मेरी गर्लफ्रेंड की वर्जिनिटी

दोस्तों, मैं हमेशा चोदने के इरादे से ही लड़कियों की और देखता हूँ | और मुझे कभी प्यार हुआ ही नहीं | ऐसा नहीं है | बात मेरे कॉलेज के आखरी साल की है. मैं फाल्गुनी से अपने एक दुसरे दोस्त के माध्यम से मिले. मैं इंजीनियरिंग कॉलेज में था, हमारे कॉलेज के पास ही उसी यूनिवर्सिटी में साइंस कॉलेज भी था. फाल्गुनी का भी आख़री साल था बी.सी.ए. का, कंप्यूटर में. अब आप समझ ही गए होगे के इन्जीनीयरिंग में एकदम सूखा पड़ा रहता था लड़कियों का, और हम लोग कॉलेज से आते जाते इन लड़कियों को ताड़ते रहते थे और तरसते रहते थे के हमारी कलास में होती तो कम से कम आँखें गरम कर लेते. मैंने फाल्गुनी को पहले कई बार देखा था, मुझे तीन साल से ऊपर हो गए थे उसी रास्ते से जाते जाते और उसे कोई ढाई साल. काफी सालों से जो लोग दोस्त प्रतीत होते थे, कुछ प्रेमी-प्रेमिका बन गए थे. शायद इस कारण के उन्हें लगता था के इसके बाद पता नहीं मिल पायेंगे के नहीं. या ये डर के कहीं कोई और उनके प्रेमियों को न उड़ा ले. खैर, सार ये के मेरे दोस्तों में से हर कोई गर्ल-फ्रेंड बनाने की धुन में था. और खाली शारीरिक ज़रूरतों के लिए ही नहीं, बल्कि शादी के इरादे से. अब ऐसे में काफी मुश्किल है इस सब से अछूत रहना. मैंने फाल्गुनी को काफी लड़कों के साथ देखा था, सो जब मैं उससे मिला और उसने बताया के उसका कभी बॉय-फ्रेंड नहीं रहा है, तो मुझे ख़ुशी भी हुई और आश्चर्य भी. लेकिन ये मानना उतना मुश्किल भी नहीं था. मेरा काफी लड़कियों से पाला पडा था, जो एकदम “कूल” लगती थी, हर तरह की बातें कर लेती थी लेकिन कभी किसी रिश्ते में नहीं पडी थी. खैर, फाल्गुनी की एक सहेली, रिया, मेरे एक जानकार की गर्ल-फ्रेंड थी. और मेरा ये जानकार, राधेश्याम, एक नम्बर का हरामी था. उस ने रिया को ज़बरदस्त तरह तरह से चौदा भी और सोते में उसकी नंगी तसवीरें उतार के हमे दीखाई भी. यहाँ तक कि, मौका देख के रिया की २ साल छोटी बहन को भी बहला फुसा के अपना लंड चूसा दिया, बिना रिया को भनक लगे. ऊपर से एक नंबर का रंडी बाज, सो उसे वैसे भी परवा नहीं थी के रिया उसके साथ रहे या न रहे. हम लोग उससे थोड़े दूर ही रहते थे. फाल्गुनी से पता चला के उसे भी राधेश्याम कोई ज्यादा पसंद नहीं है. उसने कभी ये नहीं बताया के राधेश्याम ने उसके साथ भी चालबाजी करने की कोशिश की के नहीं, लेकिन फाल्गुनी जैसी माल और कूल लडकी के पीछे वो न पड़ा हो, असंभव है. फाल्गुनी उस प्रकार की लडकी थी के उससे पहली बार बात करो तो लगता था के पता नहीं कब से जानते हो. मेरी उम्र कोई २१ की रही होगी और २-३ बार मैं अच्छे अच्छे काण्ड कर चुका था. फाल्गुनी तब २० साल की थी और मासूमियत और स्मार्ट नेस का अच्छा मिश्रण थी. ज्यादा नहीं, कोई ५’४”-५’५” रही होगी, ज्यादा जिम वगैरा तो नहीं जाती थी, लेकिन उसकी कुदरती अच्छी फिगर थी. कैसे भी कपडे पहनती, एकदम खिल जाती थी. मैं भी उस वक्त उसपे कुछ ज्यादा ही सेंटी था, तो शायद