मैं पीछे से पैर को फैलाकर अपनी कोरी चूत को सहेली के हाथ से सह्ल्वाति किसी मर्द की तरह उसकी चूची को मुँह से चूस्ति दूसरी चूची को दबाने लगी. मुझे अब पहले से ज़्यादा मज़ा आ रहा था. संजना एक हाथ को चूतड़ पर चूत की दरार को उंगली से सहलाती दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को दबा-दबाकर ऐसे चुस रही थी जैसे माँ बच्चे को दूध पिलाती है. उसकी उंगली जब मेरी गुलाबी फाँक पर लगती तो सर से पैर तक झनझणा जाती. संजना पूरी चूची को मेरे मुँह मे करती बोली, “हाए मेरी जान पूरी चूसो, पानी आ रहा है.” मुझे सहेली की चूचियों को पीने से बहुत मज़ा मिल रहा था. मैं अपनी चूत को सह्ल्वाती उसकी चूचियों को चूस रही थी. वह पूरी चूची को मुँह मे डालती बोली, “थोड़ा ज़ोर ज़ोर से चूसो बड़ा मज़ा आ रहा है. बस थोड़ी देर मे पानी निकलेगा.” मुझे तो इतना मज़ा आ रहा था कि बता नही सकती. चूत के साथ साथ गोरी गांद भी गुदगुदाने लगी थी. सहेली की बड़ी-बड़ी चूचियों को चूसने मे अनोखा मज़ा था. तभी संजना ने मुझे कस लिया और एक मिनिट बाद चूत से उंगली हटा बोली, “आअहह मज़ा आ गया मेरी जान.” एक चूची ही चूसी थी कि मेरी जवान सहेली झाड़ गयी. मस्ती के साथ अपनी चूत दिखाती बोली, “देखो सफेद पानी निकला.” “हां तुम झाड़ गयी.” “हां चुदी चूत जल्दी झाड़ जाती है. मैने तुम्हारी उंगली से चोदा नही, क्योंकि अगर उंगली पेलती तो तुम्हारा पानी भी निकल आता. पापा फाड़ेंगे तो तुमको ज़्यादा मज़ा आएगा. कुँवारी है पहली बार लंड ही पेलवाओ.” मैं पहली बार चूत को झाड़ते देख रही थी. संजना की चूत गुलाबी और बड़ी थी. झड़ने के बाद संजना ठंडी हुई और अपनी चूत को टवल से रगड़ कर सॉफ करने के बाद मुझे बेड पर पैर फैलाकर लेटने को कहा. मैं तो अभी गरम थी. मेरी चूत की दोनो फांके तनी खड़ी थी. मैं पैर फैलाकर लेटी तो संजना मेरी रान सहलाती बोली, “तुम्हारी चूत बहुत अच्छी है. मज़ा आ रहा है.” “बहुत.” “अभी और आएगा लेटी रहो. तुमने मेरी झाड़ा है, अब देखो मैं तुमको किस तरह निचोड़ती हूँ. आज से तुम मेरी पक्की सहेली हो गयी हो. अब आपस मे बराबर मज़ा लिया जाएगा. पैर ऊपर करो तो पापा की तरह तेरी चूत चाट दूँ.” मैं संजना के इस गोल्डन प्रपोज़ल पर मर-मिटी. वह बता चुकी थी कि लड़कियों को चूत चटवाने मैं बहुत मज़ा आता है. मेरी चूत गरमा गयी थी. मैं चुदासि थी. मैने फ़ौरन टांगे मोड़ चूत को उसके सामने किया. मेरी पूरी चूत को हथेली से सहलाते हुए संजना बोली, “हाए क्या मस्त चूत है. लड़का होती तो खूब चोदती.” आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | “ओह्ह्ह संजना अब चॅटो भी. तुम्हारे पापा तो आज चोदेगे ही. अपनी तरह मेरी चूत भी चिकनी कर दो.” मुझ पर जवानी का भूत सवार हो चुक्का था. संजना फ़ौरन मेरी फैली रानो के बीच लेट हाथ को ऊपर कर मेरी तनी-तनी चूचियों पर पैर दबाती अपनी गरम जीभ को मेरी कुँवारी चूत की चिकनी दरार मे चलाने लगी. मैं इस मज़े को पा सारी दुनिया को भूल गयी. उसकी गरम जीभ मेरी चूत को नशे से भर रही थी. चूत और चूचियों का मज़ा एक साथ मिल रहा था. मैं चूतड़ को उचका-उचका कर चटा रही थी. संजना मेरी चूचियों को कसकर दबा कर मज़े के बारे मे पूछती तो मैं कहती हाए संजना और चॅटो. तो वह फिर चाटने लगती. संजना का कहना सही था. चूत चटवाने वाला मज़ा तो कभी नही मिला था. वह जीभ को अंदर तक पेल कर चाट रही थी. मेरी भी झड़ने वाली थी और 1 मिनिट बाद जो फल्ल से पानी उसके मुँह पर फेंका तो