हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम गिरीश है और मेरी उम्र 23 साल है। में वड़ोदरा का रहने वाल हूँ.. लेकिन दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को बहुत पसंद आएगी। दोस्तों में आज जो कहानी आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ वो मेरे लिए एक बहुत ही चौंकाने वाला एक सेक्स अनुभव था। यह बात कुछ समय पहले की है। एक दिन शाम को में अपने ऑफिस से निकल रहा था कि तभी मैंने एक लड़की को एक लड़के के साथ लड़ते हुए देखा।
फिर में उनके थोड़ा और पास गया तो एक आदमी ने मुझे बताया कि यह रंडीबाजी का चक्कर है और यह लड़की उस लड़के से अपने काम के पैसे माँग रही है और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.. कि तभी मैंने देखा कि वो लड़का एकदम से लड़की के पैरों में गिरकर हाथ जोड़ने लगा और लड़की अपनी साड़ी उठाकर उसके मुहं पर सेंडल से मारने लगी।
फिर एकदम से मेरे अंदर सेक्स का अहसास आने लगा और मैंने अपने लंड को हाथ लगाया.. मुझसे अब रुका नहीं जा रहा था और पता नहीं मुझे क्या हो रहा था और बस मन कर रहा था कि अभी के अभी में इसी रंडी के पैरों में ऐसे ही गिर जाऊँ और नीच से उसकी पेंटी को चाटू। फिर में थोड़ी देर उनका यह तमाशा देखकर वहाँ से अपने घर चला गया और मैंने वो पूरी रात उस रंडी के ख्यालो में ही बिता दी और अगली सुबह जब उठा तो मैंने देखा कि उसके ख्यालो ने मेरी अंडरवियर तक एक बार गीली कर दी और उस दिन में ऑफिस नहीं गया और मैंने इंटरनेट से वड़ोदरा के रेडलाइट एरिया का मेप निकाला और वहाँ जाने का प्लान बनाया।
फिर जब में वहाँ पर पहुँचा तो मैंने देखा कि हर जगह आंटीयां ही आंटीयां हैं.. तो में बहुत खुश हो गया। फिर मैंने एक दुकान वाले से शरमाते हुए पूछा कि भाई मुझे पार्टी के लिए एक लड़की चाहिए कहाँ मिलेगी? तभी वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा और वो मुझसे बोला कि क्या पहली बार आया है? फिर उसने मुझे एक होटल का पता बताया और बोला कि रूम नंबर 36 में जा तुझे वहीं पर मस्त माल मिलेगा।
तो मैंने ऐसा ही किया और में उस होटल तक पहुँचा.. वहाँ पर रिसेप्शन पर एक चिकनी टाईप की लड़की बैठी थी। फिर उसने मुझसे पूछा कि सर क्या आपको रूम चाहिए? तो मैंने बोला कि रूम नंबर 36 कहाँ पर है? फिर वो हंसने लगी और उसने मुझसे 1500 रु माँगे। तो मैंने उसको 1500 दिए और उसने मुझे सीढ़ियों की तरफ इशारा किया और में रूम के दरवाजे पर गया और मैंने दरवाजा बजाया। तो अंदर से आवाज़ आई कि लंड हिलाता हुआ आजा.. यह सुनते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और फिर मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो देखा कि यह वही लड़की थी जिसको मैंने कल सड़क पर उस लड़के के साथ देखा था।
फिर उसके पास जाते जाते में एकदम गरम हो गया था और मैंने उसे बोला कि कल वहाँ पर आप ही उस लड़के को मार रहे थे ना? तो वो बोली कि तू उसका दोस्त है क्या? तो मैंने बोला कि नहीं में ऐसा नहीं हूँ और मैंने उससे उसका नाम पूछा तो वो बोली कि मेरा नाम वंदिता है और फिर उसने पूछा कि कल तूने क्या देखा? तो में बोला कि मैंने देखा कि आप उस लड़के को अपनी सेंडल से मार रहे थे और वो आपके पैरों में गिरा हुआ था और आपने सही किया उस बहेनचोद को उसकी औकात दिखा दी। तभी वो बोली कि तुझे क्या लगता है कि तेरी औकात उससे ज़्यादा ऊपर है? तो में बोला कि नहीं वंदिता मेरी औकात तेरे से ऊपर नहीं है.. बल्कि में तो तेरी दोनों टाँगों के बीच में रहने के लायक हूँ। तो वो एकदम से बोली कि तुझ जैसे कुत्तो को मैंने बहुत ठीक किया है और हाँ तू मुझको मालकिन बोल।