मेरा वर्णन थोडा अति हो रहा हो, लेकिन वो वाकई में बहुत खूबसूरत थी. एक बात, जो मुझे शुरू में बिलकुल नहीं खटकी, ये थी के वो अपने माता-पिता के कुछ ज्यादा ही करीब थी. अधिकतर लड़कियां होती हैं, लेकिन जब हॉस्टल में रहते हुए भी माता-पिता को सब दोस्तों के, सब टीचरों के, सब दोस्तों के बॉय फ्रेंड, गर्ल फ्रेंड्स के नाम पता हों तो कुछ ज्यादा ही है. मैं उसके साथ एक फिल्म देखने पहली बार गया तो वो भी अपनी माँ को बता दिया. मुझे लगा के अच्छी बात है, मैं उसके परिवार के करीब हूँगा और बात आगे बढ़ती रहेगी. आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | और ऐसा होता भी, अगर रिया ने फाल्गुनी को एक सुझाव न दिया होता. हुआ यूँ के मेरी इंग्लैंड में एक कंपनी में ३ महीने की इन्टर्नशिप लग गयी. मैं बहुत खुश, फाल्गुनी बहुत खुश और मुझे पता चला के उसके माता-पिता भी बहुत खुश. हैरानी इस बात की थी के फाल्गुनी के किसी भी दोस्त, भले ही कितने दूर का हो, के साथ कुछ हो, उसके माता पिता की हमेशा कोई राय होती थी. अब मैं सोचता हूँ तो लगता है के अच्छा हुआ के मेरी फाल्गुनी से शादी नहीं हुई क्यूंकि ज़िंदगी भर झेलना मुश्किल हो जाता. खैर, इन्टर्नशिप का मतलब ये था कि मैं फाल्गुनी से ३ महीने के लिए दूर रहूँगा. ये बड़ी बात नहीं थी क्यूंकि मैं हर रोज़ उसको फ़ोन तो करता ही और हर हफ्ते हम लोग विडियो-चैट भी करते. हमारा कोई शारीरिक रिश्ता था नहीं क्यूंकि फाल्गुनी के माता-पिता की सोच थी कि शादी से पहले सेक्स नहीं और फाल्गुनी का भी यही मानना था. अगर आप लोग कभी किसी के प्यार में पड़े हो, तो आप को समझ में आ ही जाएगा कि मेरे दिमाग में भी कभी शादी से पहले फाल्गुनी के साथ सेक्स का ख्याल नहीं आया. लेकिन तकदीर को कुछ और ही मंजूर था और रिया ने फाल्गुनी के दिमाग में कुछ बात ड़ाल दी. मुझे ये सब काफी बाद में थोडा अजीबो गरीब तरीके से पता चला, लेकिन जो हुआ, उसका विवरण ये है: रिया ने फाल्गुनी को बताया के रियाय लड़के जब फोरेन जाते हैं, तो पूरे टाइम गोरी लड़कियों की लेने के चक्कर में लगे रहते हैं. इस बात में सच भी है लेकिन मैं उस समय थोडा अलग था. रिया ने फाल्गुनी से पूछा कि हम लोगों ने आपस में क्या किया है और वो बड़ी हैरान हुई जब उसे पता चला के हम लोगों ने कभी किस्स भी नहीं किया. उस ने फाल्गुनी से पूछा – “तुम लोगों ने अब तक किस्स भी नहीं किया तो कैसे बॉय-फ्रेंड गर्ल-फ्रेंड बोलते हो एक दूसरे को?” तो फाल्गुनी बोली – “लेकिन मम्मी मना करती हैं शादी से पहले कुछ करने से और मैं भी शादी से पहले अपनी वर्जिनिटी नहीं खोना चाहती.” रिया ने जवाब दिया – “बिना वर्जिनिटी खोये भी बहुत कुछ किया जा सकता है, लेकिन सोचो, तुमने कभी उसको किस्स भी नहीं किया और हर किसी को अपनी पहली किस्स पूरी ज़िंदगी याद रहती है, सोचो अगर इंग्लैंड में इसे कोई मिल गयी और दूसरे देश में कोई देखने वाला भी नहीं, तो तुम्हे तुरंत भूल जाएगा. ना भी भूले तो तीन महीने दूर रहने वाले हो, कोई अच्छी याददाश्त तो देनी चाहिए.” बात में थोडा दम था, लेकिन रिया जाने न जाने, फाल्गुनी नहीं जानती थी के मैं खेला-खाया हुआ इंसान हूँ. मेरे बिना शारीरिक नजदीकियों वाले नए नए प्यार के बारे में तो यूँ समझिये कि नौ सौ चूहे खा के बिल्ली हज को चली.  