गतांग से आगे…..
किस करने के लिए जब मैं लोक करने जा रही थी दरवाजे को )ऋषि और उस के एक दोस्त ने अन्दर कदम रखा और वह सोफे का नजारा देख के वह चिल्ला पड़ा बहन***** क्या हो रहा है यह साले हट वह से तेरी माँ की ****मैं अन्दर तक कांप गई ऐसा लग रहा था की जमीन फट जाये और मैं उस में समां जाऊं ऋषि – कमलेश भाई पकड़ साले को माँ चो** देंगे साले की मेरी बहन के साथ क्या कर रहा हे यह कमलेश – ठीक है ऋषि धर्मेश – अरे सुनो तो मैं जल्दी से अपने कपडे समेट के अपनी नंगे शरीर को छुपाते हुए अपने कमरे की तरफ भागी पलट के पीछे देखा तो ऋषि ने धर्मेश को धक्का दे दिया था पर कमलेश मेरे तरफ देख के हंस रहा था मुझे गुस्सा भी आया और शर्म भी मैं सीधे अपने कमरे में भाग गई अन्दर मैं जल्दी से अपनी ब्रा पेंटी पहन के जल्दी से बाकि के कपडे पहनने लगी तब तक धर्मेश के पिटने की आवाजे आती रही मैं कपडे पहनते हुए सोचने लगी की अब मैं मर गई भाई पापा को बता देगा और कमलेश मुझे पूरी कालोनी में बदनाम कर देगा चूत तो चुदाने मिली नहीं और बदनामी मुफ्त में मिल रही है. मैं कपडे पहन के अपने बेड पर जा के लेट गई मैंने सोचा की भाई आएगा तो क्या कहूँगी पर होना कुछ और था आज रिश्ते बदनाम होने थे भाई का सामना करने के बारे में सोचने रही थी वह कमलेश मेरे भाई को कुछ और समझा रहा था यह बात मुझे बाद में पता चली की कमलेश ने भाई को कहा की यार ऋषि मिठाई का डब्बा घर में रखा हो तो खाने की बनती है कोई बाहर वाला ( धर्मेश ) खाले यह गलत है | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | और फिर हम अगर कुछ कर भी ले तो तेरी बहन को कोई कमी थोड़ी हो जाएगी समुद्र में से एक दो लोटे निकाल लो तो पानी कम थोड़ी हो जायेगा तेरी बहन तो जवानी की आग में जल ही रही है यह लौंडा नहीं तो कोई और आ जायेगा उसे चोदने के लिए चूत तो है ही चुदने के लिए हम चोद ले तो हमारी नहीं तो बाहर वाला मजे ले जायेगा और हम ताकते रह जायंगे वैसे भी हम एक बार कर ले तो चूत का क्या बिगड़ जायेगा ( सच तो यह है की शायद भाई भी चाहता था की उस के बहन की जवानी का मज़ा लूट लिया जाये) उस ने कमलेश का साथ दिया और फिर उस ने मेरे कमरे में कदम रखा तो मैं सकपका गई मेरा रोना छूट गया मैंने रोते हुए भाई को कहा की भाई धर्मेश और मैं एक दूसरे से प्यार करते हैं हम शादी करने की सोच रहे हैं उस का ऍम. बी. बी. एस. हो जाये तो वह पापा मम्मी को भेजेगा हमारे यहाँ बात करने मैं अपनी ही धुन में कहे जा रही थी मैंने यह नहीं देखा की ऋषि वासना भरी नजरो से मुझे घूर रहा था फिर पीछे से कमलेश ने कमरे में कदम रखाअनुपमा – ऋषि कमलेश को कहे की वो बाहर निकल जाये यह हमारे बीच के बात है.कमलेश – क्यूं जब वह सोफे पर नंगी हो हो के चुदवा रही थी तब गेट बंद नहीं किया तब ध्यान नहीं आया की कोई आ जायेगा.