मै आज आपको मेरी दूसरी कहानी बताने जा रही हू. दीवाली के कुछ दीनो के लिए मे अपने कज़िन सिस्टर के पास चली गयी सिस्टर प्रगनेट थी एस कारण उसने मुझे घरको संभालने के लिए बुलाया सिस्टर को पहले से ही 1 3साल की लड़की थी एस कारण उसके खाने और पीने और संभालने केलिए मे भी खुशी खुशी राज़ी हो गयी दीदी का अभी 9वा महीना चालू था. दीदी स्वाभाव से अच्छी थी मुझे बहुत प्यार करती थी. और जीजाजी भी अच्छे आदमी थे बस एक ही उनमे बुरी बात थी वो हर रोज दारू पीते थे.एक दिन दोपहर को दीदी के बेडरूम से चिल्लाने की आवाज़ आने लगी मैंने जाकर देखा तो जीजाजी दीदी को मार रहे है मैंने तुरंत जाकर जीजाजी को रोका और दीदी को अपने कमरे मे लेकर आई और पूछा तो दीदी बोली कुछ नही यह रोज़ की बात है . अब मुझे सहेना करना पड़ता है. जब मैंने बहुत ज़ोर देकर पूछा तो दीदी बोली की तुम्हारे जीजाजी को सेक्स करने की चाह उठी है और मै अब वो दर्द नही झेल सकती और रोने लगी. फिर दीदी ने मुझे पूछा की रखी तुम मेरा एक काम करोगी?
प्लीज़……….. मे बोली ओक क्या काम है बताओ. दीदी बोली सिर्फ़ तुम्हे एक काम करना है अग्र तुम मेरा भला चाहती हो तो आज एक रात के लिए तुम जीजाजी के पास ही बैठ जाओ नही तो तेरे जीजाजी गुसे मे बाहर चले जाएँगे और कुछ नही होता है सिर्फ़ एक रात के लिए प्लीज़. मे तैयार हो गयी और जीजाजी के पास चली गायय. जीजाजी अपने रूम मे टीवी देखा रहे थे और बहुत गुसे मे थे. मैंने जीजाजी को शांत होने को कहा. तो जीजाजी बोले तुम चुप बैठो इसमे बच्चो का क्या काम. तभी मै गुस्सा हो गयी और जीजाजी को बोली की मे अब बच्ची नही हू मे बड़ी हो गयी हू संज गये. तो जीजाजी बोले एसा है तो जो मे तुम्हारी दीदी से पाना चाहता हू वो तुम मुझे दे सकती हो?बोलो क्या हुआ?
मैंने बहुत सोचने के बाद बोली ओके चलेगा जीजाजी पर आप दीदी को नही मारेंगे ओके. जीजाजी बोले नही मारूँगा अगर मेरा काम होता है तो मुझे क्या . और जीजाजी उठाकर मुझे बेड पर लेके गये. और बोले चल आब दिखाओ की तुम बड़ी हो गयी हो ना ? चलो अपने पूरे कपड़े निकालो. मे शर्मकार अपने सारे कपड़े निकले. और जीजाजी के सामने खड़ी हो गयी. तभी जीजाजी एकदम से खड़े हो गये और बोले वाव क्या बात है तुम तो एक हसीना हो कोमल काली हो. तुम्हारे बूब्स तो तेरे दीदी से भी बड़े है. क्या कभी पहले किसी के साथ सेक्स किया है?मे बोली नही जीजाजी अभीतक किसी मर्द ने मुझे नही छुआ है. मे आभीतक कच्ची काली हू. अब आप क्या करने वेल है. जीजाजी ने अपने भी कपड़े निकले और मेरे सामने नंगे खड़े हो गये. मैंने जीजाजी से पूछा जीजाजी यह क्या है?तो जीजाजी बोले यह तो सारे फ़साद की जड़ है एस्को भूक लगी है सेक्स की आब चलो बुझाओ. यह कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | एस तरह कहकर जीजाजी मेरे पास आ गये और मुझे दबाने लगे मेरे बूब्स को उन्होने ज़ोर्से दबाया अपनी उंगली मेरे चूत मे डाली तभी मे ज़ोर्से छिलाइ . मेरी चीख सुनकर दीदी कमरे मे आ गयी दीदी जीजाजी से बोली प्लीज़ आप रखी पर रहें खाइए प्लीज़ वो अभीतक बच्ची है. तो मे बोली नही दीदी जो करना है वो करने दीजिए प्लीज़ उनके अंदर का सेक्स निकल लेने दीजिए सिर्फ़ आप मुझे हेल्प कीजिए. जीजाजी भी बोले चल तुम इसको बताओ की मुझे किस तरह का सेक्स पसंद है और उसकी मदद करो. दीदी भी तैयार हो गयी डीडिने मुझे बोला की पहले तुम अपने जीजाजी का लॅंड हाथ मे लेकर मस्लो. जब मैंने मसला तो पहले वो 6″ का था बाद मे वो 11″ का हो गया. तब दीदी बोली देखो आभी सोचो एसए देखकर एटना बड़ा लॅंड तुम्हारे चूत ,मूह और गांड मे डालेंगे दर्द होगा लेकिन बाड़मे अच्छा लगेगा. मे भी राज़ी हो गयी. जीजाजी ने उसके बाद मेरी गांड मारी और मुझे चिड़ा और मेरे चूत से खून निकाला जब मे रोने लगी तो दीदी बोली पागल यह तो होता ही है आज तुम बच्ची से लड़की बन गयी हो प्रीति.
बाद मे हम तीनो सोने गये . सुबह दीदी ने नाश्ता बनाया हम लोग टेबले पर बैठ गये और नाश्ता करने लगे नाश्ता होने के बाद मैंने दीदी से बोला दीदी मुझे और भूक लगी है प्लीज़ और कुछ है तो जीजाजी बोले ठहरो मे देता हू. और मेरे पास आ गये और अपना लॅंड पॅंट से निकालकर मेरे मूह मे डाला और बोले चल साली एस्को चूसो मज़ा भी आएगा और तुम्हे मलाई भी मिलेगी. एस तरह 2 महीने तक ऐसा ही चलता रहा दीदी की डिलेवारी हो गयी और मे रोज़ अपने जीजाजी से चोदति रही.