फाल्गुनी बोली – “अच्छी याददाश्त तो मैं भी देना चाहती हूँ, लेकिन मुझे तुम्हारा सुझाव चाहिए कि क्या करून और कैसे. मैंने अपनी ज़िंदगी में कभी किसी को किस्स भी नहीं किया.” रिया बोली -“ओह, फिर तो तुम्हे थोड़ी प्रेक्टिस करनी पड़ेगी.” फाल्गुनी बोली- “प्रेक्टिस, किस्स के लिए दौ लोग चाहिए. प्रेक्टिस और फ़ाइनल एक साथ ही होंगे.” रिया ने सीधे जवाब नहीं दिया लेकिन बोली – “तुम्हे किस्स के साथ और भी थोडा कुछ करना चाहिए. मैं बताती हूँ कहाँ तक जाना और कहाँ रुकना. आगे तुम्हारी मर्जी, लेकिन तुम जानती हो राधेश्याम मेरा तीसरा बॉय-फ्रेंड है. मैं भी तुम्हारे जैसी थी, मेरे पिछले दोनों बॉय-फ्रेंड्स खोने के बाद समझ में आया के बॉय फ्रेंड को कैसे अपने साथ रखना है. मैं खाली अपना अनुभव बताना चाहती हूँ, तुम्हे ठीक न लगे तो न करना.” “नहीं नहीं, बताओ ना.”, फाल्गुनी बोली. “फिर पहली बात ये के थोड़ी किस्स की प्रेक्टिस करो, नहीं तो जब मुंह से मुंह लगेगा और अन्दर से गीला गीला लगेगा, तो घिन आयेगी. थोड़ी प्रेक्टिस से आदत सी पद जायेगी.” “क्या बात कर रही हो, मैं किसी और लड़के से किस्स करने की प्रेक्टिस करूँ?” फाल्गुनी ने परेशान हो के कहा. “नहीं, लेकिन मैं जानती हूँ कि तुम किसी का झूठा भी नहीं खाती और एक गिलास से पीती भी नहीं, तुम्हारे लिए पहली बार किस्स करना मुश्किल होगा और मुझे डर है के कहीं तुम उल्टी ना कर दो”. आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | रिया ने तर्क बनाया. “सच बोलूँ तो मुझे भी यही डर है, लेकिन मैं क्या कर सकती हूँ?”, फाल्गुनी बोली. “ओ के, तुम जानती हो के मुझे इस बारे में काफी अनुभव है, तो मेरी राय मानोगी?” “हाँ, बोलो, है कोई रास्ता कि मैं थोड़ी प्रेक्टिस भी करूँ और किसी लड़के को भी किस्स न करना पड़े. मैं चाहती हूँ कि मेरा बॉय-फ्रेंड ही पहला लड़का हो जिसे मैं किस्स करूँ.”“मेरे बारे में क्या विचार है?” “मैं कुछ समझी नहीं? तुम मेरी दोस्त हो, तो अच्छा ही विचार होगा.” फाल्गुनी ने कहा “नहीं नहीं, मेरे साथ प्रेक्टिस के बारे में.” “ओह्ह…” अब फाल्गुनी को पूरी बात समझ में आयी. लेकिन ये समझ नहीं आया के कैसे जवाब दे. “देखो, मैं तुम्हारी दोस्त हूँ और तुम जानती हो के मुझे लड़कियों में कोई इंटेरेस्ट नहीं है, मेरा हमेशा बॉय फ्रेंड रहा है और मेरा उनसे शारीरीक सम्बन्ध भी रहा है. मैं सिर्फ तुम्हारी मदद करना चाहती हूँ. तुम्हे ठीक न लगे तो बता दो, हम कभी इस बारे में बात नहीं करेंगे. लेकिन मैं तुम्हारे और तुम्हारे बॉय-फ्रेंड के बीच में ज़िन्दगी भर का प्यार देख सकती हूँ और मैं नहीं चाहती के रिश्ते के शुरुआत में ३ महीनों की