम डॉट नेट पर |
अब मुझे समझ आया की कुछ दिन पहले सुबह जब में मम्मी को आवाज देती हुई कीचन में गयी तो मम्मी घबराई हुई थी और पैर फेला कर खड़ी थी . उन्होंने पूछा – अह क्या हुआ हहा . मेने कहा की कुछ नहीं कॉफ़ी पीनी है . उसे समय उनका चेहरा बिलकुल लाल था .वो बोली ठीक है में रूम में लाती हु बना के आह्ह्ह . मेने पूछा मम्मी क्या हुआ तो वो कुछ नहीं बोली उनकी आँख बंब हो गयी वो अकड़ गयी थी. वो काँप रही थी . फिर वो जोर जोर से सांस लेने लगी और कहा की तबियत कुछ ठीक नहीं है . मेने कहा की क्या हुआ तो वो गुस्से में बोली कुछ नहीं अभी जाओ परेशान मत करो बहुत काम है .में चुप चाप बहार आ गयी और हाल में बैठ कर पेपर पड़ने लगी मम्मी किसी पर घुस्सा कर रही थी फिर कुछ देर बाद पापा किचन से बहार आये .
कहानी जारी है ….. आगे की कहानी पढने के लिए निचे दिए गये पेज नंबर पर क्लिक करे… और मस्त रहे मस्तराम डॉट नेट के साथ ….