लेखिका : प्रिया
मस्तराम डॉट नेट के प्यारे पाठको मै आप सबकी चहेती प्यारी और पसंदीदा लेखिका प्रिया फिर से हाज़िर है मेरी बहुत सारी कहानियाँ आप सबने पढ़ी और सब की सब 1 से बढ़ कर एक चुदाई भरी दास्तान से लबरेज़ है और इस बार की कहानी मुझे मेरे 1 अंकल जो कि मेरी कहानियाँ पढ़ कर मेरे फॅन हो गये है उन्होने मुझे भेजी है तो प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ यहाँ मैं फिर से क्लिएर कर दूँ कि ये मेरी आपबीती नही है बल्कि 1 चोदु अंकल ने मुझे भेजी है कि प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ प्रिया तुम ये कहानी अपनी वर्डिंग मे मस्तराम डॉट नेट पर सब्मित करना और इस कहानी मे वो किस तराह से अपनी वाइफ को पटा कर पहले अपनी नाज़ुक कमसिन नौकरानी की कुँवारी चूत फाड़ते है उसके बाद उस नौकरानी की मा को भी वो चोद्ते है.
तो मेरे प्यारे भाइयों और चूत्मरानि लंड की प्यासी बहनों आप लोग 1 बार फिर से जान ले कि ये मेरी कहानी नही ये अंकल की ज़बानी होगी जिसको मैं सिर्फ़ अपने अल्फ़ाज़ दे रही हूँ ऊऊऊऊऊक.
मेरा नाम राकेश है मैं 44साल का शादीशुदा हूँ मुझे 1 बेटा जिसकी एज 20 साल और 1 लड़की जिसकी 17 साल एज है दोनो कॉलेज जाते है मेरी वाइफ जैनब बहुत अच्छी है और सेक्स क मामले मे भी मेरा बहुत ख्याल रखती है जबकि मैं उससे बहुत ही जानवर की तराह बर्ताव करता हूँ बेड पर क्योंकि मुझे अपने सेक्स पार्ट्नर को तकलीफ़ देना सुरू से ही बहुत अच्छा लगता है और अब तो जैनब को इसकी आदत पड़ गयी है और वो भी समझ गई है कि मैं बहुत ही कामुक तबीयत का आदमी हूँ मेरे बच्चे अपने अपने रूम मे सोते है उस दिन रात को बहुत ही बारिश हो रही थी खाना खाने क बाद जब हम लोग सोने गये तो मैने जैनब से कहा. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
राकेश– याआआआआर आज तुम्हारी गांद मारने का बहुत मन कर रहा है क्या ख्याल है…?
जैनब— आप को भी पता नही मेरी गांद मे कितना मज़ा आता है अजी जब बुर है तो गांद मारने की भला क्या तुक…? आपको पता भी है कितना दर्द होता है गांद मरवाने मे कोई आपकी गांद मारे तो आपको पता भी चले और अब तो बच्चे भी जवान हो गये है अब तो आप ये सब बंद कर दीजिए.
राकेश– अररी चुप कर बहन की लॉडी बड़ी आई भासन देने चल कपड़े उतार कर घोड़ी बन जा वरना अभी गांद पर 20 चपत लगाउन्गा और जब चोट खा कर गांद लाल हो जाएगी तो अपना लंड तेरी गांद मे घुसाउन्गा बेचारी जैनब की तो हालत ही खराब हो गयी थी वो चुपकाप कपड़े उतार कर पूरी तराह से नंगी हो कर घोड़ी बन गयी और तब राकेश ने भी अपने कपड़े उतार कर पहले अपना लंड जैनब के मूह मे डाल कर चूस कर खड़ा करवाया अब भी उसके लंड मे बहुत दम था जब खड़ा होता था तो 9″ का लंबा और अच्छा ख़ासा मोटा हो जाता था जिससे कि जैनब को भी बुर चुदवाने मे बहुत मज़ा आता था पर गांद मरवाने मे उसकी सही मे फट जाती थी पर झेलना तो पड़ता था.
राकेश== चल अब खड़ा हो गया है झुक जा अंदर करूँ अपना लंड.
जैनब– प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ आराम से कीजिएगा बच्चे बगल वाले रूम मे ही सो रहे है आप ज़ोर से करेंगे तो मेरी चीख से कहीं उठ ना जाए.
राकेश– बहन्चोद वो तेरी प्रोबलम है मुझे क्या मैने कभी आराम से किया है जो आज करूँगा.
और राकेश ने अपना पूरा लंड 1 बार मे ही उसकी गांद मे डाल दिया जैनब उसकी आदत जानती थी इसलिए उसने अपने होठ कस कर भीच लिए और उसके मूह से चीख तो नही निकली हां आँख से आँसू ज़रूर निकल आए थे पर राकेश को कोई फ़र्क़ नही पड़ना था वो बस हचहच धक्के मारे जा रहा था और कुछ देर बाद जैनब थोड़ी नॉर्मल हो गयी और गांद मरवाने का लुत्फ़ उठवाने लगी.