दूरी के कारण कुछ रुकावट आये. लड़के इस तरह के ही होते हैं, अगर साथ में नहीं हैं तो सब करतूतें सूझती हैं.” फाल्गुनी सोच में पड़ गयी, न तो ना बोलते बना न हाँ. “देखो तुम मेरा झूठा भी नहीं पीती, तो धीरे धीरे करते हैं. मेरे पास बीयर है, दोनों सहेलियां एक ही बोतल से पीते हैं, तुमसे बन पड़े तो आगे करेंगे, नहीं तो बात ख़त्म.” फाल्गुनी कभी कभार बीयर पी लेती थी तो उसे लगा की चलो, एक बोतल से ट्राई करते हैं, उसे पूरा यकीन था के वो कर नहीं पायेगी और बात आगे बढ़ नहीं पायेगी. उसने और लोगों को देखा था एक ही बोतल से बारी बारी पीते, सो उसे लगा के कोई बड़ी बात नहीं और कोशिश करने में कोई हर्ज नहीं. रिया बीयर ले आयी, फाल्गुनी के सामने बोतल खोली और पहला घूँट फाल्गुनी को भरने दिया. फाल्गुनी ने बोतल से मुंह लगाया, घूँट लिया और कोशिश की कि बोतल के मुंह पे बिलकुल भी गीलापन न रहे. जाहिर है, के ऐसा नामुमकिन है, तो उसने अपने रुमाल से बीयर की बोतल का मुंह साफ़ करने की सोची लेकिन रिया ने उससे पहले ही बोतल फाल्गुनी के हाथ से झटक ली. फिर रिया ने बोतल से एक घूँट भरा, नेपकिन से बोतल का मुंह साफ़ किया और फाल्गुनी को वापिस बोतल पकडाई. बोली-“लो, पहले साफ़ बोतल से ट्राई करो.” फाल्गुनी को लगा कि हाँ, ठीक ही तो है, कदम कदम करके आगे बढ़ो. उसने एक घूँट और ली. रिया ने ऐसा ३-४ बार किया. बोतल अब आधी खाली हो गयी थी और फाल्गुनी को हल्का हल्का नशा होने लगा था. आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |  अब रिया ने बोतल मुंह से लगाई और बिना पोंछे फाल्गुनी को बोतल पकड़ा दी. फाल्गुनी को दिल तो बहुत हुआ साफ़ करने का, लेकिन रिया उसका झूठा पहले ही पी चुकी थी, इसलिए उसे लगा के कम से कम कोशिश तो की जाए. जब वो बोतल के गीले मुंह को अपने होठों के पास लाई, उसे हल्की हल्की सी लिपस्टिक की महक आयी. वो इस महक को पहचानती थी क्यूंकि ये रिया के लिपस्टिक की महक थी. उस ने कोशिश की कि बोतल के मुंह की और न देखे, क्यूंकि गीलेपन पर नजर पड़ने पर पता नहीं वो पी पाए या नहीं. उसने जैसे ही बोतल को अपने मुंह से लगाया, हल्का सा गीलापन उसके होठों को छू गया. उसने अपने ऊपर थोडा काबू किया, मुंह खोला, हल्का सा घूँट लिया और बोतल वापिस रिया को पकड़ा दी. रिया ने उस की और ऐसे देखा जैसे वो कोई गोल्ड मेडल जीत के आयी हो. लेकिन फाल्गुनी को उस गीलेपन के होठों पे छूने से ऐसे लगा के अब तक उसके होठों पे कुछ रखा है, सो उसने अपने गीली जीभ को अपने होठों पे फेरा. उस ने बीयर की घूँट अपने हलक से नीचे उतारी ही थी कि रिया ने वापिस उसके हाथ में बीयर पकड़ा दी. कोई एक तिहाई बीयर बची थी अब उस बोतल में. रिया बोली – “एक घूँट में पी सकती हो?” रिया ने सोचा, चिंता की क्या बात है, चढ़ भी गयी तो इसी मंजिल पे उसका अपना कमरा है, नहीं तो रिया के साथ भी सो सकती है. उसने बोतल को अपने मुंह से लगाया और गटागट एक घूँट में बची हुई बीयर पी गयी. एकदम से उसे अपने