हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम निमान्शी है. मेरी उम्र 31 साल है और मेरी शादी को 3 साल हो गये है, मेरा फिगर साईज 36-32-34 है और ये कहानी एक साल पहले की है. में और मेरे पति सऊदी में रहते थे, लेकिन उनका प्रमोशन सिंगापुर हो गया था और मुझे वीजा ना मिलने के कारण वहीं रहना पड़ा.
फिर ऐसे ही 2-3 महीने तो गुज़र गये, लेकिन अब मुझे रातें लंबी लगने लगी थी. अब मेरी तन्हाई मुझसे अलग नहीं हो रही थी, अब में खुद को कोस रही थी कि में कितनी पागल हूँ जो इससे शादी की. तभी मैंने फेसबुक चलानी शुरू कर दी, अब वहाँ मेरे बहुत दोस्त बने और उनमें एक इंडियन भी था गणेश, वो भी शादीशुदा था और उसके एक लड़की भी थी. अब हम थोड़े दिन के बाद बेस्ट फ्रेंड बन गये थे.
फिर हमने अपने फोन नंबर एक्सचेंज किए और अब हम दिन रात बात करने लगे थे, लेकिन मुझे उसके लिए कोई गंदी फिलिंग नहीं आती थी. फिर मेरी कंपनी ने 25 दिन की छुट्टियाँ दी तो मैंने सोचा कि क्यों ना इंडिया जाया जाए?
मेरी फ्लाईट सुबह की थी. फिर में रात मुंबई पहुँच गई और जब वहाँ बहुत सुनसान था तो मैंने सोचा कि अब क्या करूँ? फिर याद आया कि गणेश भी तो मुंबई रहता है. जब मैंने उससे कहा कि में मुंबई में हूँ तो वो खुशी से पागल हो गया. अब मुझे कुछ समझ में नहीं आया था. फिर थोड़ी देर में वो मुझे लेने आया, वो दिखने में बहुत स्मार्ट था और जब मैंने डीप ब्लाउज टॉप पहना हुआ था तो अब वो मुझे बस घूरे जा रहा था.
फिर उसने कहा कि कहाँ चले? तो मैंने कहा कि तुम्हारे घर चलते है. अब वो थोड़ा नाराज़ सा हुआ. फिर वो अपनी कार में मुझे अपने घर ले गया. फिर उसने वहाँ मुझे अपने पेरेंट्स और वाईफ से मिलाया और झूठ कहा कि ये मेरे दोस्त की वाईफ है और अभी सऊदी से आई है और 3-4 दिन यहीं रुकेगी, लेकिन अब उसकी पत्नी शायद मुझे और गणेश को देखकर बड़ी नाखुश दिख रही थी.
फिर हम सब खाना खाने के लिए टेबल पर बैठे और गणेश और उसकी बीवी खाना परोस रही थी और जल भी रही थी. फिर हमने 1 घंटे तक बहुत बातें की और फिर हम सो गये, लेकिन अब मुझे नींद कहाँ आने वाली थी? अब में बहुत तन्हा थी तो अपने कमरे में घूम रही थी. फिर मैंने देखा कि गणेश टायलेट की तरफ जा रहा है तो मैंने उसका पीछा किया और बाथरूम के दरवाजे पर अपने कान लगा लिए और सुनना चाहा तो शायद वो मेरा नाम ले रहा था, अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था. फिर 10 मिनट के बाद वो अपने कमरे में चला गया और सो गया.
अब अगले दिन क्रिसमस था तो हमने सोचा कि पार्टी करते है, क्योंकि उसके घरवाले गावं गये थे और उसकी बेटी मौसी के पास गई थी. फिर हम दो बोतल वोड्का और स्नेक्स ले आए. फिर हमने खूब ड्रिंक किया और डांस भी किया. हम उस समय गणेश के बेडरूम में थे. फिर हमारी ड्रिंक ख़त्म हुई तो गणेश ने कहा कि में और बोतल लाता हूँ और इतने में लाईट चली गई. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
अब गणेश की बीवी जो सोफे पर बैठी थी तो वो वहीं सो गई थी और में उसी के बेड पर ही लेट गई थी. तभी गणेश कमरे में आया और उसे लगा कि सब सो गये है तो वो भी बेड पर लेट गया, लेकिन उसे पता नहीं था कि में उसकी बीवी कीर्ति नहीं बल्कि निमान्शी हूँ. फिर वो कहने लगा कि कीर्ति तुम निमान्शी से जला मत करो, ये सिर्फ़ मेरी अच्छी दोस्त है. अब में ये सब सुनकर बहुत खुश हुई कि ये कितना अच्छा इंसान है.
फिर तभी मुझे कुछ चुभने जैसा महसूस हुआ और वो उसका लंड था, जो मेरे सूट के अंदर घुसे जा रहा था. फिर उसने कहा कि यार मैंने इतने दिन से तुम्हें प्यार नहीं किया और आज में तुम्हें खुश कर दूंगा. अब में डर भी रही थी और मुझे मजा भी बहुत आ रहा था. तभी उसके हाथ मेरे बूब्स पर आ गये और उसने मुझे अपनी और खींच लिया और किस करने लगा.
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