कामसूत्र का नाम लेते ही आप चौंक जाते होंगे और अगर कोई आप से कामसूत्र पढ़ने के लिए कहें तो एक बारगी आप जरूर कतरायेंगे. लेकिन हम आपको बता दें कि कामसूत्र कोई सेक्स की किताब नहीं है, और ना ही कामशास्त्र है. हां इतना जरूर है कि जिसने कामसूत्र नहीं पढा वे इसे कामशास्त्र या सेक्स की किताब जरूर मानते है. लेकिन नहीं ये सच नहीं है.
कामसूत्र सिर्फ सेक्स की किताब नहीं है बल्कि कामसूत्र में सेक्स के अलावा व्यक्ति की जीवनशैली, पत्नी के कर्त्तव्य, गृहकला, नाट्यकला, सौंदर्यशास्त्र, चित्रकारी और वेश्याओं की जीवन शैली आदि जीवन से जुड़ी सभी की जानकारी है.
संभोग और प्रेम पर वात्स्यायन ने दुनिया का प्रथम और सर्वाधिक प्रसिद्ध दार्शनिक ग्रंथ लिखा ‘कामसूत्र’. मूलत: रतिक्रीड़ा पर आधारित इस ग्रंथ की दुनियाभर में कहीं न कहीं चर्चा होती रहती है. सात खंड के छत्तीस अध्यायों में 1250 श्लोक के इस ग्रंथ में संभोग तथा रतिक्रीड़ा के आसनों पर आखिर ऐसा क्या लिखा है जो हर काल में प्रासंगिक बने रहने की ताकत रखता है. इसके सूत्र आज भी उतने ही ताजा हैं जितने कि वात्स्यायन के काल में रहे थे.
कामसूत्र महज एक ग्रंथ अथवा कागजों का पुलिंदा मात्र नहीं है बल्कि यह रतिक्रीड़ा के अलावा गृहस्थ जीवन को सही तरीके से जीने के उपाय बताता है. वास्तव में कामसूत्र प्रेम, सौंदर्य तथा जीवन के राग की संपूर्ण किताब है.
कामसूत्र का प्रेम
कामशास्त्र या कामसूत्र में स्त्री और पुरुष की शारीरिक संरचना और मनोविज्ञान को अच्छी तरह समझाया गया है इसीलिए यह ग्रंथ शिक्षा देता है कि प्रेम का आधार है संभोग और संभोग का आधार है प्रेम. शरीर और मन दो अलग-अगल सत्ता होने के बावजूद दोनों एक दूसरे का आधार हैं.
प्रेम की उत्पत्ति सिर्फ मन या हृदय में ही नहीं होती शरीर में भी होती है. स्त्री-पुरुष यदि एक दूसरे के शरीर से प्रेम नहीं करते हैं तो मन, हृदय या आत्मा से प्रेम करने का कोई महत्व नहीं. प्रेम की शुरुआत ही शरीर से होती है. दो आत्माओं के एक दूसरे को देखने का कोई उपाय नहीं है. शरीर ही शरीर को देखता है. स्त्री यदि संपूर्ण तरह से स्त्रेण चित्त है और पुरुष में पौरुषत्व है तो दोनों एक-दूसरे के मोहपाश से बच नहीं सकते.
कामसूत्र का सेक्स
वास्तव में सेक्स या संभोग ही दाम्पत्य सुख-शांति की आधारशिला है. काम के सम्मोहन के कारण ही स्त्री-पुरुष विवाह सूत्र में बँधने का तय करते हैं. अतः विवाहित जीवन में काम के आनन्द की निरन्तर अनुभूति होते रहना ही कामसूत्र का उद्देश्य है. यदि स्त्री-पुरुषों के बीच काम को लेकर उदासीनता है तो दाम्पत्य जीवन ऐसे होगा जैसे कि एक ही ट्रेन में सफर कर रहे लेकिन अगल-अलग डिब्बों में.
