मै मुंबई का रहने वाला हु | मेरी उम्र ४१ साल है. मेरी पत्नी का मुझसे तलाक हो चुका है. मेरी पत्नी ने अपने बचपन के जमाने के एक दोस्त से अपना रिश्ता स्वीकारते हुए मुझसे तलाक ले लिया. तबसे मैं अकेला हूँ. यह करीब १९ साल पहले की बात है. करीब सात महीने पहले हमारे घर के सामने एक नया परिवार रहने के लिए आया. वे पति पत्नी और उनकी एक बीस साल के बेटी. मैं खुश हुआ कि मुझे नए दोस्त मिल गए. हम लोगों की दोस्ती हो गई. खूब महफिलें जमने लगी. उनकी बेटी मुझसे बहुत हिलमिल गई. वो मुझसे घंटों बतियाती. मुझसे हर तरह के सवाल पूछती. वो मेरी दोस्त बन गई. बारिशों के मौसम आ गए थे. एक दिन खूब बरसात हो रही थी. सन्नी ( उसका यही नाम है ) एक प्लेट में कुछ पकौड़े मेरे लिए लेकर आ गई. उसने छटा लगाया हुआ था लेकिन फिर भी थोडा भीग गई. उसने कहा ” आप यह खाइए मैं और लेकर आती हूँ.” इस बार जब वो लौट रही थी कि तेज हवा ने उसका छटा उलटा कर दिया और वो पूरी तरह से भीग गई. उसने मुझे प्लेट पकड़ाई और बोली ” मुझे कपडे बदलने पड़ेंगे. मैं आपका कोई टी शर्ट पहन लेती हूँ.” वो मेरे कमरे में चली गई. मैं पकौड़े खाने लगा. तभी मुझे ख्याल आया कि आलमारी ई चाबी तो मेरे पास है. मैं सन्नी को चाबी देने के लिए मेरे कमरे में चला गया. मैंने देखा कि सन्नी ने अपना टी शर्ट उतार दिया है और तौलिये से अपना बदन पौंछ रही है. उसका गोरा गोरा चिकना उपरी हिस्सा गीला होकर चमकने लगा था. ना जाने कितने सालों बाद मैंने किसी महिला को इस तरह से देखा था. मैं उसे देखता रह गया. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | उसने जब अपना बदन पौंछ लिया तो तौलिया नीचे रखकर टी शर्ट खोजने लगी. वो केवल अपनी हरे रंग की ब्रा में थी. मेरी नज़रें बार बार उसके इस खुले हुए जिस्म को देख रही थी. उसे जब कोई टी शर्ट नहीं दिखा तो वो मुझे आवाज देने के लिए मुड़ी तो मुझे सामने देखकर चौंक गई. हम दोनों की नजरें मिली. सन्नी ने मेरी आँखों में एक अलग तरह का रंग नजर आया. ना जाने ऐसा क्या हो गया कि वो मुझे देखकर मुस्कुराई और बोली ” क्या आप को मैं इस तरह बहुत अच्छी लग रही हूँ?” मैं कुछ नहीं बोल पाया. बस उसकी तरफ देखता रहा. वो चलकर मेरे पास आकर खड़ी हो गई. अब उसका खुला हुआ सीना मेरे सामने था. सन्नी बोली ” आप इस तरह से चुप क्यूँ है.” मैंने अपनी नजरें झुका ली. सन्नी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपने हाथ में लेकर बोली ” आप डरो नहीं. हम दोस्त हैं. दोस्ती में डर कैसा.” सन्नी ने अपने आप को मेरे सीने से लगा लिया. एक साथ हजारों बिजलीयाँ चमकी और मैंने सन्नी को अपनी बाहों में भर लिया. हम दोनों ऐसे मिले जैसे बरसों के बिछुड़े हुए प्रेमी आपस में मिले हों. सन्नी ने मेरा टी शर्ट खोला और हम दोनों छत पर बारिश में आ गए. सन्नी अभी भी ब्रा और कैप्री में थी. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