अनुपमा – ऋषि इसे बाहर निकालो ना देखो न कैसी गन्दी भाषा में बात कर रहा ही मुझ से .कमलेश – अरे अभी गन्दा काम खुद कर रही थी ऐसी चुदास लग रही थी तो हम से कह देती बाहर वाले को बुलाने की क्या जरुरत थीअनुपमा – बन्तीईईईए चुप हो जा ऋषि कुछ कहते क्यूं नहीं अपने दोस्त कोऋषि – चुप साली एक तो घर में लौंडे बुला के मुह कला करवाती है और हमें चुप रहने को कहती हैमैं सन्न रह गई की भाई कैसी भाषा में मुझ से बात कर रहा है मैंने कहा की तुम दोनों बाहर निकल जाओअनुपमा – ऋषि तुम अपने दोस्त को ले के चले जाओ वरना मैं पापा मम्मी से तुम्हारी शिकायत कर दूंगीऋषि – तू क्या शिकायत करेगी वो तो मैं करूँगा तेरी अगर तुने मेरी बात नहीं मानी तो बताऊंगा की कैसे तू उस के साथ चुदवा रही थी. शादी करनी है तो ठीक है पर चुदाई करवाने कैसे बैठ गई तू.मैं चुप हो गई मुझे समझ में नहीं आया की क्या कहूं मुझे कुछ समझ में नहीं आया की क्या कहूं क्या करूअभी मैं कुछ समझ पाती की कमलेश आगे आया और मुझे बाहों में भर के मुझे किस करने लगा मैंने उस को धक्का दिया और ऋषि के तरफ देख के बोला की ऋषि ऐसे क्या देख रहे हो यह तुम्हारी बहन की इज्जत पर हाँथ ड़ाल तुम खड़े होऋषि – खड़ा तो मैं हूँ ही और मेरा लंड भी खड़ा हो रहा है तेरी जवानी देख के जब तू नंगी भाग रही थी ना तो पेंट में फनफना उठा था मेरा लौडा.कमलेश – साली तेरी जवानी देख के तो पूरा मुहल्ला तेरा दीवाना हो जाये हम दोनों की क्या हैअनुपमा – ऋषि तुम दोनों निकल जाओ मेरे कमरे से वरना मैं चिल्लाउंगीकमलेश – चिल्लाएगी साली क्यूं तू चाहती है की हम तेरे हाँथ पैर बाँध के तेरे साथ वो सब करे जो तुम अभी मजे ले के कर रही थी | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | शांति से हम दोनों को खुश कर दे वरना आज तेरी इज्जत लूटनी पड़ेगी हमें कहते हुए उसने मुझे धक्का देके बेड पर गिरा दिया फिर उस ने ऋषि से कहा की ऋषि आजा अब किस का इंतज़ार कर रहा हैऋषि – इंतज़ार किस का करू कमलेश यार लौड़े को बहुत सरका लगा लगा की शांत किया है आज जब मौका है तो चूत को छोड़ दूंगा क्या?कमलेश – तो फिर आ जा जल्दी से कहते हुए उस ने मेरी स्कर्ट के अन्दर हाँथ ड़ाल दिया और मेरी चूत को मसल मसल के देखने लगाऋषि – सुन कमलेश पहले मेरी बारी क्यूंकि माल तो मेरे घर का है ना तो चूत के दरवाजे मेरे लौड़े से ही खुलेंगे फिर ऋषि ने मुझ से कहा की क्यूं साली छिनाल पहले कितनो के साथ चुदवा चुकी है?अनुपमा – भाई ऐसा मत करो मेरे साथ मैं तुम्हारी बहन हूँ कुछ तो सोचो भगवान् के लिए मैंने कभी किसी के साथ कुछ नहीं किया है मैं कुवारी हूँ अभी तक.