कामसूत्र यौन संबंधी जानकारियों का बेहतरीन खजाना है. कामसूत्र उन आसनों के लिए भी प्रसिद्ध है जिनके चित्र या मू्र्ति देखने के लिए लोग खजुराहो या अजंता-एलोरा जाते हैं या फिर चुपके से आसनों की सामग्री को बाजार से खरीदकर देखते हैं. दिमाग विकृत होता है बाजार के उस गंदे साहित्य को पढ़ने से जिसे पश्चिमी मानसिकता के चलते बेचा जाता है, लेकिन कामसूत्र या कामशास्त्र आपको उत्तेजित करने के बजाय सही ज्ञान देता है. कामसूत्र में संभोग के हर पहलू का वर्णन कर मनो-शारीरिक प्रतिक्रियाओं की जो विवेचना प्रस्तुत की है वह अद्भुत और रोमांचक है.
आज के भागदौड़ से भरे जीवन में पति-पत्नी के संबंध औपचारिक ही रह गए हैं, लेकिन कामसूत्र का ज्ञान आपके वैवाहिक जीवन को अंत तक तरोताजा बनाए रखने में सक्षम है. संभोग के आसनों से यौन सुख के साथ ही व्यायाम के लाभ भी प्राप्त किए जा सकते हैं. बस, जरूरत है तो इसे सही रूप में समझने की.
प्रेम की उत्पत्ति सिर्फ मन या हृदय में ही नहीं होती शरीर में भी होती है. स्त्री-पुरुष यदि एक दूसरे के शरीर से प्रेम नहीं करते हैं तो मन, हृदय या आत्मा से प्रेम करने का कोई महत्व नहीं. प्रेम की शुरुआत ही शरीर से होती है. दो आत्माओं के एक दूसरे को देखने का कोई उपाय नहीं है. शरीर ही शरीर को देखता है. स्त्री यदि संपूर्ण तरह से स्त्रेण चित्त है और पुरुष में पौरुषत्व है तो दोनों एक-दूसरे के मोहपाश से बच नहीं सकते.
कामसूत्र का सेक्स
वास्तव में सेक्स या संभोग ही दाम्पत्य सुख-शांति की आधारशिला है. काम के सम्मोहन के कारण ही स्त्री-पुरुष विवाह सूत्र में बँधने का तय करते हैं. अतः विवाहित जीवन में काम के आनन्द की निरन्तर अनुभूति होते रहना ही कामसूत्र का उद्देश्य है. यदि स्त्री-पुरुषों के बीच काम को लेकर उदासीनता है तो दाम्पत्य जीवन ऐसे होगा जैसे कि एक ही ट्रेन में सफर कर रहे लेकिन अगल-अलग डिब्बों में.
कामसूत्र यौन संबंधी जानकारियों का बेहतरीन खजाना है. कामसूत्र उन आसनों के लिए भी प्रसिद्ध है जिनके चित्र या मू्र्ति देखने के लिए लोग खजुराहो या अजंता-एलोरा जाते हैं या फिर चुपके से आसनों की सामग्री को बाजार से खरीदकर देखते हैं. दिमाग विकृत होता है बाजार के उस गंदे साहित्य को पढ़ने से जिसे पश्चिमी मानसिकता के चलते बेचा जाता है, लेकिन कामसूत्र या कामशास्त्र आपको उत्तेजित करने के बजाय सही ज्ञान देता है. कामसूत्र में संभोग के हर पहलू का वर्णन कर मनो-शारीरिक प्रतिक्रियाओं की जो विवेचना प्रस्तुत की है वह अद्भुत और रोमांचक है.
आज के भागदौड़ से भरे जीवन में पति-पत्नी के संबंध औपचारिक ही रह गए हैं, लेकिन कामसूत्र का ज्ञान आपके वैवाहिक जीवन को अंत तक तरोताजा बनाए रखने में सक्षम है. संभोग के आसनों से यौन सुख के साथ ही व्यायाम के लाभ भी प्राप्त किए जा सकते हैं. बस, जरूरत है तो इसे सही रूप में समझने की.
सेक्स से रिलेटेड कोई भी सवाल आप गुरूजी से पूछने के लिए मेल करे [email protected]