सन्नी का जवान जिस्म मेरे जिस्म में गर्मी और भूख बढ़ाने लगा. मैंने अब सन्नी के बदन पर अपना हाथ फिराना शुरू किया. सन्नी सिमटकर मेरी बाहों में कसमसाने लगी. फिर अचानक उसने मुझे होंठों पर चूम लिया और कुछ इस तरह नीचे लटकी कि हम दोनों जमीन पर गिर गए. अब हम आपस में लिपटे एक दूजे को चूमने लगे. अब मैंने सन्नी की कैप्री उतारनी शुरू की. सन्नी ने मेरा भी शोर्ट खोल दिया. फिर सन्नी ने अपनी ब्रा उतार दी. अब हम दोनों केवल अपनी अंडर वेअर्स में रह गए. जब तक बारिश रही हम दोनों ऐसे ही लिपटे एक दूजे का जिस्म चूमते रहे. करीब दो घंटों के बाद सन्नी ने मेरे होंठ जोरों से चूसे और अपने कपडे पहनकर घर भाग गई. मैं पूरी रात सन्नी के बारे में सोचता रहा. आज की घटना का मुझे अब तक यकीन नहीं हो रहा था. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
इस घटना के बाद से अब सन्नी मुझसे काफी खुल गई थी. जब भी वो अकेली आती तो आते ही मुझे लिपट जाती. इस तरह से कई दिन बीत गए. एक दिन मैंने सन्नी को दोपहर में बुलाया. उसके घर में सभी बाहर गए हुए थे. मैं और सन्नी मेरे बेड रूम में थे. हम दोनों एक दूजे को चूमने में लगे थे. तभी मैंने अपने और सन्नी के सभी कपडे उतार दिए. सन्नी कुछ समझे उसके पहले ही ने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उस पर लेट गया. सन्नी ने मेरे कान में कहा ” कंडोम तो लगाओ.” बस फिर क्या था मैंने उस दिन सन्नी को अपना बना लिया. दो घंटों तक सन्नी का जननांग मेरे लिंग के साथ खेलता रहा. अब तो हर दूसरे तीसरे दिन सन्नी आ जाती और हम दोनों हमबिस्तर हो जाते. कभी कभी तो ऐसा हो जाता कि उसके घर में कोई ना होता और मैं घंटों उसे संतुष्ट करता रहता. सन्नी गज़ब की हिम्मतवाली लड़की थी. एक बार तो मुझे तीन तीन कंडोम इस्तेमाल करने पड़े फिर भी सन्नी नहीं थकी और मैं पस्त होकर लेट गया. अब दिन-ब-दिन सन्नी और मैं एक दुसरे में खोते जा रहे थे. एक दिन सन्नी रात को मेरे घर ठहर गई. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | उसने कहा कि वो पूरी रात मेरे साथ बिताना चाहती है क्यूंकि वे लोग लुधिअना शिफ्ट हो रहे हैं और अब मिला मुश्किल होगा. सन्नी सारी रात मेरे साथ रही. हम दोनों पूरी रात नहीं सोये. कोई शायद विश्वास नहीं करेगा . उस रात मैंने चार कंडोम इस्तेमाल किये. सन्नी के चेहरे से बार भी नहीं लगा कि उसे कोई थकावट हो रही है. वो हर बार पूरे जोश से अपना जननांग मेरे लिंग से मिलवाती और फिर उसे तब ताका बाहर नहीं आने देती जब तक कंडोम गाढे रस से नहीं भरा जाता. आज सन्नी मेरे पास नहीं है लेकिन मुझे वो बहुत याद आती है. अगर मेरी सन्नी तुम मेरी ये कहानी पढ़ रही हो तो प्लीज मुझे एक बार फोन कर दो मै तुम्हारे बिना बेचैन रहता हु डिअर |