ऋषि – भाई वाह आज तो मज़ा आ गया कुवारी लड़की की सील तोड़ने का मौका मिला है आक्जो कमलेश भाई मज़ा आ गया कहते हुए उस ने मेरे रोने को ना देखते हुएमेरे स्कर्ट को खींच के उतार दिया मैं हाँथ जोड़ के कहने लगी के प्लीज मुझे छोड़ दो लेकिन उन लोगो को सुनना थोड़ी था मेरी कोई बात वोह तो हवास की आग में पागल हो गए थे जैसे ही ऋषि ने मेरी स्कर्ट उतारी तो मेरी नंगी टाँगे देख के कमलेश पागल सा हो गया उस ने मेरी टांगो को ही जीभ से चाटना शुरू कर दियाऔर ऋषि बेड पर आ गया और मेरी पेट पर बैठ के मेरे टॉप को उतरने लगा तो मैंने अपने टॉप को पकड़ लिया तो उस ने गुस्से में उसे फाड़ दिया अब मेरा फटा हुआ टॉप एक तरफ गिरा पड़ा था उस ने गुस्से में मेरी ब्रा भी खीची तो वो भी तार तार हो गई ऋषि मेरे बूब्स को मसलने लगा कहने लगा की हाय रे कैसे प्यार हैं इतने गोरे ढूध तो मैंने कभी ब्लू फिल्मो में भी नहीं देखे हैं कहते हुए उस ने मेरे निप्पलस को खीचना शुरू कर दिया मुझे दर्द होने लगा मैंने कहा भाई ऐसा मत करो प्लीज मुझे लग रही है तो उस ने मुझे चांटा मारा और कहा की अब मुझे भाई कहा तो साली काट के रख दूंगा तेरे निप्पलस को ऋषि ने मेरे बूब्स को और जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया वह कमलेश मेरे टांगो को चाट रहा था और धीरे धीरे ऊपर की तरफ बाद रहा था उस ने ऋषि को देख के मेरी पेंटी भी फाड़ के ही उतारीअब मेरे शरीर पर कपड़ो के नाम पर कुछ चिंदिया लटक रही थी | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | उस ने मेरी टांगो को फेलाने की कोशिश की तो मैंने जोर लगा के अपनी चूत को छिपा लिया टांगो को क्रोस में बंद कर लिया तो कमलेश ने ऋषि को कहा की ऋषि यह साली तो कुछ करने नहीं दे रही है यार टाँगे बंद कर ली साली ने तो ऋषि ने कहा की रुक जरा और कहते हुए उस ने मेरे निप्पलस को खीचना शुरू कर दिया ऊपर की तरफ मैं दर्द से चिल्ला पड़ी तो उस ने कहा की टाँगे खोल ले नहीं तो खींच के इतने लम्बे कर दूंगा की घुटनों तक लटकेंगे मैंने कहा ठीक है ठीक है मैं खोल रही हूँ टाँगे प्लीज निप्पलस को छोड़ दो कहते हुए मैंने अपनी टाँगे फैला लीतो ऋषि ने कहा की हरामी छोड़ने मत लग जइयो पहले मैं चोदुंगा तो कमलेश ने कहा नहीं यार पहले तेरी बारी है मैं तो सिर्फ चाट के थोडा रस पी रहा हूँ कुवारी चूत काकहते हुए उस ने मेरी चूत में ऊँगली ड़ाल दीकमलेश – हाय रे देखो तो कितनी गरम है चूत इसकी लगता है भट्टी लगा रखी है अन्दर ऋषि – अच्छा ! बूब्स भी बड़े मस्त है छिनाल के कहते हुए ऋषि मेरे ऊपर से उठ गया और बोला की अब तो साला लौडा पेंट के अन्दर रुक ही नहीं रहा कहते हुए उस ने अपनी पेंट अंडरवेयर समेट उतार कर फेक दी तो कमलेश ने मेरे चूत की फाको को अलग किया और उस के अन्दर अपनी जीभ ड़ाल दी और चूत के जी स्पोट को मसलने लगा उस ने मेरी चूत को चाट चाट के गीला कर दिया ऊपर से मेरी चूत को मसल मसल के लाल कर दिया अब मुझे भी मजा आने लगा था तो anjane में ही मैं अपनी चूत को उछलने लगी अपने आप ही मेरे अन्दर मस्ती आने लगी जब कोई लड़की मस्त हो