दिमाग में हल्कापन महसूस हुआ और उसे अब झूठा पीना अजीब भी नहीं लगा. “शाबास”, रिया बोली. फाल्गुनी ने उसकी और देखा, रिया अब अपने हाथ में एक और बीयर ले के बैठी थी. फाल्गुनी ने शायद सोचा- “मैंने कभी आधी बोतल भी नहीं पी थी, आज इतनी पी ली है, लेकिन झिझक उतारने के लिए शायद पहली बार ज़रूरी भी है.” रिया ने एक घूँट पी, फिर बीयर वापिस फाल्गुनी को पकडाई फाल्गुनी ने एक घूँट और भरी. उसे हैरानी हो रही थी कि झूठा पीने पे बिलकुल अजीब नहीं लगा. बोली – “थैंक्स, रिया, पता नहीं क्यूँ पूरी ज़िन्दगी मैंने झूठा क्यूँ नहीं पीया. सब लोग मुझे थोडा अजीब से देखते थे जब मैं अकेली झूठा पीने से मना कर देती थी… कहानी जारी है …

आगे की कहानी पढने के लिए निचे दिए गए पेज नंबर पर क्लिक करे …|



hindisexstories.autocamper-service.ru: Hindi Sex Kahani © 2015


भाभी सेक्स पाहीजे"baap beti story"রাতে মায়ের পাশে শুয়ে দুধে হাত দিলাম"chachi ko blackmail karke choda"मोटा लड देखकर भाभी घबरा गई ओर बिस्तर पर लेटाकर चोदाmastram sex stories "bhai behan ki hindi sexy kahaniya""antarvasana hindi sexy story"बस में माँ की मजेदार चुड़ै देखि"choti bachi ki chudai ki kahani""bhatiji ki chudai""maa ki chudai hindi sex story""maa ki chut ka pani"मुझे रंडी कीतरह खूब छोडो सेल जल्दी करो कहानी हिंदी"மாமனார் மருமகள் கதைகள்"भाभी ने बाथरूम में वीर्य पिया इमेजchut marna hindi full storiesमेरी नेक बीबी चू दी गेर मर्द से मेरे सामने सेक्सी कहाणि हिंदीbaco ke bode masaz com saxi full"antarvasna bahu"maa beta ki hindi marathi sex stories"dog antarvasna"माँ ने कहा चोदेगा किया"sex kahani bhai behan"maa hamdardi mastram"maa sex story in hindi""गे सेक्स कथा""mastaram sex story"antarvasna"bhai behan sex story""maa beti sex story"ঘুমের ভান করে চোচুদিwww.free.hindi.sex.stores.com"mausi ki beti ko choda""sale ki beti ki chudai""bhabhi ki gand chati"Mom sex kahaniব্রার কথা শুনে মা লজ্জা পেলো চোদা চটি"antarvasna story 2016""sheela ki chudai""mami ko pataya"नानाजी के घर की चुदक्कड रंडीयाantarvasna अदरक"kamuk kahaniyan""bahan ki chudai hindi kahani"तेजी से धक्के लगा"sexy story baap beti"m.antarvasna.com"marathi kamukta com""kutta sex story""sex punjabi story"मेरे मन रख लिया दीदी ने सेक्स स्टोरीChacha ne Mummy ko patni banaya"chachi ke doodh""kamasutra hindi kahani""baap beti sexy story""gangbang kahani""हिन्दी सेक्स कहानियाँ""ચોદવાની વાત""sex kahani maa"चाची ने दिया कदम हिंदी स्टोरी"didi ki mast chudai"नंगी ही रहोगी चोदुंगा/chudai-ki-kahani/parlour-vali-aunty-ki-badi-chut-mari.html"antarvasna website paged 2""khet me maa ki chudai""mami ki chudai""bap beti sex khani"Nahane ke Sarah aunty ki sex storyلنڈ.چوت"chodai kahani hindi"