फिर में बोला कि जी मालकिन। फिर वो मुझसे बोली कि तू अब जल्दी से अपने कपड़े उतार और अपने घुटनों के बल मेरे सामने आ। तो मैंने ऐसा ही किया वंदिता ने साड़ी पहनी हुई थी और उसकी उम्र 35 के आसपास थी और जैसे ही वो मेरी तरफ बढ़ी.. में एकदम से बोला कि मालकिन क्या में आपकी पेंटी चाट सकता हूँ? तो वो ज़ोर से हंस पड़ी और बोली कि कुत्ते पेंटी क्या तुझसे तो में सब चटवाऊँगी और उसने अपना पैर आगे किया और बोली कि मेरे सेंडल चाट और धीरे धीरे ऊपर की तरफ चाटता हुआ आ। दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
फिर मैंने उसकी साड़ी को ऊपर उठाया.. उसके पैर एकदम गोरे थे और वो जन्नत की एक परी लग रही थी.. मैंने करीब 5 मिनट उसके सेंडल को चाटा और धीरे धीरे उसके घुटनों को चाटा और जैसे ही में ऊपर बढ़ने लगा उसने अपने सेंडल से मेरे गाल पर धक्का मारा और में गिर गया तो वो हंसने लगी। फिर धीरे धीरे वो मेरे तरफ बड़ी और मुझे फर्श पर सीधे लेटने को कहा और मैंने बिल्कुल ऐसा ही किया। फिर उसने अपने दोनों पैर मेरे सर के दोनों तरफ रखे और साड़ी को थोड़ा सा उठाया और बोली कि उफ्फ्फ बहनचोद क्या देख रहा है?
में बोला कि नहीं ऐसे ही मालकिन मुझे प्लीज वो पेंटी चाटने दो। वो बोली कि पहले भीख माँग कुत्ते.. गिड़गिड़ा मेरे सामने में बहुत खुश हो गया और में कांप रहा था.. मैंने अपने दोनों हाथ जोड़े और बोला कि मालकिन अपने इस कुत्ते को अपनी पेंटी साफ करने का मौका दो प्लीज। तो उसने अपनी एक सेंडल मेरी गर्दन पर रखी और बोली कि उसको चाटकर क्या करेगा?
तो मैंने कहा कि मालकिन में आपकी पेंटी और आपकी चूत को अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ करूँगा? यह सुनते ही उसने मेरे मुहं पर ज़ोर से सेंडल मारा और में दर्द से चिल्ला उठा.. तभी वहाँ पर एक 40 साल की आंटी आ गयी और देखते ही बोली कि अरे वंदिता यह कौन सा खेल खेल रही है? फिर वंदिता बोली कि पता नहीं संगीता आजकल के लड़कों को क्या हो गया है? सब मेरे कुत्ते बनना चाहते हैं में क्या करूँ? और तू बता क्या राजू नहीं आया आज? तो संगीता बोली कि अरे मत पूछ बहुत मुश्किल से भेजा है।
आज तो वो इतना चोदकर गया है कि पूरी पेंटी और चूत में वीर्य ही वीर्य भरा पड़ा है और में अभी इसको ही साफ़ करने जा रही हूँ। तभी यह सुनते ही में कांप गया और पता नहीं मालकिन ने यह कैसे गौर कर लिया और वो बोली कि संगीता साफ करने के लिए कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है यह जो कुत्ता है ना.. इसको चाटना बहुत पसंद है।
फिर यह बात बोलकर उसने साड़ी थोड़ी और ऊपर की और बोली कि चाटेगा ना बहनचोद। तो मेरे पास अब और कोई चारा नहीं था और मैंने सिर्फ़ सर हिलाते हुए हाँ का इशारा किया। मालकिन ने मुझे घुटनों के बल बैठने को कहा और में भी बैठ ही रहा था कि संगीता मेरी तरफ आई और अपनी स्कर्ट को उठाया और मुझे देखकर कहने लगी कि क्यों रे मादरचोद क्या तूने कभी किसी लड़की की चूत चाटी है? फिर मैंने सर हिलाते हुए ना का इशारा किया.. वो फिर बोली कि आज तू यह बात ध्यान रख तुझे सिर्फ़ चाटना ही नहीं है बहुत कुछ साफ भी करना है और पीना भी है।
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