संजना बोली, “निकाल दो पानी, बड़ा मज़ेदार है तेरा पानी नमकीन- नमकीन.” और वह मेरी चूत को चाटती रही. पहली-पहली बार मज़ा पाकर मेरी चूत झड़ी थी. चूत और राने लसलसा गयी थी. संजना की चूत से गाढ़ा पानी निकला था पर मेरी चूत से पतला. संजना ने टवल मुझे देते कहा, “लो पोछ लो. जानती हो पापा पहले लड़कियों की चूत को इसी तरह गीला करते है फिर गीली चूत को चोद्ते हैं. पापा चुदवाने वाली लड़कियों से ही अपने लंड पर तेल लगवाते हैं. पापा कहते हैं तुम जितनी भी सयानी सहेलियों को लाओगी, सबको बारी-बारी से चोद्कर मज़ा देंगे. पापा ने बताया है कि 14 से 17 साल की लड़कियों को चुदवाने मे बहुत मज़ा आता है. पापा कहते हैं कि हर बाप को अपनी बेटी की चूत को शादी से पहले चोदना चाहिए जिससे ससुराल जाने पर उसे परेशानी ना हो.” मैं अभी मस्त थी. झाड़ चुकी थी. टवल से चूत पोछ बोली, “संजना क्रीम दो मैं भी सॉफ कर के चिकनी कर लूँ.” “ओह पापा को आने दो, हो सकता है तुम्हारी अपने हाथ से सॉफ करके चोदे.” “तुम्हारी चूत कोपापा ने साफ करके चोदा था?” “हां पापा ने मेरी चूत को अपने हाथ से चिकनी करके चोदा था. तुम भी अपने पापा को फँसाओ. मेरे पापा कुछ दिनो मे तुम्हारी भी बड़ी कर देंगे.” “कितनी देर मे आएँगे तुम्हारे पापा.” “बस आते ही होंगे. तुम ज़रा मेरी चूत सहलाओ.” उसने अपनी मोटी-मोटी राने खोली तो मैं संजना की चूत देख निहाल हो गयी. उसकी पूरी औरत की तरह बड़ी हो गयी थी. फाँक खुले थे. मैं एक हाथ से संजना की चूत सहलाते हुवे उसकी चूची को दूसरे हाथ से पकड़ बोली, “ईस्को भी?” “हां.” मैं उसकी चूत और चूची सहला रही थी. सहेली के नंगे बदन से लड़के की तरह खेलते अनोखा मज़ा आ रहा था. धीरे-धीरे मेरी उंगली उसकी चूत मे घुसती जा रही थी. वह टाँग फैलाए बेड पर लेटी थी. मैने उससे कहा, “संजना अपने पापा को कैसे फँसाऊं कोई रास्ता बताओ.” “पहले तो किसी तरह से अपने पापा का लंड देखो. कितना लंबा और मोटा है. फिर मैं तरीका बताउन्गि. अगर तुमको शरम लगे तो बताना मैं खुद चलकर तुम्हारे पापा को फसाउन्गि. अभी तुम नादान हो.” फिर हम दोनो आपस मे मज़ा लेते रहे. 30-40 मिनिट बाद संजना मेरे गाल सहलाते हुए बोली, “अब पापा आते ही होंगे, चलो तैय्यार हो जाओ.” फिर हम दोनो बाथरूम मे जा पेशाब करने लगे. हम दोनो एक दूसरे की चूत से गिरते पेशाब को देखते रहे तो संजना ने कहा, “पापा चोदेगे तो थोडा दर्द होगा. घबराना नही, पहली बार दर्द होता है फिर मज़ा आने लगता है.” “खून भी निकलेगा क्या संजना, सुना है पहली बार मे खून भी निकलता है.” आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | “ईसीलिए तो तुम्हारी चूत को उंगली से नही चोदा. जब पापा अपने लंड से तुम्हारा खून निकालेंगे तो तुम दोनो को खूब मज़ा आएगा.” “संजना मुझे तो चुदवाना आता नही है.” “जब पापा मुझे चोदे तो पास बैठकर ध्यान से देखना. वैसे पापा तुमको सिखा देंगे. एक बार मे मज़ा ना आए या मंन ना भरे तो बताना पापा से फिर चुदवा दूँगी.” फिर हम्दोनो मूत्कर कमरे मे आए और जब मैं कप’डे पहन’ने लगी तो संजना बोली, “क्या फायेदा. पापा बिना नंगी किए चोद्ते नही हैं. बस शरमाना नही. जैसे कहे वैसे करना.” फिर मुझे नंगी ही एक कुर्सी पर बिठा मेरे हाथ को मेरी चूत पर रखकर कहा, “चूत को छुपा लो, जब पापा कहे तभी दिखाना.” संजना की हर्कतो से बहाल हो चुकी थी. नंगी होकर गदराई चूत को हाथ से ढॅक कर बैंठी थी.
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