जैनब— आआआआआहह और ज़ोर से आआआआआहह और डालिए पूरा अंदर कर दीजिए प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ और मारिए धक्के आपको मेरी कसम आआआआआययययययययीीईईईईई.
राकेश– बुर्मरानी पूरा तो डाला हुआ है अब क्या बाँस खोस दूं तेरी गांद मे बहन की लॉडी यहाँ गांद फटी जा रही है इतनी मेहनत करने मे और तू कह रही है और अंदर डालिए ले तेरी चूत मे मैं अपनी 3 उंगली डाल कर थोड़ी मस्ती हल्की करता हूँ तू भी पहले तो इतना नखरा करती है और जब मस्ता जाती है तो चाहे 3…3 लंड 1 साथ डलवा ले.
जैनब— क्या करूँ अब इतने साल मे तो आदत ही पड़ गयी है आआआआआअहह और करिए लग रहा है अब आप झड़ने वाले है डाल दीजिए अपना सारा माल अंदर और कुछ ही देर मे राकेश झरझारा कर उसकी गांद मे झाड़ गया और 1 तरफ लेट गया दोनो ऐसे ही पड़े रहे. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
कुछ दीनो से राकेश को जैनब क साथ सेक्स करने मे मज़ा नही आ रहा था क्यों की उसकी बुर अब ढीली हो चुकी थी तब ही वो करीब साल भर से उसकी गांद ही ज़्यादा मारता था पर अभी 2 महीने पहले उसके यहाँ उसकी नौकरानी की लड़की जिसकी एज करीब 17 साल रही होगी अपने साथ काम करने लाती थी तो जब से राकेश ने उसकी नन्ही चूचियों को फटी हुई फ्रॉक मे देखा है उसका मन उसकी चूचियोंको पकड़ कर मसल्ने का कर रहा है और अक्सर पोछा लगाते वक़्त वो उस लड़की की जांघों के अंदर उसकी फटी हुई चड्डी से उसकी नाज़ुक सी बुर भी निहार चुका है पर उसकी हिम्मत नही पड़ पा रही थी उस लड़की के साथ कुछ करने की क्यों कि आज तक उसने ऐसा कभी किया नही शादी के बाद रणडीबाजी तो अक्सर कर लेता था पर घर मे उसने कभी भी ऐसी हरकत नही की हालाकी उसकी नौकरानी चंपा भी अभी जवान ही थी 32 साल; की मांसल गुदाज़ भरे बदन वाली सावली रंगत की औरत थी और राकेश अक्सर ही उसकी चूची देखा करता था पर वो बहुत कड़क किस्म की औरत थी मगर उसकी लड़की को जब से उसने देखा है उसका लंड मचल मचल जाता है और आज वो हिम्मत करके जैनब से इस बारे मे बात करने जा रहा था और जैनब को मस्का लगाने क लिए वो आज सोने का हार पहले ही ला चुका था उससे पता था कि सोना जैनब की कमज़ोरी है.
राकेश—- मेरी जान मज़ा आया …? आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
जैनब— हन मज़ा तो आया पर आप अब मेरी बुर नही मारते है कभी कभी इस बेचारी का भी हाल पूछ लिया कीजिए ना आपको पता है कितनी खुजली होती है मुझे बैगन और उंगली से काम चलाना पड़ता है.
राकेश— मेरी ज़ाआआआं अब तुम्हारी चूत मे उतना मज़ा नही आता बहुत ढीली हो गयी है पर मैं अब हफ्ते मे 2 बार तुम्हारी बुर भी चोदा करूँगा अब तो खुश….?
जैनब— हां .
राकेश– मैं तुम्हारे लिए हार लाया था ये देखो हार देख कर जैनब बहुत खुश हो गयी और नंगी नंगी ही राकेश से चिपेट गयी राकेश भी उसकी चूचियों को सहलाते हुए उसके होंठो पे किस कर रहा था और जैनब का मूड अच्छा देख कर वो बोला.
राकेश— यार जैनब ये जो वंदना आती इसको देख कर इसको चोदने का मन करता है जब भी उसकी चूचियाँ नज़र आ जाती है मेरा फन्ना कर खड़ा हो जाता है प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ इसको मेरे लंड के नीचे लाओ तुम्हे मेरी कसम मेरा ये काम करा दो.
जैनब——- हाए राम आपको शरम नही आती वंदना आपकी बेटी की उमर की है आप उस पर ऐसी नज़र रखते हो चीईईई कितनी गंदी बात है.
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