जाती है तो उसकी कमर में अपने आप लोच आ जाती है उस की कमर अपने आप मचलने लगती है तो यह देख के कमलेश ने कहा की ऋषि भाई चूत पर मस्ती छाने लगी है चुदाई के लिए तैयार यह छेद यह सुन के ऋषि मेरे ऊपर से उठ गया और अपने लौड़े को मसलते हुए बोला की तो फिर मेरी बारी शुरू मेरे बाद तू निपट लेना मैंने देखा की ऋषि का लंड काफी बड़ा था मैंने धर्मेश का लंड तो कभी देखा नहीं था तो कह नहीं पाई की किस का बड़ा है ऋषि ने कहा की अनुपमा तैयार हो जा चुदाने के लिए कहते हुए उस ने मेरी चूत पर अपना लौडा रख दिया मस्ती तो मुझ पर भी छ गई थी पर मैं कुछ कह नहीं रही थी अपने आप को मैंने कंट्रोल कर रखा था फिर ऋषि ने मेरी चूत के छेद पर अपने लंड का दबाव बढाया तो लंड थोडा सा अन्दर गया पर मुझे ऐसा लगा की किसी ने चूत में चाकू ड़ाल दिया हो मेरी चूत में दर्द होने लगा तब तक ऋषि ने थोडा और जोर लगा के अन्दर डालने की कोशिश की तो मैं दर्द से चिल्ला पड़ीअनुपमा – ऋषि छोड़ दो मुझे लग रही है बहुत दर्द हो रहा है नीचेकमलेश – चुप रह साली कुवारी चूत है पहली बार तो लगेगी ही जब उस लौंडे से चुद्वाती तो नहीं लगती क्याऋषि – अनुपमा चुप चाप कर लेने दे नहीं तो मैं जबरदस्ती ड़ाल दूंगा प्यार से चुद्वायेगी तो आराम से करूँगामैं चुप चाप हो के वापस लेट गई तो ऋषि ने धीरे से थोडा और अन्दर ड़ाल दिया और मैं फिर दर्द से तड़प उठी ऋषि ने धीरे धीरे अपना लंड अन्दर पलना शुरू कर दिया मैं दर्द सह के लेती रही ऋषि आराम से ड़ाल रहा था | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | उस ने वापस निकाल लिया अपने लंड को और फिर एक बार धीरे से अन्दर ड़ाल दिया ऐसा करते करते उस ने अपने लौड़े को अचानक मेरी चूत में पूरा पेल दिया मैं दर्द से उचक गई आँख से आंसू निकल आये तो ऋषि ने कहा की अब बस पूरा चला गया है अब दर्द नहीं होगाकहते हुए ऋषि ने मेरे चूत को छोड़ना चालू कर दिया धीरे धीरे उस ने अपने लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया तब तक कमलेश भी अपने कपडे उतार के नंगा हो गया था उस का ऋषि के मुकाबले थोडा छोटा थाकमलेश – ऋषि भाई मैं क्या अपना लौडा हाँथ में लिए खड़ा रहूँ क्या ?ऋषि – अरे यार तो मैं करू ? एक काम कर ना ब्लू फिल्मो की तरह तूभी अपना लौडा चुसवा के देख मजा आता होगा उस में भी कमलेश को बात जम गई वो मेरे ऊपर आ गया और अपना लंड मेरे मुह के पास लाते हुए बोला की चल जरा चूस के दिखा मेरे लौड़े को देखे तो कैसा मज़ा आता है मैंने कहाअनुपमा – छी छी मैं नहीं लेती मुह में गन्दा होता है यहकमलेश – साली नखरे ना कर अब जल्दी से मुझ भी खुश करना शुरू कर दे नहीं तो तेरी गांड में ही पेल दूंगाऋषि – ले ले अनुपमा वरना अभी तो चूत में दर्द है बाद में गांड में भी दर्द हो जायेगा हा हा हा….
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